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लम्पी रोग आर्थिक सहायता: 41 हजार से अधिक किसानों को जारी किया गया 175 करोड़ रुपए का मुआवजा

लम्पी रोग से प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा राशि का वितरण

पिछले वर्ष देश के कई राज्यों लम्पी स्किन डिजीज नामक महामारी से हज़ारों की संख्या में दुधारू पशुओं की मृत्यु हो गई थी। जिससे पशु पालकों को काफी नुकसान हुआ था। ऐसे में इन पशुपालकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राजस्थान सरकार ने राज्य के पशुपालकों को मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी। इस कड़ी में 16 जून 2023, शुक्रवार के दिन राज्य के मुख्यमंत्री ने 41 हजार से अधिक किसानों के बैक खातों में लम्पी रोग से प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा राशि जारी कर दी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राजस्थान किसान महोत्सव के पहले दिन लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लम्पी महामारी में दुधारू गौवंश गंवाने वाले पशुपालकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से आर्थिक सहायता देने की घोषणा बजट में की गई थी। 

प्रति पशु दिया गया 40 हजार रुपए का मुआवजा

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पशुपालकों के खातों में प्रति परिवार 2 दुधारू गोवंश के लिए 40-40 हजार रुपए की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम जारी की। लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम के दौरान राज्य के क़रीब 41 हजार 900 पशुपालकों के खाते में लम्पी रोग से मृत दूधारू पशुओं के लिए 175 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हस्तांतरित की। साथ ही मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष लम्पी महामारी से बचाव हेतु 68 लाख से अधिक गौवंश का टीकाकरण किया जा चुका है। पशुपालकों को मिली इस मुआवजा राशि से उन्हें नए पशु खरीदने में सहायता मिलेगी। 

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इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधिवत रूप से गौ पूजन किया। कार्यक्रम में प्रदेश में लम्पी महामारी के दौरान राज्य सरकार द्वारा किए गए कुशल प्रबंधन पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। श्री गहलोत ने इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी में विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा निर्मित कृषि उपकरणों, सिंचाई यंत्रों, जैविक खाद, फसलों की किस्मों तथा अन्य कृषि उत्पादों का अवलोकन किया।

राज्य में पशु पालकों के लिए चलाई जा रही है यह योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध पर प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। प्रत्येक परिवार हेतु 2-2 दुधारू पशुओं का प्रति पशु 40,000 रुपये का बीमा किया जा रहा है। गौशालाओं को 9 माह व नंदीशालाओं को 12 माह का अनुदान दिया जा रहा है। नंदीशाला खोलने के लिए प्रति ग्राम पंचायत 1.56 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक गौशालाओं को लगभग 2500 करोड़ रुपए का अनुदान दिया चुका है। राज्य सरकार के निर्णयों से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान देश में प्रथम राज्य बन गया है। 

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किसान महोत्सव में 50 हजार किसान लेंगे हिस्सा 

16 से 18 जून तक चलने वाले राजस्थान किसान महोत्सव में 50 हजार किसान भाग ले रहे हैं। यहां कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और कृषि विपणन की विश्व स्तरीय तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है। इसके अलावा कृषि, बागवानी और पशुपालन के लिए जाजम-चौपालों की व्यवस्था की गई है। इससे विशेषज्ञ और किसान एक-दूसरे से रूबरू हो सकेंगे। इस अवसर पर किसानों को उद्योग लगाने, उर्वरकों और उन्नत बीजों की जानकारी देने और युवाओं को एंटरप्रेन्योर बनाने के लिए 200 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं।

किसानों को दी जाएगी कृषि की नई तकनीकों की जानकारी

कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से कृषि एवं पशुपालन से जुड़े लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। प्रदेश में वृहद् स्तर पर कृषि महाविद्यालय और पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले गए हैं। जोबनेर में वेटनरी यूनिवर्सिटी भी खोली गई है। इसके अतिरिक्त 5134 कृषि पर्यवेक्षकों की भर्ती की गई है। तीन दिवसीय किसान महोत्सव में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को नई प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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