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बुधवार, मई 8, 2024
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सरकारी योजना का लाभ लेकर वानिकी लगायें |

सरकारी योजना का लाभ लेकर वानिकी की लगायें |

कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाना मध्यप्रदेश शासन की प्राथमिकता है | इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के कृषि की आय वृद्धि करने की रणनीति के अन्तर्गत कई गतिविधियाँ संचालित की जा रही है | इस रणनीति के अन्तर्गत कृषकों से यह अपेक्षित किया है की वे अपनी भूमि पर परंपरागत फसलों के साथ वृक्ष एवं अन्य फसलें भी बड़े पैमाने पर लगायें |

वन विभाग की अनुसंधान एवं विस्तार शाखा रोपण हेतु अच्छी गुणवत्ता के पौधें उत्पन्न करने की गतिविधियों में संलग्न है | प्रदेश में 11 अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त स्थिति हैं जंहा सम्पर्क कर रोपणियों एवं उपलब्ध पौधों की जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं |

अनुसंधान एवं विस्तार वृत्तों का विवरण निम्नानुसार है :-

अनुसंधान एवं विस्तार वृत्तकार्यालय का दूरभाष कर्मांक/ईमेलसम्मिलित जिलों के नाम
बैतूल07141 – 230475

[email protected]

बैतूल, होशंगाबाद, हरदा
भोपाल0755 – 2674316

[email protected]

भोपाल, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, विदिशा
ग्वालियर0751 – 2427962

[email protected]

ग्वालियर, दतिया, मुरैना, भिण्ड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर
इंदौर0731 – 2461292

[email protected]

इन्दौर, देवास
जबलपुर0761 – 2668554

[email protected]

जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडौरी
झाबुआ07392 – 243837

[email protected]

झाबुआ, धार, अलीराजपुर
खण्डवा0733 – 2223265

[email protected]

खण्डवा, बडवानी, खरगौन, बडवाह, बुरहानपुर
रतलाम07412 – 235131

[email protected]

रतलाम, मंदसौर, उज्जैन शाजापुर, नीमच आगर
रीवा07662 – 256493

[email protected]

रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, सिंगरौली
सागर07582 – 236278

[email protected]

सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना
सिवनी07692 – 221395

[email protected]

सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाडा बालाघाट

 

योजना का उद्देश्य :-

कृषि वानिकी से कृषक समृद्धि योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं |

  • प्रदेश में निजी भूमि पर वृक्षारोपण / बांस रोपण कर कृषकों की आय बढ़ाते हुए खेती को लाभ का व्यवसाय बनाना |
  • अतिवृष्टि / सूखे की स्थिति में फसल हानि होने पर कृषकों के लिये वनोपज से आय का अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध करना |
  • वृक्षारोपण के माध्यम से भू – जल संरक्षण कर कृषि उत्पादन में वृद्धि |
  • निजी क्षेत्र में वनोपजन उत्पादन को बढावा देकर शासकीय वनों पर दवाब कम करना |

योजना के अंतर्गत पुरे प्रदेश में वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में 2.60 करोड़ पौधों का रोपण कृषकों द्वारा अपनी निजी भूमि पर किया जायेगा | इससे न केवल कृषकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी , बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में भी सहायता मिलेगी |

योजना का घटक :-

इस योजना का मुख्य घटक निम्नानुसार है –

  • नि:शुल्क पौधा प्रदाय (अधिकतम 5000 पौधों की सीमा तक)
  • कृषकों को प्रति जीवित पौधे पर दो वर्षों में रु.25 /- का अनुदान
  • वनदुत को प्रति जीवित पौधे पर दो वर्षों में रु. 7 /- का अनुदान

पौधों की अधिकतम एवं न्यूनतम संख्या :-

योजना के अन्तर्गत नुनतम 50 पौधों एवं अधिकतम 5000 पौधों का रोपण एक किसान द्वारा लिया जा सकता है | जीवित पौधों की संख्या के आधार पर योजना का लाभ दो वर्षों तक मिलेगा |

प्रोत्साहन राशि का विवरण :-

रोपण वर्ष में रु.15/- एवं दुसरे वर्ष में रु. 10/- प्रति जीवित पौधा के मान से प्रोत्साहन राशि डी जावेगी | वनदुत को रोपण वर्ष में रु.4/- तथा दुसरे वर्ष में रु. 3/- प्रोत्साहन राशि डी जाएगी |

वृक्षारोपण का पंजीयन :-

आवेदक यदि वृक्षारोपण का पंजीयन तहसील एवं परिक्षेत्र कार्यालय में कराता है तो भविष्य में वृक्षों की कटाई की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी |

नोट:- योजना का लाभ लेने हेतु कृषक निम्न में से किसी भी स्थान / कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं \
  • कार्यालय वैन विस्तार अधिकारी, अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त
  • कार्यालय मुख्य वन संरक्षण , अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त
  • वनमंडल कार्यालय (क्षेत्रीय)
  • परिक्षेत्र कार्यालय (क्षेत्रीय)
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