इस दिन शुरू होगा पूसा कृषि मेला, किसानों को उन्नत किस्मों के बीज के साथ ही मिलेगी स्मार्ट खेती की जानकारी

पूसा कृषि विज्ञान मेला 2023

हर वर्ष भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा द्वारा कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया जाता है, जिसका इंतजार देशभर के किसानों को रहता है। पूसा मेले में न केवल संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न फसलों के उन्नत प्रमाणित बीज कम दामों पर उपलब्ध कराए जाते हैं बल्कि किसानों को कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों की नई तकनीकों से भी अवगत कराया जाता है। साथ ही खेती किसानी सम्बंधित किसानों को आ रही समस्याओं का समाधान भी कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा किया जाता है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान IARI ने इस वर्ष आयोजित होने वाले कृषि विज्ञान मेले की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पूसा द्वारा इस मेले का आयोजन नई दिल्ली में 2 मार्च से 4 मार्च के दौरान किया जाएगा। 2 मार्च को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा इस मेले का शुभारम्भ किया जाएगा। इस तीन दिवसीय मेले का आयोजन संस्थान के मेला ग्राउंड, भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली में किया जायेगा।

मेले से किसान ले सकेंगे बासमती धान की उन्नत किस्मों के बीज

पिछले वर्ष पूसा कृषि विज्ञान मेले में संस्थान द्वारा विकसित बासमती धान की किस्मों की माँग बहुत अधिक थी, जिसको देखते हुए संस्थान ने इस वर्ष भी बासमती धान की क़िस्में मुख्यतः पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1886 एवं पूसा बासमती 1885 किस्मों के बीज किसानों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाएँगे। इसके अलावा किसान संस्थान द्वारा विकसित अन्य किस्मों के उन्नत बीज भी यहाँ से खरीद सकेंगे।

क्या रहेगा मेले का मुख्य आकर्षण

इस वर्ष पूसा मेले की मुख्य थीम “श्री अन्न (मोटे अनाजों) द्वारा पोषण, खाद्यान एवं पर्यावरण सुरक्षा” रखी गई है। साथ ही मेले के अन्य मुख्य आकर्षण इस प्रकार रहेंगे:-

  • अंतराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष-2023 के अंतर्गत मोटा अनाज आधारित मूल्य शृंखला के विकास
  • स्मार्ट खेती/ संरक्षित खेती मॉडल,
  • जलवायु अनुकूल एवं संपोषक कृषि,
  • कृषि विपणन एवं निर्यात 
  • किसानों के नवाचार- सम्भावनाएँ एवं समस्याएँ
  • किसान उत्पादक संगठन- स्टार्टअप लिंकेज

पूसा कृषि विज्ञान मेले में इसके साथ ही तकनीकी सत्र का आयोजन किया जाएगा साथ ही खेती की आधुनिक तकनीकों की जीवंत प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। साथ ही किसान मेले में आने वाले अन्य स्टालों पर उपलब्ध कृषि सम्बंधित उत्पादों की जानकारी भी ले सकेंगे। 

8 करोड़ से अधिक किसानों को जारी की गई 2000 रुपए की किस्त, फटाफट चेक करें आपको मिली या नहीं

पीएम किसान योजना किस्त

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 27 फरवरी के दिन पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 16,800 करोड़ रुपये की 13वीं किस्त किसानों के बैंक खाते में जमा कर दी है। 13वीं किस्त देशभर के 8 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से जमा की गई है। कर्नाटक के बेलगावी में हुए इस वृहद कार्यक्रम में हजारों किसान उपस्थित थे, वहीं करोड़ों किसान व अन्य लोग ऑनलाइन भी जुड़े।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 2019 में की गई थी परंतु इसे दिसंबर 2018 से लागू किया गया था। तब से लेकर अभी तक किसानों को कुल 12 किस्त दी जा चुकी है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022 में 11वीं किस्त मई माह में, 12वीं किस्त अक्टूबर महीने में जारी की गई थी। आज किसानों को योजना के अंतर्गत 13 वीं किस्त जारी की गई है। इस तरह किसानों को इस वित्त वर्ष की सभी किस्तें दी जा चुकी है।

किसान कैसे चेक करें उन्हें किस्त मिली या नहीं?

पीएम किसान योजना के अंतर्गत किसान ऑनलाइन चेक कर सकते हैं उन्हें अभी तक कितनी किस्तें मिली है, इसके लिए किसानों पीएम किसान एप पर या पीएम किसान पोर्टल  pmkisan.gov.in पर जाना होगा। यहाँ किसान फ़ार्मर कार्नर पर जाकर BENEFICIARY STATUS पर अपने आवेदन की स्थिति के साथ ही दी गई किस्तों की जानकारी देख सकते हैं, इसके अलावा किसान BENIFICIARY LIST पर जाकर अपने गाँव के अनुसार लाभार्थियों की सूची देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसान अपने आवेदन की स्थिति जानने के लिए 155261 पर कॉल कर सकते हैं।

11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को दिया जाता है योजना का लाभ

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल 6,000 रुपये की धनराशि 2,000 रुपये की तीन किस्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जारी की जाती है। योजना के अंतर्गत अब तक 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों, जिसमें मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसान हैं, को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की जा चुकी है।

खेतों में जलाशय बनाने के लिए सरकार दे रही है 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी, 2185 किसानों को मिला योजना का लाभ

जलाशय निर्माण के लिए अनुदान

फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों के पास सिंचाई के उपयुक्त संसाधन होना आवश्यक है। किंतु लगातार गिरते भूमिगत जल स्त्रोतों से किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिसको देखते हुए सरकार द्वारा सिंचाई की सूक्ष्म पद्धतियों एवं वर्षा जल संग्रहण को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा भारी सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा रही है।

इस कड़ी में हरियाणा सरकार राज्य में किसानों को ड्रिप, मिनी-स्प्रिंकलर और पोर्टेबल-स्प्रिंकलर माईक्रो-इरीगेशन सिस्टम एवं जलाशय के निर्माण पर भारी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। जिससे न केवल सिंचाई के रकबे में बढ़ोतरी हुई है बल्कि फसलों के पैदावार में भी वृद्धि होती है। 

19 हजार से अधिक किसानों को मिला ड्रिप एवं स्प्रिंकलर योजना का लाभ

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों को ड्रिप, मिनी-स्प्रिंकलर और पोर्टेबल-स्प्रिंकलर माईक्रो-इरीगेशन सिस्टम के लिए 58 हजार एकड़ खेतों के 19517 लाभार्थियों को 179.39 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इसलिए किसान जल संरक्षण की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। यह बात उन्होंने मिकाडा के लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद करते हुए कही साथ ही इस अवसर पर उन्होंने अनेक लाभार्थियों से न केवल संवाद किया बल्कि योजनाओं का फीडबैक भी लिया।

जलाशय निर्माण के लिए दी जा रही है 80 प्रतिशत सब्सिडी

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि खेत में ही जलाशय के निर्माण पर सरकार व्यक्तिगत आवेदक के लिए 70 प्रतिशत की दर से और किसान समूहों के सदस्यों को 85 प्रतिशत की दर से सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि जलाशय बनाने के लिए 2185 लाभार्थियों को 54.90 करोड़ रुपए और 2584 अन्य लाभार्थियों को 64 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल भूजल योजना के तहत राज्य के 1656 गांवों में किसानों को उनके हिस्से की 15 प्रतिशत प्रतिपूर्ति राशि सीधे डीबीटी माध्यम से खातों में भेजी जा रही है। अब तक 11284 लाभार्थियों के खातें में 19 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं। 

सूक्ष्म सिंचाई से पैदावार में होती है वृद्धि

मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में जिन किसानों ने सूक्ष्म सिंचाई को अपनाया है उनके खेतों में फल और सब्जियों की पैदावार में 52 प्रतिशत तक बढोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि खालों के माध्यम से सीधे ही जितने खेत में पानी लगाते हैं, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से उतने ही पानी से 95 प्रतिशत तक अधिक क्षेत्र में सिंचाई होती है और इसके साथ ही 48 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है।

अब किसानों को हर साल मिलेंगे 22 हजार रुपए, सरकार ने इस नई योजना को दी मंजूरी

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से होगा किसानों को लाभ

मध्य प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत राज्य के किसान परिवार को सालाना 4 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है। ठीक इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने राज्य में महिलाओं को प्रति माह एक हजार रुपए यानि की सालाना 12,000 रुपए देने का निर्णय लिया है। जिसका सीधा फ़ायदा किसानों को मिलेगा। मध्य प्रदेश के किसानों को अब सीधे तौर पर 16,000 रुपए सालाना प्राप्त होंगे। 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 25 फरवरी के दिन मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना-2023 को मंत्री परिषद ने मंजूरी दे दी है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में महिलाओं के स्वावलम्बन और उनके अश्रित बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के स्तर में सतत सुधार को बनाए रखने, महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने और परिवार के स्तर पर निर्णय लिए जाने में महिलाओं की प्रभावी भूमिका को प्रोत्साहित करना है।

लाड़ली बहना योजना का लाभ किसे मिलेगा

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना -2023 का लाभ लेने के लिए महिला का मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी होना और आवेदन किए जाने के कैलेण्डर वर्ष में एक जनवरी की स्थिति में 23 वर्ष की आयु पूर्ण करना एवं 60 वर्ष से कम आयु का होना आवश्यक है। विवाहित महिलाओं के अलावा विधवा, तलाक शुदा एवं परित्यक्ता महिला भी योजना के लिए पात्र होगी।

 इन महिलाओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

लाड़ली बहना योजना का लाभ ऐसी महिलाओं को नहीं दिया जाएगा जिनके परिवार की सम्मिलित रूप से स्व-घोषित सालाना आमदनी ढाई लाख रूपये से अधिक है, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता है, जिनके परिवार का कोई भी सदस्य केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार के सरकारी विभाग, उपक्रम, मंडल, स्थानीय निकाय में नियमित या स्थाई कर्मी या संविदा कर्मी के रूप में नियोजित है तथा सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्राप्त कर रहा है। 

ऐसी महिलाएँ भी अपात्र होंगी जो स्वयं केन्द्र सरकार या राज्य सरकार की किसी योजना में प्रतिमाह एक हजार रूपये या उससे अधिक की राशि प्राप्त कर रही हैं, जिनके परिवार का कोई सदस्य वर्तमान अथवा भूतपूर्व सांसद/विधायक है। ऐसे परिवार जिनका कोई सदस्य केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा मनोनीत बोर्ड/निगम/मंडल/उपक्रम का अध्यक्ष/संचालक/ सदस्य है वे महिलाएँ भी अपात्र होंगी। ऐसी महिलाएं भी अपात्र होंगी जिनके परिवार का कोई सदस्य स्थानीय निकायों में निर्वाचित जन-प्रतिनिधि (उप सरपंच को छोड़ कर) है।

इन किसान परिवारों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

राज्य के ऐसे परिवार जिनके सदस्यों के पास संयुक्त रूप से कुल पाँच एकड़ से अधिक भूमि है या परिवार के सदस्यों के नाम से पंजीकृत चार पहिया वाहन (ट्रेक्टर सहित) हैं, वे भी इस योजना के लिए अपात्र होंगी। 

कब शुरू होंगे लाड़ली बहना योजना के लिए आवेदन?

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 5 मार्च को लांच की जायेगी और इसी दिन से इसके आवेदन लेना प्रारंभ किये जायेंगे। होली और रंगपंचमी के बाद 15 मार्च से आवेदन भरे जाएंगे। मार्च और अप्रैल में आवेदन भरने का काम पूरा हो जाएगा। मार्च-अप्रैल में फार्म भरने के बाद मई में इनकी जाँच कर ली जाएगी। योजना में 10 जून से पैसा लाभार्थी के बैंक खाते में डलना प्रारंभ हो जाएगा और फिर हर महीने की इसी निश्चित तारीख को पैसे डाले जाएंगे। 

लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कैसे करें?

योजना के लिए प्रपत्र, ग्राम पंचायत/वार्ड कार्यालय/शिविर स्थल पर उपलब्ध होंगे। महिला को स्वयं उपस्थित होना होगा। महिला का फोटो खींचने का कार्य और समग्र में आधार ई-केवाईसी की जाएगी। फार्म में उपलब्ध जानकारी स्थल पर पोर्टल/एप में डाटा एंट्री की जाएगी। आधार लिंक बैंक एकाउंट का सत्यापन किया जाएगा। आवेदन के सफलतापूर्वक दर्ज होने पर आवेदक को पावती मिलेगी, जिस पर आवेदन क्रमांक भी दर्ज होगा। योजना में राशि का भुगतान जून माह से प्रारंभ होगा।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने शिविर से पहले किओस्क जाकर समग्र में आधार ई-केवाईसी करवाने का परामर्श दिया है, जो नि:शुल्क रूप से होता है। महिला का यदि स्वयं के नाम से स्वतंत्र बैंक एकाउंट नहीं है तो उसे बैंक जाकर खाता खुलवाना होगा और संबंधित बैंक के किओस्क पर जाकर अपना बैंक एकाउंट आधार से लिंक करवाना होगा

किसान परिवार को सालाना मिलेंगे 22 हजार रुपए

मध्य प्रदेश में एक किसान परिवार को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्य मंत्री किसान कल्याण योजना के तहत सीधे 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। वही अब राज्य में लाड़ली बहना योजना के शुरू हो जाने से किसान परिवार को अब 12,000 रुपए और दिए जाएँगे, जिससे राज्य के एक किसान परिवार को एक वर्ष में 22,000 हजार रुपए प्राप्त होंगे। 

हालाँकि मुख्य मंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ उन किसान परिवारों को नहीं मिलेगा जिनके पास किसी भी तरह के चार पहिया वाहन है या ट्रैक्टर है। साथ ही उन किसान परिवारों को भी नहीं मिलेगा जिन परिवारों के सदस्यों के पास संयुक्त रूप से कुल पाँच एकड़ से अधिक भूमि है। इन किसान परिवारों को केवल पीएम किसान सम्मान निधि एवं किसान कल्याण योजना का लाभ मिलेगा अर्थात् इन किसान परिवारों को 10,000 रुपए सालाना मिलते रहेंगे। 

पता चल गया, किस दिन किसानों के बैंक खाते में दी जाएगी 2 हजार रुपए की किस्त

पीएम किसान सम्मान निधि योजना किस्त

देश में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है, योजना के तहत एक किसान परिवार को एक वर्ष में 3 किश्तों में 6 हजार रुपये दिए जाते हैं। योजना के अंतर्गत किसानों को अभी तक 12 किस्तें दी जा चुकी हैं, 13 वीं किस्त जल्द ही किसानों के बैंक खाते में सीधे अतंरित किया जाना है। इसके लिए सरकार ने तारीख़ एवं समय बता दिया है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी 27 फरवरी को पीएम किसान योजना की 13 किस्त जारी करेंगे। खास बात यह है की इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दी है। उन्होंने ट्विट करते हुए कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के लभार्थियों के खाते में 13वीं किस्त की राशि सोमवार को जारी की जाएगी 

किस समय जारी की जाएगी 13वीं किस्त 

प्रधान मंत्री मोदी कर्नाटक के बेलगावी से दोपहर 3 बजे पीएम किसान योजना की किस्त जारी करेंगे। इस दौरान वे किसानों से सीधा संवाद भी करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी है कि अभी क़रीब 8 करोड़ किसान परिवारों को यह किस्त जारी की जाएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 17 अक्टूबर के दिन किसानों को 12वीं किस्त जारी की थी।

कृषि मंत्री ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 12 किश्तों के माध्यम से 11.30 करोड़ से अधिक पात्र लाभार्थी किसानों को 2.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।

पीएम किसान की किस्त लेने के लिए किसानों को करना होगा यह काम

केवल पात्र किसान परिवारों को योजना का लाभ दिया जा सके इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही किसानों को आधार-सीडिंग एवं लैंड सीडिंग भी करवाना होगा। इसके बाद ही किसानों आगे किस्त दी जाएगी। जिन किसानों का खसरा सीडिंग नही हुआ है वह तत्काल कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी या विकासखंड/जिला कार्यालय से संपर्क कर कार्य पूर्ण करा लें।

इस योजना के तहत गाय-भैंस खरीदने के लिए सरकार देगी 90 प्रतिशत का अनुदान, ऐसे करें आवेदन

मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम के तहत अनुदान

ग्रामीण क्षेत्रों में गाय-भैंस पालन रोजगार का एक अच्छा जरिया होने के साथ ही किसानों की आमदनी का मुख्य स्त्रोत भी है, खेती से अधिक आय किसानों को पशुपालन से ही होती है। पशुपालन के महत्व को देखते हुए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजना चला रही है, जिसके तहत इच्छुक व्यक्तियों को दुधारू पशु खरीदने के लिए भारी अनुदान दिया जा रहा है।

इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम’’ को संशोधित करते हुए मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’’ के रूप में लागू किया है। योजना में अब लाभार्थी को दुधारू गाय के अलावा भैंस खरीदने के लिए भी अनुदान दिया जाएगा। साथ ही गाय-भैंस खरीदने के लिए दिए जाने वाले अनुदान में भी वृद्धि भी की गई है।

गाय-भैंस खरीदने के लिए अब कितना अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा?

मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि योजना के अंतर्गत प्रति पशुपालक 2 दुधारू पशु गाय/भैंस दिए जाएँगे। कार्यक्रम में 90 प्रतिशत शासकीय अनुदान दिया जाएगा और लाभार्थी को सिर्फ 10 प्रतिशत राशि ही देना होगा। क्रय किये गये सभी पशुओं का बीमा भी योजना के तहत किया जाएगा। मिल्क रूट और दुग्ध समितियों का गठन मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ और पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।

साथ ही कार्यक्रम का लाभ अब विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के साथ सहरिया और भारिया को भी मिलेगा। इन जनजातियों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए हितग्राही अंशदान की राशि 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दी गई है।

गाय-भैंस खरीदने के लिए देने होंगे मात्र इतने रुपए

योजना के अंतर्गत गाय प्रदाय के लिये 1 लाख 89 हजार 250 रूपये की लागत आएगी जिस पर 1 लाख 70 हजार 325 रूपये का सरकारी अनुदान दिया जाएगा। जिससे हितग्राही को मात्र 18 हजार 925 रूपये ही देने होंगे। वहीं भैंस के लिए शासन द्वारा 2 लाख 43 हजार रूपये की राशि निर्धारित की गई है। जिस पर शासन की और से लाभार्थी को 2 लाख 18 हजार 700 रूपये का शासकीय अनुदान दिया जाएगा। जिससे लाभार्थी को मात्र 24 हजार 300 रूपये का अंशदान होगा।

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिये 750-750 गाय-भैंस प्रदाय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये 29 करोड़ 18 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। 

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कहाँ करें?

मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के लिये 6 जिले डिण्डोरी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, मण्डला और बालाघाट, भारिया के लिये छिन्दवाड़ा और सहरिया जनजाति के लिये ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुरकला, मुरैना और भिण्ड जिले में कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 

हितग्राही को आवेदन निर्धारित प्रपत्र में अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था या दुग्ध सहकारी समिति को देना होगा। चयन के बाद हितग्राहियों को पशुपालन, पशु आहार और पशु प्रबंधन प्रशिक्षण के साथ परिचयात्मक दौरा भी करवाया जायेगा।

किसान अब 10 मार्च तक करा सकेंगे चना, मसूर एवं सरसों समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन

चना, मसूर एवं सरसों MSP पर बेचने के लिए किसान पंजीयन

रबी फसलों की कटाई जल्द शुरू हो जाएगी, ऐसे में किसान अपनी उपज समय पर बेच सकें इसके लिए कई राज्यों में किसानों के पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने पहले राज्य में चना, मसूर एवं सरसों के लिए पंजीयन तिथि 25 फरवरी तक रखी थी परंतु कई किसान इस दौरान अपना पंजीयन नहीं करा पाए थे। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने अब पंजीयन की अवधि की बढ़ाकर 10 मार्च कर दिया है।

इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि सरकार ने किसान हित में निर्णय लेते हुए चना, मसूर, सरसों के पंजीयन की तारीख को 15 दिन बढ़ा दिया है। किसान चना, मसूर, सरसों की उपज का पंजीयन पोर्टल पर 10 मार्च तक करा सकते हैं। पूर्व में पंजीयन की तारीख 25 फरवरी नियत की गई थी।

किसान यहाँ करा सकते हैं चना, मसूर एवं सरसों बेचने के लिए पंजीयन

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ़लाइन पंजीयन की व्यवस्था रखी है। जिसमें किसान स्वयं मोबाइल द्वारा एमपी किसान एप पर, ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, जनपद पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र पर, पूर्व वर्षों की भाँति सहकारी समिति/ विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीकृत केंद्र पर निः शुल्क पंजीयन करा सकते हैं।

इसके अलावा एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क पर, कामन सर्विस सेंटर पर, निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफ़े पर एवं लोकसेवा केंद्र पर शुल्क देकर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं।

क्या है चना, मसूर एवं सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 

केंद्र सरकार ने देशभर के लिए पहले ही रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिए हैं, जिस पर विभिन्न सरकारी एजेंसियों के माध्यम से खरीद केंद्रों पर खरीदी की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल, चना के लिए 5335 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर के लिए 6000 रुपए प्रति क्विंटल एवं सरसों के लिए 5450 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।

पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

किसानों को अनिवार्य रुप से समिति स्तर पर पंजीयन हेतु आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर की जानकारी उपलब्ध करवाना होगा। किसानों पंजीयन करवाते समय कृषक का नाम, समग्र आईडी नम्बर, ऋण पुस्तिका, आधार नम्बर, बैंक खाता नम्बर, बैंक का आईएफएससी कोड, मोबाइल नम्बर की सही जानकारी दें ताकि बाद में किसी प्रकार की असुविधा न हो। वनाधिकार पट्टाधारी एवं सिकमी किसानों के पास पंजीयन के लिए वनपट्टा तथा सिकमी अनुबंध की प्रति होनी चाहिए।

इस योजना के तहत सरकार मुफ्त में दे रही है सिरोही नस्ल के बकरे

निःशुल्क सिरोही नस्ल बकरे वितरण योजना

बकरी पालन में जहां लागत कम आती है वहीं इससे पशु पालक अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए बकरी पालन पशु पालन क्षेत्र में रोजगार का एक अच्छा ज़रिया है। बकरी पालन के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा इसके विकास के लिए कई योजनाएँ चला रही है। इन योजनाओं के तहत इच्छुक व्यक्तियों को बकरी पालन के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा उच्च नस्लीय पशुधन उत्पादकता के जरिए पशुपालकों के लिए आय एवं रोजगार के संसाधन विकसित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल के बकरे निःशुल्क वितरित किये जा रहे हैं।

अब तक मुफ्त में दिए गए 124 सिरोही नस्ल के बकरे

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रवीण सेन ने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल बकरी विकास परियोजना के तहत बकरी पालकों को अब तक 124 सिरोही नस्ल के बकरे निःशुल्क वितरित किये गए हैं। उन्होंने बताया कि मानपुरा-माचेड़ी, चाकसू में निःशुल्क बकरा वितरण के लिए शिविर लगाकर पशुपालकों को उच्च नस्लीय बकरों का निशुल्क वितरण किया गया है।

इन ज़िलों में किया गया सिरोही नस्ल के बकरे का वितरण 

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सिरोही नस्ल बकरी विकास परियोजना का क्रियान्वयन अभी राज्य के चयनित ज़िलों में किया रहा है। जिसमें अजमेर, चित्तौड़गढ़, चूरू, जयपुर, नागौर , प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर एवं सिरोही ज़िले शामिल है। यह योजना इन जिलों में उच्च अनुवांशिकी बकरों द्वारा मांस उत्पादन में वृद्धि के लिए अनुवांशिक विकास के लिए चलायी जा रही है।

सिरोही नस्ल के बकरे की विशेषता क्या है?

सिरोही नस्ल के बकरे/बकरी न केवल उच्च गुणवत्तायुक्त मांस उत्पादन हैं बल्कि दुग्ध उत्पादन की दृष्टि से उत्तम नस्ल मानी जाती है । अन्य सामान्य नस्लों की तुलना में सिरोही नस्ल की बकरी 2 किलो प्रति दिन तक दूध देती है। ऐसी नस्ल की बकरी में रोग प्रतिरोधक एवं सूखा सहन करने की क्षमता अन्य बकरियों से अधिक होती है। इस नस्ल की बकरियों में एक साथ एक से ज्यादा बच्चे पैदा करने एवं शीघ्र वजन बढ़ने के कारण पशुपालकों के द्वारा इन्हे पालना पसंद किया जाता है।

इस मौके पर मौजूद लाभार्थी पशुपालकों ने राज्य सरकार द्वारा पशुपालन के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि उच्च नस्लीय बकरी पालन से उनकी आय में भी लगातार वृद्धि हो रही है साथ ही वे अन्य बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध करवा पा रहे हैं।

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसान 28 फरवरी तक यहाँ करें अपना पंजीयन

MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन

रबी फसलों की कटाई का समय हो गया है, ऐसे में राज्य सरकारों ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में चना, मसूर, सरसों के साथ ही गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य में किसान चना, मसूर एवं सरसों समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए 25 फरवरी तक एवं गेहूं बेचने के लिए 28 फरवरी तक पंजीयन करा सकते हैं। 

केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,125 रुपए प्रति क्विंटल रखा है, जिस पर केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा विभिन्न खरीदी केंद्रों पर गेहूं की खरीदी की जाएगी। जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन अथवा ऑफ़लाइन पंजीयन अनिवार्य रूप से करना होगा।

किसान MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करें

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ़लाइन पंजीयन की व्यवस्था रखी है। जिसमें किसान स्वयं मोबाइल द्वारा एमपी किसान एप पर, ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, जनपद पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र पर, पूर्व वर्षों की भाँति सहकारी समिति/ विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीकृत केंद्र पर निः शुल्क पंजीयन करा सकते हैं।

इसके अलावा एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क पर, कामन सर्विस सेंटर पर, निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफ़े पर एवं लोकसेवा केंद्र पर शुल्क देकर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं।

किसान पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज 

ऐसे किसान जिन्होंने पिछले रबी/खरीफ मौसम में पंजीयन कराया था उन किसानों को रबी विपणन वर्ष 2023-24 में पंजीयन हेतु दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। पंजीयन में परिवर्तन/ संशोधन की आवश्यकता होने पर दस्तावेज प्रमाण स्वरूप पंजीयन केंद्र पर लाने होंगे एवं बैंक खाता परिवर्तन की दशा में बैंक पासबुक की छायाप्रति साथ में लानी होगी। सभी किसानों को आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते की छाया प्रति उपलब्ध करानी होगी।

वनाधिकार पट्टाधारी/सिकमीदार किसानों को वन पट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध करानी होगी। अनुबंध की एक प्रति तहसील कार्यालय में जमा करानी होगी। ऐसे किसानों को समिति/विपणन संस्था द्वारा संचालित केंद्रों पर पंजीयन कराना होगा। पंजीयन में भूमि का रकबा एवं बोई गई फसल की जानकारी राजस्व अभिलेख (खसरा) से ली जाएगी। सहमत न होने पर गिरदावरी में दावा/ आपत्ति का प्रावधान उपलब्ध होगा।

किसान ऐसे करें खसरा नम्बर को आधार से लिंक

समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए एवं पंजीयन में आसानी और तुरंत भुगतान के लिए बैंक खाता को आधार नम्बर से लिंक कराना होगा। इसके अलावा पंजीयन में सुविधा की दृष्टि से कृषक अपने सभी खसरों को आधार नम्बर से लिंक करना होगा। किसान इस तरह खसरा नम्बर को आधार से लिंक कर सकते हैं:-

  • किसान अपने सभी खसरों को समग्र पोर्टल पर “e-KYC करें” विकल्प के माध्यम से घर बैठे अथवा कॉमन सर्विस सेंटर/MP Online/ लोक सेवा केंद्र पर जाकर आधार से लिंक कर सकते हैं।
  • इसके अलावा किसान mpbhulekh.gov.in पोर्टल पर जाकर खसरा नम्बर को आधार से लिंक कर सकते हैं।

किसान पंजीयन करवाते समय कृषक का नाम, समग्र आईडी नम्बर, ऋण पुस्तिका, आधार नम्बर, बैंक खाता नम्बर, बैंक का आईएफएससी कोड, मोबाइल नम्बर की सही जानकारी दें ताकि बाद में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

हरियाणा बजट 2023-24: पशुपालन में उद्यमिता विकास के लिए शुरू की जाएगी नई योजना

शुरू की जाएगी पशुधन उत्थान मिशन योजना

23 फरवरी के दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश किया। सरकार ने वर्ष 2023-24 में कृषि, बागवानी, पशु पालन, मछली पालन एवं सहकारिता क्षेत्र में 8,316 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव रखा है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों से 19 प्रतिशत अधिक है। इसमें सरकार ने राज्य में पशुपालन और डेयरी और मत्स्य पालन विकास के लिए भी कई नई योजनाओं की घोषणा की है।

हरियाणा सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए एक योजना हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन शुरू करने की घोषणा की है। इसके अलावा गोवंश संरक्षण के लिए गौ सेवा आयोग के बजट में वृद्धि, पशु चिकित्सा सेवा के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई आदि की घोषणा बजट में की गई है।

शुरू की जाएगी पशुधन उत्थान मिशन योजना 

बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए एक योजना हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन शुरू करने कि घोषणा की है। इस मिशन को हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड संचालित करेगा। यह मिशन श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के साथ मिलाकर प्रशिक्षण प्रदान करेगा और पशु पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने के इच्छुक युवा उद्यमियों को सहायता प्रदान करेगा चाहे मवेशी पालन, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर पालन हो।

घरों पर दी जाएगी पशु चिकित्सा सेवाएँ

ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालकों को घर बैठे पशु चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी पद्धति में 70 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ प्रदान की जाएगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के नियंत्रण और निगरानी के लिए एक कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा।

पशुओं को उन्नत पशु चिकित्सा देखभाल और उपचार प्रदान करने के लिए 4 अतिरिक्त पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। यह पॉलीक्लिनिक पलवल, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ और अंबाला में स्थापित किए जाएँगे। सरकार पालतू जानवरों को उन्नत नैदानिक और उपचार सेवाएँ प्रदान करने के लिए गुरुग्राम और फ़रीदाबाद में दो अत्याधुनिक Veterinary Pet Clinics भी स्थापित किया जाएगा।

गौशलाओं को जोड़ा जाएगा गोबरधन योजना

हरियाणा सरकार ने बेसहारा पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को उचित रूप से वित्तीय सहायता देने के लिए गौ सेवा आयोग के लिए वर्ष 2023-24 के लिए बजट 40 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव रखा है। हरियाणा गौ सेवा आयोग के लिए ग्राम पंचायतों की सहमति से ग्राम पंचायत भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। गौशलाओं को गोबरधन योजना से जोड़ा जाएगा, जिसके तहत हर ज़िले में बायोगैस प्लांट बनाए जाने प्रस्तावित है।  

भिवानी ज़िले के सिवनी खंड की गढ़वा ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई भूमि पर खारा प्रभावित क्षेत्रों के सुधार के लिए एकीकृत एक्वा पार्क सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है।