किसान क्रेडिट कार्ड KCC अभियान
किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना से जोड़ने के उद्देश्य से अभियान की शुरुआत की गई थी | इस अभियान के तहत प्रारंभ में किसानों को जोड़ा गया बाद में पशुपालक एवं मछली पालक किसानों को भी इस अभियान के तहत जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई | अभियान के तहत किसानों को जिस बैंक में सम्मान निधि का पैसा आ रहा है उस बैंक में सिर्फ एक आवेदन फार्म भरकर देना था यह आवेदन सीएससी csc सेंटर से ऑनलाइन भरे जाने का भी प्रावधान था | अभियान के तहत अधिक से अधिक किसानों, मछली पालकों एवं पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ना था जिससे किसान कम दरों पर आसानी से लोन ले सकें |
केसीसी अभियान के तहत 1.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी
वित्त मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने विशेष अभियान चलाकर 2 लाख करोड़ रुपये की खर्च सीमा के 2.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाने की घोषणा की थी। बैंकों और अन्य संबधित पक्षों के सही दिशा में किए गए निरंतर प्रयास के चलते सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए मछली पालकों, पशु पालकों समेत 1.5 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की उपलब्धि हासिल की गई है। जारी किए गए सभी किसान क्रेडिट कार्डों के लिए खर्च की कुल सीमा 1.35 लाख करोड़ रुपये है।
किसान क्रेडिट कार्ड KCC पर लगने वाला ब्याज
केसीसी योजना 1998 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को कृषि गतिविधियों के लिए बिना किसी बाधा के समय पर ऋण उपलब्ध कराना था। भारत सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को ब्याज़ पर 2 प्रतिशत की आर्थिक सहायता देती है और समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की प्रोत्साहन छूट देती है। इस तरह केसीसी पर सालाना ब्याज़ दर 4 प्रतिशत की आती है। सरकार ने किसानों के हित में बड़े कदम उठाते हुए 2019 में केसीसी में ब्याज़ दर में आर्थिक सहायता का प्रावधान शामिल करते हुए इसका लाभ डेयरी उद्योग समेत पशुपालकों और मछ्ली पालकों को भी देने की व्यवस्था सुनिश्चित की है। साथ ही बिना किसी गारंटी के दिये जाने वाले केसीसी ऋण की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 1.60 लाख कर दिया है।