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फसल खराब होने पर सरकार देगी 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा

किसानों को मिलेगा फसल खराबे का मुआवजा

देश में इस वर्ष मानसूनी वर्षा का वितरण असामान्य रहने के चलते जहाँ कई राज्य अधिक बारिश से बाढ़ एवं जल भराव का सामना कर रहे हैं तो वहीं कर राज्यों में कम बारिश होने के कारण सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिसमें हरियाणा राज्य में अधिक बारिश के चलते किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। जिसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने मंगलवार को देर शाम गांव भिवानी खेड़ा में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ के पानी से प्रभावित क्षेत्रों में पूरी तरह खराब हो चुकी फसल का पंजीकरण करवाया जा रहा है और पूरी तरह फसल खराब होने पर सरकार की तरफ से 15 हजार रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा भी दिया जाएगा। जिन किसानों के खेतों से पानी उतर चुका है, उनके नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

धान की दोबारा रोपाई करने वाले किसानों को भी दिया जाएगा मुआवजा

मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि धान की दोबारा रोपाई करने वाले किसानों की फसल का अधिकारियों की टीमों द्वारा सर्वे और वेरिफिकेशन का कार्य तुरंत प्रभाव से शुरू कर दिया जाएगा और 31 जुलाई के आसपास इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद धान की दोबारा रोपाई करने वाले किसानों को भी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में भिवानी खेड़ा गांव में जायजा लेने के उपरांत यह विषय भी सामने आया कि कुछ किसान अब दोबारा धान की रोपाई कर रहे हैं। इस विषय को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि दोबारा रोपाई करने वाले किसानों की फसलों का तुरंत सर्वे किया जाए और वेरिफिकेशन की जाए। इसके साथ ही “मेरी फसलमेरा ब्योरा” पोर्टल पर प्रावधान किया जाये। इस पोर्टल पर दो बार फसल की रोपाई करने वाले भी अपना पंजीकरण करवा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा की धान की दोबारा रोपाई करने वाले किसान का बीज, खाद और रोपाई पर खर्चा ज़रूर हुआ होगा। इसलिए इन किसानों को भी मुआवजे की राशि दी जाएगी। इसके बाद सही आंकड़े मिलने के बाद फसलों के नुकसान का पूरा डाटा सामने आएगा। इस कार्य को 31 जुलाई के आसपास पूरा कर लिया जाएगा और कुरुक्षेत्र में लगभग 15 हजार एकड़ में फसल का नुकसान हुआ है।

12 जिलों में हुआ है फसलों को नुकसान

हरियाणा में बाढ़ के पानी से 12 जिले प्रभावित हुए है। इनमें 6 जिले यमुना के साथ लगते हैं और 6 जिले घग्गर के साथ लगते हैं। इन सभी जिलों से लगातार रिपोर्ट ली गई। अभी भी बरसात आने की संभावना नजर आ रही है, 15 अगस्त तक बरसात के आने की संभावना है, लेकिन इस बरसात का थोड़ा बहुत ही प्रभाव रह सकता है। इन 12 जिलों में सरकार और प्रशासन ने लोगों को हर संभव राहत पहुंचाने का काम किया है।

वहीं हरियाणा सरकार ने बाढ़ से हुए नुक़सान कि भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू कर दिया है। किसान मकान गिरने, पशुओं की मौत या बाढ़ से किसी समान के नुक़सान होने के लिए ऑनलाइन आवेदन https://fasal.haryana.gov.in/ पर कर सकते हैं। इसमें उन किसानों को भी शामिल किया गया है जिनकी बिजाई संभव नहीं है, वह किसान भी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।

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