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शुक्रवार, अप्रैल 19, 2024
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नरवाई जलाना है गैरक़ानूनी,हो सकती है सजा, किसान समाधान बताएगा क्या करें

नरवाई से खाद बनाकर खेत की मिट्टी को बनाएं उपजाऊ

किसान धान तथा गेहूं की हार्वेस्टर से कटाई के बाद अवशेष को जलाते थे | जिसके कारण देश भर में प्रदूषण बढ़ जाता था | कभी – कभी तो साँस लेना मुश्किल रहता है | इसको लेकर सरकार किसानों के लिए आदेश जारी करती रहती थी, लेकिन अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने धान तथा गेहूं का अवशेष जलाना गैर क़ानूनी घोषित कर दिया है |

नरवाई जलाने से क्या-क्या नुकसान होते हैं

दरअसल फसलों के अवशेष जलाने से वायु प्रदुषण ही नहीं होता बल्कि मृदा का तापमान बढ़ जाता है , जिससे मृदा की संरचना बिगड़ जाती है | जीवाष्म पदार्थ की मात्रा कम हो जाने से मृदा की उत्पादकता कम होने का खतरा होता है | फसल जलाने से उस पर आश्रित कीट की मौत हो जाती है | जिससे मित्र कीट और शत्रु का अनुपात बिगड़ जाता है, फलस्वरूप पौधों को कीट प्रकोप से बचाने के लिए मजबूरन महंगे तथा जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल करना पड़ता है , जिसका दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर देखा जा रहा है |

इतनी मात्रा में फसल अवशेष को किसान क्या कर सकता है | एक तो यह है की फसल अवशेष को काटकर भूसे के रूप में पशुचारे के लिए उपयोग कर सकते हैं | लेकिन इसका दूसरा पहलु यह है की कृषि यंत्रों पर निर्भर होने के कारण किसानों के पास पशुओं की संख्या में कमी आई है | अब किसान बैल नहीं पालते है या बहुत कम संख्या में किसानों के पास है | यह सम्भव नहीं है की सभी फसल अवशेष को किसान पशुचारे में उपयोग करे | इसके अलावा फसल अवशेष का उपयोग नाडेप, वर्मीखाद जैसी कार्बनिक खाद बनाने में भी किया जा सकता है।

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फसल अवशेष को किसान क्या करे ?

फसल अवशेष (नरवाई) को किसान खेत में उपयोग करे जिससे देशी (जैविक) खाद की जरुरत को पूरा किया जा सकता है | लेकिन घर पर इतनी मात्रा में खाद बनाना मुश्किल है तथा लागत भी अधिक आएगी | इसके लिए किसान फसल अवशेष को खेत में ही खाद बना दें | खेत में खाद बनाने के लिए वेस्ट डीकम्पोजर एक वरदान साबित हुआ है | इसका उपयोग करके किसान फसल अवशेष को एक माह में ही खाद बना सकते हैं तथा लागत मात्र 20 रुपया की है | यह वेस्ट डीक्म्पोजर पूर्णत: जैविक है |

किसान फसल अवशेष को कैसे खाद बना सकते हैं ?

किसान वेस्ट डीकंपोजर का उपयोग कर के खेत में ही फसल अवशेष को खेत में ही खाद बना देगा | इसके लिए किसान को 20 रुपया में डीकंपोजर को खरीदना होगा उसके बाद 200 लीटर पानी में इसको घोल दें तथा इसके साथ 2 किलो गुड को भी मिला दें | 200 लीटर पानी एक 20 रुपया का वेस्ट डीक्म्पोजर तथा गुड को एक बड़े कन्टेनर में मिला दें तथा 4 से 5 दिन तक छोड़ दें | प्रत्येक दिन मिश्रण को दिन भर में 3 से 4 बार एक डंडे से चलाते रहना चाहिए | 5 दिन के बाद दवा छिडकने वाले यंत्र से खेत में फसल के अवशेष पर छिड़काव कर दें |

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इसी तरह 5 – 5 दिन के अंतराल पर किसान 3 बार खेत में छिड़काव करे | आप पाएंगे की 30 दिन के अन्दर में ही सभी खड़े फसल अवशेष गलकर खद के रूप में परिवर्तित हो जायेगा | तथा खेत में खाद के रूप में बदल जायेगा | इससे खेत में उर्वरा शक्ति काफी बढ़ जायेगा |

वेस्ट डीकंपोजर कहाँ से खरीदें 

किसान समाधान किसानों की सहायता के लिए वेस्ट डीक्म्पोजर खरीदने के लिए जानकारी दे रहा है | अगर किसान इस जगह के नजदीक है तो वहां जाकर खरीदे अगर काफी दूर है तो कुरियर या स्पीड पोस्ट करवा सकते है इसके लिए मंगवाने का खर्च देना होगा | 

वेस्ट डीकंपोजर यहाँ से खरीदें 

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