इस वर्ष मानसून के देरी से आने एवं शुरुआत में कमजोर रहने के चलते खरीफ फसलों की बुआई काफी सुस्त थी। अभी भी जहां कई राज्यों में बाढ़ से खरीफ फसलों को काफ़ी नुक़सान हुआ है तो वहीं अभी भी कई राज्य सूखे का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद भी खरीफ फसलों के बुआई के रकबे में काफ़ी ईजाफा हुआ है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा 11 अगस्त 2023 को जारी आँकड़ों की मानें तो खरीफ फसलों की बुआई के रकबे में पिछले वर्ष की तुलना में 7.30 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
आँकड़ों की मानें तो किसानों ने इस खरीफ सीजन में धान, श्री अन्न (मोटा अनाज), सोयाबीन, गन्ना फसल की अधिक बुआई की है, जिससे इनके बुआई रकबे वृद्धि हुई है। वहीं शेष अन्य खरीफ फसलों की बुआई के रकबे में कमी आई है। किसानों ने इस वर्ष भी सबसे अधिक धान की फसल लगाई है। धान का रकबा पिछले वर्ष कि तुलना में लगभग 5 फ़ीसदी बढ़ा है। तो वहीं दालों के रकबे में लगभग 8 फ़ीसदी की गिरावट आई है। वहीं मोटे अनाज का रक़बा लगभग 2 प्रतिशत बढ़ा है तो तिलहन फसलों के रकबे में आधा फ़ीसदी की गिरावट आई है।
धान एवं मोटा अनाज के रकबे में हुई वृद्धि
11 अगस्त 2023 को जारी आँकड़ो के अनुसार किसानों ने इस वर्ष खरीफ सीजन में 328.22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान लगाई है जो पिछले वर्ष कि इस अवधि में लगाई 312.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से 4.93 प्रतिशत अधिक है। वहीं किसानों ने अभी तक 171.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में श्री अन्न (मोटा अनाज) की बुआई कि है जो पिछले वर्ष कि इस अवधि में लगाये गये 167.73 लाख हेक्टेयर से 2.16 प्रतिशत अधिक है। मोटे अनाज में सबसे अधिक बुआई क्षेत्र में वृद्धि मक्का, रागी एवं छोटे अनाज में दर्ज की गई है वहीं ज्वार के बुआई के रकबे में कमी आई है।
दलहन एवं तिलहन फसलों के बुआई रकबे में आई कमी
कृषि विभाग द्वारा 11 अगस्त तक के लिये जारी बुआई के आकड़े को देखा जाये तो दलहन एवं तिलहन दोनों ही प्रकार की फसलों के बुआई रकबे में गिरावट दर्ज की गई है। जहां दलहन के बुआई रकबे में 7.90 प्रतिशत की तो तिलहन फसलों में 0.69 प्रतिशत की कमी आई है। दलहन फसलों में अरहर फसल की बुआई रकबे में 5.35 फ़ीसदी, उड़द में 13.47 फीसदी, मूँग में 7.26 फीसदी की कमी आई है।
वहीं तिलहन फसलों की स्थिति देखी जाये तो मूँगफली के बुआई रकबे में 2.64 प्रतिशत, सूरज मुखी के बुआई रकबे में 65.79 प्रतिशत, तिल 5.55 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं सोयाबीन फ़सल का बुआई का रक़बा पिछले वर्ष की इस अवधि में 122.47 से बढ़कर इस वर्ष 123.65 लाख हेक्टेयर हो गया है। जो पिछले वर्ष कि तुलना में 0.96 फ़ीसदी अधिक है। वहीं तिलहन फसलों में सबसे अधिक वृद्धि अरंडी में हुई है जो पिछले वर्ष कि तुलना में 13.42 प्रतिशत अधिक है।
क्या है अन्य मुख्य फसलों कि स्थिति
कृषि विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार गन्ने के बुआई रकबे में पिछले वर्ष कि तुलना में 1.56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं कपास के क्षेत्रफल में 1.01 प्रतिशत एवं जूट और मेस्ता के बुआई रकबे में 5.64 प्रतिशत की कमी आई है। कपास का रक़बा पिछले वर्ष कि इसी अवधि में 122.53 लाख हेक्टेयर से घटकर 121.28 लाख हेक्टेयर रह गया है। वहीं कपास का रक़बा पिछले वर्ष इस अवधि में 55.20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 56.06 लाख हेक्टेयर हो गया है।