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गुरूवार, मई 2, 2024
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केला उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण के साथ ही दिए जाएँगे इन नई उन्नत किस्मों के पौधे

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को फलफूल एवं सब्ज़ियों के बाग लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए किसानों को इन फसलों के बाग लगाने के लिए भारी अनुदान भी उपलब्ध करा रही है। इस कड़ी में बिहार सरकार ने राज्य में विभिन्न बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए वन मंथवन क्रॉप नाम से नई पहल शुरू की है। जिसके तहत हर महीने राज्य में उपजाई जाने वाली विभिन्न फसलों की प्रदर्शनीसहपरिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

इस कड़ी में राज्य में पहली बार कृषि विभाग, बिहार की ओर से 6 अक्टूबर से कृषि भवन पटना में एक दिवसीय केला प्रदर्शनीसहपरिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 12 जिलों के 120 उत्पादक किसानों एवं उद्यमियों ने भाग लिया। इस मौके पर राज्य के कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार मौजूद थे जो प्रदर्शनी में केले की खेती के विकास के बारे में किसानों को सलाह दी।

राज्य में 19 लाख मेट्रिक टन केले का किया जा रहा है उत्पादन

देश में केले के कुल उत्पादन का 6 प्रतिशत उत्पादन बिहार में किया जाता है। राज्य में केले के उत्पादन में पिछले 20 वर्षों में 125 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य में 43 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में केले की खेती की जा रही है। इससे 19 लाख मेट्रिक टन केले का उत्पादन होता है। बिहार में केले की खेती बढ़ाने की योजना पर सरकार काम कर रही है। कृषि सचिव के अनुसार राज्य में अगले वर्ष तक केले की खेती बढ़कर 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में होने कि उम्मीद जताई है।

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किसानों को उपलब्ध कराये जाएँगे उन्नत किस्म के पौधे

राज्य में केले का उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार किसानों को प्रशिक्षण देने जा रही है। इसके लिए प्रत्येक सप्ताह के बुधवार तथा वृहस्पतिवार का दिन निश्चित किया गया है। इस दिन पौध संरक्षण विभाग के पदाधिकारी किसानों के खेत पर जाकर कीटरोग पर नियंत्रण हेतु सुझाव देंगे। केले के अच्छे उत्पादन के लिए खेत की मिट्टी का परीक्षण शतप्रतिशत किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार किसानों को अल्पान, चीनिया एवं मालभोग केले भी टिश्यूकल्चर उपलब्ध कराए जाएँगे। राज्य में किसानों को केला के उन्नत रोपण सामग्री के साथसाथ तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गोरौल (वैशाली) में केला अनुसंधान संस्थान की स्थापना 2017 में की गई है।

केले की इन उन्नत किस्मों की कि जा रही है खेती

बिहार में केले का उत्पादन राज्य के 12 जिलों में किया जाता है। सभी जिलों में केले कि अलगअलग प्रजाति की खेती की जा रही है जो इस प्रकार है:-

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उत्पादन करने वाले जिले

केला के प्रजाति (किस्म)

वैशाली

चिनिया, मालभोग, अल्पान, मुठिया

सारण

जी-9, चिनिया, बतीशा

गोपालगंज

जी-9, चिनिया, बतीशा

पूर्वी चंपारण

अल्पान, जी-9, बतीशा

पश्चिमी चंपारण

जी-9, बतीशा

मधेपुरा

जी-9, रोबस्टा

समस्तीपुर

जी-9, बतीशा, मुठिया

खगड़िया

रोबस्टा, जी-9, चिनिया

भागलपुर

ड्वार्फ कैवेंडिस, जी-9, रोबस्टा, अल्पान, बतीशा, चिनिया

पूर्णिया

ड्वार्फ कैवेंडिस, जी-9, रोबस्टा, चिनिया, मालभोग

किशनगंज

जी-9, चिनिया, मालभोग, रोबस्टा, ड्वार्फ कैवेंडिस, जी-9

कटिहार

ड्वार्फ कैवेंडिस, जी-9

इन देशों को केला निर्यात किया जाता है ?

बिहार केले के उत्पादन में अग्रिम रहने के कारण केले का निर्यात भी करता है। बिहार से यू..., सऊदी अरब, ओमान, बहरीन, कतर और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में केला का निर्यात करता है। सरकार द्वारा केले के उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण, लॉजिस्टिक और मार्केटिंग के लिए सहायता भी प्रदान कर रही है।

बता दें कि केला प्रदर्शनीसहपरिचर्चा का आयोजन बिहार में पहली बार किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य में उत्पादित विशिष्ट प्रजाति के साथ क्षेत्रीय ख़ास प्रजाति से लोगों को रूबरू कराना एवं इसके लिये बाजार की संभावना को तलाशना है। इस कार्यक्रम के आयोजन से केला उत्पादक किसानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाना एवं केले के भंडारण, प्रसंस्करण, बाज़ार आदि से संबंधित नयीनयी तकनीकी की जानकारी किसानों तक पहुँचाना है।

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