इस योजना के तहत गाय-भैंस खरीदने के लिए सरकार देगी 90 प्रतिशत का अनुदान, ऐसे करें आवेदन

मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम के तहत अनुदान

ग्रामीण क्षेत्रों में गाय-भैंस पालन रोजगार का एक अच्छा जरिया होने के साथ ही किसानों की आमदनी का मुख्य स्त्रोत भी है, खेती से अधिक आय किसानों को पशुपालन से ही होती है। पशुपालन के महत्व को देखते हुए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजना चला रही है, जिसके तहत इच्छुक व्यक्तियों को दुधारू पशु खरीदने के लिए भारी अनुदान दिया जा रहा है।

इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम’’ को संशोधित करते हुए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’’ के रूप में लागू किया है। योजना में अब लाभार्थी को दुधारू गाय के अलावा भैंस खरीदने के लिए भी अनुदान दिया जाएगा। साथ ही गाय-भैंस खरीदने के लिए दिए जाने वाले अनुदान में भी वृद्धि भी की गई है।

गाय-भैंस खरीदने के लिए अब कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा?

मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि योजना के अंतर्गत प्रति पशुपालक 2 दुधारू पशु गाय/भैंस दिए जाएँगे। कार्यक्रम में 90 प्रतिशत शासकीय अनुदान दिया जाएगा और लाभार्थी को सिर्फ 10 प्रतिशत राशि ही देना होगा। क्रय किये गये सभी पशुओं का बीमा भी योजना के तहत किया जाएगा। मिल्क रूट और दुग्ध समितियों का गठन मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ और पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।

साथ ही कार्यक्रम का लाभ अब विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के साथ सहरिया और भारिया को भी मिलेगा। इन जनजातियों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए हितग्राही अंशदान की राशि 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दी गई है।

गाय-भैंस खरीदने के लिए देने होंगे मात्र इतने रुपए

योजना के अंतर्गत गाय प्रदाय के लिये 1 लाख 89 हजार 250 रूपये की लागत आएगी जिस पर 1 लाख 70 हजार 325 रूपये का सरकारी अनुदान दिया जाएगा। जिससे हितग्राही को मात्र 18 हजार 925 रूपये ही देने होंगे। वहीं भैंस के लिए शासन द्वारा 2 लाख 43 हजार रूपये की राशि निर्धारित की गई है। जिस पर शासन की और से लाभार्थी को 2 लाख 18 हजार 700 रूपये का शासकीय अनुदान दिया जाएगा। जिससे लाभार्थी को मात्र 24 हजार 300 रूपये का अंशदान होगा।

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिये 750-750 गाय-भैंस प्रदाय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये 29 करोड़ 18 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। 

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कहाँ करें?

मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के लिये 6 जिले डिण्डोरी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, मण्डला और बालाघाट, भारिया के लिये छिन्दवाड़ा और सहरिया जनजाति के लिये ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुरकला, मुरैना और भिण्ड जिले में कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 

हितग्राही को आवेदन निर्धारित प्रपत्र में अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था या दुग्ध सहकारी समिति को देना होगा। चयन के बाद हितग्राहियों को पशुपालन, पशु आहार और पशु प्रबंधन प्रशिक्षण के साथ परिचयात्मक दौरा भी करवाया जायेगा।

किसान अब 10 मार्च तक करा सकेंगे चना, मसूर एवं सरसों समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन

चना, मसूर एवं सरसों MSP पर बेचने के लिए किसान पंजीयन

रबी फसलों की कटाई जल्द शुरू हो जाएगी, ऐसे में किसान अपनी उपज समय पर बेच सकें इसके लिए कई राज्यों में किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने पहले राज्य में चना, मसूर एवं सरसों के लिए पंजीयन तिथि 25 फरवरी तक रखी थी परंतु कई किसान इस दौरान अपना पंजीयन नहीं करा पाए थे। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने अब पंजीयन की अवधि की बढ़ाकर 10 मार्च कर दिया है।

इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि सरकार ने किसान हित में निर्णय लेते हुए चना, मसूर, सरसों के पंजीयन की तारीख को 15 दिन बढ़ा दिया है। किसान चना, मसूर, सरसों की उपज का पंजीयन पोर्टल पर 10 मार्च तक करा सकते हैं। पूर्व में पंजीयन की तारीख 25 फरवरी नियत की गई थी।

किसान यहाँ करा सकते हैं चना, मसूर एवं सरसों बेचने के लिए पंजीयन

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ़लाइन पंजीयन की व्यवस्था रखी है। जिसमें किसान स्वयं मोबाइल द्वारा एमपी किसान एप पर, ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, जनपद पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र पर, पूर्व वर्षों की भाँति सहकारी समिति/ विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीकृत केंद्र पर निः शुल्क पंजीयन करा सकते हैं।

इसके अलावा एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क पर, कामन सर्विस सेंटर पर, निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफ़े पर एवं लोकसेवा केंद्र पर शुल्क देकर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं।

क्या है चना, मसूर एवं सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 

केंद्र सरकार ने देशभर के लिए पहले ही रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिए हैं, जिस पर विभिन्न सरकारी एजेंसियों के माध्यम से खरीद केंद्रों पर खरीदी की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल, चना के लिए 5335 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर के लिए 6000 रुपए प्रति क्विंटल एवं सरसों के लिए 5450 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।

पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

किसानों को अनिवार्य रुप से समिति स्तर पर पंजीयन हेतु आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर की जानकारी उपलब्ध करवाना होगा। किसानों पंजीयन करवाते समय कृषक का नाम, समग्र आईडी नम्बर, ऋण पुस्तिका, आधार नम्बर, बैंक खाता नम्बर, बैंक का आईएफएससी कोड, मोबाइल नम्बर की सही जानकारी दें ताकि बाद में किसी प्रकार की असुविधा न हो। वनाधिकार पट्टाधारी एवं सिकमी किसानों के पास पंजीयन के लिए वनपट्टा तथा सिकमी अनुबंध की प्रति होनी चाहिए।

इस योजना के तहत सरकार मुफ्त में दे रही है सिरोही नस्ल के बकरे

निःशुल्क सिरोही नस्ल बकरे वितरण योजना

बकरी पालन में जहां लागत कम आती है वहीं इससे पशु पालक अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए बकरी पालन पशु पालन क्षेत्र में रोजगार का एक अच्छा ज़रिया है। बकरी पालन के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा इसके विकास के लिए कई योजनाएँ चला रही है। इन योजनाओं के तहत इच्छुक व्यक्तियों को बकरी पालन के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा उच्च नस्लीय पशुधन उत्पादकता के जरिए पशुपालकों के लिए आय एवं रोजगार के संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल के बकरे निःशुल्क वितरित किये जा रहे हैं।

अब तक मुफ्त में दिए गए 124 सिरोही नस्ल के बकरे

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रवीण सेन ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल बकरी विकास परियोजना के तहत बकरी पालकों को अब तक 124 सिरोही नस्ल के बकरे निःशुल्क वितरित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि मानपुरा-माचेड़ी, चाकसू में निःशुल्क बकरा वितरण के लिए शिविर लगाकर पशुपालकों को उच्च नस्लीय बकरों का निशुल्क वितरण किया गया है।

इन ज़िलों में किया गया सिरोही नस्ल के बकरे का वितरण 

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल बकरी विकास परियोजना का क्रियान्वयन अभी राज्य के चयनित ज़िलों में किया रहा है। जिसमें अजमेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, जयपुर, नागौर , प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर एवं सिरोही ज़िले शामिल है। यह योजना इन जिलों में उच्च अनुवांशिकी बकरों द्वारा मांस उत्पादन में वृद्धि के लिए अनुवांशिक विकास के लिए चलायी जा रही है।

सिरोही नस्ल के बकरे की विशेषता क्या है?

सिरोही नस्ल के बकरे/बकरी न केवल उच्च गुणवत्तायुक्त मांस उत्पादन हैं बल्कि दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से उत्तम नस्ल मानी जाती है । अन्य सामान्य नस्लों की तुलना में सिरोही नस्ल की बकरी 2 किलो प्रति दिन तक दूध देती है। ऐसी नस्ल की बकरी में रोग प्रतिरोधक एवं सूखा सहन करने की क्षमता अन्य बकरियों से अधिक होती है। इस नस्ल की बकरियों में एक साथ एक से ज्यादा बच्चे पैदा करने एवं शीघ्र वजन बढ़ने के कारण पशुपालकों के द्वारा इन्हे पालना पसंद किया जाता है।

इस मौके पर मौजूद लाभार्थी पशुपालकों ने राज्य सरकार द्वारा पशुपालन के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि उच्च नस्लीय बकरी पालन से उनकी आय में भी लगातार वृद्धि हो रही है साथ ही वे अन्य बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध करवा पा रहे हैं।

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसान 28 फरवरी तक यहाँ करें अपना पंजीयन

MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन

रबी फसलों की कटाई का समय हो गया है, ऐसे में राज्य सरकारों ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में चना, मसूर, सरसों के साथ ही गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य में किसान चना, मसूर एवं सरसों समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए 25 फरवरी तक एवं गेहूं बेचने के लिए 28 फरवरी तक पंजीयन करा सकते हैं। 

केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपए प्रति क्विंटल रखा है, जिस पर केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा विभिन्न खरीदी केंद्रों पर गेहूं की खरीदी की जाएगी। जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन अथवा ऑफ़लाइन पंजीयन अनिवार्य रूप से करना होगा।

किसान MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करें

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ़लाइन पंजीयन की व्यवस्था रखी है। जिसमें किसान स्वयं मोबाइल द्वारा एमपी किसान एप पर, ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, जनपद पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र पर, पूर्व वर्षों की भाँति सहकारी समिति/ विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीकृत केंद्र पर निः शुल्क पंजीयन करा सकते हैं।

इसके अलावा एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क पर, कामन सर्विस सेंटर पर, निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफ़े पर एवं लोकसेवा केंद्र पर शुल्क देकर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं।

किसान पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज 

ऐसे किसान जिन्होंने पिछले रबी/खरीफ मौसम में पंजीयन कराया था उन किसानों को रबी विपणन वर्ष 2023-24 में पंजीयन हेतु दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। पंजीयन में परिवर्तन/ संशोधन की आवश्यकता होने पर दस्तावेज प्रमाण स्वरूप पंजीयन केंद्र पर लाने होंगे एवं बैंक खाता परिवर्तन की दशा में बैंक पासबुक की छायाप्रति साथ में लानी होगी। सभी किसानों को आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते की छाया प्रति उपलब्ध करानी होगी।

वनाधिकार पट्टाधारी/सिकमीदार किसानों को वन पट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध करानी होगी। अनुबंध की एक प्रति तहसील कार्यालय में जमा करानी होगी। ऐसे किसानों को समिति/विपणन संस्था द्वारा संचालित केंद्रों पर पंजीयन कराना होगा। पंजीयन में भूमि का रकबा एवं बोई गई फसल की जानकारी राजस्व अभिलेख (खसरा) से ली जाएगी। सहमत न होने पर गिरदावरी में दावा/ आपत्ति का प्रावधान उपलब्ध होगा।

किसान ऐसे करें खसरा नम्बर को आधार से लिंक

समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए एवं पंजीयन में आसानी और तुरंत भुगतान के लिए बैंक खाता को आधार नम्बर से लिंक कराना होगा। इसके अलावा पंजीयन में सुविधा की दृष्टि से कृषक अपने सभी खसरों को आधार नम्बर से लिंक करना होगा। किसान इस तरह खसरा नम्बर को आधार से लिंक कर सकते हैं:-

  • किसान अपने सभी खसरों को समग्र पोर्टल पर “e-KYC करें” विकल्प के माध्यम से घर बैठे अथवा कॉमन सर्विस सेंटर/MP Online/ लोक सेवा केंद्र पर जाकर आधार से लिंक कर सकते हैं।
  • इसके अलावा किसान mpbhulekh.gov.in पोर्टल पर जाकर खसरा नम्बर को आधार से लिंक कर सकते हैं।

किसान पंजीयन करवाते समय कृषक का नाम, समग्र आईडी नम्बर, ऋण पुस्तिका, आधार नम्बर, बैंक खाता नम्बर, बैंक का आईएफएससी कोड, मोबाइल नम्बर की सही जानकारी दें ताकि बाद में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

हरियाणा बजट 2023-24: पशुपालन में उद्यमिता विकास के लिए शुरू की जाएगी नई योजना

शुरू की जाएगी पशुधन उत्थान मिशन योजना

23 फरवरी के दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश किया। सरकार ने वर्ष 2023-24 में कृषि, बागवानी, पशु पालन, मछली पालन एवं सहकारिता क्षेत्र में 8,316 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव रखा है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 19 प्रतिशत अधिक है। इसमें सरकार ने राज्य में पशुपालन और डेयरी और मत्स्य पालन विकास के लिए भी कई नई योजनाओं की घोषणा की है।

हरियाणा सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए एक योजना हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन शुरू करने की घोषणा की है। इसके अलावा गोवंश संरक्षण के लिए गौ सेवा आयोग के बजट में वृद्धि, पशु चिकित्सा सेवा के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई आदि की घोषणा बजट में की गई है।

शुरू की जाएगी पशुधन उत्थान मिशन योजना 

बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए एक योजना हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन शुरू करने कि घोषणा की है। इस मिशन को हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड संचालित करेगा। यह मिशन श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के साथ मिलाकर प्रशिक्षण प्रदान करेगा और पशु पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने के इच्छुक युवा उद्यमियों को सहायता प्रदान करेगा चाहे मवेशी पालन, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर पालन हो।

घरों पर दी जाएगी पशु चिकित्सा सेवाएँ

ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों को घर बैठे पशु चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी पद्धति में 70 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ प्रदान की जाएगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के नियंत्रण और निगरानी के लिए एक कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा।

पशुओं को उन्नत पशु चिकित्सा देखभाल और उपचार प्रदान करने के लिए 4 अतिरिक्त पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। यह पॉलीक्लिनिक पलवल, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ और अंबाला में स्थापित किए जाएँगे। सरकार पालतू जानवरों को उन्नत नैदानिक और उपचार सेवाएँ प्रदान करने के लिए गुरुग्राम और फ़रीदाबाद में दो अत्याधुनिक Veterinary Pet Clinics भी स्थापित किया जाएगा।

गौशलाओं को जोड़ा जाएगा गोबरधन योजना

हरियाणा सरकार ने बेसहारा पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को उचित रूप से वित्तीय सहायता देने के लिए गौ सेवा आयोग के लिए वर्ष 2023-24 के लिए बजट 40 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव रखा है। हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए ग्राम पंचायतों की सहमति से ग्राम पंचायत भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। गौशलाओं को गोबरधन योजना से जोड़ा जाएगा, जिसके तहत हर ज़िले में बायोगैस प्लांट बनाए जाने प्रस्तावित है।  

भिवानी ज़िले के सिवनी खंड की गढ़वा ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि पर खारा प्रभावित क्षेत्रों के सुधार के लिए एकीकृत एक्वा पार्क सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है। 

सब्सिडी पर फार्म मशीनरी बैंक एवं कृषि यंत्र लेने के लिए किसान इस दिन करें आवेदन

फार्म मशीनरी बैंक एवं कृषि यंत्र पर अनुदान हेतु आवेदन

वित्त वर्ष 2022-23 जल्द समाप्त होने वाला है, ऐसे में सरकार इस वर्ष के लिए शेष रह गए लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास कर रही है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने राज्य में विभिन्न जनपदों में अनुदान पर कृषि यंत्र एवं फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए लक्ष्य जारी किए हैं। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए 24 फरवरी से ऑनलाइन आवेदन कर यंत्र की बुकिंग कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फ़ॉर इन-सीटू मैनेजमेंट आफ क्रॉप रेजेडयू (सी.आर.एम.) योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों एवं फार्म मशीनरी बैंक के लिए मंडलवार लक्ष्य जारी किए हैं। कृषि विभाग ने इसके लिए अलग-अलग मंडल के किसानों के लिए आवेदन कि तिथि अलग-अलग रखी है। प्रत्येक निर्धारित तिथि को मंडलवार बुकिंग दोपहर 12 बजे से प्रारम्भ की जाएगी। जो कि इस प्रकार है:-

  1. 24 फरवरी 2023 – झाँसी, विंध्याचल, मुरादाबाद, चित्रकूट, प्रयागराज, सहारनपुर, अयोध्या, आगरा एवं वाराणसी
  2. 25 फरवरी 2023- लखनऊ, आज़मगढ़, मेरठ, बस्ती, देवीपाटन, बरेली, अलीगढ़, कानपुर एवं गोरखपुर मंडल के किसान कृषि यंत्रों की बुकिंग कर सकते हैं। 

इन कृषि यंत्रों की खरीद पर दिया जाएगा अनुदान

उत्त्तर प्रदेश कृषि विभाग ने राज्य के किसानों से फसल अवशेष प्रबंधन हेतु उपयोगी कृषि यंत्रों के लिए आवेदन माँगे हैं। जिसमें किसान हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, ज़ीरो टिल सीड कम फर्टीलाइज़र ड्रील, श्रब मास्टर, पैडी स्ट्रॉ चापर, श्रेडर, मल्चर, हाइड्रोलिक रिवर्सेबल एमबी प्लाऊ, बेलिंग मशीन, क्रॉप रीपर, स्ट्रॉ रेंक एवं रीपर कम बाइंडर सहित अन्य कृषि यंत्रों के साथ ही फार्म मशीनरी बैंक पर सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कृषि यंत्र एवं फार्म मशीनरी बैंक पर कितना अनुदान Subsidy दिया जाएगा?

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने चयनित मंडलों में प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फ़ॉर इन-सीटू मैनेजमेंट आफ क्रॉप रेजेडयू (सी.आर.एम.) योजना के अंतर्गत आवेदन माँगे हैं। जिस पर लाभार्थी किसान को कृषि यंत्र लेने पर कृषि यंत्रों के मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना पर 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा। फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए कृषक उत्पादक संघ (एफ.पी.ओ.) सहकारी समिति एवं ग्राम पंचायत लाभार्थी होंगे।

किसान इस तरह करें कृषि यंत्र अनुदान पर लेने के लिए बुकिंग

फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि यंत्रों एवं फार्म मशीनरी बैंक स्थापना हेतु टोकन के माध्यम से लाभार्थी का चयन किया जाएगा। इसके लिए किसानों को निम्न प्रक्रिया अपनानी होगी :-

  • उपरोक्त योजना में अनुदान का लाभ पाने हेतु किसान भाइयों को सबसे पहले कृषि विभाग में किसान/लाभार्थी का पंजीयन कराना आवश्यक है। जिन किसानों का पंजीयन नहीं है, वे पंजीयन हेतु अपने विकासखंड के राजकीय कृषि बीज भंडार प्रभारी अथवा जनपद के उप कृषि निदेशक कार्यालय से सम्पर्क करें।
  • किसान भाई अपनी आवश्यकतानुसार उपरोक्त चिन्हित कृषि यंत्रों में से कोई भी एक अथवा एक से अधिक कृषि यंत्र विभागीय पारदर्शी सेवा योजना पोर्टल upagriculture.com पर “अनुदान पर कृषि यंत्रों हेतु बुकिंग करें” लिंक पर क्लिक कर बुकिंग कर सकते हैं।
  • चालान रसीद पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जाना है, बल्कि यंत्र क्रय करने के पश्चात पोर्टल पर बिल अपलोड करना है।

किसानों को जमा करनी होगी ज़मानत धनराशि

सरकार ने योजना के अंतर्गत यंत्रों की कीमत के अनुसार ज़मानत राशि तय की है जो किसान को पोर्टल पर यंत्रों का चयन करने के उपरांत टोकन जनरेट करने के 05 दिन के अंदर जमा करनी होगी। इसके लिए 10,001 रुपए से अधिक तथा 1 लाख रुपए तक अनुदान वाले कृषि यंत्र हेतु 2,500 रुपए की ज़मानत धनराशि देनी होगी। वहीं 1,00,001 रुपए से अधिक अनुदान वाले कृषि यंत्रों एवं फार्म मशीनरी बैंक हेतु 5,000 रुपए की ज़मानत धनराशि जमा करना होगा।

अनुदान पर कृषि यंत्र एवं फार्म मशीनरी बैंक लेने के लिए आवेदन कहाँ करें

किसानों को योजना का लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की पारदर्शी किसान सेवा योजना पोर्टल upagriculture.com पर जाकर यंत्र अनुदान हेतु प्री-बुकिंग/टोकन जनरेट करना होगा। प्री-बुकिंग एवं टोकन जनरेशन के लिए किसान स्वयं या अपने परिवार (ब्लड रिलेशन) का ही मोबाइल नम्बर का उपयोग करें। प्री-बुकिंग वाले लाभार्थियों को “आपकी बुकिंग स्वीकार कर ली गई है” का मेसेज आएगा साथ ही टोकन कन्फ़र्म करने का संदेश भी मोबाइल पर भेजा जाएगा। कस्टम हायरिंग सेंटर/ फार्म मशीनरी बैंक के कृषि यंत्र क्रय कर बिल अपलोड करने की समय सीमा 30 दिन रहेगी।

सब्सिडी पर कृषि यंत्र एवं फार्म मशीनरी बैंक के लिए ऑनलाइन आवेदन हेतु क्लिक करें

हरियाणा सरकार ने पेश किया बजट, कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों में की गई 19 प्रतिशत की वृद्धि

कृषि बजट 2023-24 हरियाणा

केंद्र सरकार के बजट के बाद अब राज्य सरकारों के द्वारा भी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करना शुरू कर दिया है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश के बाद अब हरियाणा सरकार ने भी 23 फरवरी, गुरुवार के दिन विधान सभा में बजट पेश कर दिया है। हरियाणा के 2023-24 बजट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इस बार 1 लाख 83 हजार 950 रुपए का बजट में प्रस्ताव किया है। यह पिछले वर्ष की अपेक्षा 11.6% अधिक है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बजट वर्ष 2023-24 में कृषि, बागवानी, पशु पालन, मछली पालन एवं सहकारिता क्षेत्र में 8,316 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव रखा है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 19 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने इस वित्त वर्ष में किसानों के लिए किसी नई बड़ी योजना की घोषणा नहीं की है परंतु पहले से चली आ रही योजनाओं के बजट में वृद्धि की गई है। किसानों के लिए कुछ बजट घोषणाएँ इस प्रकार है:-

क्या खास है किसानों के लिए इस बजट में

गौ सेवा आयोग का बजट बढ़ाकर किया 400 करोड़ रुपए

सरकार ने अपने बजट में गौ सेवा आयोग का बजट बढ़ाकर 400 करोड़ कर दिया है जो पहले यह 40 करोड़ रुपए था। राज्य में हरियाणा गौ सेवा आयोग के साथ पंजीकृत 632 गौशालाएं, जिनमें लगभग 4.6 लाख बेसहारा पशु बेसहारा पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को उचित रूप से वित्तीय सहायता दी जाएगी। ताकि गौशालाओं में गौमाता की देखभाल और सुरक्षा की जा सके। 

प्राकृतिक खेती को दिया जाएगा बढ़ावा 

हरियाणा सरकार ने अपने बजट में इस वित्त वर्ष में 20 हजार एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान,जींद और सिरसा ज़िले के मंगियाना में प्राकृतिक खेती के 3 प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएँगे।

बजट में अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ

  • कृषि गतिविधियों में ड्रोन को अपनाने के लिए 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • ढैंचा की खेती के लिए सरकार 720 रुपए प्रति एकड़ की दर से लागत का 80 प्रतिशत वहन करेगी।
  • “धान की सीधी बिजाई” के अधीन 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र लाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • पराली की खरीद के लिए 1000 रुपए और पराली प्रबंधन से सम्बंधित ख़र्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 1500 रुपए प्रति टन दिए जाएँगे।
  • ग्रीष्मकालीन मूँग की खेती के अधीन 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र लाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • मृदा लवणता और जलभराव से प्रभावित 50,000 एकड़ भूमि के सुधार का लक्ष्य रखा गया है।
  • शहद गुणवत्ता प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और शहद व्यापार नीति तैयार की जाएगी।
  • पंचकुला, पिनगवां, ज़िला नूह और मुनिमपुर, ज़िला झज्जर में बागवनी फसलों के 3 नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएँगे।  

उत्तर प्रदेश सरकार ने पेश किया बजट 2023-24, किसानों के लिए की यह घोषणाएँ

कृषि बजट उत्तर प्रदेश 2023-24

केंद्र सरकार के बाद अब राज्य सरकारों के द्वारा भी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश किया जा रहा है, इस कड़ी में आज उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में अपना बजट पेश कर दिया है। सरकार ने इस बजट को 7 लाख करोड़ रुपए का बताया है जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने सबसे पहले किसानों की बात की, उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा एथेनॉल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है। कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान करने वाला पहला राज्य भी उत्तर प्रदेश बना है। 

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में पहले से चली आ रही अधिकांश योजनाओं को आगे भी जारी रखने का फैसला लिया है। जिसमें किसान पाठशाला, किसान पेंशन, छुट्टा गोवंश से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए बजटीय प्रावधान आदि शामिल है।

कृषि के लिए बजट में क्या है?

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने बजट में नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के लिए 631 करोड़ 93 लाख रुपए, निजी नलकूपों को सस्ते दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए 1950 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 984 करोड़ 54 लाख रुपए, फसल बीमा के लिए 753 करोड़ 70 लाख रुपए एवं आत्मनिर्भर कृषक समन्वित योजना हेतु 100 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।

किसान पेंशन के लिए किए गया 7248 करोड़ रुपए का प्रावधान

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने बजट में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वृद्धावस्था/किसान पेंशन योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 7248 करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया है।

इस वर्ष 17 हजार किसान पाठशालाओं का किया जायेगा आयोजन

किसानों को खेती की नई तकनीक से प्रशिक्षित बनाने के लिए प्रदेश भर में ‘‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’’ कार्यक्रम का आयोजन करने की घोषणा की है। जिसके तहत इस साल 2023-24 में 17 हजार किसान पाठशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है।

प्राकृतिक खेती लिए खर्च किए जाएँगे 113 करोड़ रुपए

नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना से 49 जिलों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है जिसमें गंगा नदी से जुड़े 26 जनपद सम्मिलित हैं। योजना के लिए 113 करोड़ 52 लाख रुपए प्रस्तावित हैं।

पशु पालन के लिए बजट में क्या है?

सरकार ने बजट में प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु बुंदेलखंड के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो-आश्रय केंद्र स्थापित/ क्रियाशील है। छुट्टा गोवंश के रख-रखाव हेतु 750 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं वृहद् गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए 120 करोड़, पशु रोग नियंत्रण हेतु 116 करोड़ 52 लाख रुपए एवं भेड़ पालन योजना के लिए 3 करोड़ 44 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है।

मछली पालन के लिए बजट में क्या है?

वहीं सरकार ने मछली पालन क्षेत्र में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है। इसके अलावा मुख्य मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 10 करोड़ रुपए एवं निषादराज बोट सब्सिडी योजना के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। 

तापमान बढ़ने से फसलों को हो सकता है भारी नुकसान, किसान इस तरह करें बचाव

अधिक तापमान से गेहूं एवं चने की फसल को कैसे बचाएँ 

देश में इस वर्ष जहां रबी फसलों की बुआई का रकबा बढ़ने से विभिन्न फसलों के रिकार्ड उत्पादन का अनुमान कृषि विभाग ने लगाया है। वहीं फरवरी महीने में अचानक हुई तापमान में वृद्धि कृषि विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, क्योकिं अधिक तापमान से फसलों की पैदावार में भारी गिरावट आने की संभावना है। इस समय गेहूं के अच्छे उत्पादन लिए दिन का अनुकूल तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए, परन्तु इस समय कई स्थानों पर दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर व रात का तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के लगभग पहुंच गया है।

तापमान में हुई इस आकस्मिक वृद्धि से फसलों को काफी नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले के कृषि विभाग द्वारा बढ़ते तापमान के मद्देनजर फसलों को बचाव के उपाय हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

गेहूं में इन रासायनिक दवाओं का करें छिड़काव

कृषि विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि गेहूं की फसल में बीज भराव व बीज निर्माण की अवस्था पर आकस्मिक तापमान वृद्धि नुकसान देय है। अगर यह स्थिति आगामी कुछ दिनों तक बनी रहती है तो इसके बचाव हेतु सिंचाई पानी की उपलब्धता होने पर आवश्यकतानुसार सिंचाई किसानों को करनी चाहिए।

गेहूं की फसल में आकस्मिक तापमान वृद्धि से होने वाले प्रभाव से बचने के लिए बीज भराव व बीज निर्माण की अवस्था पर सीलिसिक अम्ल (15 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी) के विलियन अथवा सीलिसिक अम्ल (10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी +  25 ग्राम 100 लीटर पानी) का परणीय छिड़काव (फॉलियर स्प्रे) करें। सीलिसिक अम्ल का प्रथम छिड़काव झंडा पत्ती अवस्था व दूसरा छिड़काव दूधिया अवस्था पर करने से काफी लाभ होगा। सीलिसिक अम्ल गेंहू को प्रतिकूल परिस्थितियों में लड़ने की शक्ति प्रदान करता है व निर्धारित समय पूर्व पकने नहीं देता जिससे की उत्पादन में गिरावट नहीं होती। 

नहीं होगा फसलों पर तापमान बढ़ने का असर

गेहूं की बाली आते समय एस्कार्बिक अम्ल के 10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी घोल का छिड़काव करने पर फसल पकते समय सामान्य से अधिक तापमान होने पर भी उपज में नुकसान नहीं होता है। गेहूं की फसल में बूटलीफ एवं एंथेसिस अवस्था पर पोटेशियम नाइट्रेट (13.0.45) के 2 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें। गेहूं की पछेती बोई फसल में पोटेशियम नाइट्रेट 13.0.45, चिलेटेड जिंक, चिलेटेड मैंगनीज का स्प्रे भी लाभप्रद है।

चने की फसल को अधिक तापमान से ऐसे बचाएँ

कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. जीआर मटोरिया ने बताया कि चने में फसल को पकाव के समय सूखे के प्रभाव से बचाने के लिए पोटेशियम नाइट्रेट (13.0.45) 1 किलोग्राम का 100 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल की फूल वाली अवस्था और फली वाली अवस्था पर परणीय छिड़काव करें। कृषि अनुसंधान अधिकारी श्री जगजीत सिंह के अनुसार सीलिसिक अम्ल का छिड़काव करने से तापक्रम में होने वाली वृद्धि से नुकसान की आशंका कम हो जाएगी व उत्पादन में वृद्धि होगी।

कृषि यंत्रों की खरीद पर सरकार दे रही है 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी, इस वर्ष एक लाख किसानों को दिया जाएगा योजना का लाभ

कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान

खेती-किसानी में जुताई से लेकर फसलों की कटाई तक सभी कामों को सुलभ बनाने में कृषि यंत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। खेती में यंत्रीकरण से उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों में बढ़ोतरी होती है। लेकिन आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं होने के कारण किसान इन महँगे कृषि यंत्रों को खरीद नहीं पाते हैं। ऐसे में अधिक से अधिक किसान कृषि यंत्रों का उपयोग कर सकें इसके सरकार द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है।

इस कड़ी में राजस्थान सरकार राज्य में कृषि तकनीकी मिशन योजना चला रही है। योजना के तहत हस्त चलित, शक्ति चलित, ट्रैक्टर चलित, स्वचलित जैसे अन्य श्रेणी के कृषि यंत्र खरीदने पर किसानों को अनुदान दिया जा रहा है, जिससे किसानों पर आर्थिक भार नही पड़ेगा और कृषि का काम आसान हो जाएगा। साथ ही फसल के उत्पादन में वृद्धि होने से उनकी आय में भी इजाफा होगा।

कृषि यंत्रों की खरीद पर कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाता है?

राजस्थान के कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने योजना के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि योजना के अंतर्गत पावर टिलर्स, स्वचालित यंत्र, विशिष्टिकृत स्वचालित यंत्र जैसे अनेकों उपकरणों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत एवं महिला किसानों को कृषि यंत्र की खरीद पर राज्य सरकार द्वारा लागत राशि का 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। वहीं अन्य किसानों के लिए लागत का 40 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।

इस वर्ष एक लाख किसानों को दिया जाएगा कृषि यंत्र पर अनुदान

कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के तहत पिछले 4 वर्षों में 43 हजार 396 किसानों को कृषि यंत्रों के क्रय पर 91 करोड़ 44 लाख रुपये का अनुदान देकर लाभान्वित किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा कृषि बजट घोषणा 2023-24 के अनुसार इस वित्त वर्ष में एक लाख किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर 250 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

वहीं राजस्थान सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में पशुपालन कर रहे 50 हजार किसानों को अनुदानित दर पर हस्त/पॉवर चलित चाफ कटर यंत्र उपलब्ध कराने की भी घोषणा की है। इसके लिए सरकार ने 35 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है।

सब्सिडी पर कृषि यंत्र लेने के लिए किसान कहाँ आवेदन करें?

राजस्थान राज्य के इच्छुक किसान जो अनुदान पर कृषि यंत्र खरीदना चाहते हैं, वह किसान योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कृषि आयुक्त ने आवेदन सम्बंधित जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान कृषि तकनिकी मिशन के अंतर्गत लाभ लेने के लिए किसान राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार कार्ड के माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त योजना से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने निकटतम कृषि कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।