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शुक्रवार, अप्रैल 19, 2024
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मौसम चेतावनी: 7 से 9 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

7 से 9 मार्च के लिए मौसम पूर्वानुमान

बीते दिनों से देश के उत्तरी पश्चिमी राज्यों के कई स्थानों में आंधी बारिश के साथ ही ओला वृष्टि का दौर जारी है जिससे किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD की मानें तो ऐसा मौसम 9 मार्च तक रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार देश में अभी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है जिसके चलते मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है। 

वहीं दक्षिणी राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर आंधी बारिश के साथ ही ओला वृष्टि होने की भी संभावना व्यक्त की गई है। इसके अलावा 7 से 10 मार्च के दौरान ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम एवं झारखंड के कई हिस्सों में आंधी के साथ वर्षा होने की संभावना है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओला वृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 7 से 8 मार्च के दौरान अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, चूरु, हनुमानगढ़, जोधपुर, नागौर, पाली एवं श्रीगंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 7 से 8 मार्च के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनुपपुर, जिलों में शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

झारखंड के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के राँची केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 7 से 9 मार्च के दौरान झारखंड राज्य के बोकारो, चतरा, देवघर, धनबाद, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, हज़ारीबाग़, जामताड़ा, खुटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदग्गा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, राँची, साहिबगंज, सराइकेला खरसावाँ, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम में अधिकांश स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज चमक एवं बौछारें पड़ सकती हैं। 

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के रायपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 7 से 9 मार्च के दौरान छत्तीसगढ़ के सरगुज़ा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बिलासपुर जिलों में कहीं कुछ स्थानों पर मध्यम से हल्की वर्षा हो सकती है। 

मुख्यमंत्री ने 77 ट्रैक्टरों को दिखाई हरी झंडी, गन्ना किसानों को अब आसानी से किराए पर मिलेंगे ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र

फार्म मशीनरी बैंक में ट्रैक्टर को किया गया शामिल

आज के समय में खेती-किसानी के कामों में कृषि यंत्रों का महत्व बढ़ता जा रहा है, इसमें सबसे महत्वपूर्ण यंत्र है ट्रैक्टर। ट्रैक्टर फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक सभी कामों में मदद करता है। ट्रैक्टर की महत्ता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने फार्म मशीनरी बैंक में इसे शामिल कर लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 मार्च 2023 के दिन लखनऊ से चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अंतर्गत प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों हेतु 77 ट्रैक्टरों को प्रदेश के गन्ना किसानों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्य मंत्री ने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक में सम्मिलित होने के बाद जहां एक ओर यह ट्रैक्टर फार्म मशीनरी बैंक में उपलब्ध अन्य कृषि यंत्रों के उपयोग हेतु सारथी बनेंगे वहीं दूसरी ओर किसानों की उत्पादन लागत कम होने से उनकी आय में वृद्धि होगी।

यंत्रीकरण से कम होगी गन्ने की लागत

मुख्य मंत्री  ने कहा कि यंत्रीकरण से गन्ने की लागत कम होगी और श्रम व समय की भी बचत होगी एवं प्रत्यक्ष रूप से किसानों की सकल आय में वृद्धि होगी। गन्ना किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए गन्ने की पत्ती नहीं जलाएँगे बल्कि मल्चर एवं एम.बी प्लाऊ के प्रयोग से गन्ने की पत्ती एवं उनकी ठूठी को खेत में ही काटकर मिला देंगे एवं अपनी जमीन को उर्वर बनाएँगे और इस दिशा में सरकार लगातार प्रयासरत है।

किसान आसानी से किराए पर ले सकेंगे कृषि यंत्र

इस अवसर पर गन्ना मंत्री श्री नारायण चौधरी ने कहा कि प्रदेश के बहुत से गन्ना किसानों के पास गन्ने की खेती के लिए अभी भी उपयोगी कृषि यंत्र जैसे- ट्रैंच, प्लांटर, एम.बी प्लाऊ, रैटून मैनेजमेंट डिवाइस, आटोमेटिक शुगर केन प्लांटर आदि बड़े हार्स पॉवर के ट्रैक्टर की उपलब्धता ना होने के कारण उन्हें गन्ने की खेती में उपयोग करने हेतु असुविधा होती है। प्रदेश की सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंक में 77 ट्रैक्टर शामिल किए जाने से किसान अपनी समितियों से मामूली किराए दर पर प्राप्त कर अपने कृषि कार्यों को समय पर कर सकेंगे। 

146 सहकारी समितियों में की गई है फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना

प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग भूसरेड्डी ने कहा कि किसानों के पास कृषि यंत्रों का अभाव है और विशिष्ट कृषि यंत्रों की कीमत अधिक होने एवं छोटे किसानों की क्रय शक्ति से बाहर होने के कारण गन्ने की खेती में उपयोगी इन बड़े कृषि यंत्रों को खरीद पाना उनके लिए सम्भव नहीं हो पाता है। इस समस्या के दृष्टिगत गन्ना की खेती में यंत्री करण को बढ़ावा देकर गन्ने की उत्पादन लागत कम करने एवं गन्ना कृषकों की आमदनी दोगुना करने हेतु प्रदेश की 146 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के स्तर पर फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की गई है। 

किसानों के पास अधिक हार्स पॉवर का ट्रैक्टर नहीं होने के कारण किसान इन कृषि यंत्रों का लाभ नहीं उठा पा रहे थे।  इस समस्या को ध्यान में रखकर ही प्रदेश की 77 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के फार्म मशीनरी बैंकों में शामिल किया गया है। 

छत्तीसगढ़ सरकार ने पेश किया बजट, किसानों को मिली यह सौगातें

कृषि बजट छत्तीसगढ़ 2023-24

छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्त वर्ष 2023–24 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है, राज्य के मुख्य मंत्री श्री भूपेश बघेल ने 6 मार्च के दिन विधान सभा में पेश किया। सरकार ने इस वर्ष राज्य के लिए 1 लाख 21 हजार 500 करोड़ का बजट प्रस्ताव रखा है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 17,000 करोड़ रूपये अधिक है। इसमें कृषि के विभिन्न योजनाओं के लिए 10,070 करोड़ रूपये की बजट का प्रस्ताव रखा गया है।

हालाँकि सरकार ने इस वित्त वर्ष में किसानों के लिए किसी नई बड़ी योजना की घोषणा नहीं की है परंतु पहले से चली आ रही योजनाओं के बजट में बढ़ोतरी की है। सरकार ने राज्य को “धन का कटोरा” बनाने हेतु राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए 6,800 करोड़ का प्रावधान किया है।

कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बजट में की गई मुख्य घोषणाएँ

  • सरकार ने अपने बजट में किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक एवं जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राजनांदगांव एवं रायगढ़ जिले में नवीन उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना जायगी। वहीं रासायनिक एवं जैविक कीटनाशकों के गुणवत्ता परीक्षण हेतु रायपुर में नवीन कीटनाशक प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।
  • उद्यानिकी से संबंधित आधुनिक तकनीकों को अपनाने हेतु नवा रायपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना हेतु 2 करोड़ 51 लाख का प्रावधान किया गया है।
  • विकासखंड मुख्यालय गंडई में कृषकों को उद्यानिकी फसलों की गुणवत्तापूर्ण पौध रोपण उपलब्ध कराने हेतु हाईटेक नर्सरी एवं छुईखदान में पान अनुसंधान केन्द्र की स्थापना हेतु 2 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है।
  • राजपुर, विकासखंड धमधा में शासकीय बीज प्रगुणन प्रक्षेत्र की स्थापना हेतु 1 करोड़ 57 लाख का प्रावधान किया गया है,  वहीं नवा रायपुर में 60 करोड़ की लागत से कृषि एवं किसान कल्याण भवन का निर्माण किया जाएगा।
  • गरियाबंद में शासकीय कृषि महाविद्यालय भवन एवं बालक-बालिकाओं के छात्रावास निर्माण हेतु 02 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
  • ग्राम आलीवारा, जिला-राजनांदगांव एवं ग्राम केवरा, जिला-सरगुजा में किसान सुविधा केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
  • राज्य स्तरीय कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला, रायपुर का भवन निर्माण किया जाएगा।
  • सीड लॉ एन्फोर्समेन्ट के लिए रायपुर में नवीन प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।
  • 05 नये जिलों में उप संचालक, कृषि कार्यालय की स्थापना की जाएगी। दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, दुर्ग एवं मुंगेली में अनुविभागीय अधिकारी, कृषि कार्यालय की स्थापना करने की घोषण की है। 
  • सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सौर सुजला योजना अंतर्गत सोलर सिंचाई पम्प की स्थापना हेतु 600 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

पशु पालन के लिए बजट में प्रावधान

  • ग्राम दतरंगा, जिला-रायपुर में राज्य पशु गृह एवं पशु-रूग्णावास की स्थापना हेतु 2 करोड़ 18 लाख का प्रावधान किया गया है।
  • 25 नये पशु औषधालयों की स्थापना हेतु 2 करोड़ 85 लाख का प्रावधान किया गया है।
  • 14 पशु औषधालयों का पशु चिकित्सालयों में उन्नयन किया जाएगा।
  • 17 नवीन पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी।
  • पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, बिलासपुर में पशुधन फार्म कॉम्प्लेक्स एवं अन्य कार्यों हेतु 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 

मछली पालन के लिए बजट में की गई मुख्य घोषणायें

  • बजट में सरकार ने ग्राम किकिरमेटा, जिला-दुर्ग, ग्राम दुब्बाटोटा जिला-सुकमा एवं बालोद में 03 नवीन मत्स्य प्रक्षेत्र एवं हेचरी की स्थापना करने का प्रस्ताव रखा है।
  • मत्स्य महाविद्यालय, कवर्धा में बाउंड्रीवाल तथा आंतरिक सड़क निर्माण हेतु 2 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

जानिए राज्य में अभी तक कितने किसानों को मिला कर्ज माफी योजना का लाभ, सरकार ने विधानसभा में दी पूरी जानकारी

कृषक ऋण माफी योजना का लाभ

देश में किसानों की कर्ज माफी हमेशा से एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है, वर्ष 2019 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रति किसान परिवार औसतन 74,121 रुपए का कर्ज है। ऐसे में कई बार कर्ज ना चुकाने के कारण किसान आत्महत्या कर लेते हैं, या उनकी जमीन नीलाम कर दी जाती है। इसके अलावा ऋण एनपीए हो जाने पर किसानों को नया ऋण भी नहीं मिलता जिससे किसान कृषि में नया निवेश नहीं कर पाते हैं। ऐसे में किसानों को ऋण मुक्त कराने के लिए राजस्थान सरकार ने वर्ष 2018 एवं 2019 में कृषक ऋण माफी योजना शुरू की थी।

1 मार्च 2023 के दिन श्री चन्द्रभान सिंह आक्या द्वारा विधानसभा में किसानों की कर्ज माफी को लेकर सवाल किया गया। उन्होंने अपने सवाल में पूछा कि अभी तक राज्य में कितने किसानों के कर्ज माफ किए गए है? विगत तीन वर्षों में कर्जा नहीं चुकाने के कारण कई किसानों की जमीने सरकारी आदेशों से नीलाम हुई हैं इसकी जानकारी माँगी। जिसका जबाब आयोजना मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने विधान सभा में दिया।

सरकार ने वर्ष 2018 में दिया था कृषक ऋण माफी आदेश

विधायक श्री चन्द्रभान सिंह आक्या के प्रश्न के लिखित जवाब में श्रीमती भूपेश ने कहा कि प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषक ऋण माफी आदेश 19 दिसम्बर 2018 को जारी किया गया था। उक्त आदेश की क्रियान्विति के लिए केबिनेट के 29 दिसम्बर 2018 के निर्णय की पालना में मंत्रीगण की एक समिति का गठन किया गया।

इस समिति ने समस्त पहलुओं पर विचार-विमर्श कर यह अनुशंषा की कि राष्ट्रीकृत बैंक, शिडयूल्ड बैंक तथा आर.आर.बी. से जुडे वे कृषक जो आर्थिक रूप से संकटग्रस्त हैं और अपना अल्पकालीन फसली ऋण नहीं चुका पा रहे, उनका 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में 2 लाख रूपये की सीमा तक का अल्पकालीन फसली ऋण, जो एन.पी.ए. हो गया है, को माफ करने के लिये बैंकों से परामर्श कर वन टाइम सैटलमेंट स्कीम लाई जाए। समिति की अनुशंषा के निर्णय की क्रियान्विति हेतु सहकारिता तथा आयोजना विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।

22 लाख से अधिक किसानों का किया गया ऋण माफ

अपने जबाब में आयोजना मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा 31 दिसम्बर 2022 तक राज्य के सहकारी बैंकों की राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2018 (अल्पकालीन) के तहत 7571.83 करोड़ रुपये एवं राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 (अल्पकालीन) के तहत 20.77 लाख किसानों का 7,855.32 करोड़ रुपये सहित कुल 15,427.15 करोड़ रुपये का अल्पकालीन ऋण माफ किया है। इसके अतिरिक्त राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना, 2019 (मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन) के तहत 32,734 लघु एवं सीमांत किसानों का 365.10 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है।

इन बैंक द्वारा लिए गए ऋण का क्या हुआ

राजस्थान सरकार द्वारा अभी सिर्फ सहकारी बैंक से लिए गए ऋण ही माफ किए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा एक मुश्त ऋण माफी योजना के तहत ऋण माफी का प्रस्ताव वाणिज्यिक बैंकों, अनुसूचित बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कॉर्पोरेट कार्यालयों को भिजवाया गया तथा स्मरण पत्र प्रेषित किये गये हैं, लेकिन किसी भी बैंक प्रबन्धन ने सरकार के प्रस्ताव पर अब तक सहमति नहीं दी है। 

32 किसानों की जमीनें हुई नीलाम

आयोजना मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में कर्जा नहीं चुकाने के कारण केवल 32 किसानों की जमीनें नीलाम हुई हैं। जिसमें 31 प्रकरण राजस्व विभाग तथा एक प्रकरण सहकारिता विभाग से संबंधित है। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा। श्रीमती भूपेश ने बताया कि किसानों की 5 एकड तक की कृषि भूमि को कुर्की एवं नीलामी से बचाने के लिए राज्य सरकार ने सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 विधानसभा में पारित कराया, जो राज्यपाल के 27 जनवरी 2022 को हस्ताक्षर के बाद वर्तमान में राष्ट्रपति के स्तर पर विचारार्थ एवं अनुमति हेतु रक्षित किया गया है। 

उन्होंने ने बताया कि भविष्य में उपखण्ड अधिकारियों के आदेशों से किसानों की 5 एकड तक की कृषि भूमि को कुर्की एवं नीलामी से बचाने की कार्यवाही वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।

किसानों की ज़मीन नीलाम होने पर रोक लगाने के लिए लाया जाएगा एक्ट

आयोजना मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि बैंकों का ऋण नहीं चुका पाने के कारण किसानों की जमीन को कुर्की करने को लेकर राज्य सरकार बहुत चिंतित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 2023-24 के राज्य कृषि बजट में किसानों की जमीन की नीलामी पर रोक लगाने के लिए राजस्थान फार्मर्स डेबिट रिलीफ एक्ट लाने की घोषणा की है। जिसमें उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को डेट रिलीफ कमीशन का अध्यक्ष नियुक्त किया जाना प्रस्तावित है। 

Jharkhand Budget 2023-24: एक लाख किसानों के खेतों पर बनाए जाएँगे सिंचाई के लिए कूप 

सिंचाई के लिए किया जाएगा 1 लाख कूप का निर्माण

किसानों की आमदनी एवं फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए खेतों में सिंचाई के सुनिश्चित साधन होना आवश्यक है ताकि किसान एक वर्ष में एक से अधिक फसल ले सकें और फसलों की समय पर सिंचाई कर सकें। सिंचाई के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा किसानों तक सिंचाई के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में इस वर्ष झारखंड सरकार ने किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराने के लिए कई घोषणाएँ की है। 

झारखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में जहां कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों के लिए 4,627 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, वहीं सिंचाई सुविधाओं और सिंचाई क्षमता के विस्तार के लिए जल संसाधन विकास हेतु 1,964 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने किसानों को सिंचाई कूप उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण विकास के बजट में प्रावधान किया है, इसके लिए सरकार नई योजना शुरू करने जा रही है।

किसानों के खेतों पर बनाए जाएँगे सिंचाई कूप

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री श्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि किसानों को सिंचाई कूप उपलब्ध कराने हेतु मनरेगा तथा राज्य योजना के तहत “बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन मिशन” नामक नई योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 1 लाख किसानों की व्यक्तिगत भूमि पर सिंचाई कूप का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए राज्य योजना से प्रत्येक लाभार्थी को 50 हजार रुपए सामग्री मद में तथा शेष राशि मनरेगा योजना से दी जाएगी। 

इसके अलावा सरकार ने अपने बजट में किसानों को सिंचाई के लिए 5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाब से गाद हटाने के लिए और डीप बोरिंग के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया है। वही सौर ऊर्जा औऱ दूसरे सतत उर्जा के माध्यम से माइक्रोलिफ़्ट इरिगेशन सिंचाई को कारगर बनाने के लिए कृषि समृद्धि योजना लागू की जायेगी।

सिंचाई के लिए प्रस्तावित लिफ़्ट सिंचाई परियोजनाएँ

वित्त मंत्री ने बताया कि सोन-कनहर मेगा लिफ़्ट सिंचाई परियोजना में भू-अर्जन प्रक्रिया की जटिलता से बचते हुए इसके तीव्र कार्यान्वयन के मद्देनज़र दुमका में मसलिया – रानेश्वर एवं देवघर – जामताड़ा  ज़िला में सिकटिया मेगा लिफ़्ट सिंचाई योजनाएँ कार्यान्वित की जा रही है। इसी आधार पर इस वित्त वर्ष में पटमदा तथा मेगा लिफ़्ट सिंचाई परियोजनाएँ शुरू की जाएँगी। 

खुशखबरी: किसानों को अब आधी कीमत पर मिलेगा डीएपी खाद, सरकार ने दी मंजूरी

सरकार ने नैनो डीएपी खाद को दी मंजूरी

बीते कई दिनों से देश में कई जगहों पर किसानों को DAP खाद मिलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में किसानों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। देश में इफको नैनो ल‍िक्व‍िड डीएपी (Nano DAP) को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अपने शानदार परिणामों के कारण इसे फर्ट‍िलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (FCO) के तहत नोट‍िफाई कर द‍िया गया है। जिससे किसानों को अब डीएपी खाद आसानी से उपलब्ध हो सकेगा, वो भी कम कीमत पर। 

नैनो डाई अमोनियम फास्फेट (द्रव) Nano DAP को मंजूरी मिलने से किसानों को फसल उत्पादन में आने वाली लागत में कमी आएगी, क्योंकि यह आधी से भी कम कीमत पर किसानों को मिलेगा। साथ ही इसे लाना, ले जाना बहुत आसान हो जाएगा, क्योंक‍ि 50 क‍िलो सामान्य डीएपी की बोरी अब अब 500 एमएल की बोतल में समा जाएगी। नैनो डीएपी की एक बोतल 50 किलो के बोरे के समान है, जो अभी किसानों को 1,350 रुपये प्रति बैग के हिसाब से मिलता है।

बाजार में नैनो डीएपी की क़ीमत क्या रहेगी?

नैनो डाई अमोनियम फास्फेट तरल (Nano DAP) की आधा लीटर की एक बोतल की कीमत 600 से 700 रुपए के आसपास रहेगी, जो मौजूदा डीएपी 50 किलो बैग की तुलना में लगभग आधा है। जिससे भारतीय किसानों के लिए यह एक गेम चेंजर साबित होगा। इफको के एमडी यूएस अवस्थी का कहना है क‍ि डीएपी खाद अब बोरी की बजाय 500 एमएल की बोतल में आने के बाद ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम होगा। जिसका फायदा किसानों को मिलेगा। 

फसलों पर किया जा चुका है ट्रायल

नैनो यूरिया की सफलता के बाद ही नैनो डीएपी बनाया गया है। नैनो डीएपी भी पर्यावरण के अनुकूल है और ढुलाई और रखरखाव में आसान है। बताया गया है क‍ि इसका चना, मटर, मसूर, गेहूं और सरसों जैसी कई फसलों पर फील्ड ट्रायल क‍िया गया है। इस ट्रॉयल में भारतीय कृष‍ि अनुसंधान पर‍िषद ICAR को शाम‍िल क‍िया गया था। ट्रायल में उत्साहजनक परिणाम मिलने के बाद ही किसानों के उपयोग के लिए इसे मंजूरी मिली है। 

मौसम चेतावनी: 4 से 8 मार्च के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश

4 से 8 मार्च के लिए मौसम पूर्वानुमान

देश के उत्तर भारतीय राज्यों के कई जिलों में अभी रबी फसलों की कटाई का काम शुरू हो गया है, ऐसे में इस समय बारिश से किसानों को काफी नुकसान हो सकता है। इस बीच देश में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है जिससे कई स्थानों पर आगामी दिनों में बारिश हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने आगामी दिनों में राजस्थान, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बारिश होने संभावना जताई है।

मौसम विभाग की माने तो 04 से 08 मार्च के दौरान दक्षिण पूर्वी राजस्थान, उत्तरी महाराष्ट्र, विदर्भ, मध्य प्रदेश एवं गुजरात के कई ज़िलों में गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। वहीं 6-8 मार्च के दौरान उत्तरी छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में भी वर्षा हो सकती है।

राजस्थान के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 4 से 8 मार्च के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बाँसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौरगढ़, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक, उदयपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरु, जैसलमेर, जोधपुर एवं नागौर, पाली एवं श्री गंगानगर ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज आंधी के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

मध्य प्रदेश के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 4 से 8 मार्च के दौरान मध्यप्रदेश के भोपाल, विदिशा, रायसेन, सिहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर,  आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, जबलपुर, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के इन जिलों में हो सकती है बारिश

भारतीय मौसम विभाग के नागपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 5 से 8 मार्च के दौरान विदर्भ क्षेत्र के नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, अमरावती, अकोला, यवतमाल, बुलढाना एवं वाशिम ज़िलों में गरज चमक से साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। 

झारखंड सरकार ने पेश किया बजट, किसानों के लिए शुरू की जाएँगी यह योजनाएँ

कृषि बजट झारखंड 2023-24

झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपना बजट आज 3 मार्च 2023 के दिन पेश कर दिया है। झारखंड सरकार की और से यह बजट वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने पेश किया है। झारखंड सरकार ने इस वर्ष 1,16,418 करोड़ का बजट पेश किया है जो पिछले वर्ष से 15 प्रतिशत अधिक है, बजट पेश करते हुए यह जानकारी वित्त मंत्री की ओर से दी गई। वहीं सरकार ने अपने बजट में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 11.84 प्रतिशत कि वृद्धि की है।

झारखंड सरकार ने इस वर्ष कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए बजट 4,627 करोड़ रुपए का रखा है। सरकार ने अपने बजट में राज्य के किसानों को ऋण मुक्त करने एवं सूखे से राहत दिलाने के लिए प्रावधान किए हैं, वहीं राज्य में पशुपालकों को दिए जाने वाली सहायता में भी वृद्धि की है। इसके अलावा सरकार ने अपने बजट में कुछ नई घोषणाएँ भी की है। आइए जानते हैं सरकार ने बजट में किसानों के कौन सी मुख्य घोषणाएँ की हैं।

ऋण माफी से वंचित किसानों को दिया जाएगा योजना का लाभ

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की आर्थिक संस्कृति आज भी खेती है। सरकार किसानों को ऋण से मुक्त करना चाहती है। सूखा से हुए फसल के नुकसान पर किसानों को राहत पहुंचा सकें। वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों की ऋण माफी के लिए 4.5 लाख से अधिक के किसानों के बीच 1 हजार 7 सौ 27 करोड़ रुपए की ऋृण माफी की गयी। सुखाड़ राहत के लिए प्रत्येक किसान परिवार में 3,500 रुपए लगभग 13 लाख किसानों के खाते में 461 करोड़ रुपए की राशि दी गयी है। इस लाभ से वंचित किसानों को वित्त वर्ष 2023-24 में भी लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है।

सौर ऊर्जा से सिंचाई के लिए शुरू की जाएगी कृषि समृद्धि योजना

सरकार ने अपने बजट में किसानों को सिंचाई के लिए 5 एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाब से गाद हटाने के लिए और डीप बोरिंग के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। वही सौर ऊर्जा औऱ दूसरे सतत उर्जा के माध्यम से माइक्रोलिफ़्ट इरिगेशन सिंचाई को कारगर बनाने के लिए कृषि समृद्धि योजना लागू की जायेगी। किसानों द्वारा किए गये उत्पाद के प्रचार के लिए सरकार काम करेगी।

फसल सुरक्षा एवं मोटे अनाज उत्पादन के लिए शुरू की जाएगी नई योजना

सरकार ने कृषि के क्षेत्र में पेस्टीसाइड तथा फ़र्टीलाइज़र का उपयोग कम करने तथा नवीनतम तकनीक के साथ जैविक खेती की दिशा में अग्रसर होने के उद्देश्य से “फसल सुरक्षा कार्यक्रम” के नाम से एक नई योजना शुरू करेगी। इसके अलावा श्री अन्न (ज्वार, रागी, बाजरा, रामदाना, कंगनी, कोदो, चीना एवं संवा) के अधिकाधिक उत्पादन के लिए राज्य सरकार झारखंड राज्य मिलेट मिशन की शुरुआत करेगी। इसके लिए बजट में सरकार ने 50 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है। 

पशु पालकों को दिए जाने वाले बोनस में की गई वृद्धि

सरकार ने पशु धन विकास योजना के तहत लाभार्थी को पशुधन उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष बजट में 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सरकार ने गिरिडी और जमशेदपुर में डेयरी प्लांट, रांची में मिल्क पाउडर प्लांट मिल्क प्रोडक्ट प्लांट खोलने के  लिए 180 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है। दुग्ध उत्पादकों के लिए 1 रुपए प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि दे रही थी जिसे बढ़ाकर 2 रुपए प्रति लीटर किया गया था. वित्त वर्ष 2023-24 में इसे बढ़ाकर  3 रुपए प्रति लीटर करने का ऐलान इस बजट में किया गया है।

146 नए गोदाम बनाए जाएँगे

लैम्पस और पैक्स के भंडारण क्षमता को बढ़ाने पर भी राज्य सरकार ने बजट में प्रावधान किया है। राज्य सरकार वित्त वर्ष 2023-24 में 100MT क्षमता के कुल 566 और 500MT के 146 नये गोदाम बनाने का लक्ष्य रखा है।

4 मार्च से होगा मिठास गोष्ठी का आयोजन, किसानों को गन्ने की उन्नत किस्मों के बीज लेने के लिए करना होगा ऑनलाइन बुकिंग

गन्ना की उन्नत विकसित किस्मों के लिए ऑनलाइन बुकिंग

देश में विभिन्न फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किसानों को नई विकसित किस्मों के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाते हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा किसानों को गन्ने की विकसित क़िस्में उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए विभाग के ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू की है ताकि किसानों को पारदर्शी तरीके से मिनी गन्ना सीड किट मिल सके। 

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहाँपुर पर प्रत्येक वर्ष मिठास गोष्ठी का आयोजन किया जाता है, जिसमें अनुमान से काफी अधिक संख्या में किसानों के आने व मिनी गन्ना सीड किट की माँग के चलते विभाग द्वारा इस वर्ष से ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था बनाई गई है। इस व्यवस्था के तहत सभी किसानों को उनकी माँग के अनुसार विभाग द्वारा गन्ना सीड किट की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। 

मिठास गोष्ठी में ऑनलाइन बुकिंग वाले किसानों को ही मिलेंगे गन्ना बीज

श्री संजय भूसरेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 04 मार्च 2023 को आयोजित होने वाले मिठास गोष्ठी में नवीन गन्ना किस्म को.शा. 17231 एवं को.शा. 16233 का मिनी गन्ना सीड किट का वितरण ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से ही किया जाएगा। अतः किसानों को मिठास गोष्ठी में मिनी गन्ना सीड किट प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करना ज़रूरी है। ऑनलाइन बुकिंग वाले किसानों को ही मिठास गोष्ठी में नवीन किस्मों का मिनी गन्ना सीड किट दिए जाएँगे। 

गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के निदेशक डॉ. सुधीर शुक्ल ने भी किसानों से अपील की है कि 04 मार्च 2023 को आयोजित होने वाले किसान गोष्ठी में अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता कर गन्ना उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीकी से सम्बंधित शोध प्रदर्शनी का लाभ उठाएँ।

किसान कहाँ से ले सकते हैं गन्ना की उन्नत विकसित क़िस्में

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, श्री संजय भूसरेड्डी ने प्रदेश के गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर द्वारा गन्ना किसानों को नवीन किस्मों के मिनी गन्ना सीड किट की एवं निष्पक्ष एवं पारदर्शी व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था से किसान अब घर बैठे गन्ना विकास विभाग की वेबसाइट enquiry.caneup.in पर बीज बुक करके उसका भुगतान भी ऑनलाइन कर सकते हैं।

अपर मुख्य सचिव भूसरेड्डी ने बताया कि बीजों की ऑनलाइन बुकिंग होने से किसानों को मिनी गन्ना सीड किट के लिए शाहजहांपुर तक की भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। किसानों को उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर अथवा अन्य केंद्र जो सम्बंधित कृषक के निकट होगा वहाँ से किसान अपनी इच्छा के अनुसार किस्म का बीज उपलब्ध करा दिया जाएगा।

गन्ना बीज खरीदने के लिए केंद्र एवं उपलब्ध किस्मों की जानकारी के लिए क्लिक करें

यहाँ मिलते हैं अनुदानित दरों पर जमुनापारी नस्ल के बकरे, अब यहाँ पशु पालकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा

पशु प्रजनन फार्म कुम्हेर में खोला जाएगा प्रशिक्षण केंद्र

कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र में पशु पालन का अत्याधिक महत्व है, ग्रामीण क्षेत्रों में यह रोजगार के साथ ही आय का भी एक अच्छा जरिया है। ऐसे में पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने इस वर्ष अपने बजट में पशु प्रजनन फार्म कुम्हेर में पशुपालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की घोषणा की है। जिसे जल्द पूरा करने के लिए पशु पालन विभाग ने तैयारियाँ शुरू कर दी है। 

राजस्थान पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गजेंद्र सिंह चाहर ने बताया कि प्रशिक्षण केन्द्र शुरू होने से प्रदेश में उन्नत एवं समृद्ध पशुपालन की दिशा में बेहतर कार्य हो सकेंगे, साथ ही पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पालतू पशुओं की उच्च नस्ल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है जिससे पशुपालकों की आय में वृद्धि के साथ रोजगार के साधन भी विकसित हो रहे है।

केंद्र पर पशु पालकों के लिए उपलब्ध हैं सभी सुविधाएँ

यह फार्म 1959 तक भरतपुर राजपरिवार के द्वारा संचालित किया जाता था। तब यह फार्म श्रीकृष्ण गौशाला के नाम से जाता था। 1959 में यह फार्म पशुपालन विभाग के अधीन किया गया और हरियाणा नस्ल की उन्नत गौवंश के संवर्धन की योजना का आरम्भ हुआ। उसके बाद यह फार्म बकरी पालन का केंद्र बना। आज भी यह फार्म उन्नतशील पशुपालकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस फार्म पर पशुपालकों के लिए तमाम आवश्यक सुविधाओं के साथ पशु चिकित्सा केंद्र भी है।  

पशु प्रजनन फार्म में किया जाता है जमुनापारी बकरी का अनुदान पर वितरण

भरतपुर जिला स्थित पशु प्रजनन फार्म, कुम्हेर बकरी नस्ल संवर्धन का राज्य में अग्रणी एवं एकमात्र केंद्र है। यहाँ मुख्यतया जमुनापारी नस्ल की बकरी/बकरों का उत्पादन कर पशुपालकों को बकरी नस्ल संवर्धन के लिए अनुदानित दरों पर वितरण किया जाता है। फार्म के जरिये विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों से राज्य में बकरी पालन में उन्नत नस्ल सुधार के साथ स्थानीय पशुपालकों के लिए रोजगार एवं आय के साधन भी विकसित हुए है ।

क्या है जमुनापारी नस्ल की बकरियों की विशेषता 

जमुनापारी नस्ल की बकरी मांस और दूध उत्पादन की दृष्टि से उत्तम मानी जाती है। मुख्यतया भारतीय नस्ल की इस बकरी का नाम यमुना नदी के नाम पर जमुनापारी पड़ा। शीघ्र ही वजन बढ़ाने में सक्षम इस नस्ल की बकरी पशुपालकों के लिए आय का एक मुख्य स्रोत साबित होती है। साथ ही बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ तापमान के अनुरूप जीवन क्षमता रखने वाली यह नस्ल पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण पशुधन है ।

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