लम्पी रोग आर्थिक सहायता: 41 हजार से अधिक किसानों को जारी किया गया 175 करोड़ रुपए का मुआवजा

लम्पी रोग से प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा राशि का वितरण

पिछले वर्ष देश के कई राज्यों लम्पी स्किन डिजीज नामक महामारी से हज़ारों की संख्या में दुधारू पशुओं की मृत्यु हो गई थी। जिससे पशु पालकों को काफी नुकसान हुआ था। ऐसे में इन पशुपालकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राजस्थान सरकार ने राज्य के पशुपालकों को मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी। इस कड़ी में 16 जून 2023, शुक्रवार के दिन राज्य के मुख्यमंत्री ने 41 हजार से अधिक किसानों के बैक खातों में लम्पी रोग से प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा राशि जारी कर दी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राजस्थान किसान महोत्सव के पहले दिन लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लम्पी महामारी में दुधारू गौवंश गंवाने वाले पशुपालकों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से आर्थिक सहायता देने की घोषणा बजट में की गई थी। 

प्रति पशु दिया गया 40 हजार रुपए का मुआवजा

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पशुपालकों के खातों में प्रति परिवार 2 दुधारू गोवंश के लिए 40-40 हजार रुपए की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम जारी की। लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम के दौरान राज्य के क़रीब 41 हजार 900 पशुपालकों के खाते में लम्पी रोग से मृत दूधारू पशुओं के लिए 175 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हस्तांतरित की। साथ ही मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष लम्पी महामारी से बचाव हेतु 68 लाख से अधिक गौवंश का टीकाकरण किया जा चुका है। पशुपालकों को मिली इस मुआवजा राशि से उन्हें नए पशु खरीदने में सहायता मिलेगी। 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधिवत रूप से गौ पूजन किया। कार्यक्रम में प्रदेश में लम्पी महामारी के दौरान राज्य सरकार द्वारा किए गए कुशल प्रबंधन पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। श्री गहलोत ने इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी में विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा निर्मित कृषि उपकरणों, सिंचाई यंत्रों, जैविक खाद, फसलों की किस्मों तथा अन्य कृषि उत्पादों का अवलोकन किया।

राज्य में पशु पालकों के लिए चलाई जा रही है यह योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध पर प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। प्रत्येक परिवार हेतु 2-2 दुधारू पशुओं का प्रति पशु 40,000 रुपये का बीमा किया जा रहा है। गौशालाओं को 9 माह व नंदीशालाओं को 12 माह का अनुदान दिया जा रहा है। नंदीशाला खोलने के लिए प्रति ग्राम पंचायत 1.56 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक गौशालाओं को लगभग 2500 करोड़ रुपए का अनुदान दिया चुका है। राज्य सरकार के निर्णयों से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान देश में प्रथम राज्य बन गया है। 

किसान महोत्सव में 50 हजार किसान लेंगे हिस्सा 

16 से 18 जून तक चलने वाले राजस्थान किसान महोत्सव में 50 हजार किसान भाग ले रहे हैं। यहां कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और कृषि विपणन की विश्व स्तरीय तकनीकों का प्रदर्शन किया गया है। इसके अलावा कृषि, बागवानी और पशुपालन के लिए जाजम-चौपालों की व्यवस्था की गई है। इससे विशेषज्ञ और किसान एक-दूसरे से रूबरू हो सकेंगे। इस अवसर पर किसानों को उद्योग लगाने, उर्वरकों और उन्नत बीजों की जानकारी देने और युवाओं को एंटरप्रेन्योर बनाने के लिए 200 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं।

किसानों को दी जाएगी कृषि की नई तकनीकों की जानकारी

कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से कृषि एवं पशुपालन से जुड़े लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। प्रदेश में वृहद् स्तर पर कृषि महाविद्यालय और पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले गए हैं। जोबनेर में वेटनरी यूनिवर्सिटी भी खोली गई है। इसके अतिरिक्त 5134 कृषि पर्यवेक्षकों की भर्ती की गई है। तीन दिवसीय किसान महोत्सव में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को नई प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी दी जाएगी।

अब यहाँ भी किसानों से खरीदा जाएगा गोबर, किसानों को आसानी से मिलेगी वर्मी कम्पोस्ट खाद

गोबर खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद 

देश में किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई नई योजनाएँ शुरू की गई हैं। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना देश-दुनिया में काफ़ी प्रसिद्ध हो गई है। योजना के तहत किसानों से गोबर एवं गोमूत्र की खरीदी कर उससे वर्मी कम्पोस्ट खाद, बिजली, जैविक कीटनाशक, प्राकृतिक पेंट आदि तैयार किए जा रहे हैं जिससे किसानों की आमदनी तो बढ़ ही रही है साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की सफलता को देखते हुए अब झारखंड सरकार ने भी अपने राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू कर दी है। इस कड़ी में झारखंड पशुपालन विभाग के सभागार में राज्य के कृषि मंत्री श्री बादल ने गोधन न्याय योजना का लोकार्पण किया।

किसानों से किस भाव पर खरीदा जाएगा गोबर

झारखंड सरकार भी अपने राज्य में छत्तीसगढ़ राज्य की तरह ही किसानों से गोबर की खरीदी कर उन्हें कम कीमत पर जैविक खाद उपलब्ध कराएगी। राज्य के कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि गोपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर सरकार लेगी और प्रसंस्करण के बाद किसानों को वर्मी कंपोस्ट के रूप में उपलब्ध कराएगी। इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 8 रुपए किलो की दर से वर्मी कंपोस्ट खाद उनके इलाके में ही उपलब्ध हो सकेगा।

श्री बादल ने कहा कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा जैविक खाद्य पदार्थों का उपयोग हो, हमारे उत्पादों को जैविक की मान्यता मिले, इसके लिए एजेंसी और सेंटर बनाने की तैयारी सरकार कर रही है। वर्मी कंपोस्ट के लिए हमने 10 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है, अगर यह सफल रहा, तो 100 करोड़ की योजना भी बनाई जाएगी।

अभी 5 जिलों में लागू की जाएगी योजना

कृषि मंत्री बादल ने बताया कि राज्य के पांच जिलों से गोधन न्याय योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हो रही है। इस प्रोजेक्ट की सफलता की समीक्षा के उपरांत पूरे राज्य में इसे चलाने की योजना बनाएंगे, इसलिए सभी गोपालकों से निवेदन है कि वह राज्य को जैविक झारखंड बनाने की दिशा में आगे बढ़ें। योजना के प्रथम चरण में 5 जिलों के अंदर कुल 572 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट बनाई जाएगी, जिससे इन जिलों के लगभग 10 हजार किसानों को लाभ होगा।

क्या है गोधन न्याय योजना झारखंड राज्य

इस योजना का उद्देश्य झारखंड राज्य में उपलब्ध गोवंश के द्वारा उत्सर्जित गोबर का उपयोग वर्मी कंपोस्ट तैयार करते हुए कृषक की रासायनिक खादों पर निर्भरता को कम करने एवं कृषकों की आय में वृद्धि करना है। साल 2019 के आर्थिक सर्वे के अनुसार राज्य में 12.57 मिलियन गोवंश हैं। एक अनुमान के तौर पर गोवंश के द्वारा 504 लाख टन गोबर का उत्सर्जन प्रति वर्ष किया जाता है। बता दें कि गोवंश द्वारा उत्सर्जित गोबर कृषि के पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये मिट्टी के जलधारण क्षमता को बढ़ाते हुए मिट्टी की जैविक मात्रा में वृद्धि करते हैं।

गोबर को कृषि कार्यों में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए एक प्रभावी प्रबंधन की जरूरत है, जो कृषकों के लिए लाभदायक होगा। पूरे राज्य में उत्पादित गोबर को गोपालकों से क्रय कर वर्मी कंपोस्ट में परिवर्तित कर अनुदानित दर पर कृषकों को उपलब्ध कराने का ये पायलट प्रोजेक्ट है। प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्तमान समय में प्रत्येक प्रमंडल के एक जिला से की जा रही है। 

गोधन न्याय योजना से क्या लाभ होगा?

यह योजना अपने आप में एक अनूठी योजना है, इस योजना से एक साथ कई लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। जिसमें रोजगार सृजन, पशु पालन को लाभकारी बनाना, किसानों की फसलों को आवारा पशुओं से बचाना आदि शामिल है । सरकार के अनुसार योजना से निम्न लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं:-

  • पशुपालकों की आय में वृद्धि।
  • पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक।
  • जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रसायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना। 
  • स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता।
  • स्थानीय स्वयं सहायता समूह/ बेरोजगार युवकों को रोजगार के अवसर/गोशालाओं का सुदृढ़ीकरण।
  • भूमि की उर्वरता को बढ़ाने में मदद।
  • रासायनिक रहित खाद पदार्थों की उपलब्धता।

किसानों को फ्री में दिए जा रहे हैं संकर मक्का के उन्नत किस्मों के बीज

संकर मक्का के उन्नत किस्मों के बीज

देश में फसलों की पैदावार एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाते हैं। इस कड़ी में राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को फ्री में संकर मक्का बीज के मिनी किट दे रही है। यह बीज कृषि विभाग द्वारा जनजाति कृषक एवं गैर जनजाति कृषक के लघु, सीमान्त कृषकों को जनआधार के माध्यम से राजकिसान साथी पोर्टल पर महीला के नाम ओटीपी द्वारा सत्यापन उपरान्त वितरित किया जा रहा है।

किसानों को यह बीज मिनी किट के वितरण के साथ ही फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को उन्नत खेती की जानकारी भी दी जा रही है। इस कड़ी में जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान सरकार के राज्यमंत्री श्री उमा शंकर शर्मा एवं श्री गणेष घोगरा विधायक डूंगरपुर द्वारा ग्राम पंचायत वीरपुर (पंचायत समिति बिछीवाडा) में किया गया।  

मक्का की किस्म डीएचएम-121 का किया गया वितरण

राजस्थान के डूंगरपुर ज़िले में मक्का बीज मिनिकिट की किस्म डीएचएम-121 वितरीत की जा रही है, जिसकी विशेषता यह है कि इसके दाने पीले नारंगी होते है, पकाव की अवधि 100-110 दिन की होती है एवं इसकी उपज 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। जिले में जनजाति कृषकों को 1,84,585 एवं गैर जनजाति कृषकों को 38,276 कुल 2,22,861 कृषकों को मक्का मिनिकिट वितरण किये जायेंगें।

किसानों को दी जा रही है खेती कि जानकारी

विधायक गणेष घोगरा ने राज्य सरकार द्वारा दिये जाने वाले निःशुल्क मक्का मिनी किट का समय पर बुवाई कर एवं कृषि विभाग से तकनिकी मार्गदर्शन के साथ क्षेत्र में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु कृषकों को प्रेरित किया। इस अवसर पर गौरीशंकर कटारा, संयुक्त निदेषक कृषि (विस्तार) डूंगरपुर ने मक्का मिनी किट की किस्म एवं उन्नत उत्पादन तकनीकी की जानकारी दी, साथ ही उत्पादकता बढाने हेतु 21 मूलमंत्र की जानकारी दी। 

Cyclone Biparjoy: चक्रवात बिपारजॉय के चलते 15 से 17 जून के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश 

Weather Update: 15 से 17 जून के लिए मौसम का पूर्वानुमान

गुजरात के तटों की तरफ बढ़ रहा चक्रवात बिपरजॉय बेहद खतरनाक रूप ले चुका है। अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान “बिपारजॉय” 15 जून की शाम तक गुजरात के तटों से टकराएगा। इस दौरान हवा की गति 115-125 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की हो रहेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के अनुसार तूफ़ान आज शाम को गुजरात के जखाऊ पोर्ट के पास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच सौराष्ट्र, कच्छ और पाकिस्तान के आसपास के तटों को पार करने की संभावना है। चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के चलते देश के उत्तर पश्चिमी राज्यों में बहुत तेज हवाओं के साथ ही कई स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

चक्रवाती तूफ़ान बिपारजॉय के चलते 16 जून को उत्तर गुजरात और इससे सटे दक्षिण राजस्थान में और 17 जून को दक्षिण-पूर्व राजस्थान और इससे सटे उत्तरी गुजरात क्षेत्र में छिटपुट स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। वही आज 15 जून को गुजरात के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 17 जून तक भारी बारिश हो सकती है।

गुजरात के इन जिलों में हो सकती है भारी बारिश 

चक्रवाती तूफ़ान बिपारजॉय आज शाम तक गुजरात से टकराएगा जिसके चलते राज्य के अधिकांश जिलों में तेज हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में 15-17 जून के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। 

बनासकांठा, पाटन, मेहसाणा, साबरकांठा, गाँधीनगर, अरवल्ली, खेड़ा, आनंद, बड़ोदा, पंचमहल, दाहोद,महिसागर, छोटा उदयपुर, नर्मदा, भरूच, सूरत, दंग्स, नवसारी, वलसाड, तापी, दादर नागर हवेली, दमन, सुरेंद्रनगर, राजकोट,  पोरबंदर, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ एवं कच्छ जिलों में 15 से 17 जून के दौरान अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 15 से 17 जून के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर,  बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, जैसलमेर, जलौर, जोधपुर, नागौर एवं पाली ज़िलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। इसमें जलौर, जोधपुर, बाड़मेर, उदयपुर, सिरोही जिलों में 16 एवं 17 जून के दौरान अत्याधिक वर्षा हो सकती है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 15 से 17 जून के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, अलीराजपुर, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, उमरिया, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट एवं सागर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 15 से 17 जून के दौरान के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।

वहीँ हरियाणा राज्य में 15 से 17 जून के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। 

उत्तरप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 15 से 17 जून के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, बरेली, बंदायू, पीलभीत, सिद्धार्थ नगर, चित्रकूट, बाँदा, महोबा, कुशीनगर, महाराजगंज, झाँसी, जालौन, ललितपुर, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, सहारनपुर, मुज्जफरनगर एवं शामली जिलों में कहीं कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। 

लम्पी रोग से प्रभावित पशुपालकों को 16 जून के दिन दिया जाएगा प्रति पशु 40 हजार रुपए का मुआवजा

लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण

पिछले वर्ष देश के कई राज्यों में लम्पी स्किन डिजीज रोग के चलते हज़ारों दुधारू गोवंशीय पशुओं की मृत्यु हो गई थी। जिसके चलते पशुपालकों को भारी नुकसान हुआ है। लम्पी रोग से सबसे अधिक नुकसान राजस्थान राज्य के किसानों को हुआ था। जिसको देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए लम्पी रोग से हुई दुधारू गोवंशीय पशुओं की मृत्यु पर पशुपालकों को 40,000 प्रति पशु आर्थिक सहायता राशि देने की बजट घोषणा की थी।

16 जून को होगा लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 16 जून को सुबह 11 बजे राज्य के प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का वितरण करेंगे। यह कार्यक्रम 16 जून को जेईसीसी  (जयपुर एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर), सीतापुरा में आयोजित होने वाले राजस्थान किसान महोत्सव के दौरान राज्य स्तरीय  ’’लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण’’ कार्यक्रम  मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित किया जायेगा।

50 हजार पशुपालकों को दिया जाएगा मुआवजा

मुख्यमंत्री द्वारा एक साथ प्रदेश के लम्पी प्रभावित पशुपालको के बैंक खाते में सिंगल क्लिक से राशि का हस्तातंरण किया जाएगा। जिसके अंतर्गत लगभग 40 से 50 हजार पात्र पशुपालकों को लगभग 180 करोड़ की राशि उनके खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। इस आर्थिक सहायता से पशुपालकों को न केवल आर्थिक सम्बल मिलेगा बल्कि वे अपने पशुधन में भी वृद्धि कर सकेंगे।

राजस्थान लम्पी रोग आर्थिक सहायता देने वाला पहला राज्य

पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार पशुपालकों के कल्याण के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में राज्य में नित नयी योजनाओं का संचालन कर पशुओं एवं पशुपालकों के हितों के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लम्पी रोग का प्रकोप लगभग पूरे देश में रहा और गोवंशीय पशुओं की मृत्यु हुई। परंतु राज्य सरकार ने पशुपालकों की समस्याओं को मध्यनजर रखते हुए पशुपालकों को आर्थिक सहायता देने की बजट में घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाला राजस्थान प्रथम राज्य है एवं अन्य राज्यों को भी यहाँ की तर्ज पर पशुपालकों के हितों का ध्यान रखना चाहिए। 

कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत पशुओं का किया जा रहा है निःशुल्क बीमा

पशुपालन मंत्री ने बताया कि अब राज्य में लम्पी जैसी किसी भी बीमारी से पशुपालकों को आर्थिक नुकसान न हो और पशुपालक बिना किसी जोखिम के निश्चिन्त होकर पशुपालन कर सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत 2 दुधारू गाय या भैंस का 40 हजार रुपए प्रति पशु का निशुल्क बीमा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने की घोषणा, अब इन महिलाओं को भी मिलेगा लाड़ली बहना योजना का लाभ

लाड़ली बहना योजना

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 13 जून के दिन किसान कल्याण महाकुंभ में किसानों के लिए सरकारी ख़ज़ाना खोल दिया। मुख्यमंत्री ने इस दिन न केवल किसानों के बैंक खातों में विभिन्न योजनाओं के तहत 6 हजार 423 करोड़ रूपये की राशि अंतरित की बल्कि किसानों के लिए कई नई घोषणाएँ भी की। इसमें किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए की राशि देना एवं ट्रेक्टर धारक किसानों को भी लाड़ली बहना योजना का लाभ देना प्रमुख है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में ऐसे परिवार भी लाभान्वित होंगे, जहाँ ट्रेक्टर हैं। ट्रेक्टर को चार पहिया वाहन की श्रेणी में नहीं माना जायेगा। इन परिवार की बहनों को भी 1000 रूपये प्रति माह मिलेंगे।

ट्रैक्टर वाले किसानों को भी किया जाएगा योजना में शामिल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक महत्वपूर्ण घोषणा में कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में अब ऐसे परिवार भी लाभान्वित होंगे जहाँ ट्रैक्टर हैं। योजना के प्रावधानों में पूर्व में तय किया गया था कि चार पहिया वाहन जिस परिवार के पास है, उस परिवार की महिला सदस्य को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पात्रता नहीं होगी। अब ट्रेक्टर रखने वाले परिवार को भी मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ मिलेगा।

किसान परिवार को सालाना मिलेंगे 24 हजार रुपए

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में राज्य सरकार 4 हजार रूपये के स्थान पर अब 6 हजार रूपये की राशि प्रतिवर्ष किसानों को प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये प्राप्त होते हैं। इस प्रकार अब किसानों को मिलने वाली यह राशि 12 हजार रूपये वार्षिक हो जायेगी।

वहीं लाड़ली बहना योजना के तहत विवाहित महिलाओं को प्रति वर्ष 12 हजार रुपए दिए जाएँगे। जिससे अब किसान परिवार को पीएम किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना को मिलाकर प्रति माह 1000 रुपए यानी वर्ष में 12 हजार रुपए मिलेंगे। इस तरह बहनों के 12 हजार और भाइयों के ‌12 हजार मिलाकर प्रतिवर्ष एक किसान परिवार को 24 हजार रुपए मिलेंगे।

3000 रुपए तक प्रति माह तक की राशि बहनों को दी जाएगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि परिवार में बहनों को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के 1000 रुपए, वृद्धावस्था पेंशन के हितग्राहियों को भी प्रतिमाह बढ़ी हुई राशि के साथ किसान सम्मान निधि की बढ़ी हुई राशि मिलने से परिवार को मजबूत आर्थिक सहारा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में धनराशि की व्यवस्था करते हुए 1000 रुपए से क्रमश: बढ़ाते हुए 3000 रूपये तक प्रत्येक बहन को प्रदान किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणा, अब किसान परिवार को हर साल मिलेंगे 12 हजार रुपए

किसान कल्याण योजना किस्त

प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना के लाभार्थियों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। 13 जून को मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले में हुए किसान कल्याण महाकुंभ में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह किसानों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए किसान कल्याण योजना की राशि 2,000 रुपए और बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिससे राज्य के किसानों को अब योजना के तहत हर वर्ष 6,000 रुपए मिलेंगे।

उल्लेखनीय है कि देश में किसानों को कृषि में आवश्यक निवेश के लिए पूँजी उपलब्ध कराने एवं किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत किसानों को प्रत्येक वर्ष 6,000 रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में दी जाती है। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने भी अब पीएम किसान योजना के लाभार्थियों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 6,000 रुपए सालाना देने का निर्णय लिया है।

किसान परिवार को प्रत्येक वर्ष मिलेंगे 12 हजार रुपए

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में राज्य सरकार 4 हजार रूपये के स्थान पर अब 6 हजार रूपये की राशि प्रतिवर्ष किसानों को प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये प्राप्त होते हैं। इस प्रकार अब किसानों को मिलने वाली यह राशि 12 हजार रूपये वार्षिक हो जायेगी।

वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने अभी हाल ही में लाड़ली बहना योजना शुरू की है। योजना के तहत राज्य की विवाहित महिलाओं को प्रति वर्ष 12 हजार रुपए दिए जाएँगे। जिससे अब किसान परिवार को पीएम किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना को मिलाकर प्रति माह 1000 रुपए यानी वर्ष में 12 हजार रुपए मिलेंगे। इस तरह बहनों के 12 हजार और भाइयों के ‌12 हजार मिलाकर प्रतिवर्ष एक किसान परिवार को 24 हजार रुपए मिलेंगे।

70 लाख किसानों को दी गई 2 हजार रुपए की किस्त 

13 जून को मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में आयोजित किसान कल्याण महाकुंभ में केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री सिंह और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगल क्लिक से मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में 70 लाख 61 हजार किसानों के खाते में 1 हजार 400 करोड़ की राशि अंतरित की।

वहीं मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में वर्तमान 4 हजार रूपये की राशि को बढ़ा कर 6 हजार रूपये करने पर मुख्यमंत्री का आभार माना है। उन्होंने कहा कि अब केन्द्र सरकार की किसान सम्मान निधि 6 हजार रूपये की तरह ही प्रदेश सरकार भी 6 हजार रूपये देगी। प्रत्येक किसान परिवार को इस प्रकार से 12 हजार रूपये प्रतिवर्ष मिलेंगे।

44 लाख से अधिक किसानों को दी गई 2900 करोड़ रुपए की फसल बीमा राशि

फसल बीमा राशि का भुगतान

देश में किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत अतिवृष्टि, बाढ़, जल भराव, बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की फ़सलो को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है। इस कड़ी में 13 जून के दिन मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 44 लाख 49 हजार किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान कर दिया है। 

13 जून के दिन मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में किसान-कल्याण महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने राज्य के किसानों मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना-2023, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जारी की।

किसानों को दिए गए 6423 करोड़ रुपए

मध्यप्रदेश के राजगढ़ ज़िले में आयोजित किसान कल्याण महाकुंभ में केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री सिंह और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंगल क्लिक से मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना-2023 में 11 लाख किसानों के खाते में 2 हजार 123 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 44 लाख 49 हजार किसान के खाते में 2 हजार 900 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में 70 लाख 61 हजार किसान के खाते में एक हजार 400 करोड़, इस प्रकार 6 हजार 423 करोड़ रूपये की राशि अंतरित की।

इसमें मध्यप्रदेश के बीमित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2021-22 में हुए फसलों के नुकसान के लिए 2 हजार 900 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई। 

सरकार ने किसानों को जारी की भावांतर भरपाई योजना की राशि

भावांतर राशि का भुगतान

देश में किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष रबी एवं खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP जारी किया जाता है। सरकार किसानों से इस भाव पर ही फसलों की खरीद करती है। परंतु कई बार किसानों को समर्थन मूल्य MSP से भी बहुत कम भाव मिलते हैं जिससे उनकी फसल की लागत भी नहीं निकल पाती एवं किसानों को भारी नुकसान होता है। अभी हरियाणा में सूरजमुखी की खेती करने वाले किसानों के साथ यही हो रहा है जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने किसानों को भावांतर भरपाई करने की घोषणा की है।

हरियाणा सरकार ने किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए “भावांतर भरपाई योजना” शुरू की है, जिसके तहत मुख्यमंत्री ने अब प्रदेश के सूरजमुखी किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल अंतरित राहत दी है। इस राहत का आगामी समय में मूल्यांकन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक क्लिक के माध्यम सूरजमुखी किसानों के खातों में 29.13 करोड़ रुपये की अंतरिम भावांतर भरपाई राशि डाल दी है।

यहाँ की जा रही सूरजमुखी की खरीद

हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले में सबसे अधिक सूरजमुखी की पैदावार होती है और इसकी खरीद का मुख्य केन्द्र शाहबाद मंडी है। इसके अलावा, अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, पंचकूला जिले की आठ मंडियों में भी सूरजमुखी खरीद केन्द्र बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री के प्रयास से हैफेड द्वारा पहली बार सूरजमुखी फसल की खरीद आरम्भ की है और हैफेड ने मंडियों में खरीद के लिए अंत तक बने रहने की घोषणा की है। हरियाणा सरकार ने हैफेड को बाजार में खरीद के लिए उतारा है, जिससे किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके।

किसानों को 1000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से दिया जा रहा है भावांतर

हरियाणा सरकार के अनुसार शाहबाद अनाज मंडी में हैफेड ने कल 4850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सूरजमुखी की खरीद की है और अंतरित भावांतर भरपाई योजना के तहत मुख्यमंत्री की 1000 रुपये प्रति क्विंटल राहत की घोषणा के साथ ही अब हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद 5800 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। जबकि हरियाणा सरकार की मानें तो बाजारी भाव इससे कहीं है, कम इस समय पंजाब की मंडियों में सूरजमुखी की खरीद 3800 रुपये से 4200 रुपये के बीच हो रही है।

16 से 18 जून के दौरान यहाँ आयोजित किया जाएगा किसान मेला, किसानों को दिखाई जाएगी कृषि की नई तकनीकें

किसान मेला जून 2023

देश में किसानों को कृषि क्षेत्र की नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। कृषि, प्रौद्योगिकी और व्यापार के क्षेत्र में लोगों को एक मंच पर लाने और कृषि एवं संबंधित क्षेत्रो में समावेशित विकास सुनिश्चित करने में भी इस तरह के मेलों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इस कड़ी में कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को नवीनतम तकनीकों से रूबरू करवाने के लिए राजस्थान सरकार कृषक मेले का आयोजन करने जा रही है।

मेले में किसानों को कृषि तकनीकें किसानों को सिखायी जाएंगीं जिससे कम लागत में अधिक आय प्राप्त हो सके और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत बन सके। साथ ही मेले में स्टार्ट-अप्स से मुलाकात करवाई जाएगी। जिससे युवा कृषि के क्षेत्र में उद्यमी बन कर नए रोजगारों का सृजन कर सकेंगे। मेले में मनोरंजन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए फिल्म, साहित्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रखे जाएंगे।

कब किया जाएगा किसान मेले का आयोजन

राजस्थान के कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बताया कि दिनांक 16-18 जून को जे.ई.सी.सी. सीतापुरा, जयपुर में ‘राजस्थान किसान महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। साथ ही 23-24 जून को उदयपुर एवं 30 जून-01 जुलाई को जोधपुर में संभाग स्तरीय किसान मेलों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य स्तरीय किसान मेले में 50 हजार और संभाग स्तरीय मेले में 20-20 हजार किसान हिस्सा लेंगे।

मेले में किसानों के लिए क्या रहेगा खास

किसान महोत्सव में स्मार्ट फार्म, कृषि, बागवानी, पशुपालन, डेयरी, मत्स्यपालन व कृषि विपणन की विश्वस्तरीय तकनीकों का प्रदर्शन  किया जाएगा। साथ ही कृषि उत्पाद, औजार, बीज आदि की वृहद प्रदर्शनी लगायी जाएगी एवं अत्याधुनिक कृषि मशीनरी का प्रदर्शन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में किसानों के लिए जाजम चौपाल भी रखी गयी है जिसमें किसान विषय विशेषज्ञों से संवाद कर सकेंगे। कार्यक्रम में किसानों के लिए विषयवार सेमिनार और कृषक गोष्ठियों का कार्यक्रम भी रखा गया है।