होमकिसान समाचारअसमय बारिश एवं ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति की भरपाई करेगी सरकार

असमय बारिश एवं ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति की भरपाई करेगी सरकार

फसल क्षति का मुआवजा

पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते राज्यों के कई हिस्सों में असमय बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की खेतों में खड़ी रबी फसलों को काफी नुकसान हुआ है | किसानों को हुई इस नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकारों के द्वारा जल्द सर्वे करवाकर मुआवजा दिया जायेगा | मध्यप्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने राज्य में हाल ही में हो रही ओला-वृष्टि की सूचना मिलने पर संबंधित जिलों के कलेक्टर और कृषि उप संचालकों को मुआयना कर सर्वे कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया है कि ओला-वृष्टि से रबी फसलों को हुई क्षति की भरपाई सरकार करेगी।

सर्वे के साथ होगी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी

बारिश एवं ओलावृष्टि से हो रही फसल क्षति का विस्तृत सर्वे का कार्य किया जायेगा | ओला-वृष्टि से प्रभावित फसलों के सर्वे के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जायेगी। गाँवों में क्षतिग्रस्त फसलों का आंकलन पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में कराया जायेगा। कृषि मंत्री श्री पटेल ने बताया है कि प्रभावित किसानों को आरबीसी-6 (4) के अंतर्गत राहत प्रदान की जायेगी। हर प्रभावित किसान को नियमानुसार नुकसान का मुआवजा दिलाया जायेगा।

यह भी पढ़ें   पशुओं में बाँझपन विषय को लेकर आयोजित किया गया प्रशिक्षण शिविर, किसानों को दी यह सलाह

फसल नुकसान की सुचना के लिए टोल फ्री नम्बर

जिन भी किसानों की फसलों को प्राक्रतिक आपदा जैसे बारिश एवं ओलावृष्टि जलभराव आदि कारणों से नुकसान होता है तो वह इसकी सुचना फसल बीमा कंपनी के टोल फ्री नम्बर पर दे सकते हैं | प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार घटना की सुचना 72 घंटे के अंदर ही बीमा कंपनी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें| जो किसान टोल फ्री नंबर पर फोन नहीं कर सकते हैं वे अपने संबंधित बैंक से फार्म लेकर भरें तथा बैंक में ही जमा कर दें या अपने यहाँ के कृषि अधिकारीयों को सूचित करें | मध्यप्रदेश में भारतीय कृषि बीमा कंपनी का टोल फ्री नम्बर 18002337115, 1800116515 है इस पर भी किसान अपने फसल नुकसान की सुचना दे सकते हैं | इसके अतिरिक्त तहसील स्तर पर भी नम्बर जारी किए जाते हैं उन पर भी किसान फसल नुकसान की सुचना दे सकते हैं |

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Trending Now

किसान समाधान से यहाँ भी जुड़े

217,837फैंसलाइक करें
500फॉलोवरफॉलो करें
24फॉलोवरफॉलो करें
880फॉलोवरफॉलो करें
53,900सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें
डाउनलोड एप