सरकार और किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की वार्ता
नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और सरकार के बीच 4 जनवरी 2021 को विज्ञान भवन में हुई सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही | बातचीत में कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल और वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश उपस्थित थे | सोमवार को हुई बातचीत के दौरान किसान नेता अपनी मांगों पर अड़े रहे किसानों की ओर से सिर्फ और सिर्फ तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की बात की गई जबकि सरकार की तरफ से सुधार करने की बात की गई |
बैठक में सरकार की तरफ से क्या कहा गया
सरकार की तरफ से कृषि मंत्री ने कहा कि दिनांक 30 दिसंबर 2020 को आयोजित पिछली बैठक में चर्चा हुई थी कि उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के मुद्दों पर समाधान करने हेतु हर सम्भव प्रयास करने के लिए तत्पर है। साथ ही सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हरसंभव प्रयासरत है। दोनों तरफ से कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए विचार करने के लिए तैयार है। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि सुधार कानूनों से संबंधित मुद्दे पर अन्य राज्यों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी बात की जाएगी। कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि हम इन तीनों कानूनों पर बिन्दुवार चर्चा करेंगे और जिन-जिन बिन्दुओं पर आपको आपत्ति हो, उन बिन्दुओं पर हम विचार करके यथा आवश्यक संशोधन करने के लिए तैयार हैं।
बैठक में किसान संगठनों की तरफ से क्या कहा गया
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि सरकार को यह बात समझ आ गई है कि किसान संगठन कृषि क़ानूनों को रद्द किए बिना कोई बात नहीं करना चाहते हैं। हमसे पूछा गया कि क्या आप क़ानून को रद्द किए बिना नहीं मानेंगे, हमने कहा हम नहीं मानेंगे |
सरकार से बातचीत के बाद किसान नेता ने बताया कि हमने सरकार से कहा है कि पहले कृषि क़ानूनों को वापिस किया जाए, MSP पर बात बाद में करेंगे। 8 तारीख तक का समय सरकार ने मांगा है। उन्होंने कहा कि 8 तारीख को हम सोचकर आएंगे कि ये क़ानून वापिस हम कैसे कर सकते हैं, इसकी प्रक्रिया क्या हो |
8 जनवरी को होगी अगले दौर की बातचीत
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान नेताओं से मुलाकात के बाद ने कहा कि चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया। अब 8 तारीख को अगली बैठक होगी। किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है |
बातचीत के पहले किसान नेताओं एवं सरकार के मंत्रियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के लिए विज्ञान भवन में दो मिनट का मौन रखा। दिल्ली में बारिश और तेज ठंड के बावजूद किसान सिंघु बॉर्डर समेत कई सीमाओं पर डटे हुए हैं | किसानों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे अपने आंदोलन को और तेज किया जायेगा | आखिरी दौर की बैठक में सरकार ने किसानों की दो मांगें मान ली थीं | सरकार ने बिजली संशोधन बिल को वापस लेने और पराली जलाने से रोकने के लिए बने वायु गुणवत्ता आयोग अध्यादेश में बदलाव का भरोसा किसान नेताओं को दिया था |