कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए जरुरी कृषि यन्त्र
कृषकों को कृषि फसलों हेतु किराये पर ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्र उपलब्ध करवाकर सेवाएँ देने के उद्देश्य से बैंक ऋण आधार पर कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के ईच्छुक व्यक्तियों से ऑनलाइन आवेदन एम.पी.आँनलाइन पोर्टल के माध्यम से आमंत्रित किये जाते हैं | यह कस्टम हायरिंग केंद्र प्रदेश के विभिन्न जिलों में खोले जाना हैं | प्रत्येक जिले में 05 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किये जाने का लक्ष्य अभी सरकार ने रखा है |
यह कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार किसानों को कृषि यंत्र दे रही है | यह कृषि यंत्र किसानों को 40 प्रतिशत के अनुदान पर दिए जाते हैं | इसका मतलब यह है की छोटे तथा सीमांत किसानों को सस्ते दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जा सके | जिससे छोटे तथा सीमांत किसान कम समय में अधिक तथा आधुनिक खेती का लाभ प्राप्त कर सके |
अभी कस्टम हायरिंग में किसानों को 2 ट्रेक्टर के साथ 25 लाख के कृषि यंत्र दिए जाते हैं | इसमें से कुछ कृषि यंत्र खरीदना जरुरी रहता है तो कुछ कृषि यंत्र खरीदना जरुरी नहीं रहता है | अब सरकार ने किसानों के लिए और भी कृषि यंत्र में छूट दे दी है जिसे किसान खरीद भी सकते हैं या नहीं भी खरीद सकते हैं | सरकार द्वारा अभी हाल ही नियमों में यह परिवर्तन किये गए हैं
कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए कृषि यंत्र श्रेणी
किसान–कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव के निर्देश पर कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना योजना में ब और स श्रेणी के कृषि यंत्र पूरी तरह एच्छिक किये गए हैं | किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा जारी संशोधित निर्देश अनुसार योजना में उल्लेखित “अ” श्रेणी के यंत्र रखे जाना अनिवार्य होगा | आवेदक “ब” श्रेणी का कोई यंत्र नहीं लेना चाहता है तो कृषि अभियांत्रिकी के जिला अधिकारी को आवेदन देने पर छूट मिलेगी | “स” श्रेणी में उल्लेखित कृषि यंत्र भी एच्छिक है जिन्हें आवेदक अपनी आवश्यकता अनुसार प्रोजेक्ट की लागत सीमा तक खरीद सकेगा | इस आशय का पत्र सभी कलेक्टर, कृषि यंत्री तथा सहायता कृषि यंत्रियो को जारी का कर दिया गया है |
यह कृषि यंत्र खरीदना जरुरी है
कस्टम हायरिंग में कृषि यंत्रों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है | यह श्रेणी है अ, ब , तथा स श्रेणी | इनमें से “अ” श्रेणी के कृषि यंत्रों को खरीदना अनिवार्य है तथा “ब” और “स” श्रेणी के कृषि यंत्र किसानों के सुविधा के अनुसार है खरीदा भी जा सकता है या नहीं भी | यह किसान की इच्छा पर निर्भर करता है |
अ , ब और स श्रेणी में कौन – कौन से कृषि यंत्र आते हैं ?
“अ” श्रेणी में यह सब कृषि यंत्र आते हैं
- ट्रेक्टर
- प्लाऊ
- रोटावेटर
- कल्टीवेटर या (डिस्क हेरो)
- सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल या जीरो तिल सीड कम फर्टि ड्रिल,
- ट्रेक्टर चलित थ्रेसर या स्ट्रारीपर
- जरुरी है तथा रेज्ड बेड प्लान्टर या राईस ट्रांसप्लांटर रखना जरुरी है |
“ब” श्रेणी में इन सभी कृषि यंत्रों को रखा गया है
- क्लीनिंग ग्रेडिंग प्लान्ट (न्यूनतम क्षमता 500 किलोग्राम प्रति घंटा)
- क्लीनिंग ग्रेडिंग प्लान्ट (ग्रेविटी सेपरेटर एवं डि – स्टोनर के साथ) (1 टन प्रति घंटा – न्यूनतम क्षमता)
इसके आलावा अन्य सभी यंत्र “स” श्रेणी के अंतर्गत आयेंगे |