कस्टम हायरिंग केंद्र से किराये पर कृषि यंत्र लेने हेतु एप
देश में पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने हेतु सरकार लगातार कोशिश कर रही है इसी क्रम में 11 सितम्बर को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने किसानों को एक कार्यक्रम में धन्यबाद देते हुए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसानों के लिए पराली प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सभा का संबोधन किया |
इससे पहले, वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकारों के प्रयासों का समर्थन करने और कृषि यंत्रीकरण के माध्यम से फसल अवशेषों के मौके पर ही प्रबंधन को आवश्यक मशीनरी को सब्सिडी देने की खातिर मंत्रालय द्वारा 2018-19 से 2019-20 की अवधि के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र योजना लागू की गई है। इसके लिए कुल 1151.80 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि की व्यवस्था की गई है |
अनुदान पर निजी कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना
वर्ष 2018-19 के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार और आईसीएआर के लिए कुल 584.33 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। इन तीनों राज्य सरकारों ने व्यक्तिगत स्वामित्व के आधार पर किसानों को 32,570 मशीनों का वितरण किया और 7,960 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना की गई है |
किराये पर कृषि यंत्र लेने हेतु कस्टम हायरिंग एप
इस दौरान कृषि राज्य मंत्री ने किसानों द्वारा 50 किलोमीटर के दायरे में स्थित सीएचसी की कस्टम हायरिंग सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एक बहुभाषी मोबाइल एप ‘सीएचसी फार्म मशीनरी’ की भी शुरुआत की। यह एप किसानों का उनके इलाके की कस्टम हायरिंग सेवाओं से संपर्क कराएगा। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से किसी भी एंड्रायड फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है।