फसल अवशेष/पराली जलाने वाले किसानों पर कार्यवाही
जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सभी सरकारें सजग हो चुकी है वातावरण में फ़ैल रहे प्रदुषण को कम करने के लिए सरकारों ने कदम उठाना शुरू कर दिया है | पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों में ठण्ड के समय प्रदुषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है वैसे तो इसके वहुत से कारण है परन्तु नरवाई/कृषि अपशिष्ट जलाना भी एक महत्वपूर्ण कारण चिन्हित किया गया है | प्रयावरण सम्बंधित न्यायालय “राष्ट्रिय हरित प्राधिकरण” द्वारा इस पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं | इसके लिए किसानों पर दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है एवं प्रथम सुचना रिपोर्ट (FIR) भी दर्ज की जा सकती है | अन्य शब्दों में कह सकते हैं की पराली/फसल अवशेष जलाना एक दंडनीय अपराध स्वरुप है | इसे रोकने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों ने आदेश जारी कर दिए हैं
पराली जलाने पर की जाने वाली कर्यवाही
यह कानून पूरे देश के किसानों के लिए लागू है इसके लिए राज्य सरकतो द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन रोकने के लिय निर्देश जारी कर दिए गए हैं | उत्तरप्रदेश सरकार ने यह आदेश दिया है की किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाली हानि से अवगत कराया जाये एवं फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को कृषि यंत्र योजना के तहत अनुदान पर जल्द ही फसल अवशेष प्रवंधन यंत्र दिए जाएँ | फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर कार्यवाही की जाए आवश्यकता पढ़ने पर fir दर्ज की जाए | जिन क्षेत्रों में यह घटना होगी वहां के अधिकारीयों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जा सकती है |
वहीं दूसरी तरफ बिहार के मुख्य मंत्री ने यह घोषणा किया है कि खेत में फसल अवशेष (पराली या पुआल) जलाने वाले को किसी प्रकार की सरकारी मदद और अनुदान नहीं दिया जायेगा | इसका अर्थ यह हुआ कि राज्य के तरफ से मिलने वाले किसी भी तरह की अनुदान चाहे वह कृषि या अन्य क्षेत्र कि योजना के माध्यम मिलने वाले अनुदान रोक दिया जायेगा |
हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़ आदि सभी राज्यों में भी पराली जलाने पर किसानों के ऊपर दंडात्मक कार्यवाही की जा रही है | इसलिए किसान समाधान का सभी किसानों से अनुरोध है की किसान पराली न जलाकर उससे जैविक खाद आदि बनायें, नीचे लिंक में दी गई जानकारी देखें |
Bihar me krishi yantron kb sabsdy milega hme strawreaper lena hai hm bihar ke kaimur bhabhua se hai
दी गई लिंक पर देखें |
https://kisansamadhan.com/last-chance-to-apply-for-all-farm-equipment-subsidy-up-to-rs-5-lakh/