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शनिवार, अप्रैल 27, 2024
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जानिए किसान संगठनों एवं सरकार के बीच हुई दसवें दौर की वार्ता में क्या हुआ ?

किसान संगठनों एवं सरकार के बीच दसवें दौर की वार्ता

दिल्ली में तीनों कृषि कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर चल रहे किसान आन्दोलन को 57 दिन से अधिक हो चुके हैं परन्तु अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है | इस दौरान 20 जनवरी को सरकार और किसान संगठनों के बीच दसवें दौर की वार्ता हुई | बैठक में हमेशा की तरह कोई निषकर्ष नहीं निकला है | केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश किसान संगठनों के साथ 10वीं बैठक में शामिल हुए |

बैठक में सरकार ने क्या कहा

सरकार द्वारा कहा गया कि अब तक कृषि सुधार से संबंधित तीनों कानूनों तथा एमएसपी के सारे आयामों पर बिन्दुवार सकारात्मक चर्चा नहीं हुई है। सरकार ने यह भी कहा कि हमें किसान आंदोलन को संवेदनशीलता से देखना चाहिए तथा किसानों व देशहित में समग्रता की दृष्टि से उसे समाप्त करने के लिए ठोस प्रयास करना चाहिए।

मंत्री जी ने कहा कि यदि संगठनों को इन कानूनों पर एतराज है या आप कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो हम उन बिंदुओं पर आपसे चर्चा करने के लिए सदैव तैयार हैं। कृषि मंत्री ने पुन: आग्रह करते हुए कहा कि कानूनों को रिपील करने के अलावा इन प्रावधानों पर बिन्दुवार चर्चा करके समाधान किया जा सकता है। पिछली बैठकों में अन्य विकल्पों पर चर्चा न होने की वजह से कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल पाया था, अत: हम आज की चर्चा को सार्थक बनाने का आग्रह करते हैं। प्रारम्भ से ही सरकार विकल्पों के माध्यम से किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने के लिए खुले मन से प्रयास कर रही है। सरकार कृषि क्षेत्र को उन्नत और किसानों को समृद्ध बनाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

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कड़कड़ाती सर्दी में चल रहे किसान आन्दोलन की समाप्ति को दृष्टिगत रखते हुए, सरकार की तरफ से यह प्रस्ताव दिया गया कि कृषि सुधार कानूनों के क्रियान्वयन को एक से डेढ़ वर्ष तक स्थगित किया जा सकता है। इस दौरान किसान संगठन और सरकार के प्रतिनिधि किसान आन्दोलन के मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श करके उचित समाधान पर पहुंच जा सकते हैं। इस पर किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि वह सरकार के प्रस्ताव पर 21.01.2021 को विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे और दिनांक 22.01.2021 को दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में संपन्न होने वाली बैठक में सरकार को अवगत करायेंगे।

किसान संगठनों ने क्या कहा

सरकार के साथ मीटिंग के बाद किसान संगठनों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी के कहा की सर्कार ने किसानों के समक्ष एक प्रपोजल रखा कि एक साल या ज्यादा समय के लिए कृषि कानूनों को सस्पेंड कर दिया जायेगा | सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दे दिया जायेगा | किसानों ने रिपील की मांग पर जोर दिया और अगली बैठक तक विचार विमर्श कर निर्णय लेने की बात कही | वहीँ MSP के मुद्दे पर सरकार ने कमिटी की पेशकश की परन्तु किसानों ने इसे अस्वीकार किया | इस पर 22 जनवरी को चर्चा की जाएगी | मीटिंग में सरकार द्वारा NIA जांच और गिरफ्तारियों पर भी चर्चा हुई और सरकार ने NIA को केस न करने के निर्देश देने का भरोसा भी दिया |

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वहीँ किसान संगठन 26 जनवरी की किसान परेड से सम्बंधित दिल्ली हरियाणा और उत्तरप्रदेश पुलिस से बैठक हुई हिस्में किसान ने आउटर रिंग रोड पर परेड करने की मांग पर अडिग रहे वहीँ पुलिस ने दुसरे रास्ते देने का और परेड ना करने का आह्वान किया |

किसान संगठनों ने कहा की अब तक 138 किसान इस आन्दोलन में शहीद हो चुके हैं | इसके लिए किसान संगठनों ने शहीदों के परिवारों के लिए उचित क्षतिपूर्ति की मांग की है |

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