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गुरूवार, अप्रैल 18, 2024
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सरकार ने बढ़ाया गन्ने का मूल्य, अब किसान इस भाव पर चीनी मिलों को बेच सकेंगे गन्ना

गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 2022-23

गन्ना उत्पादक किसानों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी केंद्र सरकार ने गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। जिससे किसानों को गन्ने के उत्पादन में आ रही लागत को पूरा करने में मदद मिलेगी। किसानों को चीनी सीजन 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 10.25 प्रतिशत की मूल रिकवरी दर के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 305 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद 10.25 प्रतिशत से अधिक की रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के लिए 3.05 रुपये/ क्विंटल का प्रीमियम मिलेगा और रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की कमी के लिए 3.05 रुपये प्रति/क्विंटल की दर से उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में कमी होगी। परंतु चीनी मिलों के मामले में कोई कटौती नहीं होगी, जहां रिकवरी 9.5 प्रतिशत से कम है।

गन्ने के मूल्य में कितने रुपए की बढ़ोतरी की गई है?

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने गन्ना उत्पादक किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए चीनी सीजन 2022–23 (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए गन्ना का नया लाभकारी मूल्य FRP जारी कर दिया है। पिछले वर्ष गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 290 रूपये प्रति क्विंटल था, जिसमें 15 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि से अब 305 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।  

लागत मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक है गन्ने का FRP

केंद्र सरकार ने गन्ने का FRP जारी करते हुए दावा किया कि सरकार किसानों को गन्ने की लागत मूल्य का 50 प्रतिशत से अधिक दे रही है। इस वर्ष जारी गन्ने के मूल्य में सरकार ने जानकारी दी है कि चीनी सीजन 2022–23 के लिए गन्ने के उत्पादन की A2+FL लागत (यानि वास्तविक भुगतान की गई लागत के साथ पारिवारिक श्रम का मूल्य) 162 रूपये प्रति क्विंटल है। इस वर्ष गन्ने की जारी मूल्य 305 रूपये प्रति क्विंटल का यह एफआरपी उत्पादन लागत से 88.3 प्रतिशत अधिक है।

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पिछले 10 वर्षों में गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य इस प्रकार है ?

वर्ष दर वर्ष केंद्र सरकार के द्वारा गन्ने की उचित एवं लाभकारी मूल्य बढ़ाया जा रहा है। जिससे किसानों के गन्ने की लागत में आने वाले लागत की भरपाई किया जा रहा है। पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार के द्वारा जारी किये गये गन्ने की उचित एवं लाभकारी मूल्य इस प्रकार है:-

वर्ष 
गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य FRP

2013–14 

210 रुपये

2014–15 

220 रुपये 

2015–16 

230 रुपये

2016–17 

230 रुपये

2017–18 

255 रुपये

2018–19 

275 रुपये

2019–20 

275 रुपये

2020–21 

285 रुपये

2021–22 

290 रुपये

2022–23 

305 रुपये

91.42 फ़ीसदी हो चूका है गन्ने का भुगतान

किसानों को गन्ना के मूल्य का भुगतान एक बड़ी समस्या है, कई बार लम्बे समय तक किसानों को अपने ही बेचे गए गन्ने का भुगतान नहीं हो पता है परंतु हाल ही के वर्षों में इसमें काफी सुधार हुआ है। पिछले चीनी सीजन 2020-21 में लगभग 92,938 करोड़ रूपये का गन्ना बकाया देय था, जिसमें से 92,710 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है और केवल 228 करोड़ रूपये बकाया हैं। वर्तमान चीनी सीजन 2021–22 में 1,15,196 करोड़ रूपये में से किसानों को 1,05,322 करोड़ रूपये गन्ने के बकाया का भुगतान किया गया। 01 अगस्त 2022 तक इस प्रकार 91.42 प्रतिशत गन्ना बकाया का भुगतान कर दिया गया है जो कि पिछले चीनी सीजन की तुलना में अधिक है।

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राज्य सरकार किसानों के लिए अलग से तय करती है गन्ने का मूल्य

केंद्र सरकार के द्वारा प्रत्येक वर्ष गन्ने का लाभकारी मूल्य तय किया जाता है। इसके अलावा कई राज्य सरकारें भी राज्य में किसानों के लिए गन्ने के लिए अलग से मूल्य जारी करती हैं, जो केंद्र के द्वारा जारी किए गए FRP से अधिक होता है। उसी मूल्य पर राज्य में चीनी मिलों के माध्यम से गन्ना की खरीदी की जाती है। वर्ष 2021–22 में इन राज्य सरकारों ने अलग से जारी किया है गन्ने का लाभकारी मूल्य:-

  • उत्तर प्रदेश – 340 रूपये प्रति क्विंटल,
  • पंजाब – 360 रूपये प्रति क्विंटल,
  • हरियाणा – 362 रूपये प्रति क्विंटल,
  • बिहार – 335 रूपये प्रति क्विंटल 

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