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युवा खुद का बिज़नेस शुरू करने के लिए इस विश्वविद्यालय से ले सकेगें कृषि रसायन एवं उर्वरक में एक वर्षीय डिप्लोमा

कृषि रसायन एवं उर्वरक क्षेत्र में एक वर्षीय डिप्लोमा

कोरोना वायरस महामारी के चलते जहाँ लोगों का शहरों से रोजगार ख़त्म हुआ है वहीँ गाँव की और लोगों का पलायन बढ़ा है | ऐसे में सरकार द्वारा गाँव में रोजगार पैदा करने के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना की शुरुआत की गई है | कृषि क्षेत्र में किसानों एवं युवाओं को रोजगार देने के लिए पहले से ही सरकार द्वारा बहुत सी योजनायें चलाई जा रही है जिनके तहत किसानों को प्रशिक्षण उपलब्ध करवाकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है | सरकार द्वारा पहले ही कृषि रसायन (कीटनाशक), खाद आदि का व्यापार करने के लिए कृषि विज्ञान या जैव रसायन शास्त्र या जैवप्रौदयोगिक या जीवन विज्ञान या रसायन शास्त्र या वनस्पति शास्त्र या प्राणी विज्ञान के साथ विज्ञान में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविध्यालय से डिग्री या डिप्लोमा को आवशयक किया गया है | ऐसे में जो युवा कृषि क्षेत्र में रोजगार चाहते हैं उनके लिए कृषि रसायन एवं उर्वरक में एक वर्षीय डिप्लोमा कारगर साबित होगा |

ऐसे में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में पहली बार कृषि रसायन एवं उर्वरक में एक वर्षीय डिप्लोमा शुरू करने का फैसला लिया है, जो युवाओं को स्वावलंबी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि पहली बार शुरू होने वाले इस एक वर्षीय डिप्लोमा में कुल 30 सीट निर्धारित की गई हैं |

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कृषि रसायन एवं उर्वरक क्षेत्र डिप्लोमा कोर्स हेतु कौन आवेदन कर सकता है ?

आवेदन के लिए उम्मीदवार का 12वीं पास होना जरूरी है और 18 से 55 वर्ष तक की आयु वर्ग के इच्छुक उम्मीदवार इसमें आवेदन कर सकते हैं। इस एक वर्षीय डिप्लोमा में कुल 30 सीट निर्धारित की गई हैं, जिसमें से अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए 20 प्रतिशत, पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत सीटों का निर्धारण किया गया है। इस कोर्स में दाखिला कृषि महाविद्यालय हिसार, कृषि महाविद्यालय कौल (कैथल) व कृषि महाविद्यालय बावल (रेवाड़ी)  के लिए अलग-अलग होंगे व उनकी कक्षाएं भी अलग-अलग लगाई जाएंगी। दो सेमेस्टर वाले इस डिप्लोमा में दाखिला 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों और संबंधित क्षेत्र में अनुभव के 80:20 के अनुपात में किया जाएगा। इसके लिए कम से कम छह महीने और अधिकतम दो वर्ष का अनुभव ही मान्य होगा।

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डिप्लोमा कोर्स से लाभ

यह डिप्लोमा उन अभ्यार्थियों के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होगा जिनको कृषि रसायन और उर्वरक संबंधी कृषि की आधारभूत जानकारी नहीं है। यह डिप्लोमा कृषि रसायन और उर्वरक संबंधी कृषि में उपयोग के लिए विस्तार कार्यकर्ता, एग्री इनपुट डीलर और अन्य तकनीकी योग्यता को बढ़ाने में सहायक होगा। इस कोर्स को करने के बाद डिप्लोमाधारक किसान समुदाय की कृषि रसायन और उर्वरक संबंधी उपयोग के लिए बेहतर ढंग से सहायता कर सकेंगे।

कृषि रसायन एवं उर्वरक में डिप्लोमा के लिए कहाँ सम्पर्क करें

इच्छुक उम्मीदवार कोर्स संबंधी जानकारी फीस, दाखिला प्रक्रिया व अन्य जानकारियों को उम्मीदवार विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.hau.ac.in से प्राप्त कर सकते हैं। इसके आलावा इच्छुक उम्मीदवार कृषि महाविद्यालय हिसार, कृषि महाविद्यालय कौल (कैथल) व कृषि महाविद्यालय बावल (रेवाड़ी) में सम्पर्क कर सकते हैं |

डिप्लोमा कोर्से हेतु अधिक जानकारी एवं आवेदन के लिए क्लिक करें

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16 टिप्पणी

  1. मैं अपने जिला बांदा के अंदर किसानों की फसल उगाने में मदद करूंगा सरकार हमें इसके लिए शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहे तो हम उसकी में जागरूकता को ग्रहण करेंगे

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