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सोमवार, मार्च 18, 2024
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18 से 19 मार्च के दौरान यहाँ आयोजित किया जाएगा कृषि मेला, किसान खरीद सकेंगे उन्नत किस्मों के बीज

देश में किसानों को कृषि क्षेत्र की नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार एवं कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा समय-समय पर कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 18-19 मार्च के दौरान दो दिवसीय कृषि मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष मेले का मुख्य विषय खेती में ड्रोन का महत्व है। इस मेले में किसानों के साथ बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि मशीनें व यंत्र निर्माता कंपनी भी हिस्सा लेंगी।

मेले में किसानों को विभिन्न कृषि कार्यों के लिए उपयुक्त मशीनों, यंत्रों एवं उनकी कार्य प्रणाली के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त किसान इन मशीनों की कीमत तथा इनके निर्माताओं की भी जानकारी हासिल कर सकेंगे। मेले की ख़ास बात यह है कि किसान यहाँ से खरीफ सीजन की मुख्य फसलों के उन्नत बीज भी कम दरों पर खरीद सकेंगे।

कृषि मेले से किसान खरीद सकेंगे बीज

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में लगने वाले इस मेले से किसान बीज भी ले सकेंगे। इसके लिए किसानों को विश्वविद्यालय की ओर से सिफारिश की गई खरीफ फसलों के उन्नत बीज तथा बायोफर्टलाईजर के अतिरिक्त कृषि साहित्य भी उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए मेला स्थल पर विभिन्न सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से बिक्री काउंटर स्थापित किए गए हैं। जहां से किसान अनुशंसित क़िस्मों के बीज खरीद सकते हैं।

कृषि मेले में यह भी रहेगा खास

मेले में किसानों को विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म पर वैज्ञानिकों द्वारा उगाई गई रबी फसलें भी दिखाई जाएँगी तथा उनमें प्रयोग की गई तकनीक की जानकारी भी दी जाएगी। इस अवसर पर फसल प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी। किसानों को कृषि, पशुपालन तथा गृह विज्ञान संबंधी समस्याओं का समाधान करने के लिए मेले के दोनों दिन प्रश्नोत्तरी सभाएँ आयोजित की जायेंगी। मेले में किसान मिट्टी, सिंचाई जल व रोगी पौधों की जाँच भी वैज्ञानिकों से करा सकेंगे।

18 मार्च से आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय कृषि मेला (खरीफ) 2024 में किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा। इस वर्ष कृषि मेले में प्रदेश के प्रत्येक जिले के दो प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा। इसमें प्रत्येक जिले के एक महिला एवं एक पुरुष किसान को सम्मान मिलेगा।

कृषि मेला खरीफ 2024 का आयोजन कहाँ किया जा रहा है?

यह मेला 18 से 19 मार्च 2024 के दौरान चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा। हर साल की तरह इस साल भी यह मेला विश्वविद्यालय के गेट नंबर-3 के सामने मेला ग्राउंड में लगाया जा रहा है। बता दें कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा हर साल मार्च में इस कृषि मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में हर साल हरियाणा सहित पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान शामिल होते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा किसानों से अपील की गई है कि कृषि मेले में आकर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों, तकनीकों का अधिक से अधिक लाभ उठायें।

जानिए आपके जिले में कब से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद

देश के कई राज्यों में गेहूं फसल की कटाई के साथ ही सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर खरीदी शुरू की जा चुकी है। इस क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने भी राज्य में किसानों से गेहूं की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। मध्य प्रदेश में अलग-अलग संभागों के जिलों में अलग-अलग दिनों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शुरू की जाएगी। इसके लिए किसानों की पंजीयन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।

बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष राज्य के किसानों को गेहूं खरीद पर बोनस देने का फैसला लिया है। मध्य प्रदेश सरकार इस वर्ष राज्य के किसानों को गेहूं की खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देगी। वही इस वर्ष केंद्र सरकार के द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। जिस पर किसानों को 125 रुपये बोनस मिलने से गेहूं का भाव प्रति क्विंटल 2400 रुपये मिलेगा।

कब से शुरू होगी समर्थन मूल्य MSP पर गेहूं की खरीद

मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपना गेहूं बेचने के लिए राज्य के लगभग 15 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। मध्य प्रदेश सरकार इस वर्ष किसानों से लगभग 100 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदेगी। इसके लिए सरकार ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। किसान खरीद केंद्र पर अपनी उपज ले जाने से पहले स्लॉट अवश्य बुक कर लें।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक उज्जैन, खंडवा एवं खरगोन जिले के कुछ उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की खरीद 15 मार्च से, नर्मदापुरम जिले के कुछ उपार्जन केंद्र पर 18 मार्च से एवं इंदौर, उज्जैन, भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग के शेष उपार्जन केंद्रों पर 20 मार्च 2024 से 07 मई 2024 तक गेहूं की खरीद की जाएगी। वहीं जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर एवं चम्बल संभाग में 29 मार्च 2024 से 15 मई 2024 तक गेहूं की खरीद की जाएगी।

किसानों को प्रशासन की ओर से सलाह दी गई है कि वह स्लॉट बुक करके ही उपार्जन केंद्र पहुंचे और एफएक्यू (FAQ) का खास तौर पर ध्यान रखें। गेहूं की तुलाई करवाकर, पावती प्राप्त कर, गेहूं को बोरों में भरने के बाद टैग लगाने की पुष्टि करने के उपरांत ही उपार्जन केन्द्र से जाएं। उपार्जन केन्द्र प्रभारी के भरोसे गेहूं छोड़कर कदापि न जाएं। साथ ही किसानों के लिए गेहूं उपार्जन केन्द्र पर पंखा, छन्ना, ग्रेडिंग मशीन और मॉइस्चर मीटर की व्यवस्था की गई है। गेहूं बेचने में आने वाली समस्याओं के लिए किसान सीएम हेल्प लाइन नंबर 181 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

किसानों को अब एक कॉल पर मिलेगा खेती संबंधित समस्याओं का समाधान, सरकार ने जारी किया टोल फ्री नंबर

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही उन्हें खेती में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में बिहार सरकार ने राज्य के किसानों के लिए किसान कॉल सेंटर की शुरुआत की है। सरकार द्वारा शुरू किए गए इस कॉल सेंटर पर किसानों को खेती-किसानी में आ रही समस्याओं का समाधान विशेषज्ञों की टीम के द्वारा किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने एक टोल फ्री नम्बर भी जारी किया है।

किसान कॉल सेंटर पर किसान फोन करके खेती में आ रही समस्याओं का समाधान विशेषज्ञों के माध्यम से पा सकते हैं। साथ ही किसानों की समस्याओं के उचित निवारण हेतु पदाधिकारी, कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों से टेली कान्फ्रेंसिंग की सुविधा भी दी गई है।

किसानों के लिए क्या है हेल्पलाइन नंबर

बिहार सरकार ने बीते दिनों राज्य के किसानों के लिए किसान कॉल सेंटर की सुविधा शुरू की है। इसके लिए किसान को 18001801551/1551 नंबर पर कॉल करना होगा। किसान दिये गये नंबर पर सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक कॉल करके अपने सवाल पूछ सकते हैं, जिसका जवाब किसान को दिया जाएगा। इतना नहीं किसान कॉल सेंटर पर समस्याओं के निवारण हेतु फार्म टेली एडवाईजर/ सुपरवाइजर की मदद से अपने सवालों के जवाब पा सकते हैं।

मौसम चेतावनी: 17 से 20 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

Weather Update: 17 से 20 मार्च के लिए वर्षा का पूर्वानुमान

अभी देश के कई राज्यों में एक बार फिर से मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के अलावा झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार समेत अन्य कई राज्यों में बारिश दर्ज की गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो एक टर्फ लाइन पश्चिम विदर्भ से उत्तरी केरल तक बनी हुई है। वहीं बंगाल की खाड़ी में एक प्रति चक्रवात की स्थिति बनी हुई है, जिसके चलते देश के कई हिस्सों में बारिश एवं ओला वृष्टि की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक मौजूदा सिस्टम के चलते 17 से 21 मार्च के दौरान बंगाल के गंगीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ तेज बारिश हो सकती है। वहीं इस दौरान 17 मार्च से 20 मार्च के दौरान पश्चिमी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, विदर्भ, उड़ीसा क्षेत्रों में कई स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश एवं ओला वृष्टि होने की संभावना है।

मध्यप्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 17 से 20 मार्च के दौरान विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छत्तरपुर, टीकमगढ़, मैहर, पांडुरना जिलों में अलग-अलग दिनों के दौरान गरज-चमक एवं तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। वहीं अनेक स्थानों पर ओला वृष्टि की भी संभावना है।

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

मौसम विभाग के रायपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 17 से 20 मार्च के दौरान सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, पेंड्रा रोड, बिलासपुर, रायगढ़, मूंगेली, कोरबा, जाँजगीर, रायपुर, बलोदबाजार, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, दुर्ग, बालोद, बेमतारा, कबीरधाम, राजनंदगाँव, बस्तर, कोंडागाँव, दंतेवाड़ा, सुकुमा, कांकेर, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में अलग-अलग दिनों के दौरान गरज-चमक एवं तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। वहीं अनेक स्थानों पर ओला वृष्टि की भी संभावना है।

बिहार के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के पटना केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 19 से 21 मार्च के दौरान राज्य के पश्चिम चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेख़पुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहनाबाद, भागलपुर, बाँका, जमुई, मुंगेर एवं ख़गड़िया जिलों में अनेक स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

झारखंड के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

मौसम विभाग राँची केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 17 से 20 मार्च के दौरान झारखंड राज्य के राँची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूँटी, रामगढ़, पूर्वी–सिंघभूमि, पश्चिमी–सिंघभूमि, सिमडेगा, सरायकेला खरसावाँ, पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरडीह, गोड्डा, जामतारा, पाकुर एवं साहेबगंज ज़िलों में अधिकांश स्थानों पर गरज चमक एवं तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। वहीं कई जगहों पर बारिश के साथ ओला वृष्टि की भी संभावना है।

वहीं विदर्भ की बात करें तो 17 मार्च से 20 मार्च के दौरान नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, चन्द्रपुर, गढ़चिरौली, अमरावती एवं यवतमाल जिलों में अनेक स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ लोगों ने कराया पंजीयन, पीएम मोदी ने की जल्द पंजीकरण कराने की अपील

देश में लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने लोगों की छतों पर सोलर रूपटॉप की स्थापना के लिए पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। इस योजना का लाभ पाने के लिए देश के 1 करोड़ से अधिक परिवारों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों से इस योजना में शीघ्र पंजीयन कराने की अपील की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले परिवारों की सराहना की और कहा कि पर्यावरण अनुकूल वातावरण देने के लिए यह योजना बड़ा काम करने जा रही है। उन्होंने कहा कि देशभर में तेजी से रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर दावा किया कि पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के लिए 1 करोड़ से अधिक परिवारों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के लॉन्च होने के एक महीने में 1 करोड़ से अधिक परिवारों ने पहले ही पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के लिए अपना पंजीकरण करा लिया है।

पीएम ने शीघ्र पंजीयन कराने की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि देश के सभी हिस्सों से पंजीकरण हो रहे हैं। असम, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 5 लाख से अधिक पंजीकरण देखे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है वे भी शीघ्र करा लें।

मुफ्त बिजली योजना के तहत कितनी सब्सिडी दी जाती है?

इस योजना के अंतर्गत एक किलोवॉट के सोलर संयन्त्र लगाने पर 30 हजार रूपये, दो किलोवॉट सोलर संयन्त्र लगाने पर 60 हजार रुपए तथा तीन किलोवॉट या उससे ऊपर के सोलर संयन्त्र स्थापना पर 78 हजार रुपए की सब्सिडी केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही है। यह सब्सिडी पहले से ज्यादा है। योजना के तहत लाभार्थी को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। शेष अतिरिक्त बिजली को लाभार्थी डिस्कॉम को बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी कर सकते हैं।

कैसे करें मुफ्त बिजली योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण

अधिक से अधिक व्यक्ति योजना का लाभ ले सके इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है, जहां इच्छुक व्यक्ति आसानी से आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति को राष्ट्रीय पोर्टल pmsuryaghar.gov.in पर आवेदन करना होगा या pmsuryaghar App डाउनलोड करके भी पंजीयन किया जा सकता है। पोर्टल पर छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए एक कंपनी का चयन करना होगा। इसके अलावा पोर्टल पर सोलर संयंत्र लगाने के लिए आवश्यक जगह, उससे होने वाले लाभ, विक्रेता की रेटिंग आदि की जानकारी भी देखी जा सकती है।

मूंग बीज पर सरकार दे रही है 50 फीसदी अनुदान, किसान यहाँ करें आवेदन

देश में किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही दलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। ऐसे में किसान गर्मी के मौसम में मूँग की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा सकें इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को उन्नत किस्मों के बीज अनुदान पर उपलब्ध करा रही है। राज्य के किसान योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर अनुदान पर बीज ले सकते हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के किसानों दलहन की मुख्य फसल मूंग पर अनुदान दे रही है। यह अनुदान राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में भेजी जाएगी। इसके लिए किसानों को बीज खरीदने से पहले विभाग की वेबसाइट पर अपना पंजीकरण भी करना होगा।

किसानों को मिलेगा 50 प्रतिशत अनुदान

सहायक विकास अधिकारी कृषि ने बताया कि रायबरेली जनपद में काफी संख्या में किसान मूंग की खेती करते हैं। इसलिए रायबरेली जनपद में शिखा और सम्राट मूंग दो उन्नतिशील किस्म की प्रजातियां यहां की मिट्टी के लिए सुलभ मानी जाती हैं। जो भी किसान ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करना चाहते हैं। वह राजकीय कृषि केंद्र पर कृषि विभाग की वेबसाइट agriculture.up.gov.in पर अपना पंजीकरण कर लें और यहां से बीज की खरीदारी करें। उन्होंने कहा कि इस पर दलहनी योजना अंतर्गत उन्हें मूंग के बीज पर 50 प्रतिशत का अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाएगा। जो किसान पूर्व से पंजीकृत है उन्हे पंजीकरण कराने की कोई जरूरत नहीं है।

बता दें कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में किसान गर्मी के मौसम यानि की जायद सीजन में मूँग की खेती करते हैं जिससे उन्हें अच्छी आमदनी भी प्राप्त होती है। इस वर्ष बिहार सरकार भी किसानों को गर्मी के मौसम में विभिन्न फसलों की खेती के लिए बीजों पर अनुदान दे रही है। वहीं मध्य प्रदेश में किसानों से ग्रीष्मकालीन मूँग की खरीदी सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाती है।

सरकार ने शुरू की नई मोबाइल एप, अब किसान आसानी से ऑनलाइन बेच सकेंगे अपनी उपज

किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में शुक्रवार 15 मार्च के दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने दो महत्वपूर्ण, कृषक उत्पादक संगठन FPO व किसान अनुकूल ऐप लांच किए। इनमें से एक है राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) मोबाइल एप जिसे ओपन फॉर डिजिटल कॉमर्स के साथ जोड़ा गया है वहीं दूसरा है एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप।

ओपन फॉर डिजिटल कॉमर्स ONDC के साथ ई-नाम मोबाइल ऐप के जुड़ जाने से अब इस पर पंजीकृत किसान अपनी उपज ओएनडीसी पर उपलब्ध खरीददारों को अपनी उपज बेच सकेंगे। जिससे किसानों को अब ई-नाम एप पर अधिक खरीददार मिलेंगे और किसान उन्हें आसानी से अपने भाव पर उपज बेच सकेंगे।

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि आज एक नया अध्याय जोड़ा जा रहा है। ENAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से, यह स्थापित किया जा रहा है कि विक्रेताओं और खरीदारों को डिजिटल लाभ मिले अब ONDC (डिजिटल के लिए ओपन नेटवर्क) के माध्‍यम से यह निर्णय लिया गया है कि एफपीओ  (फार्मर प्रड्यूसर ओर्गेनाइजेशन ) के साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों की उपज लोगों तक सीधे होम डिलीवर हो।

एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल एप क्या है?

यह एप कृषक उत्पादक संगठन FPO के लिए शुरू की गई है। इस एप की मदद से 10 हजार एफपीओ के गठन व संवर्धन की योजना के कुशल कार्यान्वयन की सुविधा मिलेगी। इस एप को एफ़पीओ की निगरानी व रिकॉर्ड रखने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इस ऐप की प्रमुख विशेषताओं में से एक, निरीक्षण की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जियो निर्देशांक के साथ एफपीओ का निरीक्षण करने वाले व्यक्ति की छवि कैप्चरिंग है। इस ऐप में, सीबीबीओ, एफपीओ से संबंधित संपूर्ण निगरानी व निरीक्षण गतिविधियां की जा सकती हैं, जिससे यह सुधार व संवर्धन में मददगार है।

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) क्या है?

केंद्र सरकार द्वारा ई-नाम योजना की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को की गई थी। इस पोर्टल पर अभी तक 23 राज्यों व 4 केंद्र शासित प्रदेशों के 1389 मंडियाँ ऑनलाइन जुड़ी हुई हैं। किसान ई-नाम पोर्टल व मोबाइल एप पर अपना पंजीकरण कराकर उपज को ऑनलाइन बेच सकते हैं।

ई-नाम पोर्टल पर अभी तक 1.77 करोड़ से ज्यादा किसान और 2.55 लाख से ज्यादा व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं। 3,600 से ज्यादा एफपीओ भी ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं। इसके अलावा, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ई-नाम के लिए 1.71 लाख से अधिक एकीकृत लाइसेंस जारी किए गए हैं। फरवरी 2024 तक इस प्लेटफॉर्म पर 3.32 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार किया गया है।

मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए शुरू की 20 योजनाएँ, कृषि ज्ञान वाहनों को किया रवाना

चुनावी वर्ष में किसानों के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की जा रही है, इस कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार 15 मार्च के दिन अपने आवास में आयोजित कार्यक्रम में रिमोट से 811 करोड़ की लागत वाली 20 योजनाओं का आरंभ व शिलान्यास किया। इसके अलावा उन्होंने कृषि ज्ञान वाहनों को हरी झंडी देकर रवाना किया। कृषि ज्ञान वाहनों से किसानों को कई सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी।

इस अवसर पर किसानों के लिए कॉल सेंटर की सुविधा भी शुरू की गई है। अब राज्य के किसान 18001801551/1551 पर कॉल करके आ रही समस्याओं का समाधान विशेषज्ञों के माध्यम से पा सकते हैं। साथ ही किसानों की समस्याओं के उचित निवारण हेतु पदाधिकारी, कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों से टेली कान्फ्रेंसिंग की सुविधा भी दी जाएगी।

किसानों के लिए शुरू की गई यह योजनाएँ

बिहार के मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों के लिए 20 योजनाओं का आरंभ एवं शिलान्यास किया। उनमें किसान कॉल सेंटर, आत्मा योजना, राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र की घेराबंदी, कृषि प्रसार योजना, कृषि यंत्रीकरण, प्रति बूँद अधिक फसल योजना, बिहार पोषक अनाज (मिलेट्स) विकास योजना, बिहार मक्का विकास योजना, मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन कार्यक्रम, बीज ग्राम योजना, धान बीज वितरण कार्यक्रम, केला क्षेत्र विकास योजना, प्याज़, मखाना और अन्य उत्पादों के भंडारण, जैविक खेती प्रोत्साहन योजना अंर्तगत ढैंचा बीज वितरण पान विकास योजना और मशरूम किट का वितरण शामिल हैं।

कृषि ज्ञान वाहनों को किया गया रवाना

मुख्यमंत्री ने चार कृषि ज्ञान वाहनों को रवाना किया। कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने यह बताया कि किसानों को कृषि ज्ञान वाहनों के माध्यम से कृषि की सूचना दी जाएगी। किसानों की समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा। कृषि ज्ञान वाहनों से किसानों को निम्न सुविधाएँ दी जाएगी:-

  • सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना,
  • किसानों के ज्ञान वर्द्धन के लिए तकनीकी फिल्मों का प्रदर्शन,
  • कृषि प्रसार साहित्य के माध्यम से किसानों का लोक शिक्षण,
  • मिट्टी जाँच हेतु सैंपल के संग्रहण की सुविधा,
  • कृषि संबंधित समस्याओं को लेकर किसानों को सीधे घर पर निवारण की सुविधा,
  • सभी प्रकार के फसलों और पशु-पक्षी संबंधी समस्याओं का समाधान,
  • किसानों की समस्याओं का विशेषज्ञों द्वारा समाधान की बेहतर सुविधा दी जाएगी।

अब किसानों को प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत सब्सिडी पर मिलेंगे सोलर पम्प, सरकार ने दी मंजूरी

देश में किसानों को पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत सब्सिडी पर सोलर पम्प उपलब्ध कराये जा रहे हैं इसमें किसानों को सोलर पम्प पर 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। वहीं कुछ राज्य सरकारों के द्वारा अलग-अलग योजनाओं के तहत भी सोलर पंप उपलब्ध कराये जाते हैं जिसमें किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाती है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने अब राज्य के किसानों को “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत अनुदान पर सोलर पम्प उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

गुरुवार 14 मार्च के दिन राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में “मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना” को विस्तारित कर “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना” नाम से लागू करने की स्वीकृति दी है।

किसानों को सोलर पम्प पर कितनी सब्सिडी दी जाएगी?

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अभी तक राज्य के किसानों को मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के तहत अनुदान पर सोलर पंप दिये जाते थे। जिस पर लाभार्थी किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान था। अब मध्य प्रदेश सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना कर दिया है। योजना का क्रियान्वयन अब म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा केन्द्र शासन की कुसुम ‘बी’ योजना में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जायेगा।

मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत किसान एवं किसानों का समूह सब्सिडी पर सोलर पम्प लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को cmsolarpump.mp.gov.in पोर्टल पर मोबाइल नंबर की मदद से आवेदन करना होता है। सरकार के मुताबिक़ अभी किसानों को मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के अंतर्गत भी सोलर कृषि पम्प कनेक्शन दिया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त मंत्रि-परिषद ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण में कराये जाने वाले कार्यों के लिये लागत राशि 24 हजार 293 करोड़ 24 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह, सागर, दतिया एवं बेतवा बेसिन के विदिशा, शिवपुरी, रायसेन जिले के सूखा प्रभावित 6,57,364 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई एवं लगभग 44 लाख आबादी को पेयजल सुविधा मिलेगी।

2400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं बेचने के लिए किसान 16 मार्च तक करा सकते हैं पंजीयन

देश के कई राज्यों में गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर जल्द ही शुरू होने वाली है, ऐसे में अधिक से किसान अपनी उपज बेचकर समर्थन मूल्य योजना का लाभ ले सके इसके लिए किसानों से पंजीकरण कराये जा रहे हैं। इस कड़ी में अधिक से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं की उपज बेच सके इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने पंजीयन की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाकर 16 मार्च तक कर दिया है, ऐसे में जो किसान अभी तक अपना पंजीयन नहीं करा सके हैं वे किसान पंजीयन कर योजना का लाभ ले सकते हैं।

इससे पहले राज्य में रबी विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं पंजीयन के लिए अंतिम तिथि 10 मार्च 2024 तक निर्धारित की गई थी। ऐसे में जो किसान अभी तक अपना पंजीकरण नहीं करा पाये हैं उन्हें भी मूल्य समर्थन योजना का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार ने पंजीयन की तिथि को आगे बढ़ाकर 16 मार्च 2024 तक कर दिया है।

पंजीकृत किसानों को मिलेगा गेहूं पर बोनस

इस वर्ष मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP की खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने का फैसला लिया है। यह बोनस राशि का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो सरकार को एमएसपी पर गेहूं की उपज बेचेंगे। ऐसे में सरकार को गेहूं बेचने के लिए किसानों का पंजीकरण होना आवश्यक है।

बता दें कि इस वर्ष यानि की रबी विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले गेहूँ पर 125 रूपये प्रति क्विंटल बोनस का भुगतान राज्य सरकार करेगी। वहीं इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा घोषित गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल है। जिस पर सरकार किसानों को 125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस देगी। इस तरह राज्य के किसानों को गेहूं का भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा।

किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कहाँ करें?

सरकार द्वारा किसानों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफ लाइन दोनों तरह की सुविधा दी गई है। किसान गेहूं के लिए ऑनलाइन पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल www.mpeuparjan.nic.in पर कर सकते हैं। किसान यह पंजीकरण एमपी ऑनलाईन, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केन्द्र, सायबर कैफे और स्वयं के मोबाईल अथवा कम्प्यूटर से भी निर्धारित लिंक पर जाकर अपनी फसल का पंजीयन करा सकते हैं। इसके अतिरिक्त किसान ग्राम पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र, सहकारी समिति पर निःशुल्क पंजीयन करा सकते हैं।

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