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मंगलवार, मार्च 19, 2024
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इन कृषि यंत्रों पर दी जा रही है सब्सिडी, किसान अभी करें आवेदन

कृषि यंत्र अनुदान हेतु आवेदन

देश में किसान कृषि कार्यों के लिए महँगे कृषि यंत्र खरीद सकें इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। किसान इन योजनाओं का लाभ आसानी से ले सकें इसके लिए समय-समय पर सरकार द्वारा किसानों से अलग-अलग प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए आवेदन माँगे जाते हैं। इस कड़ी में मध्य प्रदेश कृषि अभियांत्रिकी विभाग ने राज्य में किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के लिए लक्ष्य जारी किए हैं।

जारी लक्ष्यों के विरुद्ध राज्य के किसान दिनांक 25 जनवरी 2023 दोपहर 12 बजे से 01 फरवरी 2023 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्राप्त आवेदनों में से लक्ष्यों के विरूद्ध लॉटरी दिनांक 02 फरवरी 2023 को सम्पादित की जायेगी। लॉटरी उपरांत चयनित कृषकों की सूची एवं प्रतीक्षा सूची पोर्टल पर दोपहर 03 बजे जारी कर दी जाएगी।

इन कृषि यंत्रों पर अनुदान Subsidy के लिए कर सकते हैं आवेदन

रबी फसलों की कटाई का समय नजदीक आ रहा है, ऐसे में सरकार ने फसल कटाई एवं फसल अवशेष प्रबंधन सम्बंधित कृषि यंत्रों पर अनुदान देने के लिए लक्ष्य जारी किए हैं। जो इस प्रकार हैं:-

कृषि यंत्रों पर कितना अनुदान Subsidy दिया जाएगा

मध्यप्रदेश में किसानों को अलग-अलग योजनाओं के तहत कृषि यंत्रों पर किसान वर्ग एवं जोत श्रेणी के अनुसार अलग-अलग सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है, जो 40 से 50 प्रतिशत तक है। इसमें किसान जो कृषि यंत्र लेना चाहते हैं वह किसान ई- कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर उपलब्ध सब्सिडी कैलकुलेटर पर कृषि यंत्र की लागत के अनुसार उनको मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देख सकते हैं।

किसानों को कृषि यंत्र के लिए डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा 

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को स्वयं के बैंक खाते से निम्नानुसार धरोहर राशि का डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) सम्बंधित जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम से बनवाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पंजीयन में डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) निश्चित राशि से कम का होने पर आवेदन अमान्य किया जाएगा। अलग-अलग कृषि यंत्रों के लिए किसानों को इतनी धरोहर राशि का डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) बनवाना होगा :-

  • स्ट्रॉ रीपर – 10,000 रूपये 
  • स्वचालित रीपर / ट्रेक्टर रीपर – 5,000 रूपये
  • श्रेडर मल्चर – 5,000 रूपये

अनुदान पर कृषि यंत्र लेने हेतु आवेदन कहाँ करें?

मध्यप्रदेश में सभी प्रकार के कृषि यंत्रों के लिए आवेदन किसान भाई ऑनलाइन e-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर कर सकते हैं परन्तु किसान भाइयों को यह बात ध्यान में रखना होगा की आवेदन के समय उनके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर OTP वन टाइम पासवर्ड प्राप्त होगा इसलिए किसान अपना मोबाइल अपने पास रखें। किसान अधिक जानकारी के लिए अपने ज़िले के कृषि विभाग या कृषि यंत्री कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं या कृषि अभियांत्रिकी संचनालय के पोर्टल https://dbt.mpdage.org/ पर जाकर देख सकते हैं।

सब्सिडी पर कृषि यंत्र लेने हेतु आवेदन करने के लिए क्लिक करें

किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त लेने के लिए किसानों को करना होगा यह जरुरी काम

पीएम-किसान योजना 13वीं किस्त

देश में किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है, योजना के तहत एक किसान परिवार को एक वर्ष में 3 किश्तों में 6 हजार रुपये दिए जाते हैं। योजना के अंतर्गत किसानों को अभी तक 12 किस्तें दी जा चुकी हैं, 13 वीं किस्त जल्द ही किसानों के बैंक खाते में सीधे अतंरित किया जाना है जिसके लिए किसानों को आधार सीडिंग, ई-केवाईसी एवं लैंड सीडिंग करवाना अनिवार्य है।

आधार सीडिंग, ई-केवाईसी एवं लैंड सीडिंग के लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी 2023 निर्धारित की गई है। अंतिम तिथि के पहले पात्र कृषक हितग्राहियों को आधार सीडिंग, ई-केवायसी एवं लैंड सीडिंग करवाना होगा, अन्यथा हितग्राहियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।

किसानों को अगली किस्त लेने के लिए करना होगा यह तीन काम

  1. ई-केवाईसी के लिए योजना अंतर्गत पंजीकृत कृषक नजदीकी लोक सेवा केन्द्र से संपर्क कर बायोमेट्रिक पद्धति से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं अथवा अपने स्वयं के मोबाईल से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पोर्टल pmkisan.gov.in में आधार नंबर के द्वारा ओ.टी.पी. के माध्यम से प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सकता है।
  2. आधार कार्ड एवं डी.बीटी.सक्रिय करना:- योजनांतर्गत अब किस्तों का भुगतान आधार कार्ड नम्बर के आधार पर हो रहा है जिसके लिये पंजीकृत किसान के बैंक खाता में आधार लिकिंग के साथ-साथ डी.बीटी. सक्रिय कराना कराना होगा। 
  3. लैंड सीडिंग- योजनांतर्गत पंजीकृत किसानों के पास कृषि भूमि होने पर लाभ प्राप्त होता है जिसके लिए किसानों को अद्यतन खसरा बी -1 की प्रति कृषि विभाग को उपलब्ध कराना होगा।

जिन किसानों का खसरा सीडिंग नही हुआ है वह तत्काल कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी या विकासखंड/जिला कार्यालय से संपर्क कर कार्य पूर्ण करा लेवें ताकि अगामी 13 वी किस्त का लाभ प्राप्त हो सके। तथा बैंक खाते से आधार कार्ड लिकिंग एवं प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बीटी.) सक्रिय हो सके।

सोलर पम्प पर दी जा रही है 100 प्रतिशत तक की सब्सिडी, किसान इस तरह से ले सकते हैं योजना का लाभ

सोलर पम्प अनुदान योजना

खेतों में सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था होने पर किसान न केवल फसलों की समय पर सिंचाई करके पैदावार बढ़ा सकते हैं वहीं वर्ष भर में एक से अधिक फसलें भी आसानी से ले सकते हैं। जिससे किसानों की आमदनी में भी वृद्धि हो सकती है। परंतु आज के समय में भी किसानों को समय पर पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की उपलब्धता पर निर्भर नहीं रहना पड़े, इसके लिए सोलर पम्प की स्थापना पर अनुदान दिया जा रहा है।

सोलर पम्प की महत्ता को देखते हुए राजस्थान सरकार राज्य के किसानों को सोलर पम्प की स्थापना के लिए भारी सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। राजस्थान सौर ऊर्जा पंपों की स्थापना में देश में पहले पायदान पर है। राज्य में सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत पिछले 4 वर्षों में 57 हजार 657 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 982 करोड़ 95 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है।

सोलर पम्प पर कितना अनुदान Subsidy दिया जाता है?

राजस्थान के कृषि आयुक्त कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि किसानों को सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापना करने पर इकाई की लागत का 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 45 हजार रुपये का अतिरिक्त अनुदान तथा जनजातीय उप-योजना क्षेत्र मे अनुसूचित जनजातियों के किसानों को 3 व 5 एच.पी क्षमता के सौर पंप संयंत्र पर शत प्रतिशत अनुदान दिये जाने का भी प्रावधान किया गया है।

एक लाख किसानों को दिया जाएगा सोलर पम्प पर अनुदान

राजस्थान सरकार द्वारा जारी कृषि बजट घोषणा 2022-23 में आगामी 2 वर्षों में एक लाख किसानों को सोलर पम्प स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। कृषि आयुक्त ने बताया की सौर ऊर्जा पम्प परियोजना के तहत गत 4 वर्षों में 57 हजार 657 किसानों को संयंत्र स्थापित करने के लिए 982 करोड़ 95 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। 

वर्ष 2018-19 (दिसम्बर 2018 से) में 3 हजार 462 किसानों को 70 करोड़ 30 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 10 हजार 4 किसानों को 57 करोड़ 81 लाख रुपये का, वर्ष 2020-21 में 13 हजार 880 किसानों को 133 करोड़ 39 लाख रुपये का, वर्ष 2021-22 में 10 हजार किसानों को 320 करोड़ 41 लाख रुपये का और वर्ष 2022-23 में अब तक 20 हजार 311 किसानों को 401 करोड़ 4 लाख रुपये का अनुदान देकर लाभान्वित किया गया है।

इन किसानों को दी जाएगी सोलर पम्प पर सब्सिडी

सोलर पम्प संयंत्र पर अनुदान प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि कृषक द्वारा कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर अथवा स्प्रिंकलर संयंत्र काम में लिया जा रहा हो। योजना के तहत उच्च उद्यानिकी तकनीक जैसे ग्रीनहाउस, शेडनेट हाउस और लो-टनल्स काम में लेने वाले कृषक भी अनुदान के लिए पात्र हैं। पात्र किसानों को 3 एच.पी, 5 एच.पी और 7.5 एच.पी के सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है।

3 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन

3 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र हेतु आवेदन करने के लिए किसानों के पास में कम से कम 0.4 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त किसान के पास एक हजार घन मीटर क्षमता का जल संग्रहण ढांचा या 400 घन मीटर क्षमता की डिग्गी या 600 घन मीटर क्षमता का फ़ार्म पौण्ड या 100 घन मीटर क्षमता का जल हौज अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना चाहिए।

5 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन

5 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र हेतु आवेदन करने के लिए किसान के पास में कम से कम 0.75 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। साथ ही 2000 घन मीटर क्षमता का जल संग्रहण ढांचा या डिग्गी या फ़ार्म पौण्ड अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना चाहिए।

7.5 एच.पी सोलर पम्प के लिए यह किसान कर सकते हैं आवेदन

इसी प्रकार 7.5 एच.पी. के सौर पंप संयंत्र के लिए किसान के पास में कम से कम 1.0 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है। साथ ही 7500 घन मीटर की क्षमता की जल संग्रहण ढांचा या डिग्गी अथवा अधिकतम 100 मीटर गहराई का भूमिगत जल स्रोत होना ज़रूरी है।

सोलर पम्प अनुदान हेतु आवेदन कहाँ करें?

राजस्थान राज्य के किसान योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन पत्र में किसानों को आवश्यक रूप से अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा। योजना अथवा आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान निकटतम कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते है या किसान कॉल सेंटर के निःशुल्क दूरभाष नंबर 1800-180-1551 पर बात कर सकते हैं।

24 जनवरी से यहाँ शुरू होगा कृषि मेला, किसानों को योजनाओं की जानकारी के साथ ही दिया जाएगा प्रशिक्षण

कृषि महोत्सव प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण का आयोजन

समय-समय पर किसानों को कृषि क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी देने के लिए कृषि मेलों का आयोजन किया जाता है। ऐसा ही एक कृषि महोत्सव-प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण का आयोजन दिनांक 24 से 25 जनवरी 2023 को दशहरा मैदान, कोटा, राजस्थान में किया जा रहा है। इस दो दिवसीय मेले का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजस्थान के कोटा संभाग को कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उन्नत और अग्रणी बनाने के लिये किया जा रहा है।

इस कृषि महोत्सव में आयोजित प्रदर्शनी के माध्यम से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी स्टॉलों के द्वारा दी जाएगी। साथ ही निजी क्षेत्र की कृषि के विभिन्न आदानों की आपूर्ति से सम्बंधित कंपनियों/संस्थाओं भी अपने उत्पादों को स्टॉलों के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे।

किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

कोटा, राजस्थान में आयोजित होने वाले इस महोत्सव के दौरान लगभग 5000 किसानों को कृषि, बागवानी एवं पशुपालन सम्बन्धी विषयों पर प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम भी दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। किसानों के लाभ के लिए कृषि अवसंरचना निधि पर एक विशेष कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय आयोजन में कृषि अनुसंधान संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि आंचलिक केन्द्रों के वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ क्षेत्र के लगभग 35000 किसान प्रतिभाग कर रहे हैं।

क्या रहेगी कृषि महोत्सव की विशेषता

इस आयोजन की विशेषता इस बात से भी है कि इसमें कृषि की नई टेक्नोलॉजी और आधुनिक कृषि को अपनाने में रूचि रखने वाले किसानों का प्रतिभाग अधिक से अधिक संख्या में हो रहा है और खेती को और अधिक लाभप्रद व्यवसाय बनाने के लिए सभी जागरूक किसानों को उन्नत कृषि उत्पादन प्रणाली, नई कृषि टेक्नोलॉजी तथा उन्नत कृषि यंत्रों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित एवं प्रशिक्षित किया जा रहा है।

इस प्रदर्शनी में 150 स्टॉल किसानों को कृषि सम्बन्धी अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए लगाये जाएंगे। कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप की आवश्यकता को देखते हुए 75 स्टॉल स्टार्टअप के लगाये जाएंगे जो इस प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताओं में से एक है।

35 हजार किसान लेंगे भाग

महोत्सव में लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार, श्री कैलाश चौधरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, राज्य मंत्री, भारत सरकार, डॉ. संजीव बलियान, कृषि एवं पशुपालन मंत्री, राजस्थान सरकार, श्री लालचंद कटारिया और राज्य मंत्री, सहकारिता विभाग, राजस्थान सरकार, श्री उदयलाल आंजना उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार एवं भारतीय कृषि अनुसंधान के वरिष्ठ अधिकारी एवं लगभग 35 हज़ार किसान, कृषि स्टार्टअप, कॉर्पोरेट बैंकर्स, विस्तार कर्मी एवं निजी कृषि संस्थाओ के कर्मी भी उपस्थित रहेंगे।

मौसम चेतावनी: 24 से 27 जनवरी के दौरान इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

24 से 27 जनवरी के लिए मौसम पूर्वानुमान

पिछले कुछ दिनों से देश के उत्तर भारतीय राज्यों ख़ासकर मैदानी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिली है, इसका मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ WD है। पश्चिमी विक्षोभ WD के एक्टिव होने के चलते 24 जनवरी से 27 जनवरी तक उत्तर भारत में आंधी-बारिश का दौर रहने की संभावना है, इसको लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग IMD ने चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग की माने तो 24 से 26 जनवरी के दौरान यह अपने चरम पर रहेगा।

24 से 27 जनवरी के बीच आंधी के साथ पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में बारिश एवं कुछ स्थानों पर ओले गिर सकते हैं। राजस्थान के उत्तरी इलाके और मध्य प्रदेश में 25 से 27 के बीच छिटपुट वर्षा गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। आइए जानते हैं इस दौरान कौन से ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि।

राजस्थान के इन ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के जयपुर केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 24 से 27 जनवरी के दौरान अलवर, बारां, भरतपुर, बूंदी, दौसा, धौलपुर, झालावाड़, झुंझुंनू, करौली, कोटा, सवाईमाधोपुर, सीकर, चूरु, हनुमानगढ़ ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा एवं कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की संभावना है।

मध्यप्रदेश के इन ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के भोपाल केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 24-27 जनवरी के दौरान भोपाल, सिहोर, विदिशा, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शयोपुर कला, छतरपुर, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश के इन ज़िलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार 24 से 27 जनवरी के दौरान आगरा, मथुरा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, अयोध्या, अमेठी, बरेली, बंदायू, पीलभीत, शाहजहांपुर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, झाँसी, जालौन, ललितपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, कन्नौज, फ़र्रुखाबाद, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई, रायबरेली, सीतापुर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, ग़ाज़ियाबाद, मुरादाबाद, मिर्ज़ापुर, रामपुर, अमरोहा, संभल, प्रयागराज, फ़तेहपुर, सहारनपुर, मुज्जफरनगर एवं शामली ज़िलों में कहीं-कहीं कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा एवं ओलावृष्टि होने की संभावना है।

पंजाब एवं हरियाणा राज्य के इन जिलों में हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि 

भारतीय मौसम विभाग चंडीगढ़ केंद्र के द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार 24 से 26 जनवरी के दौरान पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरन-तारण, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, भटिंडा, लुधियाना, बरनाला, मनसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला एवं सास नगर जिलों में अधिकांश स्थानों पर पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।

वहीँ हरियाणा राज्य में 24 से 26 जनवरी के दौरान चंडीगढ़, पंचकुला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्र गढ़, रेवारी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में अधिकांश स्थानों कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि होने की सम्भावना है।

सब्सिडी पर ट्रैक्टर लेने के लिए किसानों को 23 जनवरी तक करना होगा यह काम

ट्रैक्टर अनुदान योजना

देश में किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। जिनके तहत किसानों को विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र खरीदने के लिए अनुदान दिया जाता है। इस कड़ी में अभी बीते दोनों हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में किसानों को ट्रैक्टर पर अनुदान देने के लिए 10 जनवरी 2023 तक आवेदन माँगे गए थे। आवेदन कर चुके किसानों को अब ड्रॉ रजिस्ट्रेशन फीस ऑनलाइन जमा करना होगा, जिसकी अंतिम तिथि 23 जनवरी 2022 तक है।

किसानों को ट्रैक्टर अनुदान के लिए कितनी पंजीयन फीस देनी होगी

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की एसबी-89 स्कीम के अंतर्गत अनुदान पर ट्रैक्टर लेने के लिए आवेदन कर चुके अनुसूचित जाति के किसानों को अब 23 जनवरी तक विभागीय पोर्टल agriharyana.gov.in पर रिफन्डेबल पंजीकरण फीस 10 हजार रुपए जमा करना होगा। निर्धारित समय में फीस जमा न करने वाले किसानों के आवेदन रद्द कर दिए जाएँगे।  जिसके बाद योजना के अंतर्गत लाभार्थी का चयन गठित ज़िला स्तरीय कार्यकारी कमेटी की ओर से ऑनलाइन ड्रॉ के माध्यम से किया जाएगा।

ई-वाउचर के माध्यम से किसानों को दी जाएगी ट्रैक्टर पर सब्सिडी

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिसरा ने कहा कि विभाग द्वारा पहली बार ई-वाउचर के माध्यम से किसानों को ट्रैक्टर की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी। जिससे किसान पूरी राशि के भुगतान की अपेक्षा केवल अपने हिस्से की राशि का भुगतान करके ट्रैक्टर खरीद सकेंगे।

योजना के तहत चयन के पश्चात चयनित किसान को सूचीबद्ध अनुमोदित डीलर से अपनी पसंद का ट्रैक्टर मॉडल मोल भाव करके केवल बैंक के माध्यम से अपने हिस्से की राशि (अनुदान राशि को छोड़कर) डिस्ट्रीब्यूटर के खाते में जमा करनी होगी। पीएमयू तथा बैंक जाँच उपरांत डीजिटल ई-वाउचर से अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर को जारी किया जाएगा।

देना होगा यह दस्तावेज

अनुदान ई-वाउचर प्राप्त होने के तुरंत बाद किसान पसंद किया हुआ ट्रैक्टर के साथ बिल, बीमा, टेम्परेरी नम्बर तथा आरसी के अप्लाई फीस रसीद आदि दस्तावेज विभागीय पोर्टल agriharyana.gov.in पर अपलोड करना होगा। ज़िला स्तरीय कार्यकारी कमेटी को ट्रैक्टर सभी मूल दस्तावेजों सहित भौतिक सत्यापन हेतु प्रस्तुत करना होगा। 

ट्रैक्टर पर कितना अनुदान Subsidy दिया जाएगा

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा राज्य के अनुसूचित जाति SC वर्ग के किसानों को वर्ष 2022-23 के दौरान एसबी-89 योजना के तहत ट्रैक्टर पर अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत अनुसूचित जाति के किसानों को 35 HP से अधिक के ट्रैक्टर की खरीद पर 50 प्रतिशत अधिकतम 3 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत प्रत्येक ज़िले में 30 ट्रैक्टर पर अनुदान देने के लिए 90 लाख रुपए खर्च किए जाएँगे। इस तरह 22 ज़िलों के लिए कुल 1980 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।

अनुदान पर खेतों में तारबंदी कराना हुआ अब और भी आसान, सरकार ने योजना में किए यह संशोधन

सब्सिडी पर खेतों की तारबंदी Fencing योजना

आवारा पशुओं, नील गाय एवं जंगली जानवर किसानों के खेतों में खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे किसानों को काफी आर्थिक क्षति होती है। ऐसे में किसान अपने खेतों की तारबंदी कराकर फसलों को होने वाले इस नुकसान से बचा सकते हैं परंतु अधिक लागत होने के चलते किसान अपने खेतों में तारबंदी नहीं करा पाते हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में किसानों को खेतों की तारबंदी कराने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। 

अभी तारबंदी योजना के मापदंडों के चलते कई किसान इसका लाभ लेने में रुचि नहीं दिखा रहे थे। अब तारबंदी योजना के मापदंडों में बदलाव किया गया है, जिससे किसानों को ज्यादा लाभ मिल सके। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के अंतर्गत फसल सुरक्षा मिशन के तहत तारबंदी कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न जिलों से प्राप्त सुझावों के मद्देनजर कृषक हित में तारबंदी कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अधिक व्यावहारिक बनाए जाने के उद्देश्य से पूर्व में जारी दिशा निर्देशों के मापदंडो में संशोधन किया गया है।

तारबंदी Fencing योजना के तहत किसानों को दिया जाने वाला अनुदान Subsidy

राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के अंतर्गत फसल सुरक्षा मिशन के तहत तारबंदी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसानों को तारबंदी के लिए लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48 हजार रुपये, वहीं अन्य कृषकों के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।

तारबंदी Fencing योजना के तहत किए गए यह संशोधन

राजस्थान कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि अब किसान तारबंदी में 6 होरिजेंटल एवं 2 डायगोनल वायर के स्थान पर 5 होरिजेंटल व 2 डायगोनल तार लगा सकेंगे एवं अब 10 फीट के बजाय 15 फीट की दूरी पर पिलर लगा सकेंगे। साथ ही 10 वें पिलर के स्थान पर 15 वें पिलर पर अतिरिक्त पिलर से सपोर्ट किया जा सकेगा। 

किसान व्यक्तिगत या समूह में प्रति किसान 400 रनिंग मीटर की सीमा तक कृषक या समूह में निर्धारित स्पेसीफिकेशन के अनुसार तारबंदी किए जाने पर अनुदान देय होगा तथा खेत की परिधि की लंबाई 400 मीटर से अधिक होने पर शेष दूरी में कृषक या कृषक समूह द्वारा स्वयं के स्तर पर खेत की सुरक्षा हेतु आवश्यक क्षेत्र में संपूर्ण रूप से कच्ची एवं पक्की दीवार या स्वयं के स्तर पर तारबंदी कर खेत को सुरक्षित करने की घोषणा प्रस्तुत करने पर अनुदान राशि मिल सकेगी।

किसान तारबंदी पर अनुदान Subsidy हेतु यहाँ करें आवेदन

किसान आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए अपने खेतों पर तारबंदी योजना के तहत राजकिसान साथी पोर्टल पर जनाधार के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर अनुदान प्राप्त कर सकते है। जिन कृषकों की ओर से पूर्व में आवेदन किया हुआ है वे नये दिशा-निर्देशानुसार कार्य पूर्ण करा सकेंगे। योजना की अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम कृषि कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है। साथ ही राज किसान साथी हेल्प लाईन नम्बर – 0141-2927047 या किसान कॉल सेन्टर के निःशुल्क दूरभाष नम्बर 18001801551 पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

खेती में ड्रोन का उपयोग बढ़ाने के लिए सभी ज़िलों में फसलों पर किया जा रहा है ड्रोन से यूरिया का छिड़काव

ड्रोन से किया जाएगा यूरिया का छिड़काव

कृषि क्षेत्र में लागत कम करने एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कृषि की नई तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को नए-नए प्रकार के कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना की जा रही है, इसमें ड्रोन को भी शामिल किया गया है। खेती में ड्रोन का उपयोग बढ़ाने एवं किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए सजीव प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है। 

इस कड़ी में कृषि विभाग राजस्थान द्वारा पूरे राज्य में 33 जिलों में एक साथ कृषि में ड्रोन के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया छिड़काव का सजीव प्रदर्शन 18 जनवरी को एक साथ किया गया। राज्य स्तर पर माननीय कृषि मंत्री महोदय श्री लालचन्द कटारिया द्वारा ड्रोन प्रदर्शन का शुभ-आरंभ किया गया। 

कस्टम हायरिंग केंद्रों पर उपलब्ध कराए जाएंगे 1500 ड्रोन

इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 2 वर्षों में 1500 ड्रोन कस्टम हायरिंग केंद्रों पर उपलब्ध कराए जाएँगे। जिसमें ड्रोन पर लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 4 लाख रुपये के साथ ही किसानों के खेतों पर प्रदर्शन हेतु अधिकतम 6 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के ऐसे कृषक जो सीमित आय के कारण उन्नत एवं महंगे कृषि उपकरणों को क्रय करने में सक्षम नहीं हैं उन्हें ड्रोन किराए पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे किसान कम लागत एवं कम समय में व्यापक कृषि क्षेत्र में रसायनों का छिड़काव कर सकेंगे।

सभी ज़िलों में किया जा रहा है ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव

कृषि कार्यों में ड्रोन तकनीकी द्वारा फसलों में रसायनों के छिड़काव का सजीव प्रदर्शन की शुरुआत प्रदेश भर में की गयी, जिसमें किसानों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक जिले में कुल 20 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रोन प्रदर्शन कर रसायनों का छिड़काव किया गया। प्रथम चरण में नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। जिससे यूरिया की कमी को पूरा किया जा सकेगा।

ड्रोन से छिड़काव करने पर होती है 80 प्रतिशत तक पानी की बचत

राजस्थान कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि पारंपरिक तरीके से छिड़काव के मुकाबले ड्रोन से छिड़काव में 70-80 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। खड़ी फसल में पोषक तत्वों की कमी का निर्धारण एवं उनकी पूर्ति ड्रोन के माध्यम से आसानी से की जा सकती है। ड्रोन रसायन छिड़काव के साथ सिंचाई निगरानी, फसल स्वास्थ्य की निगरानी, मर्दा विश्लेषण, फसल नुकसान का आकलन और टिड्डी नियंत्रण जैसे कार्यों को बेहतर ढंग से करने में उपयोगी हैं।

अपनी उपज मण्डी में बेचने पर किसानों को दिया जाएगा 2.5 लाख रुपए का पुरस्कार

कृषक उपहार योजना के तहत किसान पुरस्कार

देश में किसानों को कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीक अपनाने के लिए सरकार दारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है, इसके लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की गई है। इस कड़ी में राजस्थान राज्य में कृषि विपणन विभाग द्वारा कृषि उपज मण्डी समितियों के माध्यम से किसानों के लिए “कृषक उपहार योजना” लागू की गई है, जिसके तहत किसानों को मण्डी समिति में संचालित ई-नाम परियोजना के तहत अपनी कृषि उपज बेचने एवं ई-भुगतान प्राप्त करने पर निःशुल्क ई-उपहार कूपन मण्डी समिति के माध्यम से जारी किये गये है। 

जारी कूपनों के विरुद्ध ड्रॉ लॉटरी के माध्यम से किसानों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। किसानों को यह पुरस्कार मंडी स्तर पर, खंड स्तर पर एवं राज्य स्तर पर दिए जाएँगे। मंडी समितियों द्वारा यह अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग समय पर में निकाली जाएगी।

किसानों को कितना पुरस्कार दिया जाएगा?

कृषक उपहार योजना के तहत मण्डी स्तर पर प्रथम पुरस्कार 25 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रुपए एवं तृतीय पुरस्कार 10 हजार रूपये दिया जाएगा। इसी प्रकार खण्ड स्तर पर प्रथम पुरस्कार 50 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार 30 हजार रुपए एवं तृतीय पुरस्कार 20 हजार रूपये एवं राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार 2.5 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 1.5 लाख रुपए एवं तृतीय पुरस्कार 1 लाख रूपये दिया जाएगा।

इन किसानों को किया जाएगा शामिल

योजना के तहत पुरस्कार कृषकों द्वारा बेची गई फसल अवधि 1 जुलाई 2022 से 31 दिसम्बर 2022 के मध्य विक्रित फसल के विक्रय पर्ची पर प्राप्त कूपन एवं ई-भुगतान पर जारी कूपन के आधार पर लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। विक्रित कृषि उपज के विक्रय मूल्य 10 हजार एवं इसके गुणक पर एक निःशुल्क उपहार कूपन मण्डी समिति द्वारा जारी किया जाता है।

मण्डी स्तर पर कृषक उपहार योजना की ड्रॉ लॉटरी निकालने के लिए तीन सदस्यीय समिति जिसके अध्यक्ष सम्बन्धित मण्डी समिति के प्रशासक / अध्यक्ष, सदस्य सचिव, सम्बन्धित मण्डी समिति के मण्डी सचिव एवं संयुक्त या उप निदेशक खण्ड स्तर सदस्य होंगें, जिसका गठन राज्य सरकार द्वारा किया गया है।

राज्य में बनाई जाएगी 1500 गौशालाएँ, सरकार देगी 90 प्रतिशत का अनुदान

गौशाला बनाने के लिए अनुदान

देश में गौवंश संरक्षण के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, इसमें गौशलाओं का निर्माण करना भी शामिल है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार ने ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थल जन सहभागिता योजना को सहमति प्रदान की है। योजना के प्रथम चरण में 1500 ग्राम पंचायतों में स्थल निर्माण एवं संचालन के लिए लगभग 1377 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रावधान को भी मंजूरी दी है।

सरकार के इस निर्णय से जहां आवारा एवं निराश्रित पशुओं के लिए एक स्थाई आश्रय मिलेगा वहीं किसानों को भी आवारा पशुओं की समस्या से राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थलों का संचालन किए जाने की घोषणा की गई थी।

सरकार गौशाला बनाने के लिए कितना अनुदान देगी? 

योजना के अंतर्गत, जिन ग्राम पंचायतों में गौशाला/पशु आश्रय स्थल का संचालन करने के लिए सक्षम कार्यकारी एजेंसी (ग्राम पंचायत/स्वयंसेवी संस्था) उपलब्ध होगी, वहां प्राथमिकता से एक-एक करोड़ रुपए तक की राशि से गौशालाएं स्थापित की जाएंगी। इसके तहत वर्ष 2022-23 में 200 एवं 2023-24 में 1300 ग्राम पंचायतों में स्थलों का निर्माण किया जाएगा।

इसमें राज्य सरकार 90 प्रतिशत और कार्यकारी एजेंसी 10 प्रतिशत राशि वहन करेगी। मुख्यमंत्री द्वारा स्थलों के निर्माण एवं संचालन के लिए वर्ष 2022-23 में 183.60 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2023-24 के लिए 1193.40 करोड़ रुपए सहित कुल 1377 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में संचालित गौशालाओं को वर्ष में 9 महीने तक अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही नंदीशालाएं खोली जा रही हैं। पशुपालकों को 5 रुपए प्रति लीटर हिसाब से दूध पर अनुदान भी मिल रहा है।

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