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किसान महोत्सव: 10 किसानों एवं पशुपालकों को दिया गया 50-50 हजार रुपए का ईनाम

किसानों एवं पशुपालकों को किया गया पुरस्कृत

देश में किसानों को कृषि, पशुपालन एवं उद्यानिकी की नई-नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार द्वारा समयसमय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा जयपुर में तीन दिवसीय किसान महोत्सव का आयोजन किया गया। मेले के अंतिम दिन राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य के प्रगतिशील किसानों एवं पशुपालकों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने किसान महोत्सव के समापन सत्र को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन ने मुख्यमंत्री ने किसान कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खेती और किसान को प्राथमिकता देते हुए नीतियां और कार्यक्रम बनाए हैं। कृषकों और पशुपालकों को समृद्ध और खुशहाल बनाना राज्य सरकार का ध्येय है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 12 कृषि मिशन शुरू किए गए हैं और प्रत्येक बिन्दु पर योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। 

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किसानों को दिए गए पुरस्कार

इस अवसर पर आत्मा योजना के तहत कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार करने वाले प्रगतिशील 10 किसानों एवं पशुपालकों को राज्य स्तरीय कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रत्येक किसान को 50 हजार रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई। इनमें जयपुर जिले से श्रीमती रूकमा देवी, टोंक से श्रीमती भूरी देवी मीणा, बाड़मेर से श्री धर्माराम, डूंगरपुर से श्री नारायण, भीलवाड़ा से श्रीमती कमला देवी, श्रीगंगानगर से श्री पुनीत चौधरी, जैसलमेर से श्री खुशालाराम, राजसमंद से श्री बालूसिंह, धौलपुर से श्री नीरज कुमार त्यागी तथा टोंक से श्री भरत राम शामिल रहे।

21 लाख से अधिक किसानों का किया गया कर्ज माफ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की ऋण माफी का वादा पूरा किया। 21 लाख किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया। श्री गहलोत ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज की माफी के लिए भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा, मगर इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।

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अलग से पेश किया जा रहा है कृषि बजट

किसानों के लिए देश में पहली बार पृथक कृषि बजट पेश किया गया। कृषि का बजट 2018-19 की तुलना में लगभग दोगुना कर दिया गया है। श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध करवाने तथा 2000 यूनिट तक निःशुल्क बिजली देने से उन्हें बड़ी राहत मिली है। एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जा रही है। युवा उद्यमियों के लिए एमएसएमई एक्ट लाया गया है। इसमें उद्योग लगाने के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली जरूरी अनुमतियों में 5 वर्ष की छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में 60 कृषि महाविद्यालय हैं जिनमें से 42 महाविद्यालय पिछले साढ़े चार साल में खोले गए हैं। 

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