पलाश और बेर वृक्षों पर लाख उत्पादन (रंगीनी)
जनजातीय क्षेत्रों में लाख उत्पादन आजीविका का प्रमुख साधन है | झारखण्ड, छतीसगढ़ राज्यों के पथर में पलाश और बेर वृक्षों की बहुलता हैं, जंहा लाख उत्पादन किया जाता है | इन वृक्षों से टिकाऊ लाख उत्पादन के लिए , भारतीय लाख अनुसंधान संस्थान, रांची ने पलाश और बेर वृक्षों से संयुक्त लाख उत्पादन प्राप्त करने के लिए उन्नत तकनीक विकसित की है |
पोशी वृक्षों का विभाजन
पोषी वृक्षों को उचित आराम देने से, शत्रु कीटों के आक्रमण की सभावना कम हो जाती है, जिससे लाख उत्पादन बढ़ जाता है | इसलिए वृक्षों को खण्ड में बाँट लेना चाहिए और लाख उत्पादन बारी – बारी से करके वृक्षों को आराम देना चाहिए | उपलब्ध पलाश वृक्षों की दो खंडों में बाँट लेना चाहिए और तीसरा खण्ड बेर वृक्षों का होना चाहिए | लाख के टीकाकरण (इननोक्यूलेशन) से छ: महीने पहले, अप्रैल में सभी बेर वृक्षों और पलाश के एक खण्ड की कटाई – छंटाई कर लेनी चाहिए ||
अक्टूबर नवम्बर में , वृक्षों के दो खण्डों में लाख टीकाकरण करना चाहिए |अप्रैल में , बेर वृक्षों से आरी (अधपका) लाख की कटाई करते है और पलाश वृक्षों के दुसरे खण्ड की कटाई – छंटाई करते हैं | जून – जुलाई में पलाश वृक्षों के पहले खण्ड में लाख फसल को स्वंय लाख टीकाकरण के लिए छोड़ देते हैं और अक्टूबर – नवम्बर में पूरी फसल ली जाती है |
इस तरह से प्राप्त लाख का प्रयोग पलाश वृक्षों के दुसरे खण्ड और बेर वृक्षों के खण्ड के टीकाकरण के लिए करते हैं |यदि कटाई के बाद कुछ लाख पलाश वृक्षों पर जमी रहती है,तो इसे रहने देते हैं और अप्रैल में कटाई – छंटाई के दौरान निकालते हैं | इस प्रकार पलाश वृक्षों के दो खंडों में बैसाखी , कतकी और बेर वृक्षों से बैसाखी फसल नियमित रूप से ली जा सकती है |
वृक्षों की कटाई – छंटाई
पोषी वृक्षों पर लाख कीटों के भरण – पोषण के लिए नयी और नरम कोंपलों पा प्रचुर मात्र में होना आवश्यक है | लाख की फसल वाले पलाश वृक्षों की कटाई – छंटाई अप्रैल में और सभी बेर वृक्षों की कटाई – छंटाई अप्रैल – मई में करनी चाहिए | बेर वृक्षों को सिर्फ एक बार आरम्भिक कटाई – छंटाई की आवश्यकता होती है | बाद में आरी (अधपका लाख) की कटाई ही कटाई – छंटाई का कार्य करती है |
कटाई – छंटाई में सावधानियां
- सिर्फ हल्की कटाई – छटाई करें |
- 5 से.मी. (1 इंच) व्यास से ज्यादा बड़ी शाखाओं की काट – छांट न करें |
- 25 से 2.25 से.मी. (0.5 से 1 इंच) व्यास के बीच की शाखाओं को 0.5 से.मी. छोड़कर काटें | तथापि 1.25 से.मी. (0.5 इंच) से कम की शाखाओं को सीधे ही निकल लें |
- सुखी , टूटी – फूटी या रोग ग्रस्त टहनियों को पूरी तरह निकल दें |
- धारदार चाकू से तिरछी काट कर कटाई – छंटाई करें ताकि बारिश के मौसम में उन पर पानी न रुके |
पोषी वृक्षों का संक्रमण
अक्टूबर – नवम्बर में चंटी वाले वृक्षों में स्वस्थ ब्रूडलाख से लाख टीकाकरण करना चाहिए | लाख टीकाकरण में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए |
नयी शाखा की 25 मी. लम्बाई में लाख टीकाकरण के लिए 1 मी. लंबी ब्रूडलाख काफी है | औसत मध्यम आकार के पलाश और बेर वृक्षों के लिए 0.25 – 0.50 कि.ग्रा. और 1 – 2 कि.ग्रा. ब्रूडलाख की आवश्यकता होती है | तथापि ब्रूडलाख वृक्ष के आकर पर निर्भर करती है |
परिपक्व और शत्रुकीटों से मुक्त स्वस्थ ब्रूडलाख से टीकाकरण करें | इसके लिए 15 – 20 से.मी. (6 – 8 इंच) लंबी टहनियां (50 – 100 ग्रा.भार) एक थैले (जिसमें एक वर्ग सेंटीमीटर में 60 छिद्र आकार की नइलोन से बना) में भरकर इन थैलों को वृक्षों की टहनियों पर टांग देते हैं |
यदि नाइलोन के थैले उपलब्ध न हों तो ब्रूडलाख को 8 से 10 मिनट तक 0.05 % इंडोसल्फास (थायोडान) में डुबोकर उपचारित करना चाहिए और फिर उन्हें सूखने दे | सुखी बरुदलाख (100 ग्रा.बंडल) को नाइलोन के तारों से वृक्षों पर इस तरह से बंधा जाता है कि वे शाखा के सम्पर्क में रहें | इससे लाखकीट ब्रूडलाख से निकलकर वृक्ष की शाखाओं पर जा सकेंगे |
शत्रुकीटों के विरुद्ध नियंत्रण उपाय
ब्रुडलाख के टिकाऊ उत्पादन के लिए, शत्रुकिटों का नियंत्रण आवश्यक हैं | वर्षा ऋतू को फसल (कातकी) पर इनका प्रकोप अधिक होता है | स्वंय लाख टीकाकरण के छ: हफ्ते बाद थायोडान (इंडोसल्फास) का 0.05 छिड़काव जून – जुलाई में करें | यदि आवश्यक हो तो दूसरा छिड़काव एक महीने बाद करें | इंडोसल्फास घोल बनने के लिए 20 मिली लीटर इंडोसल्फास को 14 लीटर पानी में अच्छी तरह मिलायें | इस घोल का ब्रुडलाख उपचार या छिड़काव में प्रयोग किया जा सकता है |
प्रयुक्त ब्रूडलाख (फुनकी) को हटाना
लाख टीकाकरण के तिन हफ्ते बाद फुनकी को हटा दें , अन्यथा शत्रुकिटों का हमला शुरू हो सकता है, जो नई फसल में भी फैल सकता है | फुनकी पर जमा लाख को धारदार चाकू या मशीन से खुरच कर निकल देना चाहिए और इसे बाजार में बेचा जा सकता है |
फसल
आरी (अधपका) लाख को बेर के वृक्षों से अप्रैल –जून में लिया जा सकता है | अक्टूबर – नवम्बर में जब लाख पर पीले धब्बे नजर आयें और लाख कीट छेदों से बाहर आने शुरू हो जायें तो पलाश वृक्षों से लाख निकाली जा सकती हैं | आमतौर से पीले धब्बे लाख कीट निकलने से दस दिन पहले नजर आने लगते हैं |