अभी हुए फसल नुकसान के लिए किसानों को राहत राशि के साथ ही दिया जाएगा फसल बीमा योजना का लाभ

फसल नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को दिया जाएगा मुआवजा

बीते कुछ दिनों से देश के विभिन्न राज्यों में बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। किसानों को हो रहे इस नुकसान की भरपाई जल्द की जा सके इसके लिए राज्य सरकारें एक्शन मोड में आ गई हैं। मध्यप्रदेश में अभी हुई बारिश एवं ओला वृष्टि से राज्य की 51 तहसीलों के 520 गाँव में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। जिसको लेकर मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री ने कहा है कि ओलावृष्टि से निर्मित संकट में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है।

मुख्य मंत्री ने कहा कि ओलावृष्टि से प्रभावित जिलों में सर्वे का कार्य आरंभ कर दिया गया है। एक सप्ताह में सर्वे कार्य पूर्ण कर किसानों को तत्काल राहत उपलब्ध कराई जाएगी। सर्वे के लिए राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के संयुक्त दल गठित किए गए हैं।

किसानों को राहत राशि के साथ ही दी जाएगी फसल बीमा की राशि

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सर्वे के साथ ही प्रभावित किसानों और उन्हें हुए नुकसान की सूची पंचायतों में चस्पां की जाएगी । किसानों की ओर से प्राप्त आपत्तियों का निराकरण कर पूरी संवेदना और पारदर्शिता के साथ नुकसान का आंकलन किया भी किया जाएगा। साथ ही किसानों को राहत राशि के साथ अद्यतन तकनीक से किए गए क्रॉप कटिंग एक्सपरिमेंट के आधार पर फसल बीमा योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। 

किसानों को समय रहते नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे के समानांतर ही फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक कार्यवाही किए जाने के निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिए हैं। इससे आरबीसी 6-4 में दी जाने वाली तात्कालिक राहत की राशि और फसल बीमा योजना का सहारा किसानों को मिल सकेगा। फसलों के नुकसान के अलावा पशुहानि के लिए बढ़ी हुई राशि के अनुरूप राहत प्रदान की जाएगी।

51 तहसीलों में हुआ है फसलों को नुकसान

अभी राज्य के प्रभावित ज़िलों की 51 तहसीलों के 520 ग्रामों में 38 हजार 900 किसानों की 33 हजार 758 हेक्टेयर फसल प्रभावित होने की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है। इसमें 12 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मृत्यु भी हुई हैं।

प्राप्त आँकड़ों के मुताबिक़ अभी तक नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, चंबल, उज्जैन, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग के जिलों में 17 और 18 मार्च को वर्षा दर्ज की गई। मंडला, बालाघाट, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी और शहडोल जिलों में 19 मार्च को वर्षा दर्ज की गई। इस तरह अभी तक कुल 20 जिलों में असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि की जानकारी प्राप्त हुई है।

बीमार पशुओं तक पहुँचेगा अस्पताल, जल्द शुरू होंगी 406 पशु एंबुलेंस

पशु उपचार के लिए एंबुलेंस

देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने एवं पशु पालन को लाभकारी बनाने के लिए सरकार ने पशु स्वास्थ्य के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की है। इसमें चलित पशु चिकित्सा इकाई भी शामिल है। जिसका उद्देश्य पशु पालकों को घर बैठे पशु उपचार सुविधा उपलब्ध कराना है। इसको लेकर मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा कि बीमार होने पर मनुष्य तो अस्पताल पहुँच जाता है पर पशु नहीं। इसलिए प्रदेश में यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।

राज्य में बीमार पशुओं तक चिकित्सा सुविधा पहुँचाने के लिए भोपाल में 406 पशु चिकित्सा इकाई (पशु एंबुलेंस) तैयार करने की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। इन पशु ऐंबुलेंस में पशुओं के उपचार के लिए सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि अप्रैल से यह व्यवस्था शुरू करने के प्रयास किये जा रहे है।

पशु एम्बुलेंस में रहेगी यह सुविधाएँ 

राज्य में शुरू की जाने वाली पशु एम्बुलेंस वाहनों में जीपीएस, माइक, माइक्रोस्कोप, रक्त जाँच किट, बैटरी चलित छोटा फ्रिज, दवाइयाँ, डिस्पोजेबल, सिरिंज, ग्लव्ज, कृत्रिम गर्भाधान किट और छोटे-मोटे ऑपरेशन की सुविधा रहेगी। गाँव में पहुँचने के बाद यह अस्पताल माइक से ग्रामीणों को अपने पहुँचने की सूचना भी देगा।

प्रति चलित पशु चिकित्सा इकाई में एक-एक पशु चिकित्सक, पैरावेट और वाहन चालक सह सहायक की व्यवस्था रहेगी। इसके संचालन के लिए कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाएगी, जिसमें 5 पशु चिकित्सक और 15 कॉल एक्जिक्यूटिव को आउटसोर्स से नियोजित किया जाएगा।

406 पशु एंबुलेंस होगी तैयार

केन्द्र सरकार से प्रदेश के लिए स्वीकृत 406 पशु एंबुलेंस प्राप्त हो चुकी हैं, जिसे भोपाल में तैयार किया जा रहा है। पशु पालन मंत्री ने बताया कि जिला पशु कल्याण समिति को पूर्णत: फेब्रिकेटेड वाहन उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान किया गया है। पशु औषधि, ईधन और रख-रखाव के लिए प्रति वाहन 68 हजार रूपये प्रति माह दिये जाएँगे। संचालनालय पशुपालन एवं डेयरी, राज्य स्तर पर कॉल सेंटर का संचालन, नियंत्रण और अनुश्रवण करेगा। गंतव्य तक वाहन को आसानी से पहुँचाने के लिए जीपीएस भी लगाया जा रहा है।

25 मार्च से शुरू होगी गेहूं के साथ ही चना, मसूर एवं राई-सरसों की खरीद, किसानों को करना होगा स्लॉट बुक 

गेहूं, चना, मसूर एवं राई-सरसों की खरीद

रबी फसलों की कटाई के साथ ही सरकार ने इन फसलों की खरीदी के लिए तैयारी शुरू कर दी है, इसके लिए राज्य सरकारों के द्वारा किसान पंजीयन कराए जा रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं के साथ ही चना, मसूर एवं राई-सरसों की खरीद के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। मध्य प्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने कहा है कि 25 मार्च से गेहूं के साथ ही चना, मसूर तथा राई-सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू की जाएगी।

राज्य में इन फसलों का उपार्जन 25 मार्च से शुरू होकर 31 मई 2023 तक किया जाएगा। कृषि मंत्री श्री पटेल ने कहा कि रबी सीजन 2022-23 (विपणन वर्ष 2023-24) में 25 मार्च से उपार्जन करने के लिये नीति जारी कर दी गई है। 

किसानों को करना होगा स्लॉट बुक

कृषि मंत्री ने बताया कि उपार्जन प्रक्रिया में किसान के पास अपनी उपज बेचने के लिये दिनांक एवं खरीदी केन्द्र स्थल के चयन का विकल्प रहेगा। इसके लिए स्लॉट बुकिंग प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है, जो गेहूँ एवं धान खरीदी के समान ही होगी। किसान भाई इस वर्ष चना, सरसों एवं मसूर फसलों के विक्रय के लिए स्वयं सुविधानुसार स्लॉट बुक कर सकेंगे। कृषि मंत्री ने किसानों से सुविधा का लाभ लेने की अपील की है।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में इस वर्ष चने का उपार्जन सभी जिलों में, मसूर का उपार्जन 37 जिलों में और सरसों का उपार्जन 40 जिलों में किया जाएगा। जहां इन फसलों का उत्पादन होता है।

क्या है इन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP

केंद्र सरकार ने देशभर के लिए पहले ही रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिए हैं, जिस पर विभिन्न सरकारी एजेंसियों के माध्यम से खरीद केंद्रों पर खरीदी की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल, चना के लिए 5335 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर के लिए 6000 रुपए प्रति क्विंटल एवं सरसों के लिए 5450 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।

बारिश एवं ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान का हो रहा है सर्वे, किसानों को जल्द दिया जाएगा मुआवजा

आंधी-बारिश एवं ओला वृष्टि का सर्वे 

पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों को फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा किसानों को हुए इस नुकसान का आंकलन करने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। इस कड़ी में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करवाया जा रहा है।

मध्य प्रदेश के दतिया, ग्वालियर और अशोकनगर में 17 मार्च को ओलावृष्टि से फसलों को क्षति हुई है। गेहूँ, चना और सरसों की फसलों में आंशिक क्षति की जानकारी मिली है। ग्वालियर जिले के सगोरा में पशु हानि होने की सूचना भी मिली है। इन क्षेत्रों में सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे के बाद किसान भाइयों को राहत राशि देने का काम शुरू किया जाएगा।

इन जगहों पर हुआ है ओला वृष्टि से नुकसान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टीवी चैनल्स के प्रतिनिधियों को बताया कि शुक्रवार को दतिया में 10 से 12 गाँव, ग्वालियर में 8 से 10 गाँव और अशोकनगर में 5 से 7 गाँव में फसल को नुकसान हुआ है। उन्होंने किसान भाइयों को आश्वस्त किया कि सर्वे के बाद किसानों को राहत राशि और फसल बीमा योजना का लाभ दिलाया जाएगा। शासकीय अमला सर्वे के लिए खेतों में जा रहा है।

मंत्रियों ने किया विभिन्न क्षेत्रों का दौरा

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को ग्वालियर जिले के विकासखंड घाटीगाँव के ओला प्रभावित गाँवों में फसलों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से आई संकट की घड़ी में केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ी है। प्रभावित किसानों को राहत राशि उपलब्ध कराने के साथ सरकार हर संभव मदद मुहैया करायेगी। सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता के साथ किया जायेगा।

वही राज्य के गृह मंत्री ने मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दतिया जिले के बसई क्षेत्र में जाकर ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का मौका-मुआयना किया। उन्होंने ग्रामीणों से मिलकर आश्वस्त किया कि क्षतिग्रस्त फसलों का हरसंभव मुआवजा दिलाना सुनिश्चित करेंगे।  शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि में बसई क्षेत्र के ग्राम ठाकुरपुरा, जगतपुर, नयाखेड़ा, सतलौन इत्यादि गाँव में गेहूँ एवं सरसों की फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं।

किसानों को दी जाएगी राहत राशि

ग्वालियर ज़िले के कलेक्टर श्री सिंह ने जानकारी दी कि फसल नुकसान का सर्वे का काम राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मैदानी अमले के संयुक्त दलों द्वारा किया जायेगा। फसल नुकसान के साथ पशु हानि और मकानों को हुए नुकसान का भी सर्वे होगा। सर्वे पूरा होते ही राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत प्रभावित किसानों को राहत राशि वितरित की जायेगी। उन्होंने बताया कि सर्वे का काम पूरी पारदर्शिता और किसानों की संतुष्टि के साथ किया जायेगा।

22 मार्च को आयोजित किया जाएगा पशुपालक सम्मान समारोह, 415 पशुपालकों को किया जाएगा सम्मानित

पशुपालक सम्मान समारोह

देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशु पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए सरकार पशुपालन क्षेत्र में नवाचार कर रहे प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करने के साथ ही पुरस्कार देती है। यह पुरस्कार पंचायत स्तर, ज़िला स्तर, राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर दिए जाते हैं। इस कड़ी में पशु पालन विभाग राजस्थान द्वारा प्रति वर्ष चयनित प्रगतिशील पशुपालकों का सम्मान किया जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष भी यह आयोजन 22 मार्च को दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में किया जायेगा। 

पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने पशुपालक सम्मान समारोह की तैयारियों को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। इस मौके पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समारोह में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यों की रूपरेखा तैयार कर विभागीय समितियां बनाकर कार्य संपादन करें।  

415 पशुपालकों को किया जाएगा सम्मानित

आयोजन की अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के कुल चयनित 415 पशुपालकों को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के द्वारा सम्मानित किया जायेगा। इस मौके पर राज्य भर से पशुपालक भाग लेंगे। इस मौक़े पर कार्यक्रम में उपस्थित पशुपालकों को विषय विशेषज्ञों द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, साथ ही इस मौके पर पशुपालक संवाद कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा। जिसके अंतर्गत पशुपालकों को पशुपालन में आ रही समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।

पशु पालकों को दिया जाता है 50 हजार रुपए तक का पुरस्कार

राजस्थान सरकार ने राज्य पशु पालन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रगतिशील पशुपालकों को 50 हजार रुपए तक का पुरस्कार दिया जाता है, इसमें पंचायत समिति स्तर पर 10 हजार रुपये तक का पुरस्कार, ज़िला स्तर पर 25 हजार रुपए तक का पुरस्कार एवं राज्य स्तर पर 50 हजार रुपए तक का पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान है।

 

किसान 20 मार्च से यहाँ करा सकेंगे सरसों एवं चना समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन

सरसों एवं चना समर्थन मूल्य MSP पर बेचने के लिए किसान पंजीयन

रबी फसलों की कटाई के साथ ही सरकार ने इन फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीदने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने गेहूं के बाद अब चना एवं सरसों की खरीद के लिए भी पंजीयन प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। सरकार ने जहां 15 मार्च से गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी है तो वहीं सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 20 मार्च से ऑनलाइन पंजीयन शुरू कर दिए जाएँगे।

सहकारिता मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने बताया कि समर्थन मूल्य पर रबी सीजन 2023-24 में भारत सरकार द्वारा राज्य में चना खरीद का 6.65 लाख मीट्रिक टन एवं सरसों खरीद का 15.19 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य रखा है। इस वर्ष केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 एवं चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5335 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। 

किसान यहाँ करा सकेंगे MSP पर सरसों एवं चना बेचने के लिए पंजीयन

राज्य के किसान को उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर उपज बेचने के लिए ई-मित्र या संबंधित खरीद केन्द्र (ग्राम सेवा सहकारी समिति /क्रय विक्रय सहकारी समिति) पर जाकर अपना पंजीयन कराना होगा। एक मोबाइल नम्बर पर एक ही किसान का पंजीयन किया जायेगा तथा पंजीयन का कार्य प्रातः 9 बजे से सायं 7 बजे तक ही होगा। सहकारिता मंत्री ने बताया कि किसान की कृषि भूमि जिस तहसील में होगी उसी तहसील के कार्यक्षेत्र में आने वाले खरीद केन्द्र का चयन रजिस्ट्रेशन के दौरान कर सकेगा।

किसान पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज  

चना एवं सरसों बेचने के लिए किसानों को ई-मित्र केंद्र पर या खरीद केंद्र पर कुछ आवश्यक दस्तावेज लेकर साथ जाना होगा। ऑनलाइन पंजीयन करते समय किसान को जनआधार कार्ड, बैंक पासबुक एवं गिरदावरी की प्रति पंजीयन फार्म के साथ अपलोड करनी होगी। किसान को आधार आधारित बायोमैट्रिक अभिप्रमाणन पर पंजीयन करवाना होगा।

इसके अलावा सभी किसान अपना मोबाईल नम्बर आधार में लिंक करवा लें, ताकि किसानों को समय रहते तुलाई दिनांक की सूचना प्राप्त हो सके। किसान यह सुनिश्चित करें कि जनआधार कार्ड में अपने बैंक खाते नम्बर को अद्यतन (अंकित) करें तथा खाता संख्या एवं आई.एफ.एस.सी. कोड में कोई विसंगति नही रहे ताकि भुगतान के समय परेशानी ना हो।

किसान इन बातों का रखें ध्यान 

राज्य में किसानों को उसकी पंजीकरण दिनांक के आधार पर वरीयता के अनुसार तुलाई के लिए दिनांक एवं जिन्स की मात्रा का आवंटन किया जायेगा तथा इसकी सूचना किसान के पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस द्वारा दी जायेगी। तुलाई के समय किसी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए उपज को तय एफएक्यू मापदण्डों के अनुसार तैयार कर ही किसान ले जाएँ।

किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, उपज के बेचान व भुगतान आदि के संबंध किसी प्रकार की समस्या न हो, तो टोल फ्री नम्बर 18001806001 पर फोन कर समस्या का समाधान कर सकते हैं।

मौसम चेतावनी: 18 से 20 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

Weather Update: 18 मार्च से 20 मार्च के लिए मौसम पूर्वानुमान

बीते कई दिनों से देश के कई राज्यों में गरज चमक के साथ ही बारिश एवं ओलावृष्टि का सिलसिला जारी है, जिससे किसानों की फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो आगामी दिनों में भी ऐसा ही मौसम जारी रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उससे सटे कच्छ पर बना हुआ है। जिसके प्रभाव से कई स्थानों पर आंधी बारिश के साथ ही ओला वृष्टि हो सकती है।

मौसम विभाग के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, विदर्भ, छत्तीसगढ़ एवं मराठवाड़ा, तेलंगाना, कर्नाटका, झारखंड एवं बिहार राज्यों के कई जिलों में 18 से 20 मार्च के दौरान बारिश एवं ओला वृष्टि का होने की सम्भावना है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 18 से 20 मार्च के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जलौर, जोधपुर नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 18 से 20 मार्च के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है।

पंजाब एवं हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 18 से 20 मार्च के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।  

वहीँ हरियाणा राज्य में 18 से 20 मार्च के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 18 से 20 मार्च के दौरान बिहार के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहनाबाद, भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया जिलों में कई स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ ही बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है। 

झारखंड के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग के राँची केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 18 से 20 मार्च के दौरान झारखंड राज्य के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हज़ारीबाग़, जामताड़ा, खुटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदग्गा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, राँची, साहिबगंज, सराइकेला खरसावाँ, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि हो सकती है। 

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 18 से 20 मार्च के दौरान छत्तीसगढ़ सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगाँव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में कई स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है। 

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 18 से 21 मार्च के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, आज़मगढ़, बलिया, मऊ अमेठी, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, बलरामपूर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

इसके अलावा झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, जौनपुर, शामली, वाराणसी, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर एवं चंदौली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

20 मार्च से शुरू होगी गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद, किसानों को यहाँ करना होगा ऑनलाइन पंजीयन

गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद हेतु पंजीयन

देश में गेहूं रबी सीजन की मुख्य फसल है, ऐसे में किसानों को गेहूं का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा गेहूं की ख़रीद न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर की जाती है। इस वर्ष केंद्र सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, जिस पर ही किसानों से इसकी खरीद की जाएगी। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने भी गेहूं की खरीदी के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है।

राजस्थान के खाद्य मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि प्रदेश में क्रय केन्द्रों पर गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद 20 मार्च से शुरू होगी। इसमें प्रथम चरण में कोटा संभाग के 57 केन्द्रों पर 20 मार्च से गेहूं की खरीदी शुरू की जाएगी जो 30 जून तक जारी रहेगी। शेष जिलों में गेहूं की खरीद 01 अप्रेल से शुरू होगी। सरकार ने खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिला कलेक्टरों और क्रय एजेंसियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। 

किसानों को MSP पर गेहूं बेचने के लिए करना होगा ऑनलाइन पंजीयन

राजस्थान में प्रदेश में गेहूं खरीद का कार्य ऑनलाइन किया जायेगा, राज्य में गेहूं की ख़रीद हेतु पंजीकरण का कार्य 15 मार्च से शुरू हो चुका है। इसके लिए राज्य सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है जिसका लिंक खाद्य विभाग की वेबसाइट food.raj.nic.in पर ’गेहूं खरीद हेतु किसान रजिस्ट्रेशन‘ के नाम से उपलब्ध है। किसान ऑनलाइन पोर्टल पर 25 जून तक प्रातः 7 से सांय 7 बजे तक स्वयं या अन्य माध्यम से पंजीयन करवा सकते हैं।

किसान पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

राज्य में किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन हेतु कुछ दस्तावेज की आवश्यकता होगी। जो इस प्रकार है:-

  • जन आधार कार्ड
  • भूमि संबंधी दस्तावेज
  • बैंक की पासबुक की फोटो कॉपी
  • मोबाइल नम्बर
  • नवीनतम मूल गिरदावरी

जनआधार कार्ड में अंकित नामों से किसी भी नाम एवं जिस नाम से गिरदावरी होगी उसी के नाम से पंजीकरण मान्य होगा।

किसान अपनी इच्छा अनुसार चुन सकते हैं क्रय केंद्र

सरकार ने किसानों को अपनी इच्छा के अनुसार खरीद केंद्र चुनने का विकल्प भी उपलब्ध कराया है। पंजीकरण करवाने के बाद तुलाई का दिन व खरीद की मात्रा संबंधित केन्द्र पर लाने के लिए पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस से सूचना भेजी जाएगी। यदि किसान किसी कारण से निर्धारित दिनांक को क्रय केन्द्र नहीं पहुंचता है तो वह आगामी 10 दिन के अंदर अपनी फसल कभी भी तुलवा सकता है। तुलाई के बाद रसीद की एक प्रति किसान को भी दी जाएगी। किसी भी तकनीकी परेशानी होने पर वेबसाइट पर उपलब्ध नंबर से संपर्क किया जा सकता है। 

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1 अप्रैल से शुरू होगी पशु एम्बुलेंस सेवा, घर पर ही मिलेगी पशुओं के ईलाज की सुविधा

पशु उपचार के लिए एम्बुलेंस सेवा

देश में पशुपालन क्षेत्र में जोखिम कम करने एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशुओं के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की जा रही हैं, इसमें पशुओं का टीकाकरण, टैगिंग, नस्ल सुधार आदि शामिल है। इस कड़ी में पशुपालकों को घर बैठे स्वास्थ्य सुविधा मिल सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार राज्य में 1 अप्रैल से पशु एम्बुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है, इतना ही नहीं इसके लिए सरकार एक टोल फ़्री नम्बर भी जारी करेगी। जिस पर कॉल करके पशुपालक पशु एम्बुलेंस घर पर बुला सकते हैं।

यह जानकारी पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल की अध्यक्षता में 15 मार्च के दिन हुई पशुपालन विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में दी गई। बैठक में इसके अलावा राज्य में पशुपालन के लिए चल रही अन्य योजनाओं के विषय में भी चर्चा की गई।

पशु एम्बुलेंस सेवा में उपलब्ध रहेंगी आवश्यक सुविधाएँ

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पशु एम्बुलेंस सेवा 1 अप्रैल 2023 से शुरू की जाएगी। यह एम्बुलेंस सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस रहेगी, जिसमें एक डॉक्टर, एक कम्पाउण्डर एवं एक ड्रायवर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा पशु एम्बुलेंस का सफलतापूर्वक संचालन किया जा सके इसके लिए एक कॉल सेंटर भी बनाया जाएगा जिस पर बीमार पशु की सूचना दी जा सकेगी। इस तरह पशु एम्बुलेंस एवं कॉल सेंटर से कुल 1238 लोगों को रोज़गार से जोड़ा जाएगा।

मध्य प्रदेश में लम्पी बीमारी से हुई 696 गायों की मृत्यु

बैठक में बताया गया कि ताया गया कि पड़ौसी राज्य राजस्थान में लम्पी बीमारी से लगभग 70 हजार गायों की मृत्यु के बावजूद सतर्कता के चलते मध्यप्रदेश में केवल 696 मृत्यु दर्ज की गई। लम्पी बीमारी से बचाव के लिये गायों को लगाये गये 37 लाख 13 हजार से अधिक टीकों का इसमें बड़ा योगदान है।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार ब्लॉक में अलग-अलग और छोटी-छोटी गो-शालाओं की जगह एक बड़ी गो-शाला में बेसहारा गायों को रखें। इससे गायों की देखभाल अच्छी होने के साथ गोबर और गो-मूत्र अधिक होने से उनकी आत्म-निर्भरता भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि 10 गो-शालाओं को जोड़ कर एक गो-वंश वन विहार बनायें।

शुरू हुआ गोबर से बिजली बनाने का काम, गोबर खरीदी के बदले किया गया 4 करोड़ 25 लाख रुपए का भुगतान

गोबर खरीदी का भुगतान

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 15 मार्च के दिन विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 4 लाख रुपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया। यह भुगतान 16 फरवरी से 28 फरवरी के दौरान लाभार्थियों से खरीदे गए गोबर एवं गौठान समितियों के लाभांश के लिए किया गया है।

सरकार द्वारा अभी किए गए भुगतान में 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 25 लाख रुपए, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रुपए और महिला समूहों को 1.14 करोड़ रुपए की लाभांश राशि शामिल है। 

गोबर से बिजली बननी हुई शुरू

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि अब गोबर से अन्य उत्पादों के बनाने के अलावा बिजली बनाने का काम शुरू हो गया है। बस्तर के डोमरपाल में गोबर से बिजली बनाने के संयंत्र को ग्रिड से सिंक्रोनाईज किया जा चुका है। इससे बनने वाली बिजली की दर 9 रुपए प्रति यूनिट तय कर दी गई है। वही राज्य में गोबर से बिजली के अलावा प्राकृतिक पेंट, वर्मी कम्पोस्ट खाद जैसे कई अन्य उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को 15 मार्च के दिन भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक 419 करोड़ 25 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 28 फरवरी 2023 तक गौठानों में 107.75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गए गोबर के एवज में 215 करोड़ 50 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 185 करोड़ 77 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।