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शुक्रवार, मई 3, 2024
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सरकार प्याज भंडार गृह बनवाने के लिए देगी 50 प्रतिशत सब्सिडी, 10 हजार किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

प्याज भंडारण के लिए अनुदान

आलू, प्याज जैसे नश्वर उत्पादों का भंडारण किसान नहीं कर पाते हैं, जिसके चलते किसानों को फसल निकालने के उपरांत तुरंत ही मंडियों में बेचना पड़ता है जिससे बाजार में भाव काफी गिर जाते हैं और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार अधिक से अधिक किसानों को प्याज भंडारण के लिए गोदाम आदि बनाने के लिए प्रोत्साहन हेतु भारी अनुदान उपलब्ध कराती है। ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। 

इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने प्याज भंडारण के लिए नई योजना को मंजूरी दे दी है। प्रदेश के 10 हजार किसानों को कम लागत की प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण के लिए 87.50 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने अनुदान के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।

प्याज भंडार गृह पर कितना अनुदान Subsidy दी जाएगी?

राजस्थान सरकार राज्य में किसानों को अलग-अलग योजनाओं के मद से प्याज भंडारण के लिए सब्सिडी उपलब्ध कराएगी। सभी योजनाओं के तहत सरकार ने लक्ष्य निर्धारित कर दिए है। सरकार ने प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण में प्रति इकाई लगभग 1.75 लाख रुपए लागत तय की है, जिस पर लाभार्थी किसानों को निर्माण के लिए 50 प्रतिशत अधिकतम 87,500 रुपए प्रति इकाई अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान किया गया है।

10 हजार किसानों को मिलेगा लाभ

सरकार ने वर्ष 2023-24 के कृषि बजट में प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण पर अनुदान देने की घोषणा की है। जिसमें सरकार ने 10 हजार प्याज भंडारण के लिए संरचना निर्माण का लक्ष्य रखा है। सरकार द्वारा जारी किए गए लक्ष्य में 2500 प्याज भंडारण संरचनाओं के लिए 21.87 करोड़ रुपए तथा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 1400 प्याज भंडारण संरचनाओं के लिए 12.25 करोड़ रुपए सहित कुल 34.12 करोड़ रुपए व्यय करने का निर्णय लिया है। साथ ही, 6100 प्याज भंडारण संरचनाओं के लिए सरकार 53.37 करोड़ रुपए का व्यय कृषक कल्याण कोष से करेगी।

किसानों के लिए खुशखबरी: अब समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान ख़रीदेगी सरकार

समर्थन मूल्य MSP पर धान की खरीद

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई नई योजनाएँ शुरू की जा रही है, तो वहीं खेती को लाभकारी बनाने के लिए अधिक से अधिक को किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP का लाभ दिया जा रहा है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों को एक बड़ी सौगात दी है। सरकार ने राज्य में इस वर्ष किसानों से अब प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान ख़रीदने का निर्णय लिया है। 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में किसानों के हित में बड़ी घोषणा करते हुए प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए यह घोषणा की। विधानसभा में चर्चा के बाद विनियोग विधेयक 2023 पारित कर दिया गया।

अभी 15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान ख़रीदती है सरकार

छत्तीसगढ़ में सरकार अभी तक पंजीकृत किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की ख़रीदी की जाती है जिसके चलते अधिक पैदावार होने पर किसानों को शेष रह गई धान को बाजार में औने-पौने दामों पर बेचना पड़ता था। जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पढ़ता था। मुख्यमंत्री ने बताया कि मैं भेंट-मुलाकात में जहां भी गया किसानों की एक ही मांग थी, समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी की जाए। जिसे देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

किसानों में दौड़ी ख़ुशी की लहर 

बिलासपुर जिले के सकरी तहसील अंतर्गत बहतराई में रहने वाले किसान श्री संतोष कुमार कौशिक ने इस घोषणा को किसानों के हित में लिया गया बड़ा निर्णय बताया। उन्होंने बताया कि वे दो एकड़ में खेती करते हैं और लगभग 40 क्विंटल धान की पैदावार होती है। 15 क्विंटल के बाद बाकी का धान औने-पौने दाम पर बाजार में 1200-1300 क्विंटल के दर में बेचना पड़ता था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के इस फैसले से प्रति क्विंटल हमें 20 से 25 हजार रुपए की अतिरिक्त आय होगी।

26 मार्च को यूपी में यहाँ आयोजित किया जाएगा पशु आरोग्य मेला, पशुपालकों को मिलेगी कई सुविधाएँ

पशु आरोग्य मेला यूपी

किसानों को खेती-किसानी, पशु पालन एवं मछली पालन सम्बंधित नवीनतम तकनीकों की जानकारी के साथ ही शासन द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देने के लिए समय-समय पर मेलों का आयोजन किया जाता है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार मंडल स्तरीय वृहद् पशु आरोग्य मेला/शिविर का आयोजन 26 मार्च 2023 के दिन आयोजित करने जा रहा है। 

शासन द्वारा आयोजित किए जा रहे इस शिविर में पशुपालकों को विभाग द्वारा पशुओं के उपचार, टीकाकरण, बीमा आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही किसानों को पशु पालन की उन्नत तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। 

पशु मेले में पशुपालकों को मिलेगी यह सुविधाएँ

लखनऊ के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.ऐ.के. वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पशु आरोग्य मेला के तहत रोगी पशुओं का अति विशिष्ट उपचार एवं औषधि वितरण, रोग ग्रस्त पशुओं की अल्ट्रासाउंड मशीन द्वारा जाँच, पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान एवं बाँझपन समस्या का निवारण, पशुओं की लघु शल्य चिकित्सा, निःशुल्क पशु टीकाकरण, पशु पालकों को पशुओं के पशुधन बीमा की सुविधा, पशुपालकों को पशुओं की उन्नत तकनीक की जानकारी वैज्ञानिकों द्वारा दी जाएगी।

इसके अतिरिक्त मेले में पंजीकृत पशुपालकों के पशुओं को निःशुल्क कृमिनाशक दवापान, खनिज लवण (मिनरल मिक्सचर) तथा सकेंद्रित पशु आहार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता के अवसर की जानकारी तथा अन्य विभागों जैसे कृषि, उद्यान एवं मत्स्य आदि के बारे में भी पशु पालकों को जानकारी दी जाएगी।

कहाँ आयोजित किया जाएगा पशु आरोग्य मेला

मंडल स्तरीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय वृहद् पशु आरोग्य मेला का आयोजन दिनांक 26 मार्च 2023 के दिन सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा। यह मेला जनपद लखनऊ के विकासखंड मलिहाबाद के ग्राम सरावां में आयोजित किया जाएगा। पशु पालन विभाग ने सभी पशु पालकों से मेले में अपने अधिक से अधिक पशुओं को लाकर मेले में विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ उठाने की अपील की है। 

सरकार ने कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP में की 300 रुपए की वृद्धि, 40 लाख किसानों को मिलेगा लाभ

कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023

किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष रबी एवं खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाते हैं। इसके अलावा सरकार गन्ना, कोपरा एवं कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी अलग से जारी करती है, ताकि किसानों को इन फसलों के भी उचित दाम मिल सके। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP की घोषणा कर दी है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2023-24 सीजन के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अपनी मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी, कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है।

क्या है कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP

सरकार ने वर्ष 2023-24 सीजन के लिए कच्चे जूट (टीडी-3, पहले के टीडी-5 ग्रेड के बराबर) का एमएसपी 5050 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। सरकार का कहना है कि कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP,  उत्पादन की अखिल भारतीय औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है, जिसे सरकार द्वारा 2018-19 के बजट में घोषित किया था। यह उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर 63.20 प्रतिशत की अतिरिक्त आय सुनिश्चित करेगा।

केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 4,750 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था, जिसमें इस वर्ष 300 रुपए की बढ़ोत्तरी करके इसे 5,050 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। ये लगभग औसत उत्पाद लागत में 63.20% मुनाफा देगा और इससे लगभग 40 लाख जूट के किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। 

25 मार्च से इन जिलों में शुरू होगी समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों की खरीद, सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश

MSP पर चना, मसूर एवं सरसों की खरीद

रबी फसल की कटाई के साथ ही सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर रबी फसलों की खरीदी शुरू करने जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार इस वर्ष राज्य में गेहूं के साथ ही चना, मसूर एवं राई-सरसों की खरीद करेगी। शासन द्वारा रबी वर्ष 2022-23 (विपणन वर्ष 2023-24) की उपज चना, मसूर, राई एवं सरसों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन 25 मार्च से 31 मई तक किया जाएगा। 

मध्य प्रदेश सरकार इस वर्ष गेहूं एवं चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी पूरे प्रदेश में करेगी। वहीं मसूर की खरीदी 37 ज़िलों में एवं राई एवं सरसों की खरीदी 40 जिलों में की जाएगी। खरीदी का कार्य केन्द्र शासन द्वारा निर्धारित (एफएक्यू) मापदण्ड संबंधी निर्देशों का पालन करते हुए राज्य उपार्जन एजेंसी द्वारा किया जाएगा।

सप्ताह में 5 दिन होगी चना, मसूर एवं सरसों की MSP पर खरीद 

सरकार द्वारा बनाए गए खरीद केंद्रों पर उपार्जन कार्य सप्ताह में 5 कार्य दिवसों (सोमवार से शुक्रवार) में सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक होगा। उपार्जन केन्द्र पर कृषक तौल पर्ची सायं 6 बजे तक जारी की जायेगी। परीक्षण के बाद अंतिम कृषक की तौल सायं 8 बजे पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। अपरिहार्य कारणों से सोमवार से शुक्रवार तक तौल नहीं होने की दशा में शनिवार को समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जायेगा। ऑफलाइन मोड में उपार्जन बिलकुल भी नहीं होगा। गेहूँ के समान चना, मसूर एवं सरसों में भी इस वर्ष स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था रहेगी।

हर तहसील में बनाया गया है एक खरीद केंद्र

मध्य प्रदेश सरकार ने रबी फसलों की खरीद के लिए उपार्जन केन्द्र 25 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्राम पंचायतों के केन्द्र को दृष्टिगत रखते हुए बनाये हैं। उपार्जन केन्द्र को पंचायत से टेग करने और एक केन्द्र पर कृषकों की संख्या 200 से 1000 तक रखने के निर्देश दिये गये हैं। जिले की प्रत्येक तहसील में कम से कम एक उपार्जन केन्द्र बनाया जा रहा है। जिला उपार्जन समिति, उर्पाजन केन्द्र की कृषक संख्या के साथ उपार्जित की जाने वाली अनुमानित मात्रा में 50 प्रतिशत तक कमी अथवा वृद्धि कर सकेगी।

ग्राम क्षेत्र की पूर्ण कृषक संख्या को दृष्टिगत रखते हुए सामान्यतः उपार्जन केन्द्र पर 3 हजार से 5 हजार मीट्रिक टन मात्रा का उपार्जन किया जायेगा। जिन जिलों में चना, मसूर, राई एवं सरसों के उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन कम हुआ हो, वहाँ मंडी स्तर पर कम से कम एक केन्द्र खोला जा रहा है। इसमें न्यूनतम किसान संख्या तथा दूरी का बंधन नहीं है।

37 जिलों  में होगी समर्थन मूल्य MSP पर मसूर की खरीद

मध्य प्रदेश के 37 जिलों राजगढ़, सतना, डिण्डौरी, विदिशा, सागर, रीवा, नरसिंहपुर, दतिया, रायसेन, पन्ना, दमोह, मण्डला, जबलपुर, शाजापुर, अनूपपुर, सिवनी, अशोकनगर, कटनी, मंदसौर, आगर-मालवा, सीधी, सिंगरौली, सीहोर, छतरपुर, उमरिया, शिवपुरी, शहडोल, नर्मदापुरम, भिण्ड, उज्जैन, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, रतलाम, बैतूल, नीमच, हरदा और धार में समर्थन मूल्य पर मसूर का उपार्जन किया जाएगा।

40 जिलों  में होगी समर्थन मूल्य MSP पर राई-सरसों की खरीद

मध्यप्रदेश के 40 जिलों भिण्ड, मुरैना, शिवपुरी, मंदसौर, श्योपुर, ग्वालियर, बालाघाट, टीकमगढ़, छतरपुर, नीमच, डिण्डौरी, मण्डला, दतिया, रीवा, सिंगरौली, आगर-मालवा, गुना, पन्ना, रतलाम, सतना, अशोकनगर, शहडोल, विदिशा, राजगढ़, सिवनी, अनूपपुर, सीधी, जबलपुर, शाजापुर, कटनी, उज्जैन, उमरिया, रायसेन, सागर, नर्मदापुरम, दमोह, छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा और देवास में राई एवं सरसों का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया जाएगा।

फसलों के भंडारण को देखते हुए सरकार ने उपार्जन केन्द्र, सामान्यत: गोदाम/मंडी/उप मंडी परिसर में ही बनाये गये हैं। गोदाम परिसर में धर्म-कांटे, विद्युत, पेयजल एवं जन-सुविधा उपलब्ध रहेगी।

6 राज्यों के किसानों को डिजीक्लेम से किया गया 1260 करोड़ रुपए के फसल बीमा दावों का भुगतान

डीजीक्लेम से फसल बीमा दावों का भुगतान

दिनों दिन खेती में जोखिम बढ़ता जा रहा है, हर वर्ष किसानों की अलग-अलग फसलों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, पाला, बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से फसलों को काफी नुकसान होता है। किसानों को होने वाले इस नुकसान की भरपाई के लिए देश के कई राज्यों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। समय के साथ किसानों के हित में योजना को लाभकारी एवं सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने योजना में कई सुधार किए हैं। इन सुधारों में अब “डिजीक्लेम की शुरुआत की गई है। 

गुरुवार 23 मार्च के दिन केन्‍द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत नई दिल्ली के कृषि भवन में राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के डिजिटल दावा निपटारा मॉड्यूल डिजीक्लेम का शुभारंभ किया। शुरुआत में इसका लाभ राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व हरियाणा राज्यों के किसानों को होगा।

डिजीक्लेम से किसानों को क्या लाभ मिलेगा

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि डिजीक्लेम से दावा भुगतान की प्रक्रिया अब स्वचालित हो जाएगी क्योंकि राज्यों द्वारा पोर्टल पर उपज डेटा जारी किया जाता है। मॉड्यूल की शुरुआत के साथ दावों का वितरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाएगा। यह सीधे क्‍लेम रिवर्सल रेशियो को प्रभावित करेगा, जो डिजीक्लेम के साथ नीचे जाने की उम्मीद है। इस डिजिटल प्रगति की एक और उल्लेखनीय विशेषता यह है कि किसान वास्तविक समय में अपने मोबाइल फोन पर दावा निपटान प्रक्रिया को ट्रैक करने और योजना का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।

कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान प्रणाली में, विभिन्न कारकों के कारण बीमित किसानों के दावों में देरी होने के कई उदाहरण सामने आए हैं। किसानों के कल्याण का संज्ञान लेते हुए और वैध फसल हानि दावों की दावा वितरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय डिजीक्‍लेम मॉड्यूल लाया है। इसके साथ, अब किसानों के दावों को पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से सीधे उनके संबंधित बैंक खातों में परिवर्तित किया जाएगा। इस तकनीक को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एनसीआईपी) और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के एकीकरण के माध्यम से सक्षम किया गया है।

6 राज्यों के किसानों को किया गया दावों का भुगतान

डिजीक्लेम मॉड्यूल की शुरुआत के साथ, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा राज्यों में बीमाकृत किसानों को 23 मार्च, 2023 को कुल 1260.35 करोड़ रुपये के बीमा दावों का वितरण एक बटन के क्लिक के साथ किया गया है और जब कभी दावे जारी किए जाएंगे, यह प्रक्रिया जारी रहेगी। केन्‍द्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि अब तक पीएमएफबीवाई के तहत बीमित किसानों को 1.32 लाख करोड़ रुपये की दावा राशि वितरित की जा चुकी है।

अब ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सीमेंट कंपनी भी ख़रीदेगी गोबर, पशु पालक किसानों को मिलेगा लाभ

सीमेंट कंपनी और सरकार के बीच हुआ समझौता

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी कर रही है। सरकार द्वारा खरीदे गए इस गोबर से गौठानों में कार्यरत स्व-सहायता समूहों द्वारा कई उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इस कड़ी में अब सीमेंट कम्पनी भी शामिल हो गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में 21 मार्च के दिन श्रीसीमेंट उद्योग और जिला प्रशासन बलौदाबाजार-भाटापारा के बीच एमओयू हुआ।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखण्ड में स्थापित श्री सीमेंट उद्योग द्वारा गोबर क्रय करने की सहमति दी गई है। अब श्रीसीमेंट कम्पनी द्वारा कोयले की जगह ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन गोबर खरीदा जाएगा। कम्पनी द्वारा खरीदे गए इस गोबर का उपयोग एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में गोबर की भट्टी को गरम करने में कोयले के साथ करेगी। 

95 गाँव के किसानों को मिलेगा लाभ

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 07 गौ-शालाएं हैं, जिसमें 1739 पशुओं को रखा गया है, इनमें 04 सिमगा विकासखण्ड में ही स्थित है जो 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है। गौ-शालाओं से भी प्रति दिवस 6 मीट्रिक टन गोबर दिए जाने की संभावना है। जिले में उद्योगों के समीपस्थ लगभग 95 गांव हैं, जिसमें पशुओं की संख्या लगभग 80 हजार है।

अधिकारियों ने बताया कि श्रीसीमेंट के सबसे समीप के गांव चण्डी में गोबर अन्य स्थानों से एकत्र कर कंपनियों को दिया जायेगा। गोबर की पूर्ति सीमेंट उद्योग के 15 किलोमीटर के परिधि वाले 16 गांव से प्रतिदिवस 10 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जाएगा। कम्पनी को अब तक 38.8 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जा चुका है। 

गोबर से तैयार किए जा रहे हैं कई उत्पाद

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर की खरीदी की जाती है। किसानों से खरीदे गए इस गोबर से सरकार द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद, दिये, गोकाष्ठ, गमले, प्राकृतिक पेंट एवं बिजली उत्पादन जैसे कई कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के श्रीसीमेंट उद्योग ने एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में गोबर का उपयोग करने का फैसला लिया गया है, जो आगामी समय में पशुपालकों के लिए लाभकारी साबित होगा।

मौसम चेतावनी: 23 से 25 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

Weather Update: 23 मार्च से 25 मार्च के लिए मौसम का पूर्वानुमान

देश में बीते कुछ दिनों से हो रही आंधी-बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों को फसलों को काफी नुकसान हुआ है और यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। देश में एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ WD सक्रिय हो गया है। जिसके प्रभाव से एक बार फिर उत्तर एवं मध्य भारतीय राज्यों में बारिश एवं ओला वृष्टि का दौर शुरू होने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो 23 मार्च की शाम से एक बार फिर से उत्तर पश्चिमी राज्यों में आंधी बारिश एवं ओला वृष्टि का दौर शुरू हो जाएगा।

मौसम विभाग के अनुसार पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 23-24 मार्च के दौरान आंधी बारिश के साथ ही ओला वृष्टि हो सकती है। वही उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, विदर्भ एवं छत्तीसगढ़ में 25-26 मार्च के दौरान अधिकांश हिस्सों में आंधी बारिश के साथ कहीं-कहीं ओला वृष्टि भी हो सकती है। 

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 24 से 26 मार्च के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 23 से 24 मार्च के दौरान राजस्थान के अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जोधपुर नागौर एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के रायपुर केंद्र के अनुसार 24 से 26 मार्च के दौरान छत्तीसगढ़ सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलोदाबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगाँव, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाडा, सुकमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में कई स्थानों पर कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की सम्भावना है। 25 एवं 26 मार्च को राज्य के अधिकांश हिस्सों में वर्षा की तीव्रता अधिक रहने का अनुमान है।

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 23 एवं 24 मार्च के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में कई जगहों पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है। वही 25 मार्च को भी कुछ जिलों में आंधी बारिश हो सकती है

वहीँ हरियाणा राज्य में 23 एवं 24 मार्च के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में कई स्थानों कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है। वही 25 मार्च को भी कुछ जिलों में आंधी बारिश हो सकती है। 

415 पशुपालकों को किया गया सम्मानित, दी गई 52 लाख रुपए की ईनाम राशि

पशु पालकों को पुरस्कार का वितरण

देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के उद्देश्य से पशु पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों एवं ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा पशु पालन क्षेत्र में अग्रणी एवं प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करने के साथ ही पुरस्कार राशि का वितरण भी करती है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने 22 मार्च 2023 को राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य के 415 से अधिक पशुपालकों को ईनाम का वितरण किया गया।

इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी का परिणाम है कि आज राजस्थान पूरे देश में सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य बन गया है। पूरे देश के 15.05 प्रतिशत दूध का उत्पादन राजस्थान में हो रहा है। राज्य सरकार पशुपालकों को प्रतिवर्ष सम्मानित कर रही है। इस पहल से पशुपालन के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आया है।

पशुपालकों को दिया गया 50 हजार रुपए तक का पुरस्कार

मुख्यमंत्री ने पशुपालक सम्मान समारोह योजना के तहत पशुपालन में नवाचार कर पशुधन उत्पादन के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करने वाले पशुपालकों को सम्मानित किया। इसमें राज्य स्तर पर सम्मानित श्री सुरेन्द्र अवाना एवं श्री प्रेम सिंह राव को 50-50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी गई।

वहीं जिला स्तर पर सम्मानित होने वाली 7 महिला पशुपालकों सहित 68 पशुपालकों को 25-25 हजार रुपये और पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित होने वाली 18 महिला पशुपालकों सहित 345 पशुपालकों को 10-10 हजार प्रोत्साहन स्वरुप दिए गए। इस प्रकार राज्य के 415 प्रगतिशील पशुपालकों को कुल 52.50 लाख रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई।

राज्य में पशु पालन के लिए दिया जा रहा है प्रशिक्षण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य पशुधन प्रबन्धन प्रशिक्षण संस्थान में आवासीय प्रशिक्षणार्थी आवास भवन का लोकार्पण किया। नवनिर्मित प्रशिक्षणार्थी आवासीय भवन में 27 वातानुकूलित कमरे, 2 सुईट, डाइनिंग हॉल, बैडमिंटन कोर्ट, बैठक कक्ष और वाई-फाई सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे 60 प्रशिक्षणार्थियों को उच्च स्तरीय आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भवन का निर्माण कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 6.11 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। संस्थान द्वारा अब तक 25 हजार प्रशिक्षणार्थियों को पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने शुरू की यह योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पशुपालन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। एक हजार 189 ग्राम पंचायतों में नये पशु चिकित्सा उपकेन्द्र तथा 4 नये पशु चिकित्सालय खोले गए हैं। 2639 ग्राम पंचायतों में पशु चिकित्सा उपकेन्द्र खोलने की घोषणा की जा चुकी है। इससे पशुओं को स्थानीय स्तर पर ही उपचार सुनिश्चित हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों को आर्थिक संबल देने के लिए दूध पर प्रति लीटर 5 रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लंपी रोग से दुधारू पशु की मृत्यु पर पशुपालकों को प्रति गाय 40 हजार रुपए की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। पशुपालकों के 2 दुधारू पशुओं का 40-40 हजार रुपए का बीमा किया जाएगा जिससे दुधारू पशुओं की असामयिक मृत्यु होने पर पशुपालकों को आर्थिक संबल मिल सकेगा।

डेयरी संयंत्र मालपुरा का किया गया लोकार्पण

इस दौरान मुख्यमंत्री ने 12 करोड़ रुपए की लागत से बने टोंक दुग्ध उत्पादक संघ के नए डेयरी संयंत्र मालपुरा का वीसी के माध्यम से लोकार्पण किया। मालपुरा में नवीन संयंत्र शुरू होने से टोंक जिले के लगभग 20 से 25 हजार अतिरिक्त पशुपालकों को लाभ मिलेगा। इससे आमजन को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता के दुग्ध उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे तथा रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

किसान एक बार फिर से 24 मार्च तक करा सकेंगे समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन

समर्थन मूल्य MSP पर गेहूं की खरीद हेतु पंजीयन

अधिक से अधिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP का लाभ मिल सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में एक बार फिर से गेहूं के पंजीकरण के लिए पोर्टल खोल दिया है। सरकार ने यह निर्णय अभी प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों को हुए नुकसान से राहत देने के लिए लिया है। सरकार ने कहा है कि 22 से 24 मार्च तक पंजीयन पोर्टल को पुन: खोला जाएगा। इस निर्णय से शेष रह गए किसान अपना पंजीयन करा सकेंगे।

इससे पूर्व में रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिये किसानों का पंजीयन करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी निर्धारित की गई थी, जिसे 5 मार्च 2023 तक आगे बढ़ाया गया था। इस दौरान राज्य में इस वर्ष उपार्जन के लिये करीब 15 लाख किसान पंजीयन करवा चुके हैं। जो पिछले वर्ष हुए पंजीयन की तुलना में तीन चौथाई पंजीयन हैं।

किसान MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करें

मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ़लाइन पंजीयन की व्यवस्था रखी है। जिसमें किसान स्वयं मोबाइल द्वारा एमपी किसान एप पर, ग्राम पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, जनपद पंचायत कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र पर, पूर्व वर्षों की भाँति सहकारी समिति/ विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीकृत केंद्र पर निःशुल्क पंजीयन करा सकते हैं।

इसके अलावा एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क पर, कामन सर्विस सेंटर पर, निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफ़े पर एवं लोकसेवा केंद्र पर शुल्क देकर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं।

गेहूं पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

ऐसे किसान जिन्होंने पिछले रबी/खरीफ मौसम में पंजीयन कराया था उन किसानों को रबी विपणन वर्ष 2023-24 में पंजीयन हेतु दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। पंजीयन में परिवर्तन/ संशोधन की आवश्यकता होने पर दस्तावेज प्रमाण स्वरूप पंजीयन केंद्र पर लाने होंगे एवं बैंक खाता परिवर्तन की दशा में बैंक पासबुक की छायाप्रति साथ में लानी होगी। सभी किसानों को आधार नम्बर से लिंक बैंक खाते की छाया प्रति उपलब्ध करानी होगी।

वनाधिकार पट्टाधारी/सिकमीदार किसानों को वन पट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध करानी होगी। अनुबंध की एक प्रति तहसील कार्यालय में जमा करानी होगी। ऐसे किसानों को समिति/विपणन संस्था द्वारा संचालित केंद्रों पर पंजीयन कराना होगा। पंजीयन में भूमि का रकबा एवं बोई गई फसल की जानकारी राजस्व अभिलेख (खसरा) से ली जाएगी। सहमत न होने पर गिरदावरी में दावा/ आपत्ति का प्रावधान उपलब्ध होगा।

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