कृषि बजट 2023-24 हरियाणा
केंद्र सरकार के बजट के बाद अब राज्य सरकारों के द्वारा भी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करना शुरू कर दिया है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश के बाद अब हरियाणा सरकार ने भी 23 फरवरी, गुरुवार के दिन विधान सभा में बजट पेश कर दिया है। हरियाणा के 2023-24 बजट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इस बार 1 लाख 83 हजार 950 रुपए का बजट में प्रस्ताव किया है। यह पिछले वर्ष की अपेक्षा 11.6% अधिक है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बजट वर्ष 2023-24 में कृषि, बागवानी, पशु पालन, मछली पालन एवं सहकारिता क्षेत्र में 8,316 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव रखा है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 19 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने इस वित्त वर्ष में किसानों के लिए किसी नई बड़ी योजना की घोषणा नहीं की है परंतु पहले से चली आ रही योजनाओं के बजट में वृद्धि की गई है। किसानों के लिए कुछ बजट घोषणाएँ इस प्रकार है:-
क्या खास है किसानों के लिए इस बजट में
गौ सेवा आयोग का बजट बढ़ाकर किया 400 करोड़ रुपए
सरकार ने अपने बजट में गौ सेवा आयोग का बजट बढ़ाकर 400 करोड़ कर दिया है जो पहले यह 40 करोड़ रुपए था। राज्य में हरियाणा गौ सेवा आयोग के साथ पंजीकृत 632 गौशालाएं, जिनमें लगभग 4.6 लाख बेसहारा पशु बेसहारा पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को उचित रूप से वित्तीय सहायता दी जाएगी। ताकि गौशालाओं में गौमाता की देखभाल और सुरक्षा की जा सके।
प्राकृतिक खेती को दिया जाएगा बढ़ावा
हरियाणा सरकार ने अपने बजट में इस वित्त वर्ष में 20 हजार एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान,जींद और सिरसा ज़िले के मंगियाना में प्राकृतिक खेती के 3 प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएँगे।
बजट में अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ
- कृषि गतिविधियों में ड्रोन को अपनाने के लिए 500 युवा किसानों को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- ढैंचा की खेती के लिए सरकार 720 रुपए प्रति एकड़ की दर से लागत का 80 प्रतिशत वहन करेगी।
- “धान की सीधी बिजाई” के अधीन 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र लाने का लक्ष्य रखा गया है।
- पराली की खरीद के लिए 1000 रुपए और पराली प्रबंधन से सम्बंधित ख़र्चों को पूरा करने के लिए नामित एजेंसी को 1500 रुपए प्रति टन दिए जाएँगे।
- ग्रीष्मकालीन मूँग की खेती के अधीन 1 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र लाने का लक्ष्य रखा गया है।
- मृदा लवणता और जलभराव से प्रभावित 50,000 एकड़ भूमि के सुधार का लक्ष्य रखा गया है।
- शहद गुणवत्ता प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी और शहद व्यापार नीति तैयार की जाएगी।
- पंचकुला, पिनगवां, ज़िला नूह और मुनिमपुर, ज़िला झज्जर में बागवनी फसलों के 3 नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएँगे।