यह है आम कि सबसे महँगी किस्म, कीमत जानकर आप भी हो जाएँगे हैरान

आम की सबसे महँगी किस्म

देश में अभी फलों के राजा आम का सीजन चल रहा है। भारत सहित दुनिया भर में आम की कई क़िस्में पाई जाती है। यहाँ तक कि भारत के अलगअलग राज्यों में भी आम किस्मों में काफी विविधता है। आम की अलग-अलग किस्मों को प्रोत्साहित करने एवं शहरी लोगों तक इन किस्मों की पहुँच बनाने के लिए अलगअलग प्रदर्शनियाँ लगाई जा रहीं है। जिसमें देश विदेश की कई किस्मों के आम की प्रदर्शनी लगाई जा रही है।

इस कड़ी में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 17 से 19 मई के दौरान आम की अलगअलग किस्मों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन पंजाब केसरी भवन में उद्यान विभाग और प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। प्रदर्शनी में आम की 200 क़िस्मों का प्रदर्शन किया गया। इन किस्मों में दुनिया की सबसे महँगी आम की किस्म भी शामिल थी।

आम की सबसे महँगी किस्म कौन सी है?

रायपुर में लगाए गए आमों की प्रदर्शनी में दुनिया के सबसे महँगे आम को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। जापानी प्रजाति के आम के इस किस्म की कीमत 2 लाख 70 हजार रुपए प्रति किलो है। जापान की मियाजकी आम की खासियत यह है कि एक ही आम में दो तरह के स्वाद मिलता है। 

मियाजकी आम” ने अपने अनोखी किस्म और महंगी कीमत से लोगों को आकर्षित किया। दुनिया के सबसे महंगे आम जो की जापान की एक किस्म है, उसकी कीमत अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में 1 लाख 82 हजार रुपए प्रति नग है एवं वजन 639 ग्राम है। इस आम का वजन अधिकतम 900 ग्राम तक होता है और 2 लाख 70 हजार रुपए प्रति किलो की कीमत होती है।मियाजकी आमकी एक और खासियत है कि पेड़ पर लगे हुए फलन के दौरान जहां पर धूप पड़ती है वहां का स्वाद अलग होता है, दूसरी तरफ से जहां छाया में यह फलता है वहाँ का स्वाद अलग होता है। इस तरह यह एक आम दो तरह के स्वाद देता है।

हाथी झूल है सबसे बड़े आकार का आम

आम प्रदर्शनी में कई प्रजातियों के आमों को रखा गया था परंतु सबसे अधिक लोगों का ध्यान सबसे महँगे आम और सबसे सस्ते आम ने आकर्षित किया। सबसे बड़े आम की किस्म है हाथी झूल हाथी झूल आम दुनिया के सबसे बड़े आकार के किस्म के आम होते हैं, जो 2 से 5 किलो तक के वजन के होते हैं। हाथी झूल आम का उत्पादन ज्यादातर बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर में होता है। वजन अधिक होने के कारण यह आम बाजार में देखने को नहीं मिलता। एक किलो की कीमत 150 रुपए तक होती है। इस आम को खाने के साथ आचार बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। 

प्रदर्शनी में कुल 61 किस्म के आम प्रतियोगिता के लिए पंजीकृत हुए। इस प्रदर्शनी में 200 से अधिक किस्म के आम राज्य के 33 जिलों की शासकीय रोपणियों एवं कृषकों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में 700 आम के प्रदर्शों को किस्मवार अवलोकन कर 15 किस्मों के उत्कृष्ट प्रदर्श को प्रथम, 15 को द्वितीय एवं 15 को सांत्वना पुरस्कार प्रदाय किया गया।

किसान महोत्सव: 10 किसानों एवं पशुपालकों को दिया गया 50-50 हजार रुपए का ईनाम

किसानों एवं पशुपालकों को किया गया पुरस्कृत

देश में किसानों को कृषि, पशुपालन एवं उद्यानिकी की नई-नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार द्वारा समयसमय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा जयपुर में तीन दिवसीय किसान महोत्सव का आयोजन किया गया। मेले के अंतिम दिन राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य के प्रगतिशील किसानों एवं पशुपालकों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने किसान महोत्सव के समापन सत्र को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन ने मुख्यमंत्री ने किसान कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खेती और किसान को प्राथमिकता देते हुए नीतियां और कार्यक्रम बनाए हैं। कृषकों और पशुपालकों को समृद्ध और खुशहाल बनाना राज्य सरकार का ध्येय है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 12 कृषि मिशन शुरू किए गए हैं और प्रत्येक बिन्दु पर योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। 

किसानों को दिए गए पुरस्कार

इस अवसर पर आत्मा योजना के तहत कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार करने वाले प्रगतिशील 10 किसानों एवं पशुपालकों को राज्य स्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रत्येक किसान को 50 हजार रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई। इनमें जयपुर जिले से श्रीमती रूकमा देवी, टोंक से श्रीमती भूरी देवी मीणा, बाड़मेर से श्री धर्माराम, डूंगरपुर से श्री नारायण, भीलवाड़ा से श्रीमती कमला देवी, श्रीगंगानगर से श्री पुनीत चौधरी, जैसलमेर से श्री खुशालाराम, राजसमंद से श्री बालूसिंह, धौलपुर से श्री नीरज कुमार त्यागी तथा टोंक से श्री भरत राम शामिल रहे।

21 लाख से अधिक किसानों का किया गया कर्ज माफ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की ऋण माफी का वादा पूरा किया। 21 लाख किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया। श्री गहलोत ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज की माफी के लिए भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा, मगर इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।

अलग से पेश किया जा रहा है कृषि बजट

किसानों के लिए देश में पहली बार पृथक कृषि बजट पेश किया गया। कृषि का बजट 2018-19 की तुलना में लगभग दोगुना कर दिया गया है। श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाने तथा 2000 यूनिट तक निःशुल्क बिजली देने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। युवा उद्यमियों के लिए एमएसएमई एक्ट लाया गया है। इसमें उद्योग लगाने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली जरूरी अनुमतियों में 5 वर्ष की छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 60 कृषि महाविद्यालय हैं जिनमें से 42 महाविद्यालय पिछले साढ़े चार साल में खोले गए हैं। 

किसान अधिक पैदावार के लिए अभी लगाएँ धान, अरहर, मूंग एवं उड़द की यह किस्में

धान, अरहर, मूंग एवं उड़द की उन्नत किस्में

देश में इस वर्ष मानसून देरी से चल रहा है, जिसके चलते खरीफ फसलों की बुआई में भी देरी हो रही है। इस बीच भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने खरीफ फसलों की बुआई को लेकर सलाह जारी की है। कृषि अनुसंधान संस्थान ने अभी किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने की सलाह दी है। इसके अतिरिक्त अधिक उपज देने वाली किस्मों के चयन, बीजों के उपचार को लेकर आवश्यक सलाह दी है।

कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा जारी सलाह के अनुसार यह समय अगेती फूलगोभीटमाटर, हरी मिर्च और बैंगन की पौधशाला बनाने के लिए भी उपयुक्त है। साथ ही किसानों को परामर्श दिया है कि किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच किसी प्रमाणित स्रोत से करवाकर उचित पोषक तत्व भूमि में मिलाएं और जहाँ संभव हो अपने खेत को समतल करवाएं।

धान की अधिक पैदावार देने वाली उन्नत किस्म

किसान अभी अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित किस्मों का चयन कर सकते है। धान अधिक उपज देने वाली किस्मों में पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1637, पूसा 44, पूसा 1718, पूसा बासमती 1401, पूसा सुगंध 5, पूसा सुगंध 4 (पूसा 1121), पंत धान 4, पंत धान 10 आदि किस्मों का चयन कर सकते हैं।

किसान ऐसे करें धान की नर्सरी तैयार

अभी धान की नर्सरी तैयार करने का कार्य शुरू कर सकते हैं। इसके लिए किसान एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई करने हेतु लगभग 800-1000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में पौध तैयार करना पर्याप्त होता है। नर्सरी के क्षेत्र को 1.25 से 1.5 मीटर चौडी तथा सुविधानुसार लम्बी क्यारियों में बाँटे। पौधशाला में बुवाई से पूर्व बीजोपचार के लिए 5.0 किलोग्राम बीज के लिए बावस्टिन 10-12 ग्राम औरग्राम स्ट्रैप्टोसाइक्लिन को 10 लीटर पानी में घोल लें। आवश्यकतानुसार इस घोल को बनाकर इसमें 12-15 घण्टे के लिए बीज को डाल दें। उसके बाद बीज को बाहर निकालकर किसी छायादार स्थान में 24-36 घण्टे के लिए ढककर रखें और पानी का हल्काहल्का छिडकाव करते रहें। बीज में अंकुर निकलने के बाद पौधशाला में छिडक दें। 

अधिक उपज हेतु अरहर की इन नई किस्मों की करें खेती

किसान अरहर की बुवाई इस सप्ताह कर सकते है। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। किसानों से यह आग्रह है कि वे बीजों को बोने से पहले अरहर के लिए उपयुक्त राईजोबियम तथा फास्फोरस को घुलनशील बनाने वाले जीवाणुओं (पीएसबी) फँफूद के टीकों से उपचार कर लें। इस उपचार से फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है। अरहर की अधिक उपज देने वाली किस्में:- पूसा अरहर-16, पूसा 2001, पूसा 2002, पूसा 991, पूसा 992, पारस  तथा मानक।

मूंग एवं उड़द की इन किस्मों की करें खेती

किसान अभी मूंग एवं उड़द की फसल की बुवाई हेतु उन्नत बीजों की बुवाई करें। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। किसान अधिक उपज के लिए मूंग की उन्नत क़िस्में पूसा-1431, पूसा-1641, पूसा विशाल, पूसा-5931, एस एम एल-668, सम्राट एवं उड़द की उन्नत एवं नई क़िस्में टाईप-9, टी-31, टी-39 आदि की बुआई कर सकते हैं। बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें। बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह समय अगेती फूलगोभीटमाटर, हरी मिर्च और बैंगन की पौधशाला बनाने के लिए उपयुक्त हैअतः किसान यह प्रयास करें कि वे कीट अवरोधी नाईलोन की जाली का प्रयोग करें ताकि रोग फैलाने वाले कीटों से फसल को बचा सकें। पौधशाला को तेज धूप से बचाने के लिए 40% छायादार नेट द्वारा 6.5 फीट की ऊँचाई पर ढक सकते हैं। बीजों कोथीराम  2-2.5 ग्रा./कि.ग्रा. की दर से उपचार के बाद पौधशाला में बुवाई करें ।भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद यूरिया 5-10 किलो प्रति एकड़ की दर से डाले तथा उसके उपरांत सिंचाई करें। साथ ही तापमान को ध्यान में रखते हुए माईट, जैसिड और होपर की निरंतर निगरानी करते रहें। 

Cyclone Biparjoy: तूफान बिपोर्जॉय के चलते 18 से 20 जून के दौरान इन जिलों में हो सकती है तेज हवाओं के साथ बारिश

Weather Update: 18 से 20 जून के लिए मौसम पूर्वानुमान

चक्रवाती तूफान बिपोर्जॉय 15 तारीख़ को गुजरात से टकराकर अब आगे राजस्थान में प्रवेश कर गया है, जिसके चलते राजस्थान के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश दर्ज की गई है। लगातार बारिश होने से राजस्थान के रेगिस्तान में बाढ़ जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के अनुसार चक्रवाती तूफान बिपोर्जॉय अभी दक्षिण राजस्थान के मध्य भाग में स्थित है। जिसके चलते राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं उत्तर प्रदेशके कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना है। 

मौसम विभाग के अनुसार 18 से 20 जून के दौरान दक्षिण, मध्य और पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश का हिस्सा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम, केरल रायलसीमा के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु, लक्षद्वीप और दक्षिण कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार राजस्थान में 18 से 19 जून के दौरान अजमेर, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौस, डूंगरपुर, जयपुर, करौली, कोटा, राजसमंद, सवाई माधौपुर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, जलौर, पाली एवं नागौर जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं अलवर, बाँसवाड़ा, भरतपुर, धौलपुर, झालावाड़, झुँझुनूं, प्रतापगढ़, सीकर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु एवं जैसलमेर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने में होने की संभावना है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान के भोपाल केंद्र के अनुसार 18 से 20 जून के दौरान गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योंपुर कलाँ जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। वही इस दौरान भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, देवास, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के चंडीगढ़ जिले के अनुसार 18 से 20 जून के दौरान हरियाणा के चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में कुछ स्थानों पर गरजचमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है। 

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 18 से 20 जून के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, बालोद, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में कुछ स्थानों पर गरजचमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है आंधीबारिश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के उत्तर प्रदेश केंद्र के अनुसार 18 से 20 जून आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, बलरामपूर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज ज़िलों में कहींकहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।

इसके अलावा ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, सहारनपुर, मुज्जफरनगर एवं शामली ज़िलों में कहींकहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 18 से 20 जून के दौरान बिहार के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहनाबाद, भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया जिलों में कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरजचमक एवं बारिश होने की सम्भावना है।

किसान महोत्सव में कृषि यंत्र, स्मार्ट फ़ार्मिंग सहित अन्य विश्व स्तरीय तकनीकों का किया जा रहा है प्रदर्शन

किसान महोत्सव: स्मार्ट फ़ार्मिंग, कृषि यंत्र एवं कृषि की नई तकनीकों का प्रदर्शन

कृषि क्षेत्र में किसानों को नई तकनीकों की जानकारी उपलब्ध कराने एवं खेती किसानी में उन्हें आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर किसान मेले का आयोजन किया जाता है। अभी एक ऐसे ही कृषि मेले का आयोजन राजस्थान राज्य के जयपुर ज़िले में किया जा रहा है। मेले के दूसरे दिन कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने राजस्थान किसान महोत्सव में स्मार्ट फार्म, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, बीज एवं उर्वरक की 200 से अधिक स्टील पर जाकर अवलोकन किया।

कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान महोत्सव मेले में स्मार्ट फार्म में किसानों के लिए कृषि एवं उद्यानिकी की विश्व स्तरीय तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है । इसके अतिरिक्त फार्म पॉण्ड, मिनी स्प्रिंकलर, स्प्रिंकलर, ड्रिप इरिगेशन व सोलर पम्पों के उपयोग जैसी सिंचाई की विभिन्न वैज्ञानिक तकनीकों का सजीव प्रस्तुतीकरण दिया जा रहा है।

इसी प्रकार स्मार्ट फार्म में ग्रीनहाउस के माध्यम से बेमौसम में खेती करने, शेडनेट हाउस के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन, जल संरक्षण और प्लास्टिक मल्चिंग से खरपतवार की रोकथाम को भी प्रदर्शित किया जा रहा हैं।

18 जून तक चलेगा किसान महोत्सव 

जयपुर के जेईसीसी सीतापुरा में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय राजस्थान किसान महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 18 जून तक चलने वाले महोत्सव में द्वितीय दिन प्रदेश भर के 15 हजार किसानों शामिल हुए। किसानों ने उत्साह से कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्यपालन व कृषि विपणन की विश्वस्तरीय तकनीकों के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त की।

किसानों को दी जा रही है नवीनतम तकनीकों की जानकारी

महोत्सव में कृषि जाजम चौपाल में विशेषज्ञों द्वारा किसानों को बीज, उर्वरक, फार्म पॉन्ड से जल संरक्षण और कीटनाशक रसायन आदि की बारीकी से जानकारियां दी गई एवं किसानों ने विशेषज्ञों से मौसमी प्रकोप से फसलों में लगने वाले कीटनाशकों से बचाव के लिए संवाद किया। साथ ही विशेषज्ञों ने तारबंदी, फार्म पॉण्ड, डिग्गी, फसल बीमा योजना के बारे में भी किसानों को उचित जानकारी प्रदान की। उन्होंने किसानों को राज किसान सुविधा ऐप की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया । 

इसी प्रकार उद्यानिकी की जाजम चौपाल में विशेषज्ञों द्वारा किसानों को बागवानी, शेड नेट हाउस, ग्रीन हाउस, कम पानी से खेती करने आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई। विशेषज्ञों ने सोलर पंप से बिजली, संरक्षित खेती मिशन, ड्रिप स्प्रिंकलर एवं मिनी स्प्रिंकलर पर अनुदान के बारे में किसानों को आवश्यक जानकारी प्रदान की। किसानों ने खरपतवार के रोकथाम के लिए विशेषज्ञों से संवाद किया एवं विशेषज्ञों ने किसानों का संतुष्टता पूर्वक समस्याओं का समाधान किया।

पशुपालन पर भी किसानों को दी जा रही है जानकारी 

कृषि एवं उद्यानिकी की ही तरह पशुपालन की जाजम चौपाल में पशुपालकों को गायों के लम्पी रोग से बचाव, गाय-भैंसों में खुरपका रोग, गलघोटू रोग के बचाव व रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही विभाग की मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना, पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना, पशु मित्र योजना, पशुपालन क्रेडिट कार्ड के बारे में भी पशुपालकों को बताया गया। 

किसान महोत्सव में पशुपालकों के लिए विभिन्न प्रकार के उन्नत नस्लीय पशु विशेष आकर्षण का केंद्र बने रहें। जिसमें मुर्रा नस्ल का भैंसवंशीय नर शूरवीर व राजा के साथ कुक्कुट कड़कनाथ की जानकारी में रूचि दिखाई दी।

कृषि यंत्रों की भी लगाई गई है प्रदर्शनी

महोत्सव में किसानों के कार्य को सुलभ करने के लिए कृषि यंत्रों की वृहद प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में प्रदेश भर से आए किसानों के लिए बेकोहो लोडर, फर्टिलाइजर ब्रॉड कास्टर, रिज बेड प्लांटर, लेजर लैंड लेवलर, अर्थ ऑगर, रीपर कम बाइंडर, एयर ऐसीस्टेड स्पेयर, पावर हैरो, ब्रश कटर और ट्रैक्टर सहित अनेक कृषि उपकरण उपलब्ध है। किसान इन कृषि यंत्रों के प्रति काफी उत्साह दिखा रहे हैं।

लम्पी रोग आर्थिक सहायता: 41 हजार से अधिक किसानों को जारी किया गया 175 करोड़ रुपए का मुआवजा

लम्पी रोग से प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा राशि का वितरण

पिछले वर्ष देश के कई राज्यों लम्पी स्किन डिजीज नामक महामारी से हज़ारों की संख्या में दुधारू पशुओं की मृत्यु हो गई थी। जिससे पशु पालकों को काफी नुकसान हुआ था। ऐसे में इन पशुपालकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राजस्थान सरकार ने राज्य के पशुपालकों को मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी। इस कड़ी में 16 जून 2023, शुक्रवार के दिन राज्य के मुख्यमंत्री ने 41 हजार से अधिक किसानों के बैक खातों में लम्पी रोग से प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा राशि जारी कर दी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राजस्थान किसान महोत्सव के पहले दिन लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लम्पी महामारी में दुधारू गौवंश गंवाने वाले पशुपालकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से आर्थिक सहायता देने की घोषणा बजट में की गई थी। 

प्रति पशु दिया गया 40 हजार रुपए का मुआवजा

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पशुपालकों के खातों में प्रति परिवार 2 दुधारू गोवंश के लिए 40-40 हजार रुपए की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम जारी की। लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम के दौरान राज्य के क़रीब 41 हजार 900 पशुपालकों के खाते में लम्पी रोग से मृत दूधारू पशुओं के लिए 175 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हस्तांतरित की। साथ ही मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष लम्पी महामारी से बचाव हेतु 68 लाख से अधिक गौवंश का टीकाकरण किया जा चुका है। पशुपालकों को मिली इस मुआवजा राशि से उन्हें नए पशु खरीदने में सहायता मिलेगी। 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधिवत रूप से गौ पूजन किया। कार्यक्रम में प्रदेश में लम्पी महामारी के दौरान राज्य सरकार द्वारा किए गए कुशल प्रबंधन पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। श्री गहलोत ने इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी में विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा निर्मित कृषि उपकरणों, सिंचाई यंत्रों, जैविक खाद, फसलों की किस्मों तथा अन्य कृषि उत्पादों का अवलोकन किया।

राज्य में पशु पालकों के लिए चलाई जा रही है यह योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध पर प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। प्रत्येक परिवार हेतु 2-2 दुधारू पशुओं का प्रति पशु 40,000 रुपये का बीमा किया जा रहा है। गौशालाओं को 9 माह व नंदीशालाओं को 12 माह का अनुदान दिया जा रहा है। नंदीशाला खोलने के लिए प्रति ग्राम पंचायत 1.56 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक गौशालाओं को लगभग 2500 करोड़ रुपए का अनुदान दिया चुका है। राज्य सरकार के निर्णयों से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान देश में प्रथम राज्य बन गया है। 

किसान महोत्सव में 50 हजार किसान लेंगे हिस्सा 

16 से 18 जून तक चलने वाले राजस्थान किसान महोत्सव में 50 हजार किसान भाग ले रहे हैं। यहां कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और कृषि विपणन की विश्व स्तरीय तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है। इसके अलावा कृषि, बागवानी और पशुपालन के लिए जाजम-चौपालों की व्यवस्था की गई है। इससे विशेषज्ञ और किसान एक-दूसरे से रूबरू हो सकेंगे। इस अवसर पर किसानों को उद्योग लगाने, उर्वरकों और उन्नत बीजों की जानकारी देने और युवाओं को एंटरप्रेन्योर बनाने के लिए 200 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं।

किसानों को दी जाएगी कृषि की नई तकनीकों की जानकारी

कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से कृषि एवं पशुपालन से जुड़े लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। प्रदेश में वृहद् स्तर पर कृषि महाविद्यालय और पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले गए हैं। जोबनेर में वेटनरी यूनिवर्सिटी भी खोली गई है। इसके अतिरिक्त 5134 कृषि पर्यवेक्षकों की भर्ती की गई है। तीन दिवसीय किसान महोत्सव में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को नई प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

अब यहाँ भी किसानों से खरीदा जाएगा गोबर, किसानों को आसानी से मिलेगी वर्मी कम्पोस्ट खाद

गोबर खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद 

देश में किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई नई योजनाएँ शुरू की गई हैं। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना देश-दुनिया में काफ़ी प्रसिद्ध हो गई है। योजना के तहत किसानों से गोबर एवं गोमूत्र की खरीदी कर उससे वर्मी कम्पोस्ट खाद, बिजली, जैविक कीटनाशक, प्राकृतिक पेंट आदि तैयार किए जा रहे हैं जिससे किसानों की आमदनी तो बढ़ ही रही है साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की सफलता को देखते हुए अब झारखंड सरकार ने भी अपने राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू कर दी है। इस कड़ी में झारखंड पशुपालन विभाग के सभागार में राज्य के कृषि मंत्री श्री बादल ने गोधन न्याय योजना का लोकार्पण किया।

किसानों से किस भाव पर खरीदा जाएगा गोबर

झारखंड सरकार भी अपने राज्य में छत्तीसगढ़ राज्य की तरह ही किसानों से गोबर की खरीदी कर उन्हें कम कीमत पर जैविक खाद उपलब्ध कराएगी। राज्य के कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि गोपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर सरकार लेगी और प्रसंस्करण के बाद किसानों को वर्मी कंपोस्ट के रूप में उपलब्ध कराएगी। इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 8 रुपए किलो की दर से वर्मी कंपोस्ट खाद उनके इलाके में ही उपलब्ध हो सकेगा।

श्री बादल ने कहा कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद्य पदार्थों का उपयोग हो, हमारे उत्पादों को जैविक की मान्यता मिले, इसके लिए एजेंसी और सेंटर बनाने की तैयारी सरकार कर रही है। वर्मी कंपोस्ट के लिए हमने 10 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है, अगर यह सफल रहा, तो 100 करोड़ की योजना भी बनाई जाएगी।

अभी 5 जिलों में लागू की जाएगी योजना

कृषि मंत्री बादल ने बताया कि राज्य के पांच जिलों से गोधन न्याय योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हो रही है। इस प्रोजेक्ट की सफलता की समीक्षा के उपरांत पूरे राज्य में इसे चलाने की योजना बनाएंगे, इसलिए सभी गोपालकों से निवेदन है कि वह राज्य को जैविक झारखंड बनाने की दिशा में आगे बढ़ें। योजना के प्रथम चरण में 5 जिलों के अंदर कुल 572 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट बनाई जाएगी, जिससे इन जिलों के लगभग 10 हजार किसानों को लाभ होगा।

क्या है गोधन न्याय योजना झारखंड राज्य

इस योजना का उद्देश्य झारखंड राज्य में उपलब्ध गोवंश के द्वारा उत्सर्जित गोबर का उपयोग वर्मी कंपोस्ट तैयार करते हुए कृषक की रासायनिक खादों पर निर्भरता को कम करने एवं कृषकों की आय में वृद्धि करना है। साल 2019 के आर्थिक सर्वे के अनुसार राज्य में 12.57 मिलियन गोवंश हैं। एक अनुमान के तौर पर गोवंश के द्वारा 504 लाख टन गोबर का उत्सर्जन प्रति वर्ष किया जाता है। बता दें कि गोवंश द्वारा उत्सर्जित गोबर कृषि के पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये मिट्टी के जलधारण क्षमता को बढ़ाते हुए मिट्टी की जैविक मात्रा में वृद्धि करते हैं।

गोबर को कृषि कार्यों में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए एक प्रभावी प्रबंधन की जरूरत है, जो कृषकों के लिए लाभदायक होगा। पूरे राज्य में उत्पादित गोबर को गोपालकों से क्रय कर वर्मी कंपोस्ट में परिवर्तित कर अनुदानित दर पर कृषकों को उपलब्ध कराने का ये पायलट प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्तमान समय में प्रत्येक प्रमंडल के एक जिला से की जा रही है। 

गोधन न्याय योजना से क्या लाभ होगा?

यह योजना अपने आप में एक अनूठी योजना है, इस योजना से एक साथ कई लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। जिसमें रोजगार सृजन, पशु पालन को लाभकारी बनाना, किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से बचाना आदि शामिल है । सरकार के अनुसार योजना से निम्न लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं:-

  • पशुपालकों की आय में वृद्धि।
  • पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक।
  • जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रसायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना। 
  • स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता।
  • स्थानीय स्वयं सहायता समूह/ बेरोजगार युवकों को रोजगार के अवसर/गोशालाओं का सुदृढ़ीकरण।
  • भूमि की उर्वरता को बढ़ाने में मदद।
  • रासायनिक रहित खाद पदार्थों की उपलब्धता।

किसानों को फ्री में दिए जा रहे हैं संकर मक्का के उन्नत किस्मों के बीज

संकर मक्का के उन्नत किस्मों के बीज

देश में फसलों की पैदावार एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाते हैं। इस कड़ी में राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को फ्री में संकर मक्का बीज के मिनी किट दे रही है। यह बीज कृषि विभाग द्वारा जनजाति कृषक एवं गैर जनजाति कृषक के लघु, सीमान्त कृषकों को जनआधार के माध्यम से राजकिसान साथी पोर्टल पर महीला के नाम ओटीपी द्वारा सत्यापन उपरान्त वितरित किया जा रहा है।

किसानों को यह बीज मिनी किट के वितरण के साथ ही फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को उन्नत खेती की जानकारी भी दी जा रही है। इस कड़ी में जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान सरकार के राज्यमंत्री श्री उमा शंकर शर्मा एवं श्री गणेष घोगरा विधायक डूंगरपुर द्वारा ग्राम पंचायत वीरपुर (पंचायत समिति बिछीवाडा) में किया गया।  

मक्का की किस्म डीएचएम-121 का किया गया वितरण

राजस्थान के डूंगरपुर ज़िले में मक्का बीज मिनिकिट की किस्म डीएचएम-121 वितरीत की जा रही है, जिसकी विशेषता यह है कि इसके दाने पीले नारंगी होते है, पकाव की अवधि 100-110 दिन की होती है एवं इसकी उपज 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। जिले में जनजाति कृषकों को 1,84,585 एवं गैर जनजाति कृषकों को 38,276 कुल 2,22,861 कृषकों को मक्का मिनिकिट वितरण किये जायेंगें।

किसानों को दी जा रही है खेती कि जानकारी

विधायक गणेष घोगरा ने राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले निःशुल्क मक्का मिनी किट का समय पर बुवाई कर एवं कृषि विभाग से तकनिकी मार्गदर्शन के साथ क्षेत्र में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु कृषकों को प्रेरित किया। इस अवसर पर गौरीशंकर कटारा, संयुक्त निदेषक कृषि (विस्तार) डूंगरपुर ने मक्का मिनी किट की किस्म एवं उन्नत उत्पादन तकनीकी की जानकारी दी, साथ ही उत्पादकता बढाने हेतु 21 मूलमंत्र की जानकारी दी। 

Cyclone Biparjoy: चक्रवात बिपारजॉय के चलते 15 से 17 जून के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश 

Weather Update: 15 से 17 जून के लिए मौसम का पूर्वानुमान

गुजरात के तटों की तरफ बढ़ रहा चक्रवात बिपरजॉय बेहद खतरनाक रूप ले चुका है। अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान “बिपारजॉय” 15 जून की शाम तक गुजरात के तटों से टकराएगा। इस दौरान हवा की गति 115-125 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की हो रहेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के अनुसार तूफ़ान आज शाम को गुजरात के जखाऊ पोर्ट के पास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के आसपास के तटों को पार करने की संभावना है। चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के चलते देश के उत्तर पश्चिमी राज्यों में बहुत तेज हवाओं के साथ ही कई स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

चक्रवाती तूफ़ान बिपारजॉय के चलते 16 जून को उत्तर गुजरात और इससे सटे दक्षिण राजस्थान में और 17 जून को दक्षिण-पूर्व राजस्थान और इससे सटे उत्तरी गुजरात क्षेत्र में छिटपुट स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। वही आज 15 जून को गुजरात के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 17 जून तक भारी बारिश हो सकती है।

गुजरात के इन जिलों में हो सकती है भारी बारिश 

चक्रवाती तूफ़ान बिपारजॉय आज शाम तक गुजरात से टकराएगा जिसके चलते राज्य के अधिकांश जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में 15-17 जून के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। 

बनासकांठा, पाटन, मेहसाणा, साबरकांठा, गाँधीनगर, अरवल्ली, खेड़ा, आनंद, बड़ोदा, पंचमहल, दाहोद,महिसागर, छोटा उदयपुर, नर्मदा, भरूच, सूरत, दंग्स, नवसारी, वलसाड, तापी, दादर नागर हवेली, दमन, सुरेंद्रनगर, राजकोट,  पोरबंदर, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ एवं कच्छ जिलों में 15 से 17 जून के दौरान अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 15 से 17 जून के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर,  बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, जैसलमेर, जलौर, जोधपुर, नागौर एवं पाली ज़िलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। इसमें जलौर, जोधपुर, बाड़मेर, उदयपुर, सिरोही जिलों में 16 एवं 17 जून के दौरान अत्याधिक वर्षा हो सकती है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 15 से 17 जून के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, अलीराजपुर, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, उमरिया, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट एवं सागर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 15 से 17 जून के दौरान के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।

वहीँ हरियाणा राज्य में 15 से 17 जून के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। 

उत्तरप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 15 से 17 जून के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, बरेली, बंदायू, पीलभीत, सिद्धार्थ नगर, चित्रकूट, बाँदा, महोबा, कुशीनगर, महाराजगंज, झाँसी, जालौन, ललितपुर, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, सहारनपुर, मुज्जफरनगर एवं शामली जिलों में कहीं कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। 

लम्पी रोग से प्रभावित पशुपालकों को 16 जून के दिन दिया जाएगा प्रति पशु 40 हजार रुपए का मुआवजा

लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण

पिछले वर्ष देश के कई राज्यों में लम्पी स्किन डिजीज रोग के चलते हज़ारों दुधारू गोवंशीय पशुओं की मृत्यु हो गई थी। जिसके चलते पशुपालकों को भारी नुकसान हुआ है। लम्पी रोग से सबसे अधिक नुकसान राजस्थान राज्य के किसानों को हुआ था। जिसको देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए लम्पी रोग से हुई दुधारू गोवंशीय पशुओं की मृत्यु पर पशुपालकों को 40,000 प्रति पशु आर्थिक सहायता राशि देने की बजट घोषणा की थी।

16 जून को होगा लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 16 जून को सुबह 11 बजे राज्य के प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का वितरण करेंगे। यह कार्यक्रम 16 जून को जेईसीसी  (जयपुर एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर), सीतापुरा में आयोजित होने वाले राजस्थान किसान महोत्सव के दौरान राज्य स्तरीय  ’’लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण’’ कार्यक्रम  मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित किया जायेगा।

50 हजार पशुपालकों को दिया जाएगा मुआवजा

मुख्यमंत्री द्वारा एक साथ प्रदेश के लम्पी प्रभावित पशुपालको के बैंक खाते में सिंगल क्लिक से राशि का हस्तातंरण किया जाएगा। जिसके अंतर्गत लगभग 40 से 50 हजार पात्र पशुपालकों को लगभग 180 करोड़ की राशि उनके खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। इस आर्थिक सहायता से पशुपालकों को न केवल आर्थिक सम्बल मिलेगा बल्कि वे अपने पशुधन में भी वृद्धि कर सकेंगे।

राजस्थान लम्पी रोग आर्थिक सहायता देने वाला पहला राज्य

पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में राज्य में नित नयी योजनाओं का संचालन कर पशुओं एवं पशुपालकों के हितों के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लम्पी रोग का प्रकोप लगभग पूरे देश में रहा और गोवंशीय पशुओं की मृत्यु हुई। परंतु राज्य सरकार ने पशुपालकों की समस्याओं को मध्यनजर रखते हुए पशुपालकों को आर्थिक सहायता देने की बजट में घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाला राजस्थान प्रथम राज्य है एवं अन्य राज्यों को भी यहाँ की तर्ज पर पशुपालकों के हितों का ध्यान रखना चाहिए। 

कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत पशुओं का किया जा रहा है निःशुल्क बीमा

पशुपालन मंत्री ने बताया कि अब राज्य में लम्पी जैसी किसी भी बीमारी से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान न हो और पशुपालक बिना किसी जोखिम के निश्चिन्त होकर पशुपालन कर सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत 2 दुधारू गाय या भैंस का 40 हजार रुपए प्रति पशु का निशुल्क बीमा किया जा रहा है।