नरवाई से खाद बनाकर खेत की मिट्टी को बनाएं उपजाऊ
किसान धान तथा गेहूं की हार्वेस्टर से कटाई के बाद अवशेष को जलाते थे | जिसके कारण देश भर में प्रदूषण बढ़ जाता था | कभी – कभी तो साँस लेना मुश्किल रहता है | इसको लेकर सरकार किसानों के लिए आदेश जारी करती रहती थी, लेकिन अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने धान तथा गेहूं का अवशेष जलाना गैर क़ानूनी घोषित कर दिया है |
नरवाई जलाने से क्या-क्या नुकसान होते हैं
दरअसल फसलों के अवशेष जलाने से वायु प्रदुषण ही नहीं होता बल्कि मृदा का तापमान बढ़ जाता है , जिससे मृदा की संरचना बिगड़ जाती है | जीवाष्म पदार्थ की मात्रा कम हो जाने से मृदा की उत्पादकता कम होने का खतरा होता है | फसल जलाने से उस पर आश्रित कीट की मौत हो जाती है | जिससे मित्र कीट और शत्रु का अनुपात बिगड़ जाता है, फलस्वरूप पौधों को कीट प्रकोप से बचाने के लिए मजबूरन महंगे तथा जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल करना पड़ता है , जिसका दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर देखा जा रहा है |
इतनी मात्रा में फसल अवशेष को किसान क्या कर सकता है | एक तो यह है की फसल अवशेष को काटकर भूसे के रूप में पशुचारे के लिए उपयोग कर सकते हैं | लेकिन इसका दूसरा पहलु यह है की कृषि यंत्रों पर निर्भर होने के कारण किसानों के पास पशुओं की संख्या में कमी आई है | अब किसान बैल नहीं पालते है या बहुत कम संख्या में किसानों के पास है | यह सम्भव नहीं है की सभी फसल अवशेष को किसान पशुचारे में उपयोग करे | इसके अलावा फसल अवशेष का उपयोग नाडेप, वर्मीखाद जैसी कार्बनिक खाद बनाने में भी किया जा सकता है।
फसल अवशेष को किसान क्या करे ?
फसल अवशेष (नरवाई) को किसान खेत में उपयोग करे जिससे देशी (जैविक) खाद की जरुरत को पूरा किया जा सकता है | लेकिन घर पर इतनी मात्रा में खाद बनाना मुश्किल है तथा लागत भी अधिक आएगी | इसके लिए किसान फसल अवशेष को खेत में ही खाद बना दें | खेत में खाद बनाने के लिए वेस्ट डीकम्पोजर एक वरदान साबित हुआ है | इसका उपयोग करके किसान फसल अवशेष को एक माह में ही खाद बना सकते हैं तथा लागत मात्र 20 रुपया की है | यह वेस्ट डीक्म्पोजर पूर्णत: जैविक है |
किसान फसल अवशेष को कैसे खाद बना सकते हैं ?
किसान वेस्ट डीकंपोजर का उपयोग कर के खेत में ही फसल अवशेष को खेत में ही खाद बना देगा | इसके लिए किसान को 20 रुपया में डीकंपोजर को खरीदना होगा उसके बाद 200 लीटर पानी में इसको घोल दें तथा इसके साथ 2 किलो गुड को भी मिला दें | 200 लीटर पानी एक 20 रुपया का वेस्ट डीक्म्पोजर तथा गुड को एक बड़े कन्टेनर में मिला दें तथा 4 से 5 दिन तक छोड़ दें | प्रत्येक दिन मिश्रण को दिन भर में 3 से 4 बार एक डंडे से चलाते रहना चाहिए | 5 दिन के बाद दवा छिडकने वाले यंत्र से खेत में फसल के अवशेष पर छिड़काव कर दें |
इसी तरह 5 – 5 दिन के अंतराल पर किसान 3 बार खेत में छिड़काव करे | आप पाएंगे की 30 दिन के अन्दर में ही सभी खड़े फसल अवशेष गलकर खद के रूप में परिवर्तित हो जायेगा | तथा खेत में खाद के रूप में बदल जायेगा | इससे खेत में उर्वरा शक्ति काफी बढ़ जायेगा |
वेस्ट डीकंपोजर कहाँ से खरीदें
किसान समाधान किसानों की सहायता के लिए वेस्ट डीक्म्पोजर खरीदने के लिए जानकारी दे रहा है | अगर किसान इस जगह के नजदीक है तो वहां जाकर खरीदे अगर काफी दूर है तो कुरियर या स्पीड पोस्ट करवा सकते है इसके लिए मंगवाने का खर्च देना होगा |