रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना
देश में मोटे अनाज (श्री अन्न) का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार मोटे अनाज खासकर ज्वार, बाजरा, रागी, कोदों-कुटकी फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ भी शुरू की गई हैं। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना को लागू करने का निर्णय लिया है।
मध्य प्रदेश किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें श्री अन्न-कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा आदि का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की अतिरिक्त राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।
पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी योजना
रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना जिलों में पूर्व से मिलेट प्र-संस्करण इत्यादि के लिए कार्यरत समूह को फेडरेशन के रूप में संगठित कर क्षमता वृद्धि तथा कोदो-कुटकी के विपणन एवं ब्राण्डिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने की है। योजना वर्ष 2023-24 से वर्ष 2025-26 तक चलेगी तथा इसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश रहेगा। कंपनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत कंपनी के रूप में फेडरेशन गठित होगी।
विषम जलवायु में भी हो सकती है खेती
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कंषाना ने बताया कि मिलेट फसलें विषम जलवायु के प्रति सहनशील है तथा कम उपजाऊ भूमियों में भी अच्छी पैदावार देने में सक्षम है। मिलेट अनाज अनेक पोषक तत्वों जैसे- केल्शियम, आयरन, विटामिन, डायटरी फाईबर आदि से परिपूर्ण हैं। वर्तमान में जागरूक उपभोक्ताओं ने ग्लूटेन के विकल्प के लिए खाद्य पदार्थों पर ध्यान देना प्रारंभ कर दिया है। समस्त मिलेट अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं तथा पौष्टिकता को दृष्टिगत रखते हुए इनका महत्व और भी बढ़ जाता है।
100 रुपये प्रति किलो से भी अधिक है बाजार भाव
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 में श्रीअन्न (मिलेट) फसलों के व्यापक प्रचार-प्रसार से मिलेट उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है। कोदो-कुटकी जैसे मिलेट का बाजार मूल्य 100 रूपये प्रति किलो से भी अधिक है। उपभोक्ताओं में वृद्धि से कृषकों की विशेषकर जनजातीय कृषकों की आय वृद्धि में संभावनाएँ बढ़ गई है। निरंतर आपूर्ति न होने, वैल्यू चेन में गैप के कारण कृषकों को इसका उचित लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। कृषि मंत्री श्री कंषाना ने बताया कि वैल्यू चेन से मिलेट उत्पादक कृषकों की आय में वृद्धि की जा सकती है। रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना से मिलेट उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी।
इन जिलों में होती है खेती
मध्यप्रदेश में कोदो-कुटकी की खेती मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सिवनी और बैतूल जिलों में होती है। कोदो-कुटकी के किसानों की आय में वृद्धि के लिए फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित करने के उद्देश्य से रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है।
कोदो-कुटकी की खेती कर रहे किसानों को कोदो का लगभग 2000 रुपए प्रति क्विंटल तथा कुटकी का लगभग 3000 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य प्राप्त हो रहा है। कृषकों से कोदो- कुटकी एफएक्यू मानक के आधार पर फेडरेशन द्वारा उपार्जित किया जायेगा, जिससे उन्हें उचित मूल्य मिल सकेगा।
सरकार देगी अनुदान
फेडरेशन द्वारा मिलेट फसलों का उत्पादन, मिलेट उपार्जन, विपणन, ब्राण्ड बिल्डिंग एवं वैल्यू एडिशन का कार्य किया जाएगा। फेडरेशन द्वारा एफपीओ में उपलब्ध अधो-संरचना (भण्डारण, प्र-संस्करण) का उपयोग करते हुए गैप की पूर्ति हेतु अधो-संरचना भी विकसित की जाएगी। इससे फेडरेशन तथा एफपीओ का आर्थिक सुधार होगा तथा फेडरेशन द्वारा कृषकों के साथ लाभांश का बंटवारा किया जाएगा।
फेडरेशन की प्र-संस्करण अधो-संरचना विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जायेगा। शेष 50 प्रतिशत राशि बैंक लोन अथवा संस्था के पास उपलब्ध राशि का उपयोग किया जा सकेगा। प्रथम द्वितीय एवं तृतीय वर्ष पर देय ब्याज राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। कृषि अधो-संरचना विकास निधि द्वारा ब्याज पर 3 प्रतिशत छूट, पात्रता अनुसार उपलब्ध कराने हेतु सहयोग किया जायेगा। कोदो-कुटकी की मार्केटिंग, ब्रॉण्ड वैल्यू एवं वैल्यू चेन हेतु फेडरेशन को 3 वर्षों तक प्रति वर्ष राशि रूपये 15 लाख की सहायता प्रदान की जायेगी।