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बुधवार, दिसम्बर 4, 2024
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कम वर्षा वाले क्षेत्रों में किसानों को फ्री में दिये जाएँगे अरहर, मूँग एवं उड़द के बीज

बीज मिनी किट का वितरण

इस वर्ष देश में मानसूनी वर्षा का वितरण असमान रहने से किसानों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जहां कई क्षेत्रों में अधिक वर्षा एवं बाढ़ से बोई गई फसलें खराब हो गई हैं तो वहीं कई क्षेत्रों में बहुत ही कम बारिश के चलते किसान खरीफ फसलों की बुआई ही नहीं कर पाए हैं। खरीफ फसलों की कम बुआई को देखते हुए अधिकांश राज्यों मेंप्रधानमंत्री फसल बीमा योजनामें पंजीयन की अवधि बढ़ा दी गई है।

इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा खरीफ सीजन के लिए प्रधानमंत्री कृषि बीमा की तिथि 10 अगस्त 2023 तक बढ़ाये जाने के बाद किसानों का अधिक से अधिक बीमा करने, खरीफ 2023 मौसम में क्रियाशील के.सी.सी. के सापेक्ष अब तक हुए बीमा कवरेज, पात्र किसानों को नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने तथा गैर ऋणी कृषकों की भागीदारी की समीक्षा की गई। उन्होंने कम वर्षा से प्रभावित जिलों में बीजों के मिनीकिट वितरण की तैयारियों को लेकर भी जानकारी दी।

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किसानों को वितरित किए जाएँगे निःशुल्क बीज

कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 14 जनपद जो कम वर्षा से प्रभावित हैं वहाँ किसानों को अरहर, उड़द तथा मूंग आदि के बीजों के मिनी किट वितरित किए जाएंगे। ताकि किसान अपने खेतों में समय से फसलों की बुआई कर सकें। इसके लिए लगभग डेढ़ लाख बीज मिनी किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके माध्यम से किसानों को लगभग 5800 क्विंटल बीज निशुल्क वितरित किए जाएँगे। कम वर्षा वाले इन 14 जनपदों मे झाँसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, चंदौली, मिर्जापुर, कौशांबी तथा पीलीभीत शामिल हैं।

किसान 10 अगस्त तक करा सकते हैं फसलों का बीमा

कृषि मंत्री ने समीक्षण बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को आपदा से राहत मिल सके। इसके लिए भारत सरकार से अनुरोध करने पर 10 अगस्त तक बीमा कराने की तिथि बढ़ा दी है। उन्होंने कहाँ कि वर्षा की आपदा से फसल प्रभावित होने पर बीमा कंपनी से भरपाई की जा सके इसके लिए लगभग 40 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का इस सीजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बैंकरों को कहा कि ग्रामीण स्तर पर भी बीमा कंपनियों के कार्यालय खोले जाएं। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के किसानों तक अधिक से अधिक प्रचारप्रसार किया जाए। इसके लिए प्रचार वाहनों, समाचार पत्रों तथा सोशल मिडिया का प्रयोग करें साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि किसान क्रेडिट कार्ड एनपीए में ना जाने पाए। इसके लिए किसानों को समयसमय पर जागरूक करते रहें।

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