मौसम चेतावनी: 29 से 31 जनवरी के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

29 से 31 जनवरी के लिए मौसम पूर्वानुमान

उत्तर भारत समेत देश के कई राज्यों में एक बार फिर मौसम करवट बदलने वाला है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ 28 जनवरी से उत्तर पश्चिम WD भारत में दस्तक देने वाला है। जिसकी वजह से उत्तर भारतीय राज्यों में कई स्थानों पर 29 से 30 जनवरी के दौरान आंधी-बारिश के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। 

मौसम विभाग की माने तो पश्चिमी हिमलायी क्षेत्र में इस दौरान वर्फवारी हो सकती है तो वहीं 29 से 30 जनवरी के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। वहीं शेष उत्तर भारतीय राज्यों में इस दौरान मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 28 से 29 जनवरी के दौरान अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जलौर, जोधपुर, नागौर, पाली एवं श्रीगंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 29 एवं 30 जनवरी के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, रायसेन, सिहोर, विदिशा, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला जिलों में एवं 30-31 जनवरी के दौरान रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश के इन ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 29 से 30 जनवरी के दौरान आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, अयोध्या, अमेठी, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, भदोही, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, जौनपुर एवं शामली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि  

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 29 से 30 जनवरी के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है। 

वहीँ हरियाणा राज्य में 29 से 30 जनवरी के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।

किसानों को फल फसलों का मिलेगा अच्छा भाव, फलों का निर्यात बढ़ाने के लिए किया जाएगा किसान पंजीयन

फलों का निर्यात के लिए किसान पंजीयन

देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बागवानी फसलों जैसे फल, फूल, सब्जी आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा किसानों की उपज को सीधे बाजार में पहुँचाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसमें बागवानी फसलों का दूसरे देशों को निर्यात करना भी शामिल है। कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए किसानों का एपीडा में पंजीकरण होना आवश्यक है।

इसके लिए राजस्थान कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री दिनेश कुमार ने फलों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों का कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) में रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए हैं। यह बात उन्होंने सचिवालय में किन्नू, संतरा, अनार और अमरूद के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।

हर महीने किया जाएगा 50 किसानों का पंजीयन

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि जालौर, बाड़मेर, सिरोही और झालावाड़ से 50-50 किसानों का रजिस्ट्रेशन एक महीने में किया जाए जिससे एक साल में इन जिलों से दो-दो कंसाइनमेंट एक्सपोर्ट हो सके। इन किसानों को बायर-सेलर्स मीट में आमंत्रित करने को कहा ताकि यह अधिक उपज एवं कीमत ले सकें।

इन फलों के निर्यात के लिए किया जाएगा पंजीयन

एपीडा रीजनल हेड श्री हरप्रीत सिंह ने कहा कि राजस्थान में किन्नू, संतरा, अनार एवं अमरूद के निर्यात को बढ़ावा दिया जाए जिससे कृषकों की आमदनी में वृद्धि हो। इसके लिए निर्यातक देशों की कंडीशन के अनुसार फार्म और किसानों का रजिस्ट्रेशन किए जाए। रजिस्ट्रेशन में फसल बुवाई, फ्लोरिंग एवं कटाई के समय फसल की स्थिति का रिकॉर्ड रहता है, जिससे यह पता चल जाता है कि फसल निर्यात योग्य गुणवत्ता वाली है या नहीं।

अनार का निर्यात पूरे देश में 688 करोड़ रुपए का है जिसमें राजस्थान का हिस्सा लगभग नगण्य है। उन्होंने बताया कि फलों के उत्पादन को बढ़ावा देकर निर्यात द्वारा कृषकों को अच्छा भाव दिलवाया जा सकेगा। इसके लिए उन्होंने जयपुर में एपीडा का स्थानीय ऑफिस खोलने की भी इच्छा जाहिर की।

इसलिए हो रही है अफीम की फसल खराब, कृषि वैज्ञानिकों ने बचाव के लिए दी यह सलाह

अफीम की खेती करने वाले किसानों को लिए सलाह

राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के कई जिलों में अफीम की खेती की जाती है। इस समय कई स्थानों से अफीम की फसल खराब होने की सूचना मिल रही है ऐसे में चित्तौड़गढ़ ज़िले के कृषि (विस्तार) अधिकारियों एवं वैज्ञानिको की संयुक्त टीम ने पंचायत समिति भदेसर के सोनियाणा, रेवलिया कला, दौलतपुरा, सुरपुर, पीपलवास, मुरलिया आदि गांवों का दौरा कर अफ़ीम की फसल में खराबे की जांच की। जांच में रसायनों के अधिक इस्तेमाल से अफीम की फसल में खराबे की बात सामने आई हैं।

उप निदेशक कृषि (आईपीएम) ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि अफीम एक नकदी फसल होने से किसानों में भ्रांति है कि रसायनों के ज्यादा उपयोग करने से अफीम फसल में दूध की मात्रा बढ़ेगी एवं उत्पादन ज्यादा होगा इस हेतु बिना जानकारी लिए अत्याधिक कीटनाशक रसायनों एवं रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग करते है जो हानिकारक है। विभाग ने किसानों को अपने क्षेत्र में कार्यरत कृषि कार्मिको से सम्पर्क कर कीटनाशक रसायनों का छिड़काव करने की सलाह दी हैं।

कृषि अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने दी यह जानकारी

कृषि खण्ड भीलवाडा एवं कृषि महाविद्यालय भीलवाड़ा के पूर्व डीन डॉ. किशन जीनगर ने बताया कि कृषकों ने पौधों की बढ़वार के लिए जिब्रेलिक एसिटिक एसिड एवं नेफथेलिन एसिटिक एसिड का बिना सलाह के उपयोग किया गया जो कि अफीम की फसल के लिए घातक सिद्ध हुआ हैं। किसानों से वार्ता करने के पश्चात् भ्रमण दल के संज्ञान में आया कि निम्बाहेडा में स्थित ई-किसान आदान विक्रेता द्वारा क्षेत्र के कई किसानों को गुमराह करते हुए अफीम की फसल में दूध की मात्रा बढ़ने एवं अफीम फसल अच्छी होने की बात कहते हुए अत्यधिक मात्रा में पौध बढ़वार रसायनों का उपयोग करने हेतु विक्रय किया गया

अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) भीलवाड़ा कार्यालय के दिलीप सिंह, सहायक निदेशक (पौध संरक्षण) ने बताया कि कृषि आदान लेते समय विक्रेता से पक्का बिल अवश्य लें ताकि फसल खराब होने की स्थिति में कृषि आदान विक्रेता पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।

अफ़ीम में होने वाले रोग एवं उसके उपचार 

बारनी कृषि अनुसंधान केन्द्र आरजिया भीलवाडा के पौध व्याधि वैज्ञानिक डॉ. ललित छाता ने बताया कि अफीम फसल मुख्य रूप में डाउनी मिल्ड्यू (काली मस्सी) पाउडरी मिल्ड्यू, जड़ गलन, डोडा सडन एवं तना सड़न आदि रोग आते है तथा समय पर पता लगने पर इनका उपचार संभव है। डॉ. छाता ने जड़ गलन, तना सड़न एवं डाउनी मिल्ड्यू (काली मस्सी) के प्रकोप होने पर रिडोमिल एम जेड तथा डोडा लट एवं अन्य कीट आने का स्थिति में प्रोफेनोफॉस या मोनोक्रोटोफॉस आदि का छिड़काव कृषि कर्मियों से सलाह लेकर किया जा सकता हैं।

गन्ने के भाव में की गई 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी, अब किसानों को मिलेगा गन्ने का यह भाव

गन्ने के मूल्य में की गई वृद्धि

पिछले कुछ दिनों से हरियाणा के किसान गन्ना के मूल्य में वृद्धि की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं, उनका मानना है की मौजूदा गन्ने के भाव से उसकी लागत की भरपाई नहीं हो पा रही है। किसानों के इस आंदोलन के चलते चीनी मिल बंद पड़ी हैं क्योंकि गन्ना किसान अपने गन्ने लेकर चीनी मिल नहीं जा रहे हैं। जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने गन्ने के मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा कर दी है।

गन्ने के मूल्य निर्धारण के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, जिसने गन्ना किसान की मांगों पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति ने किसानों, सहकारी विभाग, निजी मिलों और विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें की हैं और अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशों के साथ गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की सिफारिश की।

अब किसानों को गन्ने का यह मूल्य मिलेगा

राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गन्ना किसानों के हित में गन्ने के मूल्य में 10 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा कर दी है। 10 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के कारण राज्य में गन्ने का मूल्य 362 रूपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 372 रूपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस वृद्धि के साथ ही मुख्यमंत्री ने किसानों से गन्ना लेकर चीनी मिल जाने का आह्वान किया है।

किसानों की माँग है की गन्ने के मूल्य में और अधिक वृद्धि की जाए। इस पर राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया है कि चीनी की मौजूदा कीमत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी है, फिर भी हम चीनी की कीमत की तुलना में गन्ना किसानों को अधिक कीमत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीनी मिले लगातार घाटे में चल रही है, लेकिन फिर भी हमने समय – समय पर किसानों के हितों की रक्षा की है।

घाटे में चल रहीं है चीनी मिलें

राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया है कि राज्य की चीनी मीलों पर 5293 करोड़ रूपये का घाटा है। चीनी उत्पादन की औसत लागत 4341 रूपये प्रति क्विंटल है, जोकि चीनी के विक्रय मूल्य यानि 3400 रूपये प्रति क्विंटल से अधिक है । सहकारी चीनी मीलों को 1005 करोड़ रूपये का ऋण दिया गया है। वित्तीय सहायता के रूप में पिछले दो वर्षों (2020-21 और 2021-22) में सभी सहकारी और निजी चीनी मीलों को 329 करोड़ रूपये की राशि सब्सिडी के रूप में दी गई है।

गन्ना किसानों को समय पर हो रहा भुगतान 

गन्ना किसानों की बड़ी समस्या भुगतान को लेकर रहती है। चीनी मीलों के द्वारा गन्ना खरीदी के बावजूद भी किसानों को भुगतान में महीनों लग जाता है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2020–21 में 2628 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है और इस वर्ष को कोई भी बकाया नहीं है। इसी प्रकार वर्ष 2021–22 में केवल 17.94 करोड़ रूपये नारायणगढ़ चीनी मिल के पीडीसी को छोड़कर 2727.29 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मीलों को निर्देश दिए हुए हैं कि एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान किया जाए।

गन्ने उत्पादन की लागत में हुई है वृद्धि

किसानों के द्वारा की जा रही मांगों को लेकर राज्य के कृषि मंत्री जे.पी. दलाल की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया था। यह कमिटी ने राज्य के मुख्यमंत्री को रिपोर्ट में बताया कि सिफारिशों के अनुसार, कृषि विभाग के आकलन के अनुरुप लागत, श्रम शुल्क आदि की लागत में बढ़ोतरी के कारण खेती की लागत में वृद्धि हुई है। समिति ने इन मुद्दों जैसे वित्तीय व्यवहार्यता की बाधाओं, सहकारी चीनी मिलों को भारी वित्तीय नुकसान पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। समिति का विचार था कि भारी वित्तीय नुकसान के बावजूद गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) को बढ़ाया जा सकता है।

अभी किसानों को हुए फसल नुकसान के लिए कराई जाएगी गिरदावरी, किसानों को मिलेगा इतना मुआवजा

फसल नुकसान का मुआवजा देने के लिए की जाएगी गिरदावरी

उत्तर भारत में पिछले कुछ दिनों से फसलों में पाला पड़ने, बैमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी रबी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी इसके लिए अलग-अलग राज्य सरकारों ने गिरदावरी के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। इस कड़ी में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसी भी किसान का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। राज्य सरकार रबी की फसलों में हुए प्राकृतिक आपदा से नुकसान की भरपाई मुआवजा देकर करेगी।

इस मौसम में सर्दी अधिक पड़ी है, जिसके कारण सरसों की फसल काफी प्रभावित हुई है। नुकसान का आंकलन करने के लिए 5 फरवरी से नियमित गिरदावरी शुरू की जाएगी और जहां-जहां नुकसान हुआ है, किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।

किसानों को कितना मुआवजा दिया जाएगा?

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में रबी सीजन की विभिन्न फसलों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जाएगी। आगामी 5 फरवरी, 2023 से रबी की सभी मुख्य फसलों की गिरदावरी होगी। प्रदेश सरकार की नीति के तहत किसानों को फसलों अनुसार 12 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा दिया जाता है।

जिन किसानों की फसलों का बीमा है वह क्या करें? 

ऐसे किसान जिन्होंने अपनी फसलों का बीमा “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” के तहत कराया है वह किसान फसल बीमा एप, फसल बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर, बैंक/ प्राथमिक कृषि ऋण समिति या अपने ब्लॉक या ज़िले के कृषि विभाग में फसल नुकसानी की सूचना दे सकते हैं। फसल नुकसान की सूचना देने के लिए किसानों को निम्न जानकारी देना होगा:-

  • बीमित फसल का सर्वे नम्बर,
  • प्रभावित क्षेत्र एवं नुकसान का सही कारण,
  • घटना की तारीख़ और समय,
  • फसल के नुक़सान का प्रमाण (क्रॉप इंश्योरेन्स एप के माध्यम से फोटो जमा कराएँ)
  • खेत का पता 
  • अधिसूचित बीमा इकाई
  • ऋण/बचत खाते का विवरण

इन कृषि यंत्रों पर दी जा रही है सब्सिडी, किसान अभी करें आवेदन

कृषि यंत्र अनुदान हेतु आवेदन

देश में किसान कृषि कार्यों के लिए महँगे कृषि यंत्र खरीद सकें इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। किसान इन योजनाओं का लाभ आसानी से ले सकें इसके लिए समय-समय पर सरकार द्वारा किसानों से अलग-अलग प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए आवेदन माँगे जाते हैं। इस कड़ी में मध्य प्रदेश कृषि अभियांत्रिकी विभाग ने राज्य में किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के लिए लक्ष्य जारी किए हैं।

जारी लक्ष्यों के विरुद्ध राज्य के किसान दिनांक 25 जनवरी 2023 दोपहर 12 बजे से 01 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्राप्त आवेदनों में से लक्ष्यों के विरूद्ध लॉटरी दिनांक 02 फरवरी 2023 को सम्पादित की जायेगी। लॉटरी उपरांत चयनित कृषकों की सूची एवं प्रतीक्षा सूची पोर्टल पर दोपहर 03 बजे जारी कर दी जाएगी।

इन कृषि यंत्रों पर अनुदान Subsidy के लिए कर सकते हैं आवेदन

रबी फसलों की कटाई का समय नजदीक आ रहा है, ऐसे में सरकार ने फसल कटाई एवं फसल अवशेष प्रबंधन सम्बंधित कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के लिए लक्ष्य जारी किए हैं। जो इस प्रकार हैं:-

कृषि यंत्रों पर कितना अनुदान Subsidy दिया जाएगा

मध्यप्रदेश में किसानों को अलग-अलग योजनाओं के तहत कृषि यंत्रों पर किसान वर्ग एवं जोत श्रेणी के अनुसार अलग-अलग सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है, जो 40 से 50 प्रतिशत तक है। इसमें किसान जो कृषि यंत्र लेना चाहते हैं वह किसान ई- कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर उपलब्ध सब्सिडी कैलकुलेटर पर कृषि यंत्र की लागत के अनुसार उनको मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देख सकते हैं।

किसानों को कृषि यंत्र के लिए डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा 

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को स्वयं के बैंक खाते से निम्नानुसार धरोहर राशि का डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) सम्बंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम से बनवाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पंजीयन में डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) निश्चित राशि से कम का होने पर आवेदन अमान्य किया जाएगा। अलग-अलग कृषि यंत्रों के लिए किसानों को इतनी धरोहर राशि का डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) बनवाना होगा :-

  • स्ट्रॉ रीपर – 10,000 रूपये 
  • स्वचालित रीपर / ट्रेक्टर रीपर – 5,000 रूपये
  • श्रेडर मल्चर – 5,000 रूपये

अनुदान पर कृषि यंत्र लेने हेतु आवेदन कहाँ करें?

मध्यप्रदेश में सभी प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए आवेदन किसान भाई ऑनलाइन e-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर कर सकते हैं परन्तु किसान भाइयों को यह बात ध्यान में रखना होगा की आवेदन के समय उनके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर OTP वन टाइम पासवर्ड प्राप्त होगा इसलिए किसान अपना मोबाइल अपने पास रखें। किसान अधिक जानकारी के लिए अपने ज़िले के कृषि विभाग या कृषि यंत्री कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं या कृषि अभियांत्रिकी संचनालय के पोर्टल https://dbt.mpdage.org/ पर जाकर देख सकते हैं।

सब्सिडी पर कृषि यंत्र लेने हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त लेने के लिए किसानों को करना होगा यह जरुरी काम

पीएम-किसान योजना 13वीं किस्त

देश में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है, योजना के तहत एक किसान परिवार को एक वर्ष में 3 किश्तों में 6 हजार रुपये दिए जाते हैं। योजना के अंतर्गत किसानों को अभी तक 12 किस्तें दी जा चुकी हैं, 13 वीं किस्त जल्द ही किसानों के बैंक खाते में सीधे अतंरित किया जाना है जिसके लिए किसानों को आधार सीडिंग, ई-केवाईसी एवं लैंड सीडिंग करवाना अनिवार्य है।

आधार सीडिंग, ई-केवाईसी एवं लैंड सीडिंग के लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी 2023 निर्धारित की गई है। अंतिम तिथि के पहले पात्र कृषक हितग्राहियों को आधार सीडिंग, ई-केवायसी एवं लैंड सीडिंग करवाना होगा, अन्यथा हितग्राहियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।

किसानों को अगली किस्त लेने के लिए करना होगा यह तीन काम

  1. ई-केवाईसी के लिए योजना अंतर्गत पंजीकृत कृषक नजदीकी लोक सेवा केन्द्र से संपर्क कर बायोमेट्रिक पद्धति से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं अथवा अपने स्वयं के मोबाईल से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पोर्टल pmkisan.gov.in में आधार नंबर के द्वारा ओ.टी.पी. के माध्यम से प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकता है।
  2. आधार कार्ड एवं डी.बीटी.सक्रिय करना:- योजनांतर्गत अब किस्तों का भुगतान आधार कार्ड नम्बर के आधार पर हो रहा है जिसके लिये पंजीकृत किसान के बैंक खाता में आधार लिकिंग के साथ-साथ डी.बीटी. सक्रिय कराना कराना होगा। 
  3. लैंड सीडिंग- योजनांतर्गत पंजीकृत किसानों के पास कृषि भूमि होने पर लाभ प्राप्त होता है जिसके लिए किसानों को अद्यतन खसरा बी -1 की प्रति कृषि विभाग को उपलब्ध कराना होगा।

जिन किसानों का खसरा सीडिंग नही हुआ है वह तत्काल कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी या विकासखंड/जिला कार्यालय से संपर्क कर कार्य पूर्ण करा लेवें ताकि अगामी 13 वी किस्त का लाभ प्राप्त हो सके। तथा बैंक खाते से आधार कार्ड लिकिंग एवं प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बीटी.) सक्रिय हो सके।

सोलर पम्प पर दी जा रही है 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी, किसान इस तरह से ले सकते हैं योजना का लाभ

सोलर पम्प अनुदान योजना

खेतों में सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था होने पर किसान न केवल फसलों की समय पर सिंचाई करके पैदावार बढ़ा सकते हैं वहीं वर्ष भर में एक से अधिक फसलें भी आसानी से ले सकते हैं। जिससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि हो सकती है। परंतु आज के समय में भी किसानों को समय पर पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की उपलब्धता पर निर्भर नहीं रहना पड़े, इसके लिए सोलर पम्प की स्थापना पर अनुदान दिया जा रहा है।

सोलर पम्प की महत्ता को देखते हुए राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को सोलर पम्प की स्थापना के लिए भारी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। राजस्थान सौर ऊर्जा पंपों की स्थापना में देश में पहले पायदान पर है। राज्य में सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत पिछले 4 वर्षों में 57 हजार 657 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 982 करोड़ 95 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।

सोलर पम्प पर कितना अनुदान Subsidy दिया जाता है?

राजस्थान के कृषि आयुक्त कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि किसानों को सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापना करने पर इकाई की लागत का 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 45 हजार रुपये का अतिरिक्त अनुदान तथा जनजातीय उप-योजना क्षेत्र मे अनुसूचित जनजातियों के किसानों को 3 व 5 एच.पी क्षमता के सौर पंप संयंत्र पर शत प्रतिशत अनुदान दिये जाने का भी प्रावधान किया गया है।

एक लाख किसानों को दिया जाएगा सोलर पम्प पर अनुदान

राजस्थान सरकार द्वारा जारी कृषि बजट घोषणा 2022-23 में आगामी 2 वर्षों में एक लाख किसानों को सोलर पम्प स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। कृषि आयुक्त ने बताया की सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत गत 4 वर्षों में 57 हजार 657 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 982 करोड़ 95 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। 

वर्ष 2018-19 (दिसम्बर 2018 से) में 3 हजार 462 किसानों को 70 करोड़ 30 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 10 हजार 4 किसानों को 57 करोड़ 81 लाख रुपये का, वर्ष 2020-21 में 13 हजार 880 किसानों को 133 करोड़ 39 लाख रुपये का, वर्ष 2021-22 में 10 हजार किसानों को 320 करोड़ 41 लाख रुपये का और वर्ष 2022-23 में अब तक 20 हजार 311 किसानों को 401 करोड़ 4 लाख रुपये का अनुदान देकर लाभान्वित किया गया है।

इन किसानों को दी जाएगी सोलर पम्प पर सब्सिडी

सोलर पम्प संयंत्र पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि कृषक द्वारा कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर अथवा स्प्रिंकलर संयंत्र काम में लिया जा रहा हो। योजना के तहत उच्च उद्यानिकी तकनीक जैसे ग्रीनहाउस, शेडनेट हाउस और लो-टनल्स काम में लेने वाले कृषक भी अनुदान के लिए पात्र हैं। पात्र किसानों को 3 एच.पी, 5 एच.पी और 7.5 एच.पी के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है।

3 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन

3 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र हेतु आवेदन करने के लिए किसानों के पास में कम से कम 0.4 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त किसान के पास एक हजार घन मीटर क्षमता का जल संग्रहण ढांचा या 400 घन मीटर क्षमता की डिग्गी या 600 घन मीटर क्षमता का फ़ार्म पौण्ड या 100 घन मीटर क्षमता का जल हौज अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना चाहिए।

5 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन

5 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र हेतु आवेदन करने के लिए किसान के पास में कम से कम 0.75 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। साथ ही 2000 घन मीटर क्षमता का जल संग्रहण ढांचा या डिग्गी या फ़ार्म पौण्ड अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना चाहिए।

7.5 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन

इसी प्रकार 7.5 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र के लिए किसान के पास में कम से कम 1.0 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। साथ ही 7500 घन मीटर की क्षमता की जल संग्रहण ढांचा या डिग्गी अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना ज़रूरी है।

सोलर पम्प अनुदान हेतु आवेदन कहाँ करें?

राजस्थान राज्य के किसान योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र में किसानों को आवश्यक रूप से अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा। योजना अथवा आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान निकटतम कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते है या किसान कॉल सेंटर के निःशुल्क दूरभाष नंबर 1800-180-1551 पर बात कर सकते हैं।

24 जनवरी से यहाँ शुरू होगा कृषि मेला, किसानों को योजनाओं की जानकारी के साथ ही दिया जाएगा प्रशिक्षण

कृषि महोत्सव प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण का आयोजन

समय-समय पर किसानों को कृषि क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी देने के लिए कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। ऐसा ही एक कृषि महोत्सव-प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण का आयोजन दिनांक 24 से 25 जनवरी 2023 को दशहरा मैदान, कोटा, राजस्थान में किया जा रहा है। इस दो दिवसीय मेले का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजस्थान के कोटा संभाग को कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उन्नत और अग्रणी बनाने के लिये किया जा रहा है।

इस कृषि महोत्सव में आयोजित प्रदर्शनी के माध्यम से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी स्टॉलों के द्वारा दी जाएगी। साथ ही निजी क्षेत्र की कृषि के विभिन्न आदानों की आपूर्ति से सम्बंधित कंपनियों/संस्थाओं भी अपने उत्पादों को स्टॉलों के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे।

किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

कोटा, राजस्थान में आयोजित होने वाले इस महोत्सव के दौरान लगभग 5000 किसानों को कृषि, बागवानी एवं पशुपालन सम्बन्धी विषयों पर प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम भी दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। किसानों के लाभ के लिए कृषि अवसंरचना निधि पर एक विशेष कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय आयोजन में कृषि अनुसंधान संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि आंचलिक केन्द्रों के वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ क्षेत्र के लगभग 35000 किसान प्रतिभाग कर रहे हैं।

क्या रहेगी कृषि महोत्सव की विशेषता

इस आयोजन की विशेषता इस बात से भी है कि इसमें कृषि की नई टेक्नोलॉजी और आधुनिक कृषि को अपनाने में रूचि रखने वाले किसानों का प्रतिभाग अधिक से अधिक संख्या में हो रहा है और खेती को और अधिक लाभप्रद व्यवसाय बनाने के लिए सभी जागरूक किसानों को उन्नत कृषि उत्पादन प्रणाली, नई कृषि टेक्नोलॉजी तथा उन्नत कृषि यंत्रों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित एवं प्रशिक्षित किया जा रहा है।

इस प्रदर्शनी में 150 स्टॉल किसानों को कृषि सम्बन्धी अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए लगाये जाएंगे। कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप की आवश्यकता को देखते हुए 75 स्टॉल स्टार्टअप के लगाये जाएंगे जो इस प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताओं में से एक है।

35 हजार किसान लेंगे भाग

महोत्सव में लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार, श्री कैलाश चौधरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, राज्य मंत्री, भारत सरकार, डॉ. संजीव बलियान, कृषि एवं पशुपालन मंत्री, राजस्थान सरकार, श्री लालचंद कटारिया और राज्य मंत्री, सहकारिता विभाग, राजस्थान सरकार, श्री उदयलाल आंजना उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार एवं भारतीय कृषि अनुसंधान के वरिष्ठ अधिकारी एवं लगभग 35 हज़ार किसान, कृषि स्टार्टअप, कॉर्पोरेट बैंकर्स, विस्तार कर्मी एवं निजी कृषि संस्थाओ के कर्मी भी उपस्थित रहेंगे।

मौसम चेतावनी: 24 से 27 जनवरी के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

24 से 27 जनवरी के लिए मौसम पूर्वानुमान

पिछले कुछ दिनों से देश के उत्तर भारतीय राज्यों ख़ासकर मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिली है, इसका मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ WD है। पश्चिमी विक्षोभ WD के एक्टिव होने के चलते 24 जनवरी से 27 जनवरी तक उत्तर भारत में आंधी-बारिश का दौर रहने की संभावना है, इसको लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग की माने तो 24 से 26 जनवरी के दौरान यह अपने चरम पर रहेगा।

24 से 27 जनवरी के बीच आंधी के साथ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में बारिश एवं कुछ स्थानों पर ओले गिर सकते हैं। राजस्थान के उत्तरी इलाके और मध्य प्रदेश में 25 से 27 के बीच छिटपुट वर्षा गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। आइए जानते हैं इस दौरान कौन से ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि।

राजस्थान के इन ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 24 से 27 जनवरी के दौरान अलवर, बारां, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, सवाईमाधोपुर, सीकर, चूरु, हनुमानगढ़ ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

मध्यप्रदेश के इन ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 24-27 जनवरी के दौरान भोपाल, सिहोर, विदिशा, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश के इन ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 24 से 27 जनवरी के दौरान आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, अयोध्या, अमेठी, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, सहारनपुर, मुज्जफरनगर एवं शामली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा एवं ओलावृष्टि होने की संभावना है।

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 24 से 26 जनवरी के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।

वहीँ हरियाणा राज्य में 24 से 26 जनवरी के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।