सरकारी योजना का लाभ लेकर वानिकी की लगायें |
कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाना मध्यप्रदेश शासन की प्राथमिकता है | इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के कृषि की आय वृद्धि करने की रणनीति के अन्तर्गत कई गतिविधियाँ संचालित की जा रही है | इस रणनीति के अन्तर्गत कृषकों से यह अपेक्षित किया है की वे अपनी भूमि पर परंपरागत फसलों के साथ वृक्ष एवं अन्य फसलें भी बड़े पैमाने पर लगायें |
वन विभाग की अनुसंधान एवं विस्तार शाखा रोपण हेतु अच्छी गुणवत्ता के पौधें उत्पन्न करने की गतिविधियों में संलग्न है | प्रदेश में 11 अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त स्थिति हैं जंहा सम्पर्क कर रोपणियों एवं उपलब्ध पौधों की जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं |
अनुसंधान एवं विस्तार वृत्तों का विवरण निम्नानुसार है :-
अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त | कार्यालय का दूरभाष कर्मांक/ईमेल | सम्मिलित जिलों के नाम |
बैतूल | 07141 – 230475 | बैतूल, होशंगाबाद, हरदा |
भोपाल | 0755 – 2674316 | भोपाल, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, विदिशा |
ग्वालियर | 0751 – 2427962 | ग्वालियर, दतिया, मुरैना, भिण्ड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर |
इंदौर | 0731 – 2461292 | इन्दौर, देवास |
जबलपुर | 0761 – 2668554 | जबलपुर, कटनी, मंडला, डिंडौरी |
झाबुआ | 07392 – 243837 | झाबुआ, धार, अलीराजपुर |
खण्डवा | 0733 – 2223265 | खण्डवा, बडवानी, खरगौन, बडवाह, बुरहानपुर |
रतलाम | 07412 – 235131 | रतलाम, मंदसौर, उज्जैन शाजापुर, नीमच आगर |
रीवा | 07662 – 256493 | रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, सिंगरौली |
सागर | 07582 – 236278 | सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना |
सिवनी | 07692 – 221395 | सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाडा बालाघाट |
योजना का उद्देश्य :-
कृषि वानिकी से कृषक समृद्धि योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं |
- प्रदेश में निजी भूमि पर वृक्षारोपण / बांस रोपण कर कृषकों की आय बढ़ाते हुए खेती को लाभ का व्यवसाय बनाना |
- अतिवृष्टि / सूखे की स्थिति में फसल हानि होने पर कृषकों के लिये वनोपज से आय का अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध करना |
- वृक्षारोपण के माध्यम से भू – जल संरक्षण कर कृषि उत्पादन में वृद्धि |
- निजी क्षेत्र में वनोपजन उत्पादन को बढावा देकर शासकीय वनों पर दवाब कम करना |
योजना के अंतर्गत पुरे प्रदेश में वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में 2.60 करोड़ पौधों का रोपण कृषकों द्वारा अपनी निजी भूमि पर किया जायेगा | इससे न केवल कृषकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी , बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में भी सहायता मिलेगी |
योजना का घटक :-
इस योजना का मुख्य घटक निम्नानुसार है –
- नि:शुल्क पौधा प्रदाय (अधिकतम 5000 पौधों की सीमा तक)
- कृषकों को प्रति जीवित पौधे पर दो वर्षों में रु.25 /- का अनुदान
- वनदुत को प्रति जीवित पौधे पर दो वर्षों में रु. 7 /- का अनुदान
पौधों की अधिकतम एवं न्यूनतम संख्या :-
योजना के अन्तर्गत नुनतम 50 पौधों एवं अधिकतम 5000 पौधों का रोपण एक किसान द्वारा लिया जा सकता है | जीवित पौधों की संख्या के आधार पर योजना का लाभ दो वर्षों तक मिलेगा |
प्रोत्साहन राशि का विवरण :-
रोपण वर्ष में रु.15/- एवं दुसरे वर्ष में रु. 10/- प्रति जीवित पौधा के मान से प्रोत्साहन राशि डी जावेगी | वनदुत को रोपण वर्ष में रु.4/- तथा दुसरे वर्ष में रु. 3/- प्रोत्साहन राशि डी जाएगी |
वृक्षारोपण का पंजीयन :-
आवेदक यदि वृक्षारोपण का पंजीयन तहसील एवं परिक्षेत्र कार्यालय में कराता है तो भविष्य में वृक्षों की कटाई की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी |
नोट:- योजना का लाभ लेने हेतु कृषक निम्न में से किसी भी स्थान / कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं \
- कार्यालय वैन विस्तार अधिकारी, अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त
- कार्यालय मुख्य वन संरक्षण , अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त
- वनमंडल कार्यालय (क्षेत्रीय)
- परिक्षेत्र कार्यालय (क्षेत्रीय)
Phodhe ropan ki pakriya me sarkari labh kaise udhaye
सर अपने यहाँ के उद्यानिकी विभाग से सम्पर्क करें जो पौधे लगाना चाहते हैं उसके लिए आवेदन करें |
Mujhe bhi tree lgane h mera support kro
अपने यहाँ के वन विभाग में या उद्यानिकी विभाग में सम्पर्क करें |
Rajiv Kumar Paswan ham pair lagana chahte Hain
अपने यहाँ के वन विभाग या उधानिकी विभाग या सरकारी नर्सरी से सम्पर्क करें |
Mujhe tree.lagane
अपने यहाँ के वन विभाग से पौधे लें |
Phoda.ropnd
Boring karan a hs
दी गई लिंक पर बोरिंग योजना की जानकारी दी गई है |
https://kisansamadhan.com/?s=%E0%A4%AC%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%97+