गन्ना का उचित और लाभकारी मूल्य FRP 2023-24
देश में किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा खरीफ एवं रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP का निर्धारण किया जाता है। इसी तरह गन्ने की खेती करने वाले किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य FRP प्रतिवर्ष निर्धारित किया जाता है। केंद्र सरकार ने 28 जून के दिन चीनी सीजन 2023-24 के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य एफआरपी में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। देश भर में किसानों से न्यूनतम इस भाव पर ही गन्ना की खरीदी की जाएगी।
केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद FRP चीनी मिलों द्वारा चीनी सीजन 2023-24 में किसानों से गन्ने की खरीद के लिए लागू होगी। केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गन्ने के मूल्य में 10 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। सरकार के मुताबिक़ इससे किसानों गन्ने की लागत का दोगुना मूल्य प्राप्त होगा।
वर्ष 2023-24 में क्या रहेगा गन्ने का भाव FRP
गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट कमिटी ने 10.25 प्रतिशत की मूलभूत रिकवरी दर के लिए 315 रुपये प्रति क्विंटल पर चीनी सीजन 2023-24 अक्टूबर से सितंबर के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य FRP को मंजूरी दी है। 10.25 प्रतिशत से अधिक की रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की वृद्धि के लिए 3.07 रुपये प्रति क्विंटल का प्रमियम प्रदान करने और रिकवरी में प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की कमी के लिए एफआरपी में 3.07 रुपये प्रति क्विंटल की कमी करने को मंजूरी दी गई है।
इसके अतिरिक्त, गन्ना किसानों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से सरकार ने यह भी निर्णय किया है कि उन चीनी मिलों के मामलों में कोई कटौती नहीं होगी जहां रिकवरी 9.5 प्रतिशत से कम है । ऐसे किसानों को चालू चीनी सीजन 2022-23 में 282.125 रुपये प्रति क्विंटल के स्थान पर आगामी चीनी सीजन 2023-24 में गन्ने के लिए 291.975 रुपये प्रति क्विंटल प्राप्त होंगे।
क्या है गन्ने कि उत्पादन लागत
सरकार के मुताबिक़ चीनी सीजन 2023-24 के लिए गन्ने के उत्पादन की लागत 157 रुपये प्रति क्विंटल है।315 रुपये प्रति क्विंटल की रिकवरी दर पर यह एफआरपी उत्पादन लागत से 100.06 प्रतिशत से अधिक है। चीनी सीजन 2023-24 के लिए एफआरपी वर्तमान चीनी सीजन 2022-23 की तुलना में 3.28 प्रतिशत अधिक है । सरकार के मुताबिक़ एफआरपी का निर्धारण कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की अनुशंसाओं के आधार पर और राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद किया गया था।
5 करोड़ से अधिक लोगों को होगा लाभ
चीनी सेक्टर एक महत्वपूर्ण कृषि आधारित सेक्टर है जो लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों की आजीविका को और उनके आश्रितों तथा चीनी मिलों में प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत लगभग 5 लाख श्रमिकों के अतिरिक्त कृषि श्रमिकों एवं परिवहन सहित विभिन्न सहायक कार्यकलापों से जुटे लोगों को प्रभावित करता है। वर्तमान चीनी सीजन 2022-23 में, चीनी मिलों द्वारा 1,11,366 करोड़ रुपये के मूल्य लगभग 3,353 लाख टन गन्ने की खरीद की गई जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की फसल की खरीद के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।
किसानों को तेजी से किया जा रहा है भुगतान
पिछले पांच वर्षों में जैव ईंधन क्षेत्र के रूप में इथेनौल के विकास ने गन्ना किसानों और चीनी सेक्टर की भरपूर सहायता की है क्योंकि गन्ने चीनी को इथेनौल में बदलने से भुगतान में तेजी आई है, कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं में कमी आई है तथा मिलों के पास कम अधिशेष चीनी की वजह से फंडों की रुकावट कम हुई है जिससे अब वे किसानों के गन्ने बकाया का समय पर भुगतान करने में सक्षम हो गई हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान, लगभग 20,500 करोड़ रुपये का राजस्व चीनी मिलों डिस्टिलरियों द्वारा सृजित किया गया है। जिसने उन्हें किसानों के गन्ने बकाया का भुगतान करने में सक्षम बनाया है।