औषधीय फसलों की खेती करने हेतु अनुदान
किसानों को खेती में हो रहे लगातार घाटे से कर्ज बढ़ता जा रहा है, हालत यह है की किसानों की लागत भी नहीं निकाल पा रही है | इसके अलावा कभी बाजार नहीं मिल पाता है तो कभी अच्छी भाव नहीं मिल पाता है | गन्ना किसानों का तो और भी बुरा हाल है | गन्ना बेचने पर भी पैसा नहीं मिल पाता है |
ऐसी स्थिति में सरकार किसानों को औषधीय पौधों की तरफ झुकाव पैदा कर रही है | इसके तहत किसानों को भारी सब्सिडी दे रही है | इसके साथ ही किसानों को जिले के अनुसार फसल का भी चयन किया जा रहा है जो मिट्टी एवं जलवायु के अनुसार सही हो | इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के 52 जिलों के किसानों के लिए औषधीय फसल का चुनाव किया है | सरकार बाजार, खेती में लागत, तथा बीज और पौधा उपलब्ध करा रही है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान आपके लिए लेकर आया है |
औषधीय फसल योजना किस राज्य के लिए
उत्तरप्रदेश के 52 जिलों के लिए यह योजना लागु की गई है | सभी जिलों के लिए अलग – अलग फसल का चुनाव किया गया है |
योजना के तहत किन – किन फसल को शामिल किया गया है ?
विभिन्न फसलों को शामिल किया गया है लेकिन सभी फसल सभी जिलों के लिए नहीं है | अलग- अलग जिलों के लिए अलग -अलग फसल को शामिल किया गया है | एक जिले में एक से ज्यादा फसल को शामिल किया गया है | अश्वगंधा, कालमेघ, शतावरी, तुलसी तथा एलोवेरा को शामिल किया गया है |
सरकार क्या सहायता करेगी ?
योजना के तहत कृषि अभिसरण, भंडारण, मूल्यवर्द्धन और विपणन के माध्यम से किसानों को लाभान्वित किया जायेगा, ताकि उनकी आमदनी में वृद्धि हो सके | योजनान्तर्गत फसल प्रबंधन के अंतर्गत ड्राईगशेड स्थापना हेतु कृषकों / उधमियों को कई लागत धनराशि 10 लाख प्रति इकाई के सापेक्ष 50 प्रतिशत देय अनुदान अधिकतम धनराशि 5 लाख रूपये एवं औषधीय फसल उत्पाद को भंडारित करने हेतु स्टोरेज गोडाउन की स्थापना हेतु कृषकों को इकाई लागत धनराशि 10 लाख रूपये प्रति इकाई के सापेक्ष 50 प्रतिशत देय अनुदान, अधिकतम धनराशि 05 लाख रूपये का भुगतान किये जाने का प्राविधान किया गया है | रुपये में सभी फसल पर किसानों को इतना सब्सिडी दिया जायेगा |
अश्वगंधा की खेती हेतु अनुदान
लागत इकाई 36602.50 रुपया प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 30 प्रतिशत देय अनुदान अधिकतम धनराशि 10980.75 रूपये दिया जायेगा |
कालमेघ की खेती हेतु अनुदान
लागत इकाई 36602.50 रुपया प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 30 प्रतिशत देय अनुदान अधिकतम धनराशि 10980.75 रूपये दिया जायेगा |
शतावरी की खेती हेतु अनुदान
लागत इकाई 91506.25 रुपया प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 30 प्रतिशत देय अनुदान अधिकतम धनराशि 27451.80 रूपये दिया जायेगा |
तुलसी की खेती हेतु अनुदान
लागत इकाई 43923 रुपया प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 30 प्रतिशत देय अनुदान अधिकतम धनराशि 13176.90 रूपये दिया जायेगा |
एलोवेरा की खेती हेतु अनुदान
लागत इकाई 62224.25 रुपया प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 30 प्रतिशत देय अनुदान अधिकतम धनराशि 18672.20 रूपये दिया जायेगा |
सब्सिडी लेने हेतु आवश्यक दस्तावेज ?
इस योजना के लिए कोई भी किसान आवेदन कर सकते हैं लेकिन उन सभी किसानों के पास निम्नलिखित दस्तावेज होना जरुरी के साथ – साथ आर्थिक रूप से भी सक्षम होना जरुरी है |
- किसान के पास राजस्व भू-अभिलेखों में स्वयं के पास की भूमि उपलब्ध होनी चाहिए |
- लाभार्थी के पास बैंक खाता तथा पहचान हेतु वोटरकार्ड / राशन कार्ड / आधार कार्ड में से कोई कार्ड होना चाहिए |
- पर्याप्त सिंचाई के साधन जरुरी है |
- खेती पर व्यय होने वाली धनराशि वहन करने में वह सक्षम हो |
अनुदान हेतु आवेदन कैसे करें ?
लाभार्थी / उधमी को योजना के लाभ हेतु पंजीकरण कराना होगा | वेबसाईट upagriculture.com पर आनलाईन आवेदन के लिए जनसुविधा केंद्र, कृषक लोकवाणी, साईवर कैफे आदि के माध्यम से वे अपना पंजीकरण करा सकते हैं | योजना का लाभ प्रथम आवक और प्रथम जावक पर दिया जायेगा |
किसी भी तरह की शिकायत पर 0522-2288604 पर सम्पर्क कर सकते हैं |
Divakar tripathi village and Post bamur dist Jhansi u.p
जी सर क्या जानकारी चाहिए आपको ?
Stevia farming also a better option. Because depend on one thing allways wrong like for sugar we totally depend on Sugarcane which consist calories and Stevia sugar have 0 calorie.
Alovera