मध्यप्रदेश में किसान अपनी फसल कब एवं कैसे बेच सकेंगे
मध्यप्रदेश में खरीफ-2018 में मूँग, उड़द, तुअर, मूँगफली, तिल एवं रामतिल के किसानों से फेयर एवरेज क्वालिटी की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जायेगी। यह खरीदी केन्द्र सरकार के प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के अंतर्गत की जायेगी । इसके लिये किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। प्रदेश में 29 सितम्बर तक ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों का पंजीयन करवाया गया है। राजस्व विभाग द्वारा 14 अक्टूबर तक पंजीकृत किसानों के रकबे का सत्यापन पोर्टल पर किया जायेगा।
कब से कब तक
खरीफ सीजन में मूँग, उड़द, मूँगफली, तिल एवं रामतिल की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी 20 अक्टूबर, 2018 से 19 जनवरी, 2019 तक होगी। तुअर की खरीदी एक मार्च, 2019 से 30 मई, 2019 तक की जायेगी। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि पिछले 5 वर्षों में कृषि जलवायु क्षेत्रवार फसल कटाई प्रयोगों में से सर्वश्रेष्ठ 3 फसल कटाई प्रयोगों का जिलेवार औसत में से, जिस जिले का सर्वाधिक औसत हो, उसे कृषि जलवायु क्षेत्र के सभी जिलों में उत्पादकता औसत मान्य किया जायेगा।
योजना का क्रियान्वयन
प्राइस सपोर्ट स्कीम में मूँग, उड़द, तुअर, मूँगफली, तिल और रामतिल की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये राज्य सहकारी विपणन संघ और एम.पी. स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड को राज्य उपार्जन एजेंसी नियुक्त किया गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में राज्य-स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
समिति में विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव वित्त विभाग, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, उपभोक्ता संरक्षण एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, राजस्व, सहकारिता को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर, राजमाता कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलपतियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्रबंध संचालक राज्य कृषि विपणन बोर्ड समिति के सदस्य सचिव होंगे। स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन, राज्य सहकारी विपणन संघ, वेयर-हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालकगण और संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास समिति के सदस्य होंगे।
किसान को अब मत लूटो क्यो पागल बनाते हो किसान को, क्या किसान के पास फ्री के पैसे या फसल है, हर तरफ से किसान को लूटने में लगे हो, तुम सिर्फ किसानों को उनकी फसलो के सही दाम दे दो बही बहुत है,