पशु पालन विभाग ने पशु मित्र के लिए माँगे आवेदन, 5000 बेरोजगार युवाओं को मिलेगा लाभ

पशु मित्र के लिए आवेदन

देश में पशु पालकों को कई तरह की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें पशु टीकाकरण, पशु बीमा, कृत्रिम गर्भाधान एवं किसान क्रेडिट कार्ड आदि शामिल है। पशु पालकों को यह सभी सुविधाएँ आसानी से मिल सके एवं रोजगार के नए अवसर विकसित किए जा सके इसके लिए राजस्थान सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में 5,000 पशु मित्र नियुक्त करने का फैसला लिया था, जिसको देखते हुए राज्य के पशु पालन विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, राज्य के इच्छुक बेरोजगार युवा योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

राजस्थान सरकार की बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार पशुपालकों को डोर स्टेप पर पशु पालन विभाग की विभिन्न सुविधाओं जैसे टैगिंग, टीकाकरण, बीमा, नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान आदि से लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रदेश में पशुमित्र योजना शुरू की जा रही है। इस हेतु प्रदेश में 5,000 बेरोजगार युवा प्रशिक्षित पशुधन सहायक/ पशु चिकित्सकों को कार्य निष्पादन अनुसार निर्धारित मानदेय का लाभ दिया जाएगा एवं उन्हें पशुमित्र के नाम से पहचाना जाएगा। 

पशु मित्रों को करना होगा यह कार्य

पशुमित्र को (पशुचिकित्सक/ पशुधन सहायक) विभागीय गतिविधियां जैसे पशुओं की टैगिंग, कृत्रिम गर्भाधान, गर्भ परीक्षण, टीकाकरण, किसान क्रेडिट कार्ड आवेदन सम्बन्धी समस्याओं का समाधान, पशु बीमा के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करना, रोग-प्रकोप/आकस्मिक स्थिति में पशु चिकित्सा कार्य में सहयोग के साथ समय-समय पर विभागीय उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देशन में कार्य करना होगा। 

स्वरोजगार के लिए है योजना

पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने बताया कि योजना के तहत 5000 बेरोजगार युवा प्रशिक्षित पशुधन सहायक/ पशु चिकित्सकों को कार्य निष्पादन अनुसार निर्धारित मानदेय परिलाभ पर पशुमित्र के लिए आवेदन मांगे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना पूर्णतः स्वरोजगार के लिए है, इसलिए युवा पशुमित्र से यह अपेक्षित रहेगा कि पूर्ण सेवा भाव के साथ पशुपालकों के हितों के लिए कार्य संपादित करेंगे। उन्होंने कहा कि पशुपालन राज्य की अर्थव्यवस्था की मुख्य धुरी है। इसलिए राज्य में अन्य वर्गों के साथ पशुपालकों के हितों के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया जा रहा है।

पशु मित्र के लिए पात्रता

  • योजना के अंतर्गत पशु मित्र के लिए इच्छुक आवेदक (प्रशिक्षित बेरोज़गार पशु धान सहायक/ पशु चिकित्सक) को राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है।
  • पशु मित्र (पशु चिकित्सक) अभ्यर्थी का मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/महा विद्यालय से न्यूनतम बी.वी.एससी एंड ए.एच में उपाधि व राजस्थान राज्य पशु चिकित्सा परिषद में पंजीकृत होना अनिवार्य है।
  • इसके अतिरिक्त पशु मित्र (पशु सहायक) अभ्यर्थी का राजूवास से पंजीकृत/मान्यता प्राप्त संस्था से 2 वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा किया होना अनिवार्य होगा। 
  • बेरोजगार पशुधन सहायक, जो की पूर्व से पशुधन सेवा केंद्र संचालित कर रहे हैं, इस योजना के लिए पात्र होंगे।

पशु मित्र के लिए आवेदन एवं योजना की विस्तृत जानकारी डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें

अधिक पैदावार के लिए किसान इस तरह करें सोयाबीन का बीज तैयार, कृषि विभाग ने जारी की सलाह

सोयाबीन बीज की तैयारी

खरीफ सीजन में सोयाबीन एक प्रमुख तिलहन फसल है, देश के कई राज्यों में इसकी बुआई प्रमुखता से की जाती है। देश के कई क्षेत्रों में इसकी बुआई जून माह में शुरू हो जाती है। जिसको देखते हुए कृषि विभाग, बारां ने किसानों को सोयाबीन के बीज की तैयारी को लेकर सलाह जारी की है। ताकि सोयाबीन फसल की लागत को कम किया जा सके और अधिक पैदावार प्राप्त की जा सके।

कृषि विभाग के अनुसार सोयाबीन एक स्वपरागित फसल है अतः इसके बीज को हर वर्ष बदलने की आवश्यकता नहीं रहती इसका एक बार बीज बदल दिया गया है तो उसके बीज के उत्पादन को आगे आने वाले 2-3 वर्षों तक बुवाई के काम में लिया जा सकता है। जिससे फसल के उत्पादन पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ता है और ना ही उत्पादन में कमी आती है। अतः कृषकों से अपील की जाती है कि आपके पास उपलब्ध बीज अथवा अन्य कृषकों के पास उपलब्ध बीज को क्रय कर उसकी सफाई एवं स्पाइरल सीड ग्रेडर से ग्रेडिंग कर बीज तैयार कर बुवाई के काम में लें।

बीज बुआई से पहले करें अंकुरण की जाँच

संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार अतीश कुमार शर्मा, बारां ने बताया कि किसान साफ किए हुए बीज की बुवाई पूर्व अंकुरण की जांच अवश्य करें। सोयाबीन बीज के अंकुरण की जाँच के लिए 100 दाने लें और उन्हें गीले किए हुए टाट बोरे में रखें एवं प्रतिदिन टाट बोरे को पानी के छींटे देकर गीला करें। 2-3 दिन बाद बीजों का अंकुरण हो जाएगा यदि 100 दानों में से 70 दानों का स्वस्थ अंकुरण होता है तो 80 किलो बीज प्रति हैक्टेयर बुवाई हेतु काम लेवें, यदि अंकुरण 60 प्रतिशत तक होता है तो बीज दर उसी अनुपात में बढ़ा दें। उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत से कम अंकुरण होने पर बीज की बुवाई ना करें उसकी जगह दुसरा बीज काम लें। 

किसान यहाँ करा सकते हैं बीजों के अंकुरण की जाँच

कृषि विभाग द्वारा किसानों को बीजों के अंकुरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिससे किसान अपने पास रखे हुए बीज की अंकुरण जांच करवाना चाहे तो बीज परीक्षण प्रयोगशाला कारखाना बॉग कोटा द्वारा निशुल्क बीज की जांच करा सकते हैं। इसके लिए 1 किलोग्राम बीज का नमूना एक थैली में पैक कर उस पर अपना नाम व पता अंकित कर एक सादा कागज पर आवेदन कर सकते हैं। नमूना जांच के लिए सीधे भी भेज सकते हैं या संबंधित सहायक कृषि अधिकारी के माध्यम से कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि जिला परिषद में जमा करा सकते हैं।

संयुक्त निदेशक ने बताया कि जो कृषक अपने स्वयं का बीज बुवाई के काम में लेंगे उन्हें बाजार से महंगा बीज क्रय नहीं करना पड़ेगा और लागत में कमी आएगी एवं उत्पादन में भी कोई कमी नहीं आयेगी।

किसानों को स्पाइरल सीड ग्रेडर मशीन पर दिया जाता है अनुदान

राजस्थान सरकार द्वारा स्पाइरल सीड ग्रेडर पर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं लघु सीमान्त कृषकों को 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रुपए व सामान्य कृषकों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 8 हजार रुपए का अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिन कृषकों को स्पाइरल सीड ग्रेडर की आवश्यकता है वे अपना आवेदन ई-मित्र के माध्यम से राज किसान साथी पोर्टल पर कर सकते हैं।

67 हजार से अधिक किसानों को जारी की गई फसल नुकसान की मुआवजा राशि

फसल नुकसान का मुआवजा

इस वर्ष देश में रबी सीजन के दौरान बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ था। किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा विशेष गिरदावरी की गई थी, जिसके बाद अब हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों को फसल नुकसान की मुआवजा राशि जारी कर दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए 31 मई के दिन मार्च व अप्रैल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण रबी की फसल के नुकसान के लिए 181 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी की है।

मुख्यमंत्री ने एक क्लिक से ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में मुआवजा राशि को ट्रांसफर किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल भी मौजूद रहे। जिला उपायुक्त भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

67,758 किसानों के खातों में भेजी गई मुआवजा राशि

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने फसल क्षति का विशेष सर्वेक्षण किया था, जिसके अनुसार 18 जिलों में 2.09 लाख एकड़ में फसल की क्षति दर्ज की गई थी। आज गेहूं, सरसों और तोरिया फसलों के लिए 67,758 किसानों को 181 करोड़ रुपये की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में जारी की जा रही है।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों का शत-प्रतिशत पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें समय पर मुआवजा दिया जा सके।

सीधे किसानों के खाते में दी जाती है मुआवजा राशि

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे दिन गए जब किसान अपना मुआवजा पाने के लिए वर्षों इंतजार करते थे। वर्तमान राज्य सरकार ने ई-गवर्नेंस की दिशा में बढ़ते हुए यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को समय पर मुआवजा मिले। उन्होंने कहा कि ई क्षतिपूर्ति पोर्टल फसल नुकसान के समय आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
इस पोर्टल के माध्यम से मुआवजा राशि ‘मेरी फसल – मेरा ब्यौरा पोर्टल पर उपलब्ध करवाए गए किसान के सत्यापित खाते में सीधे जमा करवाई जाती है। इसके लिए मेरी फसल – मेरा ब्यौरा पोर्टल के अलावा और कहीं भी पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है ।

पीएम किसान योजना के तहत लगाए जा रहे हैं शिविर, 3 लाख से अधिक किसानों की समस्याओं का किया गया समाधान

प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु समाधान शिविर

देश में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत पात्र किसानों को 6,000 रुपए सालाना, 2 हजार रुपए की तीन किस्तों में दिए जाते हैं। देश में अभी तक किसानों को योजना के अंतर्गत 13 किस्तें दी जा चुकी हैं। वहीं किसानों को 14वीं किस्त अपने खाते में पाने के लिए ई-केवाईसी कराना ज़रूरी है। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को योजना का लाभ लेने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में शिविरों का आयोजन कर रही है। 

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने पीएम किसान सम्मान निधि वृहद संतृप्तीकरण अभियान की समीक्षा की। श्री शाही ने इस अभियान को तेज गति से आगे बढ़ाये जाने तथा वरिष्ठ अधिकारियों को भी विभिन्न जनपदों के शिविर में जाने, किसान भाइयों के भागीदारी के लिए प्रचार प्रसार बढ़ाने के निर्देश दिए है।

32 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में लगाए जा चुके हैं शिविर 

कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में अब तक 32,865 ग्राम पंचायतों में शिविर लगाये गये जहां 7,73,382 किसान आये जिसमें 3,07,760 किसानों का मौके पर ही अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा समाधान कर दिया गया। इसमें 75,205 किसानों की ई-केवाईसी, 51,203 किसानों का भूलेख अंकन, 80,435 किसानों का आधार सीडिंग, 38,289 किसानों के अन्य समस्याओं का समाधान 44,484 किसानों का ओपन सोर्स से पंजीकरण का निराकरण किया गया है।

14वीं किस्त लेने के लिए किसानों को कराना होगा ई-केवाईसी

कृषि मंत्री ने किसान भाइयों से अपील की है कि पीएम किसान की 14वीं किश्त मिल सके इसलिए आप शिविर में जाकर अपनी केवाईसी आधार कार्ड और बैंक खाते तथा भू-अभिलेख का सत्यापन अवश्य करा लें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे सप्ताह में कम से कम दो दिन गॉवों में भ्रमण कर किसानों से ई-केवाईसी करवायें। कृषि मंत्री ने स्थानीय सांसदों, विधायकों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया है कि वे किसानों को ई-केवाईसी कराने के लिए जागरूक करें तथा उन्हें यथासंभव सहायता प्रदान करें, जिससे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ समय से मिल सके।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन सभागार में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत समस्त पात्र कृषकों को लाभ दिलाने के लिए वृहद् संतृप्तीकरण अभियान का शुरू किया था। यह अभियान 24 मई से 10 जून 2023 तक संचालित किया जाएगा। अभियान के तहत सभी पात्र किसानों को योजना का लाभ दिलाने के लिए आधार वेरिफ़िकेशन ईकेवाईसी आदि कार्य किए जा रहे हैं, साथ ही योजना से जुड़ी उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है। 

मौसम विभाग ने जारी किया मानसून पूर्वानुमान, जानिए इस वर्ष जून महीने में कैसी होगी वर्षा

Weather Update: मानसून पूर्वानुमान 2023

लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ से देश के अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में आंधी-बारिश के साथ ही ओला वृष्टि का दौर जारी है। वहीं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने इस वर्ष के लिए मानसून सीजन (जून-सितम्बर) एवं जून माह के लिए मानसूनी वर्षा का अपना दूसरा पूर्वानुमान जारी कर दिया है। मौसम विभाग ने इस वर्ष पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतु वर्षा सामान्य (जून से सितंबर) में औसत एलपीए का 96 से 104 प्रतिशत तक होने की सम्भावना जताई है। मौसम विभाग ने अपने पहले पूर्वानुमान में भी यही संभावना व्यक्त की थी।

वहीं मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष मानसून 4 जून तक केरल आने की सम्भावना है, जो 4 दिन आगे पीछे हो सकता है। वहीं मौसम विभाग द्वारा जारी अपने दूसरे पूर्वानुमान में जून 2023 देश में सामान्य से कम वर्षा होने की भविष्यवाणी की है। वहीं अल नीनो का असर होने के बावजूद भी पश्चिम उत्तर क्षेत्र को छोड़कर देश में मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है।

मानसून सीजन (जून से सितंबर) में कैसी होगी वर्षा

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन में वर्षा उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से कम (एलपीए का 92%) होने की संभावना है। वहीं देश के अधिकांश वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में सामान्य वर्षा 94-106% रहने की सम्भावना है। वहीं चित्र में दिखाए अनुसार दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों, पूर्व मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों तथा पूर्वोत्तर और सुदूर उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की सम्भावना है। हालकिं उत्तर भारत और इससे सटे पश्चिम मध्य भारत के कई क्षेत्रों में प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भागों और हिमालय की तलहटी में वर्षा सामान्य या सामान्य से कम होने की सम्भावना है।

monsoon forecast statewise 2023
Source: https://mausam.imd.gov.in

चित्र में पीले रंगों से दर्शाए गए क्षेत्रों के अनुसार जून से सितंबर माह के दौरान जिनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात एवं बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्से शामिल है, में सामान्य या सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। वहीं चित्र में दर्शाए गए नीले रंगों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, लद्दाख, उत्तर-पूर्वी राज्यों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।  

जून महीने में कैसी रहेगी मानसूनी वर्षा

वहीं जून महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है केवल दक्षिण प्रायद्वीपीय, उत्तर-पश्चिमी एवं सुदूर उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इक्का दुक्का क्षेत्रों को छोड़कर जहां सामान्य से अधिक वर्षा होने की सबसे अधिक सम्भावना है। वहीं जून में देश के अधिकांश हिस्सों में मासिक अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक होने की सम्भावना है केवल सुदूर उत्तर और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर जहां मासिक अधिकतम तापमान क्रमशः सामान्य से कम और सामान्य रहने की सम्भावना है।

monsoon rain forecast for june 2023
जून 2023 के लिए वर्षा की संभावना Source: https://mausam.imd.gov.in

चित्र में पीले रंगो से दर्शाए गए क्षेत्रों जिनमें महाराष्ट्र, उड़ीसा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश सिक्किम, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं दिल्ली राज्य शामिल है। इन राज्यों में जून माह में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। वहीं चित्र में नीले रंगों से दर्शाए गए क्षेत्रों जिनमें तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, लद्दाख, एवं उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।

जून महीने में यहाँ आयोजित किए जाएँगे कृषि मेले, किसानों को सिखाई जाएगी नई तकनीके

कृषि मेलों का आयोजन जून 2023

देश में किसानों को कृषि क्षेत्र की नई तकनीकों से अवगत करवाने, खेती किसानी में आ रही समस्याओं के समाधान एवं योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार जून महीने में राज्य स्तरीय एवं संभाग स्तरीय मेलों का आयोजन करने जा रही है। कृषि मेलों की तैयारी को लेकर कृषि एवं उद्यानिकी शासन सचिव, डॉ. पृथ्वी की अध्यक्षता में मंगलवार को पंत कृषि भवन में बैठक आयोजित की गई।

बैठक में शासन सचिव ने मेले में की जा रही तैयारियों की कमेटियों के संबंधित अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली और आयोजन में आ रही समस्याओं के जल्द निस्तारण के लिये उचित दिशा-निर्देश दिये। बैठक में जून महीने में आयोजित होने वाले मेलों की जानकारी दी गई।

यहाँ किया जाएगा कृषि मेले का आयोजन

बैठक में शासन सचिव ने बताया कि 16 से 18 जून 2023 के दौरान जे.ई.सी.सी. सीतापुरा, जयपुर में राज्य स्तरीय मेले का आयोजन किया जा रहा है साथ ही 23 से 24 जून को उदयपुर एवं 30 जून एवं 01 जुलाई को जोधपुर में संभाग स्तरीय मेलों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य स्तरीय मेले में 50 हजार और संभाग स्तरीय मेले में 20—20 हजार कृषक हिस्सा लेंगे।

इस अवसर पर शासन सचिव ने कहा कि राजस्थान में कृषि उत्पादकता और किसानों को नवीनतम तकनीकों से रूबरू करवाने के लिए राज्य सरकार कृषक मेलों का आयोजन कर रही है ताकि कृषि, प्रौद्योगिकी और व्यापार के क्षेत्र में लोगो को एक मंच पर लाया जा सके जिससे कृषि और संबंधित क्षेत्रों में समावेशित विकास सुनिश्चित करने के लिए यह अनूठी पहल खेती, प्रौद्योगिकी, शिक्षाविदों और निति सहित सभी क्षेत्र के हितधारको को स्थिरता और आर्थिक व्यवहारिता में सुधार की प्रक्रिया उत्प्रेरित करने के लिए अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकें।

मेले में किसानों को सिखाई जाएगी नई तकनीकें

कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि तीन-दिवसीय मेले में नयी तकनीके कृषकों को सिखायी जाएगी जिससे कम लागत में अधिक आय प्राप्त हो सके और कृषक आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे। कृषि आयुक्त ने कहा कि मेले का उद्देश्य किसानों को नवीनतम तकनीकी की जानकारी, आधुनिक कृषि पद्वतियों का प्रचार, कृषि क्षेत्र में नये विचारों और उद्यमशीलता समाधानों की प्रदर्शनी के लिए विभिन्न हितधारकों को मंच प्रदान करना एवं नये व्यवसायिक अवसरों और विकास के रास्ते तक पहुंच प्रदान करना है। 

सरकार ने किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देने के लिए जारी किए दिशा निर्देश, किसानों को ऐसे मिलेगा योजना का लाभ

कृषि यंत्र अनुदान योजना के लिए दिशा निर्देश

देश में कृषि की लागत कम करने एवं खेती में नई तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर भारी अनुदान दिया जाता है। इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रहीं है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने इस वर्ष अपने बजट 2023-24 में राजस्थान कृषि तकनीकी मिशन के तहत कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने की घोषणा की थी। जिसके तहत किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दिया जाना है। 

राजस्थान में कृषि तकनीकी मिशन के तहत कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के अंतर्गत किसानों को कृषि यंत्र खरीदने पर अनुदान दिया जाना है। इस हेतु कृषि विभाग ने कृषि यंत्र अनुदान वितरण कार्यक्रम वर्ष 2023-24 के लिए दिशा निर्देश जारी किये हैं।

कृषि यंत्रों पर कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा ?

किसानों को अनुमोदित कृषि यंत्रों पर भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप निर्धारित सीमा तक अनुदान दिया जा सकता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत एवं महिला कृषकों के लिए कृषि यंत्र की लागत राशि का अधिकतम 50 प्रतिशत तक एवं अन्य श्रेणी के कृषकों के लिए कृषि यंत्र की लागत राशि का अधिकतम 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। कृषकों को स्वीकृत अनुदान राशि का भुगतान केवल आवेदक के जन आधार से जुड़े खाते में ही दिया जाएगा।

इन किसानों को दिया जाएगा कृषि यंत्र खरीदने के लिए अनुदान Subsidy

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जीआर मटोरिया, श्रीगंगानगर ने बताया कि जारी दिशा निर्देश के अनुसार किसान के नाम पर कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व होना चाहिए। किसान के स्वयं के नाम से भू-स्वामित्व नहीं होने की स्थिति में या नामांतरण के अभाव में कृषक द्वारा स्वयं के पक्ष में भू-स्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाण पत्र राजस्व विभाग से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत किया जाता है, तो ऐसे किसान भी अनुदान हेतु पात्र माने जाएंगे। एक किसान को विभाग की किसी भी योजना में एक प्रकार के कृषि यंत्र पर 3 वर्ष की कालावधि में केवल एक बार ही अनुदान दिया जाएगा।

एक किसान को एक वित्तीय वर्ष में केवल एक ही कृषि यंत्र पर किसी भी एक योजना में अनुदान दिया जा सकेगा। ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्र खरीदने के लिए आवेदक के स्वयं के नाम से ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है, आवेदक के स्वयं के नाम से न होकर परिवार के अन्य सदस्य के नाम से ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन होने की स्थिति में रजिस्ट्रेशन धारक का शपथ पत्र देना अनिवार्य है।

कृषि यंत्र अनुदान हेतु आवश्यक दस्तावेज

राज्य में किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन किए जाने वाले आवेदन पत्र के साथ कृषक को नवीनतम जमाबंदी की नकल जो कि 6 माह से अधिक पुरानी ना हो, प्रस्तुत करनी होगी। आवेदन हेतु जन आधार कार्ड संख्या देना अनिवार्य होगा। जिन कृषकों का जन आधार पर लघु एवं सीमांत कृषक श्रेणी में पंजीयन है, उनको ही लघु एवं सीमांत कृषक मानते हुए अनुदान हेतु पात्र समझा जाएगा।

यदि जन आधार में लघु या सीमांत कृषक के पंजीयन की सुविधा नहीं हो तो ऐसी स्थिति में कृषकों को आवेदन के समय सक्षम स्तर से जारी लघु या सीमांत श्रेणी कृषक का प्रमाण पत्र साथ लगाना होगा। ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्र क्रय करने के लिए ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन की प्रति या आवश्यक होने पर शपथ पत्र सलंग्न करना होगा। कृषक को क्रय किए जाने वाले कृषि यंत्र का कोटेशन सलंग्न करना अनिवार्य होगा।

सब्सिडी पर कृषि यंत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन प्रक्रिया

किसान नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर अथवा स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार नंबर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र को ई-प्रपत्र में भरा जाएगा एवं आवश्यक दस्तावेज को स्कैन कर अपलोड करना होगा। खरीद किए जाने वाले कृषि यंत्र का नाम एवं उसकी बीएचपी श्रेणी का पोर्टल पर चयन करना होगा। आवेदक को आवेदन पत्र की प्राप्ति रसीद ऑनलाइन प्राप्त होगी एवं आधार में पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस प्राप्त होगा।

आवेदन पत्र की ऑनलाइन जांच के समय आवेदन में कोई कमी पाए जाने पर आवेदक को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर इसका एसएमएस भेजा जाएगा। आवेदक को 15 दिवस के अंदर राज किसान साथी पोर्टल पर कमी की पूर्ति करनी होगी अन्यथा 15 दिवस के बाद आवेदन निरस्त हो जाएगा। आवेदनकर्ता आवेदन के पश्चात राज किसान सुविधा मोबाइल एप पर अथवा राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन की स्थिति की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन प्रपत्र नहीं लिए जाएंगे।

किसानों को पंजीकृत निर्माता या विक्रेता से ही खरीदना होगा कृषि यंत्र

राज्य के किसी भी जिले में पंजीकृत निर्माता या विक्रेता जिनकी सूची राज किसान साथी पोर्टल या राज किसान सुविधा मोबाइल एप पर प्रदर्शित हो, से कृषि यंत्र क्रय करने पर ही किसान को अनुदान दिया जाएगा । कृषकों को कृषि यंत्रों पर अनुदान उनकी कुल लागत (मशीन/उपकरण की कीमत समस्त कर/लागू जीएसटी सहित) पर देय होगा।

प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के पश्चात् क्रय किए गए कृषि यंत्रों पर ही अनुदान देय होगा। प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के दिनांक से पहले क्रय किए गए कृषि यंत्रों पर कोई अनुदान देय नहीं होगा।

इस तरह किया जाएगा किसानों का चयन

अनुदान के लिए वही किसान पात्र होंगे जिन्होंने पिछले 3 वर्षों में आवेदित कृषि यंत्र पर अनुदान नहीं लिया हो। जिले में श्रेणीवार “पहले आओ-पहले पाओ” के आधार पर ही ऑनलाइन वरीयता क्रम से आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा, लेकिन जिले में आवेदन श्रेणीवार लक्ष्यों से डेढ़ गुना से अधिक प्राप्त होते हैं तो रेंडमाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

23 लाख किसानों को फ्री में दिए जाएँगे इन फसलों के प्रमाणित बीज, मुख्यमंत्री ने दी योजना को मंजूरी

किसानों को फ्री बीज वितरण योजना

देश में विभिन्न फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न फसलों के उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जाते हैं। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने राज्य में किसानों को विभिन्न प्रमुख फसलों के प्रमाणित बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सरकार ने इसके लिए 128.57 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

राजस्थान में सरकार ने राज्य के 23 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को प्रमुख फसलों के प्रमाणित किस्मों के बीज मिनिकिट निःशुल्क वितरित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इसके लिए 128.57 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

किसानों को इन फसलों के बीज दिए जाएँगे निःशुल्क

राज्य में प्रत्येक किसान को बीज मिनिकिट में संकर मक्का के 5 किलोग्राम, सरसों के 2 किलोग्राम, मूंग व मोठ के 4-4 किलोग्राम एवं तिल के 1 किलोग्राम प्रमाणित किस्मों के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। जनजातिय कृषकों हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा तथा गैर जनजातिय कृषकों हेतु कृषि विभाग द्वारा बीज मिनिकिट की खरीद राजस्थान राज्य बीज निगम/राष्ट्रीय बीज निगम से की जाएगी। इन मिनिकिट का वितरण कृषि विभाग द्वारा राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि राज्य में बीज उत्पादन बढ़ाने तथा लघु और सीमांत किसानों को निःशुल्क बीज उपलब्ध कराये जाने के लिए ‘राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन’ चलाया जा रहा है। इस मिशन के उत्कृष्ट परिणामों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी। 

मौसम चेतावनी: 29 से 31 मई के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

Weather Update: 29 से 31 मई के लिए मौसम का पूर्वानुमान

देश में इस वर्ष लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ ने नौतपे में पड़ने वाली तपिश एवं लू से तो राहत दी है परंतु तेज हवा-आंधी एवं बारिश ओलावृष्टि से आमजन को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के अनुसार देश में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है जिसके चलते 31 मई तक देश के उत्तर भारतीय राज्यों में अधिकांश जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि हो सकती है। 

मौसम विभाग के अनुसार अभी देश में एक परिसंचरण तंत्र दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान व आसपास के क्षेत्रों के ऊपर बना हुआ है। साथ ही एक टर्फ़ लाइन राज्य से होकर उत्तर प्रदेश तक बनी हुई है। वहीं एक परिसंचरण तंत्र छत्तीसगढ़ से तमिलनाडु तक बना हुआ है जिसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड राज्यों के अधिकांश जिलों में आंधी बारिश के साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि हो सकती है। 

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 29 से 31 मई के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में अनेक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 29 से 31 मई के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर,  बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जलौर, जोधपुर नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 29 मई के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, कबीरधाम, राजनंदगाँव जिलों में वहीं 29 से 30 मई के दौरान गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद वहीं 29 से 31 मई के दौरान बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में अनेक स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की सम्भावना है। साथ ही कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हो सकती है।

पंजाब एवं हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 29 से 31 मई के दौरान के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। वहीं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की सम्भावना है।

वहीँ हरियाणा राज्य में 29 से 31 मई के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ ही गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। वहीं कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि होने की सम्भावना है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 29 से 31 मई के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, चित्रकूट, बाँदा, महोबा, झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, सहारनपुर, मुज्जफरनगर एवं शामली, ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है। 

झारखंड के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग के राँची केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 29 से 31 मई के दौरान झारखंड राज्य के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हज़ारीबाग़, जामताड़ा, खुटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदग्गा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, राँची, साहिबगंज, सराइकेला खरसावाँ, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम जिलों में अनेक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज-चमक एवं बारिश होने की सम्भावना है।

गाय की इन नस्ल पालने वाले किसानों ने जीता 2 लाख रुपए का पुरस्कार, जानिए कितना दूध देती हैं यह गाय

उन्नत नस्ल की दुधारु गायों के विजेता को मिला पुरस्कार

देश में देसी गोवंश के संरक्षण एवं किसानों को इन गायों को पालने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है। इसमें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश एवं देश की देसी गायों को पालने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए “मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना” चलाई जा रही है। योजना के तहत राज्य में 1 फरवरी से लेकर 15 फरवरी के दौरान प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। जिसमें राज्य स्तर पर जितने वाले किसानों को 28 मई के दिन पुरस्कृत किया गया।

मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने बड़वानी जिले के ग्राम धाबाबावड़ी के भीमा नायक प्रेरणा केन्द्र में रविवार को मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में गो-पालकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरित किये। इसमें सबसे अधिक दूध देने वाली देसी गाय पालने वालों को पुरस्कार दिया गया।

प्रदेश की मालवी नस्ल की गाय को मिला प्रथम पुरस्कार

मंत्री श्री पटेल ने प्रदेश की मूल गो-वंशीय नस्ल की गायों की प्रतियोगिता में मालवी नस्ल की गाय द्वारा प्रतिदिन औसत 14.760 लीटर दूध देने पर गो-पालक शाजापुर निवासी श्री आशीष शर्मा को 2 लाख रूपये का प्रथम पुरस्कार, मालवी नस्ल की गाय द्वारा 12.882 लीटर दूध देने पर गो-पालक बांदरबेला, बड़नगर निवासी श्री घनश्याम प्रजापत को एक लाख रूपये का द्वितीय पुरस्कार तथा निमाड़ी नस्ल की गाय द्वारा प्रतिदिन औसत 11.96 लीटर दूध देने पर गो-पालक पटलावद, धरमपुरी निवासी श्री दीपक वर्मा को 50 हजार रूपये का तृतीय पुरस्कार, प्रमाण-पत्र एवं प्रतीक-चिन्ह देकर पुरस्कृत किया। कार्यक्रम में संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ. आर.के. मेहिया भी मौजूद थे।

देश की गिर नस्ल की गाय को मिला प्रथम पुरस्कार

वहीं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों की प्रतियोगिता में गिर नस्ल की गाय द्वारा प्रतिदिन औसत 25.21 लीटर दुग्ध उत्पादन करने पर नयागाँव जिला छतरपुर निवासी गो-पालक श्री राजमणी यादव को 2 लाख रूपये का प्रथम, गिर नस्ल की गाय द्वारा प्रतिदिन औसत 22.45 लीटर दुग्ध उत्पादन पर ग्वालटोली जिला नीमच के गोपालक श्री नीलू मुरारी दीवान को एक लाख रूपये का द्वितीय पुरस्कार और साहीवाल नस्ल की गाय द्वारा प्रतिदिन औसत 20.99 लीटर दुग्ध उत्पादन करने पर कथुरा बेढ़न जिला सिंगरौली निवासी गो-पालक श्री रावेन्द्र कुमार पाण्डे को तृतीय पुरस्कार 50 हजार रूपये, प्रमाण-पत्र एवं प्रतीक-चिन्ह देकर पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम में इन्हें भी किया गया सम्मानित

पशुपालन मंत्री श्री पटेल ने बड़वानी जिले के प्रगतिशील कृषक सर्वश्री जगदीश, संजय भाई, अन्नू मेहता, महेन्द्र गोस्वामी, संतोष पाटीदार, हितेन्द्र पाटीदार और राधेश्याम धनगर को शॉल-श्रीफल देकर सम्मानित किया। उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम में जन-प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में पशुपालक मौजूद थे।

क्या है मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना

पशुपालन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश की मूल नस्ल की गाय- मालवी, निमाड़ी और केनकथा के साथ भारतीय उन्नत नस्ल के गो-पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश की मूल गोवंश एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू नस्लों को शामिल किया गया है। जिसमें मध्य प्रदेश की मूल गौवंशीय नस्ल प्रतियोगिता 15 जिलों आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, इंदौर, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी में की जाती है। प्रदेश की मूल गौवंशी नस्ल-मालवी, निवाड़ी और केनकथा नस्ल गाय का प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन 4 लीटर या अधिक और भारतीय गाय का 6 लीटर या उससे अधिक होना चाहिए। इस प्रतियोगिता में भी ज़िला स्तर एवं राज्य स्तर पर प्रथक पुरस्कार दिए जाते हैं।

दोनों प्रकार की गायों में जितने वालों ज़िला स्तर पर एवं प्रादेशिक स्तर पर पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान किया गया है। जिसमें दोनों प्रतियोगिताओं में जिला स्तरीय प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार क्रमश: 51 हजार, 21 हजार और 11 हजार रूपये दिया जाता है। इसी तरह राज्य स्तरीय पुरस्कार भी क्रमश: 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रूपये का होगा। तीनों पुरस्कार के अलावा शेष प्रतियोगी गायों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाते हैं।