मौसम चेतावनी: 16 से 19 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

Weather Update: 16 से 19 मार्च के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है इसके साथ ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पूर्व राजस्थान और इसके आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है जिसके प्रभाव से आने वाले दिनों में देश के अधिकांश हिस्सों में जहां बादल छाए रहेंगे वहीं कई राज्यों में तेज हवाओं के साथ ही गरज चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की संभावना है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा एवं पंजाब राज्यों के अधिकांश जिलों में 16 से 19 मार्च के दौरान गरज चमक के साथ ही आंधी बारिश होने की सम्भावना है। इसके अलावा 16 एवं 17 मार्च के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में ओला वृष्टि भी हो सकती है। 

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है।

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, अयोध्या, अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, आज़मगढ़, बलिया, मऊ अमेठी, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, बलरामपूर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

इसके अलावा झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, हापुड़, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सहारनपुर, मुज्जफरनगर, जौनपुर, शामली, वाराणसी, ग़ाज़ीपुर, जौनपुर एवं चंदौली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवा आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

पंजाब एवं हरियाणा के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है। 

वहीँ हरियाणा राज्य में 16 से 19 मार्च के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान छत्तीसगढ़ सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगाँव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में कई स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश होने की सम्भावना है।

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पटना केंद्र के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान बिहार के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहनाबाद, भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया जिलों में कई स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश होने की सम्भावना है। वहीं 17 मार्च के दिन दक्षिण-पूर्व हिस्सों में एक दो स्थानों पर बिजली के साथ ओलवृष्टि होने की संभावना है। 

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जलौर, जोधपुर नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलवृष्टि होने की संभावना है।

झारखंड के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के राँची केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 16 से 19 मार्च के दौरान झारखंड राज्य के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हज़ारीबाग़, जामताड़ा, खुटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदग्गा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, राँची, साहिबगंज, सराइकेला खरसावाँ, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं बौछारें पड़ सकती हैं। वहीं 17 मार्च को पूर्वी ज़िलों आंधी बारिश के साथ ही ओलावृष्टि की संभावना है। 

पशु पालन के लिए यहाँ खोले जाएँगे 5 प्रशिक्षण केंद्र, 5400 पशुपालकों को मिलेगा हर साल प्रशिक्षण

पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण केंद्र

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा पशु पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए पशु पालन से अधिक से अधिक आय अर्जित की जा सके इसके लिए सरकार द्वारा पशु पालकों को या जो व्यक्ति पशु पालन करना चाहते हैं उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कड़ी में अधिक से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जा सके इसके लिए राजस्थान सरकार राज्य के अलग-अलग ज़िलों में 5 प्रशिक्षण केंद्र खोलने जा रही है।

इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने केंद्र खोलने और आवश्यक संसाधनों हेतु 5.18 करोड़ रुपए की मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रशिक्षण केन्द्रों से उन्नत एवं समृद्ध पशुपालन की दिशा में बेहतर कार्य होंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। राजस्थान सरकार ने अपने बजट में वित्त वर्ष 2023-24 में पांच जिलों में पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की है।

प्रति वर्ष 5400 पशुपालकों को मिलेगा प्रशिक्षण

सरकार ने राज्य के अलवर, नागौर, भरतपुर, सीकर एवं अजमेर में पशुपालक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के लिए मंजूरी दे दी है। पशु पालन के लिए प्रशिक्षण देने के लिए, प्रत्येक प्रशिक्षण संस्थान पर हर महीने 30-30 पशुपालकों के 3 बैच बनाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रकार एक वर्ष में कुल 36 बैच आयोजित कर 1080 पशुपालकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस तरह सभी पांचों केंद्रों में प्रतिवर्ष 5400 पशुपालकों को प्रशिक्षण मिलेगा। 

प्रशिक्षण केंद्र के लिए उपलब्ध भवनों के मरम्मत कार्य तथा नवीन भवनों के निर्माण कार्य 4.50 करोड़ रुपए की लागत से किए जाएंगे। केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्य संचालित करने के लिए 18 लाख रुपए तथा आवश्यक संसाधनों जैसे फर्नीचर, ऑडियो-वीडियो विज्ञापन, कम्प्यूटर, फोटोकॉपियर, प्रोजेक्टर, टीवी, ग्लास बोर्ड आदि के लिए प्रति प्रशिक्षण केंद्र 10-10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

1 अप्रैल से शुरू होगी सांझी डेयरी योजना, पशुपालन के लिए बैंक से दिया जा रहा है लोन: मुख्यमंत्री

पशुपालन के लिए ऋण, सांझी डेयरी योजना

देश में पशुपालन जहां ग्रामीण क्षेत्रों में आय का एक अच्छा जरिया है वहीं रोजगार सृजन का भी माध्यम है। पशुपालन की उपयोगिता को देखते हुए सरकार द्वारा इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही है। योजना के अंतर्गत लाभार्थी व्यक्तियों को सरकार की ओर से कई प्रकार की आर्थिक सहायता उपलब्ध काराई जाती है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार जल्द ही राज्य में पशुपालन के लिए नई योजना शुरू करने जा रही है, जिसके माध्यम से ऐसे व्यक्ति भी पशुपालन कर सकेंगे जिनके पास पशु रखने के लिए स्वयं की जगह नहीं है। 

यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने चरखी दादरी में 39वीं हरियाणा पशुधन प्रदर्शनी-2023 के समापन के अवसर पर कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पशुधन प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। साथ ही राज्य में पशु पालन के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी भी दी।

शुरू की जाएगी सांझी डेयरी योजना

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में एक नया प्रोजेक्ट सांझी डेयरी की परिकल्पना की गई है। इस परियोजना के तहत पंचायत की जमीन पर एक शेड बनाया जाएगा, जिसमें पशुपालक, जिनके पास अपने पशु बांधने के लिए जगह नहीं है, वे इस कॉमन शेड में अपने पशुओं को रख सकेंगे। सहकारिता विभाग द्वारा इस कार्य को किया जाएगा। 1 अप्रैल, 2023 से इस योजना को लॉन्च किया जाएगा।

पशु पालन के लिए बैंक से दिया जा रहा है बैंक से ऋण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत जिन परिवारों की आय 1 लाख रुपये से कम है, उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत अधिकतर परिवार पशुपालन के काम में आगे आ रहे हैं, जिनकी सहायता के लिए बैंकों के माध्यम से इन परिवारों को ऋण दिलवाया जा रहा है। इस साल 2 लाख परिवारों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पशुपालन या अन्य किसी कार्य के लिए इन 2 लाख परिवारों के लिए 2000 करोड़ रुपये रिर्जव रखा गया है।

पशुओं की देखभाल के लिए बनाए जाएँगे पॉलीक्लीनिक

मुख्यमंत्री ने बताया कि पशुओं की देखभाल हेतु प्रदेश में छः पॉलीक्लीनिक बनाये जाएंगे। चरखी दादरी में भी एक पॉलीक्लिनिक बनाया जाएगा। वर्तमान में 7 पॉलीक्लिनिक कार्यरत हैं। इसके अलावा, प्रदेश में गौ वंश की देखभाल के लिए गौ सेवा आयोग के बजट में 10 गुणा बढ़ोत्तरी करके 400 करोड़ रुपये कर दिया है।

कृषि यंत्र खरीदने पर किसानों को देना होता है इतना जीएसटी

कृषि यंत्रों पर जीएसटी दर

जीएसटी यानि वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) जो कि वस्तुओं की खरीददारी करने पर या सेवाओं के इस्तेमाल पर चुकाना पड़ता है। सरकार द्वारा अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग जीएसटी लगाया जाता है, जो GST परिषद द्वारा तय किया जाता है। 13 मार्च के दिन सांसद श्री अनुमुला रेवंत रेड्डी ने लोकसभा में जीएसटी के दायरे में शामिल कृषि उपकरणों की सूची और उन पर लगने वाली जीएसटी दर को लेकर सवाल किया। 

जिसके जबाब देते हुए वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने बताया कि अभी कृषि उपकरणों को जीएसटी के दायरे से बाहर करने या परिवर्तन करने के लिए जीएसटी परिषद ने कोई सिफ़ारिश नहीं की है। अभी कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाले कृषि यंत्रों पर कार्यों के अनुसार अलग-अलग जीएसटी दरें निर्धारित की गई हैं। जो इस प्रकार है:-

कृषि सम्बंधित औजार और उपकरण एवं उन पर लगने वाली जीएसटी दरें

कृषि यंत्र

जीएसटी दर

  • हाथ से चलाए जाने वाले या पशुओं की सहायता से चलाए जाने वाले कृषि उपकरण अर्थात् हाथ के औजार, जैसे कि कुदाल, फावड़े, खुरजी, पिक्स, कुदाली, काँटे और रेक;
  • कुल्हाड़ी, बिल हुक और इसी तरह के काटने के उपकरण;
  • किसी भी प्रकार की दस्ती कैंचियाँ सेकेटर्स और प्रूनर्स;
  • घेमला के अलावा कृषि, बागवानी या वानिकी में उपयोग किए जाने वाली दराती, घास काटने का चाकू, हेज काटने वाली कैंचियाँ, लकड़ी की कीलें और इसी प्रकार के अन्य उपकरण।

शून्य, इन उपकरणों पर अभी कोई जीएसटी नहीं लगता है।

  • मृदा तैयार करने या जुताई के काम में आने वाली कृषि मशीनरी;
  • हार्वेस्टिंग या थ्रेशिंग मशीनरी, जिसमें पुआल या चारा बेलर शामिल है;
  • घास या झाड़ियों को काटने की मशीन;
  • यांत्रिक या तापीय उपकरणों से युक्त अंकुरण संयंत्र समेत अन्य कृषि मशीनरी 

इन यंत्रों पर 12% जीएसटी है।

  • फलों या अन्य कृषि उपज की सफ़ाई, छटाई या ग्रेडिंग की मशीने;
  • बीज, अनाज या सूखी फलीदार सब्ज़ियों की सफ़ाई, छटाई या ग्रेडिंग की मशीनें। 

इन यंत्रों पर 18% जीएसटी है।

मेले में किसान को ईनाम में मिला साढ़े 8 लाख रुपए की कीमत वाला 55 एचपी का ट्रैक्टर

कृषि मेले में किसानों को ईनाम में दिए गए ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र

रविवार 12 मार्च के दिन चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार में चल रहे तीन दिवसीय कृषि विकास मेला 2023 समाप्त हो गया। इस मेले की खास बात यह रही कि कृषि विकास मेले में आए किसानों को रोज़ाना लकी ड्रॉ के माध्यम से एक छोटा ट्रैक्टर, पॉवर वीडर एवं सुपर सीडर कृषि यंत्र दिए गए वहीं अंतिम दिन बंपर पुरस्कार के रूप में किसान को एक बड़ा ट्रैक्टर ईनाम में दिया गया। मेले के अंतिम दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए।

प्रत्येक वर्ष कृषि विभाग और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 3 दिन का यह मेला आयोजित किया जाता है। इस वर्ष मेले में बड़ी तादाद में किसानों ने आकार पंजीयन करवाया, मेले में किसान भाइयों के लिए कृषि संबंधी हर समस्याओं के समाधान के साथ ही उनके मनोरंजन की व्यवस्था भी की गई थी। साथ ही किसानों को उन्नत किस्मों के बीज, खेती की उन्नत तकनीक की जानकारी, मिट्टी की जाँच आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई थी। 

किसानों को ईनाम में दिया गया ट्रैक्टर, पॉवर वीडर एवं सुपर सीडर

मेले में किसानों को ईनाम देने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ईनामी ड्रा निकाले। जिसमें बम्पर पुस्कार के रूप में 55 एचपी का ट्रेक्टर, जिसकी कीमत साढ़े 8 लाख रुपये है, का ईनाम गांव ढंढेरी, हिसार ‌के दिनेश को मिला। इसके अलावा, पॉवर वीडर का ईनाम जोगिंदर सिंह, गांव नियाणा, जिला हिसार को मिला। सुपर सीडर का ईनाम अजीत सिंह, गांव डीग, जिला फरीदाबाद तथा 20एचपी छोटे ट्रेक्टर का ईनाम जोगीराम, ‌गांव हड़ोली, जिला फतेहाबाद को मिला।

किसानों को 660 ट्रैक्टर पर दिया गया अनुदान

मेले में माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी ने कृषि मंत्री श्री जे पी दलाल जी की उपस्थिति में हरियाणा के अनुसूचित जाति के किसानों को तोहफ़ा दिया। 50 करोड़ रुपये की लागत के 660 ट्रैक्टरों पर 20 करोड़ का अनुदान ई-भुगतान के ज़रिए जारी किया गया। यह अनुदान राज्य के किसानों को एसबी-89 योजना के अंतर्गत दिया गया। योजना के तहत अनुसूचित जाति के किसानों को 35 HP से अधिक के ट्रैक्टर की खरीद पर अधिकतम 3 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाता है। 

विदेशी संस्थान भी मेले में लेंगे भाग

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल ने कहा कि हर बार कृषि विभाग और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 3 दिन का यह मेला आयोजित किया जाता है। अब यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में इस मेले के स्वरूप को बढ़ाया जाएगा। कृषि विभाग, सीआईआई के साथ-साथ आने वाले वक्त में विदेशी विश्वविद्यालय और विदेशी संस्थाओं की भी इस मेले में भागीदारी होगी।

वैज्ञानिकों को किया जाएगा प्रोत्साहित

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज समय की जरूरत है कि हम सब एक नई कृषि क्रांति की शुरुआत करें। इस कार्य में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय व शोध संस्‍थाओं के वैज्ञानिक मिलकर शोध कार्यों के लिए सहयोग करें और नई विधाओं को आगे लेकर आएं। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे खेती में जहां कृषि लागत कम होगी, वहीं अच्छी उपज होने के साथ-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

किसानों की आय को बढ़ाने के लिए नये-नये प्रयोग किए जा रहे हैं। सरकार ने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल भी बनाई है। इतना ही नहीं, आने वाले समय में महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से कार्गों फ्लाइट शुरू करने की पहल की जाएगी, ताकि हरियाणा के किसानों की ताजा फल एवं सब्जियां अरब देशों को निर्यात की जा सके। मुख्यमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालय के ‌वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे कम लागत और अधिक पैदावार कैसे हो, इस विषय पर शोध करें और उन्नत किस्म के बीज तैयार करें। साथ ही खाद्यानों की मार्केटिंग के लिए समुचित व्यवस्‍था सुनिश्चित हो, यह कार्य मार्केटिंग बोर्ड द्वारा किया जाए।

रिचार्जिंग बोरवेल के लिए किसानों को देने होंगे मात्र 25 हजार रुपये, शेष राशि देगी सरकार

बरसाती पानी को वापिस जमीन में डालने के लिए बोरवेल

कृषि में सिंचाई से भूमिगत जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है, जिसे रोकने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इसमें अधिक पानी वाली फसलें (गन्ना, धान) को छोड़ अन्य फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देना, किसानों को सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप, स्प्रिंकलर) के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भारी अनुदान देना एवं रिचार्जिंग बोरवेल के लिए सब्सिडी देना आदि शामिल है। 

रविवार 12 मार्च 2023 के दिन कृषि विकास मेला, हिसार के समापन के अवसर पर हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अंडरग्राउंड पाईपलाइन पोर्टल तथा ई-रूपी ऐप लॉन्च किए। इस अवसर पर उन्होंने राज्य किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

1 हजार रिचार्जिंग बोरवेल लगाएगी सरकार

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि समय को देखते हुए हमें पानी की खपत को कम करना होगा। पानी के समुचित उपयोग के लिए सूक्ष्म सिंचाई को अपनाना होगा। सूक्ष्म सिंचाई के लिए सरकार किसानों को 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। इसके अलावा, बरसाती पानी को वापिस जमीन में डालने के लिए बोरवेल लगाए जा रहे हैं। इसमें किसान को केवल 25 हजार रुपये देने है, बाकी खर्च सरकार वहन करेगी। सरकार पहले चरण में 1 हजार रिचार्जिंग बोरवेल लगाएगी।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने रिचार्जिंग बोरवेल के लिए आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। राज्य के इच्छुक किसान जो रिचार्जिंग बोरवेल करवाना चाहते हैं वे किसान सिंचाई और जल संसाधन विभाग, हरियाणा की वेबसाइट hid.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

300 टेलों तक पहुँचाया पानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार प्रदेश में हमारी सरकार ने राजस्थान की सीमा के साथ लगते 300 टेलों, जहाँ पिछले 25 साल से पानी नहीं पहुंचा, था वहां भी हमने पानी पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान आगे अन्य किसानों को प्र‌गतिशील बनाने में सहयोग करेंगे, उन किसानों को सरकार की ओर से ईनाम दिए जाएंगे।

यहाँ खोला जाएगा पशु चिकित्सा महाविद्यालय, 58 पदों पर की जाएगी भर्ती

पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय

बीते कुछ वर्षों में पशुपालन क्षेत्र में जोखिम कम करने एवं पशु पालकों की आय में वृद्धि के लिए सरकार ने पशु पालकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ देने, नस्ल सुधार, पशुओं का टीकाकरण आदि के लिए कई योजनाएँ शुरू की गई हैं। ऐसे में पशुओं की आबादी के अनुसार पशु चिकित्सक उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा इस क्षेत्र में पशु चिकित्सा विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने सिरोही में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय खोलने की स्वीकृति दी है।

सिरोही ज़िले में पशु चिकित्सा महाविद्यालय खुलने से सिरोही ज़िले के विद्यार्थियों को पशु चिकित्सा विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अब उन्हें अपने जिले में ही अध्ययन के अवसर मिलेंगे। साथ ही पशुपालकों को ज़िले में ही अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलेगी।

58 पदों का किया गया सृजन

पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के लिए सरकार ने 58 पदों का सृजन करने का निर्णय लिया है। यह पद महाविद्यालय के संचालन तथा शैक्षणिक गतिविधियों के लिए होंगे, इसके लिए सरकार ने 10.16 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, स्वीकृत 58 नवीन पदों में डीन का 1 पद, प्रोफेसर के 5 पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 4 पद, असिस्टेंट प्रोफेसर के 19 पद, तकनीकी स्टाफ के 10 पदों सहित सहायक स्टाफ के 19 पद शामिल हैं। 

यहाँ खोले जाएँगे पशुपालन विश्वविद्यालय

राजस्थान सरकार ने इस वर्ष अपने बजट 2023-24 में पशु पालन सम्बंधित उच्च शिक्षा के ढाँचे के सुदृढ़ीकरण की दृष्टि से जोबनेर-जयपुर में स्थित कृषि विश्वविद्यालय के साथ ही नए पशुपालन विश्वविद्यालय (Veterinary University) स्थापित करने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त सीकर व बस्सी-जयपुर में पशु चिकित्सा महाविद्यालय एवं सिरोही जिले में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय खोलने की घोषणा की है। 

किसानों को ड्रैगन फ़्रूट, आम, सब्ज़ियों और फूलों की नई तकनीकों को दिखानें एवं प्रशिक्षण के लिए खोले जाएँगे तीन उत्कृष्टता केंद्र

 बागवानी फसलों के प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं फसलों के विविधिकरण के लिए सरकार द्वारा बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार द्वारा इसके लिए नवीनतम तकनीकों के विकास के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं। इस कड़ी में मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) के तहत द्विपक्षीय सहयोग या अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से विभिन्न राज्यों में उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) की स्थापना की जा रही है। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को बागवानी की नई तकनीकों से अवगत कराने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा।

मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने अभी तक 49 सीओई को स्वीकृति दी है, जिनमें 9 मार्च 2023 के दिन मंत्रालय ने 

  1. भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर), बेंगलुरु, कर्नाटक द्वारा एक्सपेरीमेंटल स्टेशन, हिरेहल्ली, बेंगलुरु, कर्नाटक में कमलम (ड्रैगन फ्रूट) के लिए,
  2. पणिकोइली, जयपुर जिला, ओडिशा में इंडो-इजरायल एक्शन प्लान के तहत आम और सब्जियों के लिए,
  3. सरकारी कृषि फार्म, कोडर, खांडेपार, पोंडा, साउथ गोवा, गोवा में इंडो-इजरायल एक्शन प्लान के तहत सब्जियों और फूलों के लिए उत्कृष्टता केंद्र को मंजूरी देने का निर्णय लिया है।

ड्रैगन फ़्रूट ( कमलम ) के लिए उत्कृष्टता केंद्र में होंगे यह काम

इस केंद्र का विजन अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और ऑफ सीजन उत्पादन के तहत नवीनतम उत्पादन तकनीक विकसित करना और ज्यादा उपज हासिल करने के लिए इन तकनीकों का प्रदर्शन करना है। केंद्र का लक्ष्य कमलम फल के उत्पादन में आत्म निर्भरता हासिल करना, मूल्यवर्धन और कृषक समुदाय के लिए आर्थिक विकास को बढ़ाना होगा।

केंद्र बेहतर उपज, पोषक तत्व उपयोग दक्षता, पोषण गुणवत्ता, जैविक और अजैविक दबावों के खिलाफ सहनशीलता, प्रसार तकनीकों का मानकीकरण, सार्वजनिक भागीदारी दृष्टिकोण के माध्यम से गुणवत्ता रोपण सामग्री के वितरण, कटाई के बाद के प्रबंधन के लिए प्रोटोकॉल के विकास के साथ ही बेहतर प्रदर्शन विविधता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

इसके साथ ही, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और दूरदराज के बाजारों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भंडारण, मूल्य वर्धित उत्पादों का विकास और उत्पाद विविधीकरण और ऊंचा राजस्व प्राप्ति के लिए प्रक्रियाएं, किसानों और अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण, क्षेत्र के भ्रमण आदि के माध्यम से नई प्रौद्योगिकियों के प्रसार पर जोर दिया जाएगा।

आम और सब्ज़ियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र में होंगे यह काम

केंद्र का विजन नर्सरी प्रबंधन, खेती के तरीकों, आम और सब्जियों की फसलों की उच्च गुणवत्ता और बड़ी मात्रा में रोपण सामग्री के उत्पादन में नई जानकारियां तैयार करना है। केंद्र नई किस्मों के प्रदर्शन, सिंचाई में इजरायली कृषि प्रौद्योगिकी, उर्वरता और पौध संरक्षण प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ बेहतर कृषि और कटाई के बाद की प्रबंधन तकनीक पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। केंद्र किसानों के लाभ के लिए सिंचाई, फर्टिगेशन, नर्सरी, कैनोपी और मूल्य श्रृंखला जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित एक प्रशिक्षण मॉडल तैयार करेगा।

सब्ज़ियों और फूलों के लिए उत्कृष्टता केंद्र में होंगे यह काम

यह केंद्र गोवा के लिए उपयुक्त सब्जियों और फूलों की उन्नत किस्मों की रोग मुक्त और स्वस्थ सब्जी पौध के उत्पादन के लिए स्वचालित सिंचाई और फर्टिगेशन प्रणाली के माध्यम से उन्नत उत्पादन तकनीक के साथ हाई-टेक नर्सरी प्रबंधन प्रणाली के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करेगा। केंद्र गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के फसल पूर्व और कटाई के बाद के प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करेगा और सीओई और किसान के क्षेत्र में भी स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप प्रोटोकॉल/दिशानिर्देश विकसित करेगा।

गेहूं एवं जौ की भरपूर पैदावार के लिए किसान इस सप्ताह करें यह काम

जौ एवं गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए सलाह

किसान कम लागत में गेहूं की भरपूर पैदावार प्राप्त कर सकें इसके लिए समय-समय पर कृषि विश्वविद्यालयों, वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए सलाह जारी की जाती है। जिसे अपनाकर किसान न केवल गेहूं की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं बल्कि लागत कम कर अपनी आमदनी में भी वृद्धि कर सकते हैं। इस कड़ी में गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा गेहूं की खेती कर रहे किसानों के लिए साप्ताहिक सलाह जारी की गई है।

सलाह में बताया गया है कि मौसम विभाग IMD के द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 14 मार्च से कई स्थानों पर बादल छाए रहने के साथ ही आंधी-बारिश होने की संभावना है। जिसे देखते हुए ही किसान अपने गेहूं के खेतों में सिंचाई एवं अन्य कार्य करें। 

कैसा रहेगा गेहूं की खेती के लिए मौसम

जारी सलाह में कहा गया है कि उत्तर भारत के अधिकांश स्थानों पर आने वाले सप्ताह में अधिकतम तापमान 27.4 से 34.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13.0 से 17.7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है, जो गेहूं और जौ की फसल के लिए अनुकूल है। इसके अलावा आने वाले सप्ताह में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे कई गेहूं उत्पादक राज्यों के जिलों में बादल छाए रहने के साथ हाई हल्की से भारी बारिश हो सकती है।

किसान कब करें गेहूं में सिंचाई

किसानों को मौसम पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए गेहूं की फसल में सिंचाई करना चाहिए। यदि मौसम विभाग द्वारा आपके क्षेत्र में बारिश की संभावना व्यक्त की गई है तो किसान सिंचाई देरी से कर सकते हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे आवश्यकता के अनुसार ही हल्की सिंचाई करें। तेज हवा की स्थिति में, फसल को गिरने से बचाने के लिए सिंचाई बंद कर देनी चाहिए।

अभी गेहूं की फसल में लग सकते हैं यह कीट एवं रोग

गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा जारी साप्ताहिक परामर्श में बताया गया है कि अभी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में गेहूं और जौ में भूरा रतुआ और इसी तरह जम्मू, हिमाचल प्रदेश व पहाड़ियों क्षेत्र पाउडरी मिल्डयू की सम्भावना है। इसलिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में विशेष रूप से छाँव में कड़ी निगरानी रखें। यदि इन रोगों का संक्रमण दिखाई देता है, तो किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अनुशंसित कवकनाशी प्रोपीकोनाजोल का 0.1 प्रतिशत की दर से छिड़काव करें।

वहीं किसान गेहूं में लीफ़ एफ़िड (चेपा) पर लगातार नज़र रखें। यदि लीफ़ एफिडस की संख्या आर्थिक क्षति के स्तर (ई.टी.एल. 10-15 एफिडस/ मार ) से अधिक हो जाती है, तो क्विनलफ़ॉस 25% ईसी 400 मिली को 200-250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में छिड़काव करें।

7 दिनों में किया जाएगा बारिश एवं ओला वृष्टि से हुए फसल नुकसान का सर्वे, इतने दिनों में किसानों मिलेगा मुआवजा

बारिश एवं ओलवृष्टि से नुकसानी का सर्वे एवं मुआवजा

बीते दिनों मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्य के कई जिलों में बेमौसम आंधी-बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की गेहूं, चना, सरसों एवं अन्य रबी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने फसल नुकसानी का सर्वे करने के लिए निर्देश दे दिए हैं। राजस्थान एवं मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को 7 दिनों के अंदर ही विशेष गिरदावरी कर रिपोर्ट सौपने को कहा है।

ऐसे किसान जिनकी फसलों का बीमा है उन किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। वहीं जो फसलें फसल बीमा योजना में शामिल नहीं है, उन्हें आर.बी.सी. 6-4 में राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

सरकार ने किसानों को राहत राशि देने के लिए दिए यह निर्देश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ओला वृष्टि से नुकसान का सर्वे 7 दिन में पूरा करने और 10 दिन के भीतर राहत राशि बाँटना शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फसल क्षति सर्वे का कार्य पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से किया जाये। फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने की पूरी कार्यवाही गंभीरता से हो।

वहीं राजस्थान के मुख्य सचिव ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिये कि नुकसान का आंकलन करने के लिए संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से फील्ड में भेजकर आगामी 7 दिनों के भीतर विशेष गिरदावरी एवं इसका जिओ टैग करवा कर रिपोर्ट आपदा प्रबंधन को भिजवाएं ताकि प्रभावित किसानों को शीघ्र राहत प्रदान की जा सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि गिरदावरी की सूचना स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवश्य हो। उन्होंने कहा कि फसल बीमा कम्पनी से आपसी सहयोग एवं समन्वय से सर्वे करते हुए बीमित किसानों द्वारा दी गई खराबे की सूचना की पुष्टि कर तुरंत राहत पहुँचाई जाए।