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शुक्रवार, मई 3, 2024
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वर्ष 2021-22 हेतु गेहूं, चना एवं सरसों सहित अन्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि

रबी फसलों हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 2021-22

वर्ष 2021–22 के रबी मौसम हेतु देश भर के किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया गया है | प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्री मंडल समिति ने रबी विपणन मौसम (आरएमएस) 2021–22 की सभी अधिदेशित रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में वृद्धि संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है |

रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य ऐसे समय में जारी किया गया है, जब देश भर के किसान कृषि संबंधित बिल को लेकर आँदोलन कर रहे हैं | जहाँ किसानों के बीच इस बात की शंका है की उनकों न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पायेगा | इस आशंका को दूर करने के उद्देश्य से  केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया है |

न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपये से 300 रुपये तक की वृद्धि

पोषण आवश्यकताओं और बदलती आहार शैली को देखते हुए और दलहनों और तिलहनों के उत्पादन में आत्मनिर्भर प्राप्त करने के लिए सरकार ने इन फसलों के लिए तुलनात्मक रूप से उच्चतर एमएसपी निर्धारित की है | न्यूनतम समर्थन मूल्य में उच्चतम बढ़ोतरी की घोषणा मसूर के लिए 300 रूपये प्रति क्विंटल के साथ – साथ चना तथा रेपसीड और सरसों प्रत्येक के लिए 225 रूपये प्रति किन्टल तथा कुसुम में 112 रूपये प्रति क्विंटल की गई है | इसी प्रकार जौ तथा गेहूं के लिए क्रमश 75 रूपये प्रति क्विंटल तथा 50 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा की गई है |

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विपणन मौसम 2021–22 की रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP

फसलें
न्यूनतम समर्थन मूल्य 2020 – 21
न्यूनतम समर्थन मूल्य 2021 – 22
उत्पादन का लागत
एमएसपी में वृद्धि (रूपये / प्रति क्विंटल)
लगत के ऊपर मुनाफा प्रति क्विंटल

गेहूं

1925

1975

960

50

106

जौ

1525

1600

971

75

65

चना

4875

5100

2866

225

78

मसूर

4800

5100

2864

300

78

रेपसीड एवं सरसों

4425

4650

2415

225

93

कुसुम

5215

5327

3551

112

50

कृषि लागत  में इन व्यय को शामिल किया गया है

वर्ष 2020–21 का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया गया है | सरकार के तरफ से बताया गया है कि लागत मूल्य में कृषि में सभी प्रकार के खर्च को शामिल किया गया है | जो इस प्रकार है :-

  • मानव श्रम
  • बैल श्रम/मशीन श्रम
  • पट्टा (भूमि के लिए दिया गया किराया)
  • बीज
  • उर्वरक / खाद
  • सिंचाई प्रभार (सिंचाई उपकरण, विधुत, तथा डीजल, विधि व्यय)
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इन योजनाओं के तहत की जाएगी दलहन/तिलहन की खरीदी

केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के द्वारा देश के सभी राज्य में विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाये जा रही हैं | इन सभी योजनाओं के तहत दलहन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी | दलहन  की खरीदी के लिए इन सभी योजनाओं को शामिल किया जायेगा | प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) जिसमें मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), भावन्तर भुगतान योजना (पीडीएस) और प्रयोगिक निजी खरीद तथा भंडारण योजना (पीपीएसएस) शामिल है | यह सभी योजना के तहत दलहन तथा तिलहन की खरीदी किया जायेगा |

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53 टिप्पणी

  1. सर,मैं बिहार से हूँ।मेरे यहाँ धान खरीद का काम पैक्स अध्यक्ष के द्वारा होता है।मैं जानना ये चाहता हूँ कि धान बिक्री के समय जो पंजीकरण हुआ था ये वही रबी फसल के लिए भी रहेगा या उसके लिए फिर से पंजीकरण कराना होगा।हमारे यहाँ रबी फसल पैक्स में देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।बीच मे बिचौलिये हम किसानों से औने पौने भाव मे खरीद कर और अच्छे दामों में सरकार को बेच देते है।

    • किस राज्य से हैं ? जिस मंडी में बेचा है वहीँ संपर्क करें या जिस एजेन्सी द्वारा क्रय किया गया है उसके टोल फ्री नम्बर पर बात करें |

    • आप मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करें | यदि पंजीयन नहीं हो पाता है तो अपने यहाँ के खरीदी केंद्र पर सम्पर्क करें |

    • तहसील स्तर पर भी होगी जिले में आवश्यकता के अनुसार खरीदी केंद्र बनाये गए हैं यदि आपका पंजीकरण है तो आपके पास मेसेज आ जायेगा |

    • जी मध्यप्रदेश में 22 मार्च से इन्दौर तथा उज्जैन संभाग में रबी फसल की सरकारी खरीदी की जावेगी तथा शेष संभागो में 1 अप्रैल से रबी फसल की खरीदी शुरू की जाएगी |

    • जी क्षमा करें सर देरी के लिए | सर मूंगफली की खरीदी होती है कुछ केन्द्रों पर जहाँ इसकी उपज ज्यादा होती है | अभी पंजीकरण शुरू नहीं हुए हैं | अभी खरीफ में मक्का और धान दो ही फसलों की खरीद हेतु पंजीकरण हुए है एवं खरीदी चल रही है |
      https://fcs.up.gov.in/

  2. गेहूं का समर्थन मूल्य 2१००₹होना चाहिए तभी किसान खुशहाल होगा आमदनी दुगनी होगी लागत ज्यादा मुनाफा कम किसान को चाहिए उसका भाव गेहूं का

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