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शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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गन्ने के भाव में की गई 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी, अब किसानों को मिलेगा गन्ने का यह भाव

गन्ने के मूल्य में की गई वृद्धि

पिछले कुछ दिनों से हरियाणा के किसान गन्ना के मूल्य में वृद्धि की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं, उनका मानना है की मौजूदा गन्ने के भाव से उसकी लागत की भरपाई नहीं हो पा रही है। किसानों के इस आंदोलन के चलते चीनी मिल बंद पड़ी हैं क्योंकि गन्ना किसान अपने गन्ने लेकर चीनी मिल नहीं जा रहे हैं। जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने गन्ने के मूल्य में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा कर दी है।

गन्ने के मूल्य निर्धारण के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, जिसने गन्ना किसान की मांगों पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी। समिति ने किसानों, सहकारी विभाग, निजी मिलों और विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें की हैं और अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशों के साथ गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी की सिफारिश की।

अब किसानों को गन्ने का यह मूल्य मिलेगा

राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गन्ना किसानों के हित में गन्ने के मूल्य में 10 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की घोषणा कर दी है। 10 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के कारण राज्य में गन्ने का मूल्य 362 रूपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 372 रूपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस वृद्धि के साथ ही मुख्यमंत्री ने किसानों से गन्ना लेकर चीनी मिल जाने का आह्वान किया है।

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किसानों की माँग है की गन्ने के मूल्य में और अधिक वृद्धि की जाए। इस पर राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया है कि चीनी की मौजूदा कीमत उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ी है, फिर भी हम चीनी की कीमत की तुलना में गन्ना किसानों को अधिक कीमत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीनी मिले लगातार घाटे में चल रही है, लेकिन फिर भी हमने समय – समय पर किसानों के हितों की रक्षा की है।

घाटे में चल रहीं है चीनी मिलें

राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया है कि राज्य की चीनी मीलों पर 5293 करोड़ रूपये का घाटा है। चीनी उत्पादन की औसत लागत 4341 रूपये प्रति क्विंटल है, जोकि चीनी के विक्रय मूल्य यानि 3400 रूपये प्रति क्विंटल से अधिक है । सहकारी चीनी मीलों को 1005 करोड़ रूपये का ऋण दिया गया है। वित्तीय सहायता के रूप में पिछले दो वर्षों (2020-21 और 2021-22) में सभी सहकारी और निजी चीनी मीलों को 329 करोड़ रूपये की राशि सब्सिडी के रूप में दी गई है।

गन्ना किसानों को समय पर हो रहा भुगतान 

गन्ना किसानों की बड़ी समस्या भुगतान को लेकर रहती है। चीनी मीलों के द्वारा गन्ना खरीदी के बावजूद भी किसानों को भुगतान में महीनों लग जाता है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2020–21 में 2628 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है और इस वर्ष को कोई भी बकाया नहीं है। इसी प्रकार वर्ष 2021–22 में केवल 17.94 करोड़ रूपये नारायणगढ़ चीनी मिल के पीडीसी को छोड़कर 2727.29 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि सहकारी चीनी मीलों को निर्देश दिए हुए हैं कि एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान किया जाए।

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गन्ने उत्पादन की लागत में हुई है वृद्धि

किसानों के द्वारा की जा रही मांगों को लेकर राज्य के कृषि मंत्री जे.पी. दलाल की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया था। यह कमिटी ने राज्य के मुख्यमंत्री को रिपोर्ट में बताया कि सिफारिशों के अनुसार, कृषि विभाग के आकलन के अनुरुप लागत, श्रम शुल्क आदि की लागत में बढ़ोतरी के कारण खेती की लागत में वृद्धि हुई है। समिति ने इन मुद्दों जैसे वित्तीय व्यवहार्यता की बाधाओं, सहकारी चीनी मिलों को भारी वित्तीय नुकसान पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। समिति का विचार था कि भारी वित्तीय नुकसान के बावजूद गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) को बढ़ाया जा सकता है।

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