बिरसा भाभा मस्टर्ड-1 सरसों की नई किस्म
सरसों के तेल के दामों में हो रही वृद्धि से सभी को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है | जिसको देखते हुए सरकार द्वारा देश में तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ाबा दिया जा रहा है | साथ ही पैदावार बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा लगातार सरसों की नई किस्में विकसित की जा रही है ताकि उत्पादन एवं उत्पादकता को बढाया जा सके | ऐसा ही काम बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (बीएयू) के वैज्ञानिकों ने लंबे रिसर्च के बाद सरसों की एक नई ब्रीड तैयार की है, जिसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर 20 क्विंटल से अधिक होगी |
सरसों की इस किस्म से दो किलो बीज से एक लीटर तक तेल निकाला जा सकेगा | जाहिर है ऐसा होने के बाद बाजार में सरसों के तेल की कीमतों में भारी गिरावट आना तय है | यहां यह भी उल्लेखनीय है बीएयू के इस रिसर्च में भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) भी सहभागी है | सरसों की इस नई ब्रीड को बिरसा-भाभा मस्टर्ड-1 नाम दिया गया है |
बीएयू और भाभा एटोमिक सेंटर ने मिलकर तैयार की है बिरसा भाभा मस्टर्ड-1
सरसों की ब्रीड के लिए बीएयू का प्लांट ब्रीडिंग डिपार्टमेंट सालों से काम कर रहा था | वहां के जूनियर और सीनियर साइंटिस्ट लगातार प्रयोग कर रहे थे | बार्क, मुंबई से संपर्क कर वहां से कुछ मैटेरियल मंगाए गए | जिसके बाद सरसों की नई ब्रीड तैयार की गई है | इसका प्रयोग बीएयू कैंपस में किया गया है, जहां अच्छे परिणाम देखने के बाद रांची के आसपास और अन्य जिलों में ये किसानों को दिए गए, वहां भी इसके बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं |
कम नमी वाली जगहों पर भी की जा सकती है खेती
बिरसा भाभा मास्टर्ड 1 को इस तकनीक से तैयार किया गया है जिससे कि इसे कम नमी वाली जगहों पर भी रोपा जा सकता है | यूं कहे तो जहां कम पानी वाला क्षेत्र है वहां भी बड़े खेतों में रोपाई कर अधिक पैदावार की जा सकती है | वहीं इसके लिए समय का भी ध्यान रखना होगा जिससे कि कम समय में अच्छी उपज हो सके |
अगले साल से किसानों के लिए बाजार में उपलब्ध होगा बीज
बीएयू द्वारा तैयार की गई सरसों की इस किस्म के बीज तैयार करने के लिए किसानों को सैंपल दिए गए हैं | वहीं डायरेक्टर सीड फार्म की एजेंसी को भी प्रोडक्शन के लिए आर्डर दे दिया गया है | इसके अलावा कई अन्य सीड प्रोडक्शन कंपनियों को भी बीज तैयार करने के लिए सैंपल बीएयू से अधिकारियों ने भेज दिया है | जिसके बाद अगले साल अप्रैल के बाद से यह बीज किसानों के लिए बाजार में उपलब्ध होगा |
तिलहन क्षेत्र में क्रांति लाएगी यह किस्म
उल्लेखनीय है कि झारखंड में फिलहाल 12-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सरसों का पैदावार हो रहा है और साढ़े तीन से चार किलो सरसों में एक लीटर तेल निकलता है | जाहिर है नई ब्रीड के सरसों का बड़े पैमाने पर खेती के बाद कीमतों में आधे से अधिक की कमी की उम्मीद की जा सकती है |
बीएयू के प्लांट ब्रीडिंग डिपार्टमेंट के एचओडी सोहन राम ने कहा कि किसी भी रिसर्च में 8-10 साल का समय लगता है | लंबे समय बाद नई ब्रीड आई है जो क्रांति लाएगी | इसके लिए साइंटिस्ट डॉ अरुण कुमार के साथ हमारी टीम लगी हुई थी | अब इस पर सफलता हासिल हुई है | झारखंड में इसके बेहतर परिणाम देखने को मिले है। जिसका फायदा किसानों को भी मिलेगा |
Very nice variety
Best yield kranti mustard oil
सर सरसों की अधिक पैदावार वाली किस्मों की जानकारी के लिए दी गई लिंक पर देखें |
https://kisansamadhan.com/farmers-should-plant-these-advanced-and-developed-varieties-of-mustard-this-year-for-higher-yield/
https://kisansamadhan.com/farmers-should-sowing-this-newly-developed-variety-of-mustard-for-higher-yield/
Hame test ke liye ye birsha bhabha mustard 1 ki jarurat hai. Kripya is samsya ka samadhan ho sakta hai app ke taraf se. Ya koi contact no jinke pas se ye beej mil sake
सर यह किस्म अभी झारखण्ड में ही कुछ किसानों की दी गई है | अगले वर्ष से यह किसानों के लिए उपलब्ध होगी |