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गुरूवार, मई 2, 2024
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चने की आवक बढ़ने से आई कीमतों में कमी, सरकार करेगी समर्थन मूल्य पर खरीद

मंडियों में रबी फसलों की खरीदी का काम शुरू हो गया है, व्यापारियों और केंद्र सरकार की एजेंसियों के द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर चने की खरीद का काम शुरू हो गया है। लेकिन बीते कुछ दिनों से चने की कीमतों में नरमी आई है जिसको देखते हुए सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर चने की खरीद में तेज़ी लाने का फैसला लिया है। हालांकि चने की कीमतें अभी भी समर्थन मूल्य के आसपास बनी हुई है।

केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि उसने क़ीमतों पर नियंत्रण रखने तथा कल्याणकारी योजनाओं के तहत वितरण करने की मंशा रखने वाले राज्यों की माँग को पूरा करने के मकसद से बफर स्टॉक बनाने को किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना खरीदना शुरू कर दिया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि फिलहाल चने के उत्पादन को लेकर कोई चिंता नहीं है।

इस बीच राज्यों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं कि व्यापारियों, आयातकों एवं मिल मालिकों को जमाखोरी और मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए 15 अप्रैल से प्रभावी नियम के तहत दालों के अपने स्टॉक के बारे में सरकार को जानकारी देने को कहा है।

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16 राज्यों में होगी MSP पर चने की खरीद

सरकार की और से बताया गया है कि पहले कल्याणकारी योजनाओं के तहत 3 से 4 राज्य ही चने का बफ़र स्टॉक रखते है, जिससे चने की एमएसपी पर कम खरीद होती थी। लेकिन अब 16 राज्य ऐसे हैं जो पोषण सुरक्षा को पूरा करने के लिए चने का बफर स्टॉक रख रहें हैं। जिसमें अभी भी अरुणाचल प्रदेश, सिक्कम, कर्नाटक राज्यों के द्वारा चने की खरीदी का अनुरोध केंद्र सरकार को भेजा गया है। सरकार के पास पहले से 10 लाख टन का बफर स्टाक मौजूद है।

चने की पैदावार में नहीं आई है कमी

कृषि विभाग के सचिव ने बताया कि देश में चने की उत्पादन में पिछले वर्ष के मुकाबले मामूली कमी आई है। वर्ष 2023–24 (जुलाई-जून) में चने का उत्पादन 121 लाख टन से थोड़ा कम होने की उम्मीद है। जबकि पिछले वर्ष चने का उत्पादन लगभग 122 लाख टन हुआ था। कृषि सचिव ने जानकारी देते हुए कहा कि गुजरात में हाल ही में किए गए फसल कटाई के प्रयोगों से संकेत मिलता है कि चने की पैदावार बरकरार है उसमें कमी नहीं आई है। मंडियों में आवक बढ़ रही है जिससे कीमतें कम होकर समर्थन मूल्य MSP के आसपास आ गई है।

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आवक बढ़ने से दामों में आई कमी

उपभोक्ता मामलों की सचिव ने कहा कि चने की फसल की आवक बढ़ने से मंडी की कीमतों में कमी आई है और एमएसपी स्तर तक पहुँच गई है। हमने अभी खरीद अभियान शुरू किया है। सहकारी संस्थाएँ नेफेड और एनसीसीएफ मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए बाजार में जारी किए जाने वाली स्टॉक को बनाये रखने के लिए मूल्य स्थरीकरण निधि योजना के हिस्से के रूप में चने की खरीद का काम कर रही है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित इस वर्ष चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 5440 रुपये प्रति क्विंटल है।

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