सिंचाई यंत्रो पर दी जाने वाली सब्सिडी
देश में बढ़ती जनसंख्या के कारण एवं कृषि हेतु जोत क्षेत्र कम होते जा रहा है | अभी नाबार्ड की रिपोर्ट के अनुसार देश में 67 प्रतिशत किसान सीमांत जोत वाले किसान है यानि किसानों के पास 1 हेक्टयर से कम भूमि बची हुई है | एक तरफ किसानों की जोत कम हो रही है तो दूसरी तरफ कृषि पर जनसंख्या का निर्भरता बढ़ता जा रहा है | कृषि के लिए पानी बहुत जरुरी है लेकिन अभी वर्तमान स्थिति एसी है की पानी एक संकट की तरह उभरा है | जिससे कृषि करना मुश्किल हो चला है |
इसके लिए किसान ड्रिप सिस्टम को अपना सकते है लेकिन छोटे होते जोत के कारण किसान की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है की बाजार से ड्रिप सिस्टम खरीद सकते है | इसका दूसरा कारण यह बनता है की सरकारी योजना का लाभ लेने से भी वंचित हो जाते हैं इसीलिए किसान अगर सामूहिक सिस्टम को अपनाते हैं तो कृषि का रकबा बड़ा हो सकता है तथा आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है |
क्या है योजना
बिहार सरकार ने सामूहिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि यंत्रों में 100 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है | बिहार सरकार ने सामूहिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सामूहिक नलकूप योजना को स्वीकृति दी है , ताकि 5 हेक्टयर के समुह गठन कर शत – प्रतिशत अनुदान पर सामूहिक नलकूप उपलब्ध कराकर इन किसानों को ड्रीप सिंचाई स्थापित करने की सुविधा दी जा सके |
इस योजना का कार्यान्वन लघु एवं सीमांत कृषकों के उन्हीं कलस्टर पर किया जायेगा , जो ड्रिप सिंचाई पद्धति के अधिस्थापन करने हेतु तैयार हो तथा इस पद्धति के अंतर्गत किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि संबंधित कम्पनी के पास जमा कर दिया गया हो | इस योजना नलकूप अंतर्गत संचालन हेतु अधिस्थापित इलेक्ट्रीकल समरसेबुल पम्प के लिए आनलाइन संचालित स्टार्टर अधिस्थापित करना अनिवार्य होगा , ताकि इसकी मोनेटरिंग आनलाइन किया जा सके कम से कम 5 हेक्टयर तक का कलस्टर तैयार होने के उपरान्त ही सामूहिक नलकूप हेतु स्वीकृति दी जायेगी |
एक कलस्टर में कम से कम 8 किसान अवश्य होना चाहिए | ड्रिप सिंचाई पद्धति के अधिस्थापित करने हेतु अनुदान की राशि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (सूक्ष्म सिंचाई) के अन्तर्गत किसानों को उपलब्ध कराई जायेगी | यह सामूहिक नलकूप शत – प्रतिशत राशि अनुदान पर देय होगा , क्योंकि यह सार्वजनिक स्थल अधिस्थापित किया जायेगा |
इस योजना के प्राप्त करने के लिए पात्रता क्या है ?
- यह योजना सामूहिक खेती के लिए है |
- इस योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसान होंगे जिसकी संख्या 8 से कम नहीं होनी चाहिए |
- सामूहिक खेती में भूमि 5 हेक्टयर से कम नहीं होनी चाहिए |
- इस योजना के अंतर्गत अधिस्थापित होने वाली नलकूप की गहराई 208 फीट आँका गया है | जिसके आधार पर प्राक्कलन तैयार किया जायेगा |
- नलकूप हेतु 10 फीट × 10 फीट आकार का निर्मित होने वाले पम्प – हॉउस में समूह को अपनी शेष राशी लगाकर पम्प हॉउस तैयार करवाना होगा |
- योजना का कार्यन्वयन सार्वजनिक स्थल पर किया जायेगा | सार्वजनिक स्थल के अभाव में क्लस्टर के लाभान्वित किसान विहित प्रपत्र में प्रथम श्रेणी के दंडाधिकारी के समक्ष शपथ देंगे कि जमीन का उपयोग टुबेवेल हेतु सार्वजनिक इस शर्त पर अधिस्थापित नलकूप का व्यवहार सभी किसान करेंगे तथा जमीन का स्थानांतरण अथवा बिक्री मान्य नहीं होगी |
यह योजना का लाभ कैसे लें ?
- भूमि समूह के अंतर्गत एक अध्यक्ष का चुनाव करेगा | योजना का कार्यान्वयन अगर समूह स्वयं शत – प्रतिशत राशी व्यय कर स्वयं करना चाहेगा तो अनुदान का भुगतान समूह के अध्यक्ष के माध्यम से समूह के बैंक खाता में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया जायेगा |
- समूह द्वारा इस आशय का प्रस्ताव पारित किया जायेगा कि अनुदान की राशि सिंचाई यंत्र अधिष्ठापित करने वाली कंपनी को भुगतान किया जाये | इस स्थिति द्वारा नलकूप की स्थापना कराई जायेगी तथा अनुदान की राशी उन्हें भुगतान की जायेगी |
नोट:- ट्यूबवेल अकार्यारत रहने के उपरान्त जमीन का मालिकाना हक़ (न्यूनतम अवधि 7) स्वत: किसान के पास वापस हो जाएगी| एक नलकूप अधिस्थापन हेतु कुल 2.36 लाख रूपये व्यय सम्भावित है |
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