कृषि क्षेत्र में पढ़ाई करने वाली छात्राओं को सरकार दे रही 40 हजार रुपए तक की प्रोत्साहन राशि, ऐसे मिलेगा लाभ 

कृषि क्षेत्र में पढ़ाई करने पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि

भारत प्राचीन काल से ही एक कृषि प्रधान देश है और इसे बनाए रखने में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। बुवाई से लेकर रोपण, सिंचाई, कटाई और भंडारण जैसे कार्यों में महिलाएं अपना योगदान देती हैं। ऐसे में आधुनिक कृषि में भी महिलाएँ अपनी भूमिका निभा सके इसके लिए राजस्थान सरकार द्वारा कृषि विषय लेकर अध्ययन करने वाली छात्राओं को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। 

राजस्थान सरकार ने बजट घोषणा 2023-24 में ‘राजस्थान युवा कृषक कौशल व क्षमता संवर्द्धन मिशन’ की शुरुआत की है। इसके तहत छात्राओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में तीन गुणा तक बढ़ोतरी की गई है। योजना के तहत छात्रों को 11वीं कक्षा से लेकर पीएचडी तक अध्ययन करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

छात्राओं को कितनी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी

राजस्थान के कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने जानकारी देते हुए बताया कि मिशन के तहत राज्य में कृषि विषय लेकर अध्ययन करने वाली 11वीं एवं 12वीं कक्षा की छात्राओं को प्रतिवर्ष 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार की राशि प्रदान की जाएगी। कृषि विज्ञान से स्नातक के विषयों जैसे कि उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण के साथ ही स्नातकोत्तर (एम.एस.सी. कृषि) में अध्ययन करने वाली छात्राओं को 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिये जाएंगे। इसी प्रकार कृषि विषय में पीएचडी करने वाली छात्राओं को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये प्रतिवर्ष (अधिकतम 3 वर्ष) प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

योजना का मुख्य उद्देश्य है कि बालिकाएं कृषि के क्षेत्र में नवीनतम विधाओं का अध्ययन करें और औपचारिक शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त करें, जिससे न केवल परिवार की आय बढ़ेगी बल्कि वे राज्य और देश की समृद्धि में भी योगदान दें। इस मिशन के माध्यम से कृषि शिक्षा के प्रति छात्राओं का रुझान बढ़ाने एवं बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की है।

योजना का लाभ किन छात्राओं को दिया जाएगा?

राजस्थान युवा कृषक कौशल व क्षमता संवर्द्धन मिशन का लाभ लेने के लिए छात्रा का राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक है। इसके अलावा राजकीय एवं राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय, महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में कृषि संकाय में अध्ययनरत होना आवश्यक है।

कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को राजस्थान युवा कृषक कौशल व क्षमता संवर्द्धन मिशन में आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेज जैसे जन आधार कार्ड, गत वर्ष की अंकतालिका और मूल निवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपलोड करना होगा।

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे करें?

मिशन में आवेदन की इच्छुक छात्राएँ ई-मित्र के माध्यम से अथवा स्वयं की एस.एस.ओ. आई.डी. से राज किसान साथी पोर्टल पर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकती हैं। योजना अथवा आवेदन के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए छात्राएं निकट के किसान सेवा केंद्र पर कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी या जिला स्तर पर उप निदेशक कृषि (विस्तार) से भी सम्पर्क कर सकती हैं।

मौसम चेतावनी: 24 से 26 मई के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

24 से 26 मई के लिए मौसम का पूर्वानुमान

वैसे तो देश में 25 मई से नौतपा शुरू हो जाएगा परंतु इस वर्ष नौतपे में अधिक गर्मी पड़ने की संभावना बहुत ही कम है। मौसम विभाग की माने तो इस वर्ष देश के अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में नौतपे की शुरुआत बारिश से हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो देश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। जिसके चलते देश के अधिकांश राज्यों में 24 से 26 मई के दौरान अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही गरज-चमक एवं वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि हो सकती है।

मौसम विभाग के मुताबिक़ पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सिक्किम, छत्तीसगढ़ राज्यों के अधिकांश जिलों में तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं बारिश होने की संभावना है। वहीं कुछ स्थानों पर बारिश एवं ओलावृष्टि हो सकती है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 24 से 26 मई के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, राजसमंद,  सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की संभावना है।

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 24 से 26 मई के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 24 से 26 मई के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 24 से 26 मई के दौरान बिहार के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहनाबाद, भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया जिलों में अनेक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज-चमक एवं बारिश होने की सम्भावना है। वहीं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

पंजाब एवं हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 24 से 26 मई के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की सम्भावना है।

वहीँ हरियाणा राज्य में 24 से 26 मई के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि  

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 24 से 26 मई के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, आज़मगढ़, अमेठी, बलिया, मऊ, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, बलरामपूर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज ज़िलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की संभावना है।

इसके अलावा झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, जौनपुर, शामली, वाराणसी, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर एवं चंदौली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है। 

सरकार ने दिए निर्देश, किसानों को 10 दिनों में दी जाएगी फसल बीमा योजना की राशि

फसल बीमा योजना राशि का वितरण

इस वर्ष रबी मौसम में बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि एवं खरीफ सीजन में अधिक वर्षा, बाढ़ तथा जल भराव से किसानों की फसलों को काफी अधिक नुकसान हुआ था, ऐसे में जिन किसानों ने फसलों का बीमा कराया था वह किसान आज भी बीमा राशि की राह देख रहे हैं। इस बीच हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिए कि अगले 10 दिनों में पात्र किसानों के खातों में मुआवजे की राशि भेज दी जाए।

कृषि मंत्री ने खरीफ 2022 सीजन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नामांकित किसानों के फसल खराबे के कारण हुए नुकसान के मुआवजे के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों तथा इंश्योरेंस कंपनियों के स्टेट हेड के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में राज्य की तीन इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किसानों को दिए गए मुआवजे की समीक्षा की गई।

समय पर बीमा राशि नहीं देने पर देना होगा 10 फ़ीसदी ब्याज

कृषि मंत्री श्री जे पी दलाल ने निर्देश दिए कि चूंकि इंश्योरेंस कंपनियों को सरकार की ओर से सब्सिडी जारी की जा चुकी है। इसलिए जिन इंश्योरेंस कंपनियों ने अभी तक मुआवजा राशि वितरित नहीं की है, वे 10 दिनों के अंदर अंदर राशि वितरित करना सुनिश्चित करें। अन्यथा उन पर 10 प्रतिशत ब्याज और जुर्माना लगाया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि इंश्योरेंस कंपनियां समयबद्ध तरीके से मुआवजा राशि का वितरण करे। यदि ऐसा नहीं होता तो सरकार उन्हें ब्लैक लिस्ट करने सहित अन्य सख़्त कदम उठाएगी।

उन्होंने कहा कि किसानी एक जोखिम भरा व्यवसाय है। प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को हुए नुकसान से किसान आर्थिक तौर पर कमजोर हो जाते हैं, ऐसे में यदि इंश्योरेंस कंपनियां किसानों को समय पर मुआवजा न वितरित करें तो इससे किसान बिलकुल टूट जाता है।

किसानों और बेरोजगार युवाओं को निःशुल्क दी जाएगी कृषि ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग, यहाँ करना होगा आवेदन

कृषि ड्रोन पायलट हेतु प्रशिक्षण

देश में कृषि क्षेत्र में आधुनिक मशीनों का उपयोग बढ़ाने, कृषि की लागत कम करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के उद्देश्य से सरकार कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार किसानों को ड्रोन की खरीदी पर भारी सब्सिडी के साथ ही प्रशिक्षण भी उपलब्ध करा रही है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों एवं बेरोजगार युवाओं से ऑनलाइन आवेदन माँगे है। इच्छुक किसान ड्रोन पायलट ट्रेनिंग हेतु आवेदन कर प्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।

हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 के दौरान किसानों को कृषि ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग बिना किसी शुल्क के दी जाऐगी। इस स्कीम के तहत इच्छुक आवेदक विभाग के पोर्टल www.agriharyana.gov.in  पर 13 जून, 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।

किसान एवं युवा शुरू कर सकेंगे अपना व्यवसाय

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल ने बताया कि विभाग द्वारा कृषि ड्रोन की पायलट ट्रेनिंग देने की बेहतर और कारगर योजना शुरू की है। इस योजना के तहत बेरोजगार युवा एवं किसान प्रशिक्षण लेकर अपना व्यवसाय आरम्भ कर सकते है। इसके तहत प्रशिक्षण लेकर कृषि की पैमाइश एवं अन्य कार्य सुचारू ढंग से कर सकते हैं। इस योजना से युवा एवं किसान न केवल तकनीकी प्रशिक्षण में दक्ष होंगे बल्कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे।

यह व्यक्ति कर सकते हैं ड्रोन प्रशिक्षण के लिए आवेदन

कृषि ड्रोन की पायलट ट्रेनिंग के लिए आवेदन के लिए किसान व बेरोजगार युवा की आयु 18 से 45 वर्ष, शैक्षणिक योग्यता दसवीं, वैध पासपोर्ट एवं सी.एच.सी. या ए.पी.ओ. के मैम्बर होना अनिवार्य है। कृषि मंत्री ने बताया कृषि क्षेत्र में चयन की प्रक्रिया के लिए विभागीय निर्देशानुसार अभ्यर्थी की आयु, शैक्षणिक योग्यता, सी.एच.सी./ ए.पी.ओ. में अनुभव एवं कृषि अनुभव के आधार पर दस्तावेज सत्यापन के उपरांत मेरिट लिस्ट बनाकर किया जाएगा।

ट्रेनिंग के लिए चयनित अभ्यर्थियों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए किसान एवं युवा संबंधित जिलों के सहायक कृषि अभियन्ता के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

बिजली चोरी करने वाले किसानों पर लगेगा 6 लाख रुपए का जुर्माना, सरकार ने सर्कुलर लागू करने से किया इनकार

किसानों पर कृषि क्षेत्र में बिजली चोरी करने पर जुर्माना

अभी भी देश में सभी किसानों तक बिजली नहीं पहुँची और न ही अधिकांश किसानों के पास सिंचाई के लिए नलकूप है। कई किसानों ने तो बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दे रखें हैं परंतु अभी तक उनके खेतों तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुँचे हैं, फिर भी हाल ही में हरियाणा बिजली निगम द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें किसान को बिजली चोरी करते हुए पाए जाने पर 6 लाख रुपए तक के जुर्माने की बात कही गई थी।

जिसपर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने बिजली निगमों द्वारा किसानों पर कृषि क्षेत्र में बिजली चोरी पर लगाए जाने वाले जुर्माना सर्कुलर को वापिस ले लिया है। उन्होंने कहा कि यह सर्कुलर एचईआरसी द्वारा की गई सिफारिश पर जारी किया गया था, लेकिन सरकार एचईआरसी के आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है।

लागू नहीं किया जाएगा सर्कुलर

मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि निगमों द्वारा जारी इस सरकुर्लर से किसानों पर बहुत बड़ा जुर्माना तय हो रहा था। इस सर्कुलर में जुर्माने की राशि 6 लाख रुपए तक बना दी गई थी। जबकि पहले किसी किसान का यदि कोई डिफॉल्ट मिलता था तो उस पर 2000 रुपए से लेकर 20000 रुपए तक जुर्माना लगता था। जैसे ही सरकार को इस सर्कुलर के बारे जानकारी मिली तो हरियाणा सरकार ने यह निर्णय लिया कि किसान हित में हम इस सर्कुलर को लागू नहीं होने देंगे।

उन्होंने कहा कि लगभग 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि सरकार द्वारा बिजली निगमों को कृषि क्षेत्र की फीडरों में सुधार के लिए दी जा रही है। साथ ही सरकार किसानों से 10 पैसे प्रति युनिट टयूबवैल की बिजली का बिल ले रही है, लेकिन जुर्माना भारी मात्रा में लगाना ठीक नहीं है।

सरकार ने जारी किए 61 हजार टयूबवैल  बिजली कनैक्शन

मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता में बताया कि सरकार ने 61500 नए टयूबवैल बिजली कनैक्शन जारी किए हैं। इसके अलावा कुसुम योजना के तहत भी 50 हजार से अधिक सोलर बिजली कनैक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार एक लाख से अधिक टयूबवैल बिजली कनैक्शन किसानों को देकर बहुत बड़ी राहत प्रदान की गई है।

उन्होंने किसानों का आह्वान किया है कि वे बिजली चोरी न करें। सरकार ने घरेलू व औद्योगिक बिजली के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है। इसके अलावा वर्ष 2014 में जो लाईन लोस 34 प्रतिशत था वह घटकर 11 प्रतिशत हो गया है। इससे बिजली निगमों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है।

अंत्योदय परिवारों के बिजली बिल किए जा रहे हैं माफ

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के अति गरीब परिवारों के लिए जिनके बिजली के कनेक्शन कट गए हैं उनको बड़ी राहत प्रदान करते हुए अंत्योदय ऊर्जा सुरक्षा योजना की घोषणा की गई है। इस योजना के तहत अंत्योदय परिवार, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से कम है और बिजली बिलों की बकाया राशि के कारण उनके बिजली के कनेक्शन कट चुके हैं, ऐसे परिवारों की बकाया राशि को माफ करके उन्हें बिजली के कनेक्शन तुरंत दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि ऐसे अंत्योदय परिवारों के बकाया बिजली बिलों की मूल राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 1 साल का औसतन बिजली बिल, जो भी कम हो, उतनी राशि उनसे ली जाएगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी परिवार का औसतन सालाना बिजली बिल 8000 या 10000 रुपए बनता है और उनकी कुल बकाया राशि 6000 रुपए है, तो इस 6000 रुपए की राशि में से 3000 रुपए की राशि ही ऐसे परिवारों से ली जाएगी और यदि किसी का बिल 20000 से ज्यादा है तो 1 साल का 10000 रुपए वही राशि ली जाएगी। इस राशि को भी किस्तों में अगले बिलों में जोड़ कर लिया जाएगा।

सभी गांवों में मिलेगी 24 घंटे बिजली

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है जहां ग्रामीण क्षेत्र के अंदर 80 प्रतिशत गांवों में 24 घंटे बिजली मिल रही है। वर्ष 2014 में 105 गांव में बिजली आपूर्ति होती थी, लेकिन हमारे प्रयासों के फलस्वरूप आज 5694 गांवों को 24 घंटे बिजली मिल रही है और इस वर्ष के अंत तक बाकी बचे गांवों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर व अन्य कमियों को दूर करके 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दायरे में लेकर आएंगे।

मौसम चेतावनी: 22 मई से 24 मई के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

22 मई से 24 मई के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश में अभी गर्मी ने जोर पकड़ा ही था कि एक बार फिर से हवा-आंधी एवं बादलों ने गर्मी की रफ़्तार पर ब्रेक लगा दिया है। देश में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ WD सक्रिय हो गया है। जिसके प्रभाव के चलते आगामी दिनों में देश के उत्तर एवं मध्य भारतीय राज्यों में आंधी-बारिश एवं ओला वृष्टि की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के अनुसार 22 से 24 मई के दौरान उत्तर-पश्चिमी एवं मध्य भारतीय राज्यों में आंधी-बारिश एवं ओला वृष्टि की गतिविधियों में इज़ाफ़ा होगा।

मौसम विभाग के मुताबिक़ राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, चंडीगढ़ राज्यों में 22 से 24 मई के दौरान अनेक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही वर्षा होने की संभावना है। वही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है। 

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 22 से 24 मई के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, देवास, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 22 से 24 मई के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झुंझुंनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं वर्षा होने की संभावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 22 मई से 24 मई के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगाँव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

पंजाब एवं हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 22 मई से 24 मई के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की सम्भावना है।

वहीँ हरियाणा राज्य में 22 मई से 24 मई के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है।

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 22 मई से 24 मई के दौरान बिहार के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहनाबाद, भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया जिलों में अनेक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज-चमक एवं बारिश होने की सम्भावना है। वहीं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि  

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 22 मई से 24 मई के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, बलिया, मऊ, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, चित्रकूट, बाँदा, महोबा, बहराइच, बलरामपूर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की संभावना है।

इसके अलावा ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, जौनपुर एवं शामली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की संभावना है। 

अब गर्म स्थानों पर भी किसान कर सकेंगे सेब की खेती, परीक्षण में निकले उत्साहजनक परिणाम

सेब की खेती के लिए किस्मों पर किया जा रहा है परीक्षण

देश में अभी तक सेब फल की खेती ठंडें स्थानों पर ही की जा सकती थी परंतु अब वैज्ञानिकों के द्वारा सेब की ऐसी क़िस्में विकसित की गई है जिनकी खेती गर्म जलवायु वाले स्थानों पर भी की जा सकती है। अभी हाल ही में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), कांके, रांची के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह की पहल पर फरवरी, 2022 में विवि के बायोडाइवर्सिटी पार्क एवं उद्यान विभाग में गर्म जलवायु में उपयुक्त सेब प्रभेदों पर अनुसंधान कार्य आरंभ किया गया है।

दोनों स्थानों पर अनुसंधान के लिए सेब के चार प्रभेदों के कुल 140 पौधे को पायलट ट्रायल के रूप में लगाया गया है। जिसे एक वैज्ञानिक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। ट्रायल में अभी तक उत्साहजनक नतीजे प्राप्त हुए हैं। 

सेब की इन किस्मों का किया जा रहा है परिक्षण

विश्वविद्यालय के बायोडाइवर्सिटी पार्क एवं उद्यान विभाग के फार्म में सेब के एन्ना, स्कारलेट स्पर, जेरोमीन एवं हरमन-99 प्रभेदों को लगाया गया है। जिसे वाईएस परमार वानिकी एवं उद्यान विश्वविद्यालय, नवनी, सोलन, हिमाचल प्रदेश से मंगाया गया है। वहीं किसानों की मांग और उत्सुकता को देखते हुए क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी, पलामू के फार्म में भी इस वर्ष फरवरी 2023 में सेब के चार प्रभेदों पर अनुसंधान प्रारंभ कराया गया है। इस केंद्र में चार प्रभेदों- एन्ना, हरमन – 99, गोल्डन डेसोर्ट एवं माईकल को लगाया गया है।

अभी तक परीक्षण में क्या नतीजे निकले?

बीएयू कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बायोडाइवर्सिटी पार्क में लगे सेब के पौधों का अवलोकन किया। मात्र 14 महीनों में ही पौधों के विकास, पौधे पर फुल एवं फल लगने के आरंभिक प्रदर्शन को देख कुलपति काफी उत्साहित एवं आशान्वित है। उन्होंने गर्म जलवायु में उपयुक्त सेब प्रभेदों के पौधे के विकास को उत्साहवर्धक बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वैज्ञानिकों द्वारा शोध अध्ययन के सार्थक एवं सकारात्मक परिणामों का आकलन किया जायेगा। पांच वर्षो के बाद ही पौधे बढ़िया फल देने योग्य हो पाएंगे।

अब आने वाले दिनों में इन चारों प्रभेदों में लगे फल का रूप, आकार, रंग, स्वाद एवं गुणवत्ता पर वैज्ञानिकों द्वारा शोध अध्ययन किया जायेगा। इन मापदंडो पर खरा उतरने, प्रति पौधा अच्छा उत्पादन एवं लाभ और राज्य की कृषि पारिस्थितिकी के अनुकूल होने पर निश्चित रूप से यह झारखंड के लिए वरदान साबित होगी। कुलपति ने बताया कि पलामू जिले के बहुत सारे किसान सेब की खेती को लेकर काफी उत्सुक है। किसान अपने स्तर से ही पौधे को मंगाकर अपने खेतों में पौधारोपण कर रहे है। सेब की सफल खेती हेतु वैज्ञानिक डाटाबेस का होना जरुरी है।

90 प्रतिशत पौधों का हुआ है अच्छा विकास

सेब की खेती के शोध से जुड़े उद्यान वैज्ञानिक डॉ अब्दुल माजिद अंसारी ने बताया कि आरंभिक तौर पर पार्क में 140 पौधे लगाये गये थे, इनमें 12 पौधे बढ़ नहीं पाये और करीब 90 प्रतिशत पौधों का विकास काफी अच्छा है। मात्र एक वर्ष दो महीनों में ही पौधे का काफी अच्छा विकास देखने को मिल रहा है। 

डॉ अंसारी ने बताया कि एन्ना प्रभेद के पौधे का विकास सबसे अच्छा है तथा फुल व फल भी लग चुके है। इस वर्ष फरवरी माह में ही एन्ना प्रभेद के पौधों में फुल लगने लगे और अप्रैल माह में पौधे पर फल भी लगने लगा। वहीं सेब की अन्य तीन प्रभेद जैसे- स्कारलेट स्पर, जेरोमीन एवं हरमन -99 में अभी फल नहीं लगे हैं। एन्ना प्रभेद में अध्ययन के लिए कुछ पेड़ो में फल रहने दिया गया है और अन्य पौधों के फल को हटा दिया गया है। अभी सभी पौधे काफी छोटे है और करीब पांच वर्षो के बाद ही पौधे बढ़िया फल देने योग्य हो पाएंगे। इसी वजह से अभी फल नहीं लिया जा रहा है।

तारबंदी, फार्म पौण्ड, डिग्गी एवं पाईप लाईन पर अनुदान के लिए इस तरह किया जा रहा है किसानों का चयन

फार्म पौण्ड, डिग्गी एवं पाईप लाईन एवं तारबंदी पर अनुदान हेतु किसानों का चयन

देश में किसानों को कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के प्रयोग एवं फसल उत्पादन हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है, जिनके तहत किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। पात्र किसानों को योजना का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा योजना के अंतर्गत किसानों से आवेदन माँगे जाते है।

बीते दिनों राजस्थान सरकार ने राज्य में किसानों से फार्म पौण्ड, डिग्गी, पाईप लाईन एवं तारबंदी आदि पर अनुदान हेतु आवेदन माँगे थे। राज्य के इच्छुक किसानों ने योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। ऐसे में अब कृषि विभाग द्वारा पात्र किसानों का चयन किया जा रहा है।

इस तरह किया जाएगा किसानों का चयन

पंत कृषि भवन में कृषि आयुक्त श्री काना राम की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा शुक्रवार को फार्म पौण्ड, डिग्गी, सिंचाई पाईप लाईन और तारबंदी के लिए प्राप्त आवेदनों का कम्प्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन किया गया। विभाग की योजनाओं में अनुदान हेतु किसानों द्वारा राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन किये जाते है। जिन जिलों में जिस श्रेणी में आवेदन लक्ष्य के 150 प्रतिशत से कम प्राप्त होते है उनका ‘पहले आओ – पहले पाओ’ के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा।

वहीं जिन जिलों और श्रेणी में आवेदन लक्ष्य के 150 प्रतिशत से अधिक प्राप्त होते हैं उन जिलों में कम्प्यूटरीकृत रैंडमाइजेशन प्रक्रिया अपनाई गई है। सभी जिलों को निर्देश दिये गये है कि वे अतिशीघ्र डिग्गी, फार्म पौण्ड, पाईप लाईन और तारबंदी के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी करें।

20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस का किया गया आयोजन, मधुमक्खी की किस्मों एवं पालन की तकनीकों का किया गया प्रदर्शन

विश्व मधुमक्खी दिवस 2023 आयोजन

मधुमक्खियों का पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में महत्व और जैव विविधता के सरंक्षण में उनके योगदान के बारे में जागरुकता पैदा करने हेतु, हर साल 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस (World Bee Day) मनाया जाता है। इस वर्ष 20 मई 2023 के दिन मध्य प्रदेश के वारासोनी बालाघाट के राजा भोज कृषि महाविद्यालय में विश्व मधुमक्खी दिवस आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ ही मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री, ओबीसी कल्याण आयोग के अध्यक्ष तथा एनडीडीबी के अध्यक्ष के साथ अन्य ने भाग लिया।

विश्व मधुमक्खी दिवस समारोह के दौरान, मधुमक्खी पालकों, प्रोसेसरों और मधुमक्खी पालन क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों द्वारा मधुमक्खी पालन क्षेत्र में मधुमक्खी की विविध किस्मों और विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए 100 से अधिक स्टालों के साथ एक प्रदर्शनी लगाई गई थी। कार्यक्रम में 1000 से अधिक किसानों, मधुमक्खी पालकों, प्रसंस्करणकर्ताओं, उद्यमियों और शहद उत्पादन से जुड़े सभी हितधारकों ने भाग लिया।

मधुमक्खी पालन के लिए 100 FPOs का किया जाएगा गठन

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि भारत सरकार की “10,000 एफपीओ योजना” के तहत सामूहिक विकास के लिए संस्थागत ढांचे को विकसित करके देश में मधुमक्खी पालकों को मजबूत करने के लिए 100 मधुमक्खी पालकों/शहद उत्पादकों और एफपीओ को एनबीएचएम के तहत आवंटित किया गया है। इसके लिए ट्राईफेड,नेफेड और एनडीडीबी का चयन किया गया है। इस क्रम में अब तक मधुमक्खी पालकों/शहद उत्पादकों के कुल 80 एफपीओ पंजीकृत हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र में शहद उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, जिसका उपयोग किसानों की आय बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए किया गया आयोजन

कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) को राष्ट्रव्यापी बनाना,मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है। एनबीएचएम भारत के छोटे और सीमांत किसानों के बीच वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन और उद्यमशीलता के समग्र प्रचार के लिए, कटाई के बाद के प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचा विकास और अनुसंधान के लिए समर्थन और “मीठी क्रांति” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के माध्यम से लागू किया जाता है।

इन विषयों पर दी गई जानकारी

कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर तीन तकनीकी सत्रों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। इसमें आय सृजन के लिए वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता, घरेलू और निर्यात बाजार के लिए प्रभावी विपणन रणनीतियों के माध्यम से विकास को बढ़ावा देना, उत्पादन प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन का अनुसंधान और विकास- अनुभव साझा करना और चुनौतियां, शहद उत्पादक इनसाइट्स में उत्पादक भागीदारी, विपणन चुनौतियां और समाधान (घरेलू/वैश्विक) जैसे विषय शामिल थे।

शहद परीक्षण प्रयोग शालाओं का किया गया उद्घाटन

इस अवसर पर माननीय कृषि मंत्री द्वारा जैसे क्षेत्रीय परीक्षण प्रयोगशाला- आईआईएचआर, बेंगलुरु, कर्नाटक, क्षेत्रीय परीक्षण प्रयोगशाला, आईएआरआई,आईएआरआई पूसा नई दिल्ली, मिनी शहद परीक्षण प्रयोगशाला शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेत्नॉलॉजी ऑफ कश्मीर, केवीके, कुपवाड़ा, जम्मू और कश्मीर, लघु शहद परीक्षण प्रयोगशाला, केवीके, दमोह, मध्य प्रदेश, लघु शहद परीक्षण प्रयोगशाला, बनासकांठा जिला सहकारिता दूध उत्पादन, यूनी. लिमिटेड पालनपुर, गुजरात, मिनी शहद परीक्षण प्रयोगशाला, कृषि महाविद्यालय, पाशीघाट, अरुणाचल प्रदेश; मिनी शहद परीक्षण प्रयोगशाला, निफ्टेम, सोनीपत, हरियाणा; मधुमक्खी रोग निदान केंद्र, एफसीआरआई, हैदराबाद, तेलंगाना आदि शहद परीक्षण प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया गया। 

साथ ही इस अवसर पर कृषि मंत्री ने उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बी बॉक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स- हनी एंड अदर बीहाइव प्रोडक्ट्स कलेक्शन सेंटर्स, ट्रेडिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग यूनिट्स का भी उद्घाटन किया। साथ ही लघु वीडियो फिल्म के माध्यम से शहद उत्पादन में महत्वपूर्ण उपलब्धियों को दिखाया गया। विभिन्न श्रेणियों के प्रतिभागियों को इस क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया। मधुमक्खी पालन पर विभिन्न शहद उत्पादों के स्टार्ट-अप/एफपीओ के विज्ञप्ति प्रकाशन का भी शुभारंभ किया गया।

शहद के उत्पादन में हो रही है लगातार वृद्धि

भारत की विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियां मधुमक्खी पालन/शहद उत्पादन के लिए काफी अनुकूल है। वर्ष 2021-22 के तीसरे पूर्व अनुमान के अनुसार भारत लगभग 1,33,200 मीट्रिक टन (एमटी) शहद का उत्पादन कर रहा है। भारत ने वर्ष 2020-21 के दौरान 74413 मीट्रिक टन प्राकृतिक शहद का निर्यात किया है जिसकी कीमत 1221 करोड़ (164.835 मिलियन अमेरिकी डालर) है। 

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए गुणवत्ता मानकों को बनाए रखते हुए मधुमक्खी पराग, मधुमक्खी मोम, रॉयल जेली, प्रोपोलिस और मधुमक्खी विष और अन्य मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देकर शहद के उत्पादन और परीक्षण को बढ़ाने के लिए जैसी वैज्ञानिक तकनीक अपनाई जा रही है। इससे मधुमक्खी पालकों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिली है और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में शहद और छत्ते के उत्पादों की मांग बढ़ी है।

भोजन का उत्पादन में मधुमक्खियों का है 90 फ़ीसदी योगदान

मधुमक्खियां स्वास्थ्य सेवा और अन्य क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों और अन्य उत्पादों को प्रदान करने में अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन मधुमक्खियों का काम इससे कहीं अधिक है। मधुमक्खियों और अन्य परागणकों का सबसे बड़ा योगदान लगभग तीन चौथाई पौधों का परागण है जो दुनिया के 90% भोजन का उत्पादन करते हैं। प्रभावी परागण से कृषि उपज की उपज में वृद्धि होती है और उनकी गुणवत्ता में सुधार होता है। इस प्रकार भारत में मधुमक्खी पालन एक महत्वपूर्ण कृषि-व्यवसाय गतिविधि है जो न केवल किसानों को बेहतर लाभ दे सकती है, साथ ही देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने में भी मदद करती है।

सब्सिडी पर अपने घरों पर सोलर पैनल लगवाने के लिए आवेदन करें

सोलर रूफटॉप पर अनुदान हेतु आवेदन

देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए आमजन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। इस कड़ी में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने आमजन एवं उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने घर, ग्रुप हाउसिंग सोसायटी की छत, लगी हुई खुली जगह पर सोलर पैनल लगायें और बिजली पर होने वाले खर्च को बचायें। कंपनी ने बताया है कि एक बार सोलर ऊर्जा पैनल लगाने से लगभग 25 साल तक निरंतर बिजली मिलती रहेगी।

सोलर से उत्पादित बिजली के मूल्य को देखते हुए सोलर पैनल लगाने पर हुए व्यय का भुगतान अगले 3-4 वर्ष में बराबर हो जाएगा। इसके बाद अगले 20 वर्ष तक सोलर से बिजली का लाभ सतत् मिलता रहेगा। कंपनी ने कहा कि सोलर पैनल लगाने से एक ओर जहॉं कार्बन फुटप्रिंट कम होगा वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा।

सोलर प्लांट पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी?

एक किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा पैनल के लिए लगभग 100 स्क्वायर फुट जगह की जरूरत होती है। भारत सरकार द्वारा आमजन/उपभोक्ताओं को 3 कि.वा. तक के सोलर प्लांट पर 40 प्रतिशत सब्सिडी और 3 किलोवाट के बाद 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत सब्सिडी एवं ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को कॉमन सुविधा वाले संयोजन पर 500 किलोवाट तक (10 किलोवाट प्रति घर) 20 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है।

कंपनी द्वारा अधिकृत एजेंसी, तकनीकी विवरण, सब्सिडी और भुगतान की जाने वाली राशि की जानकारी के लिए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निकटतम कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है अथवा कंपनी की वेबसाइट portal.mpcz.in के मुख्य पृष्ठ को देखा जा सकता है।

सोलर पैनल की क्षमता 

कुल सब्सिडी (रुपए में)

1 किलोवाट

14588

2 किलोवाट

29176

3 किलोवाट

43764

4 किलोवाट

51058

5 किलोवाट

58352

6 किलोवाट

65646

7 किलोवाट

72940

8 किलोवाट

80234

9 किलोवाट

87528

10 किलोवाट

94822

10 से 100 किलोवाट

94822

100 से 500 किलोवाट

94822

किसान सोलर पैनल अनुदान के लिए आवेदन कहाँ करें

उपभोक्ता द्वारा संदेश एप से सरलीकृत प्रक्रिया से केन्द्र सरकार के नेशनल पोर्टल www.solarrooftop.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन के बाद कंपनी के अधिकृत वेंडर्स से सोलर पैनल लगाने का कार्य कराया जा सकता है। सोलर रूफटाप योजना में मिलने वाली सब्सिडी की राशि केन्द्र सरकार द्वारा उपभोक्ता के खाते में स्वतः जमा करवा दी जायेगी।