बाजरे की बुआई हेतु सलाह
देश में मानसून के आगमन के साथ ही खरीफ फसलों की बुआई का काम शुरू हो जाता है। ऐसे में किसान अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल विभिन्न फसलों की बुआई के कामों में जुट जाते हैं। देश के कई हिस्सों में बाजरा की खेती प्रमुखता से की जाती है, ऐसे में किसान किस तरह कम लागत में बाजरे की अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें इसकी जानकारी किसान समाधान आपके लिए लेकर आया है।
बुआई के लिए किसानों को अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित नई क़िस्मों का ही प्रयोग करना चाहिए, साथ ही फसल को कीट रोगों से बचाने के लिए बीजों का उपचार करना चाहिए ताकि फसल की लागत कम की जा सके। साथ ही किसानों को मृदा परीक्षण के अनुसार ही खाद उर्वरक का उपयोग करना उचित रहता है।
बाजरा की बुआई कब और कैसे करें?
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को बाजरा की बुआई जुलाई के द्वितीय पखवाड़े में करनी चाहिए। इसकी बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 4–5 किग्रा. बीज पर्याप्त होते हैं। बाजरे की फसल भारी वर्षा वाले उन क्षेत्रों में अच्छी तरह से ली जा सकती है जहां पर पानी का भराव नहीं होता। इसके लिए बलुई दोमट मिट्टी अत्यंत उपयुक्त होती है। किसी कारण से बाजरा की बुआई समय पर नहीं की जा सकती हो तो बाजरा की फसल देरी से बोने की अपेक्षा उसे रोपना अधिक लाभप्रद होता है।
एक हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे रोपने के लिए लगभग 500–600 वर्ग मीटर में 2–2.5 किग्रा. बीज की जुलाई में बुआई हो जानी चाहिए और लगभग 2–3 सप्ताह के पौध रोप देना चाहिए। जब पौधों को क्यारियों से उखाड़ें तो क्यारियों में नमी बनाए रखना आवश्यक है, ताकि जड़ों को क्षति न पहुचें। जहां तक संभव हो, रोपाई वर्षा वाले दिनों में करनी चाहिए। पंक्ति से पंक्ति एवं पौधे से पौधे की दूरी 45–50 x 10–15 से.मी. रखते हुए एक छेद में केवल एक ही पौध की रोपाई करें। जुलाई के तीसरे सप्ताह से अगस्त के दुसरे सप्ताह तक रोपाई से अच्छी उपज मिलती है।
बाजरा की उन्नत किस्में कौन सी हैं?
बाजरे की उन्नत संकर प्रजातियां जैसे – पूसा 23, पूसा 415, पूसा 605, पूसा 322, पूसा 1201, एचएचबी 50, एचएचबी 67, एचएचडी 68, एचएचबी इम्प्रूव्ड, एचएचबी 117, एचएचबी–146 A, एचएचबी – 197, एचएचबी – 216, एचएचबी – 226, एवं बाजरे की संकुल किस्मों – पूसा कम्पोजिट 266, पूसा कम्पोजिट 234, पूसा कम्पोजिट 701, पूसा कम्पोजिट 383, पूसा 443, पूसा कम्पोजिट 643 आदि प्रमुख हैं।
बुआई के समय बाजरे में कितना खाद डालें?
बाजरे की संकर प्रजातियों के लिए 80 किग्रा. नाइट्रोजन, 40 किग्रा. फाँस्फोरस व 40 किग्रा. पोटाश तथा देसी प्रजातियों के लिए 20 किग्रा. नाइट्रोजन, 25 किग्रा. फाँस्फोरस व 25 किग्रा. पोटाश/ हेक्टेयर बुआई के समय प्रयोग करें। सभी परिस्थितियों में नाइट्रोजन की आधी मात्रा तथा फाँस्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा लगभग 3– 4 सेमी. की गहराई पर डालनी चाहिए। नाइट्रोजन की बची हुई मात्रा अंकुरण से 4–5 सप्ताह बाद खेत में छिड़ककर मिट्टी में अच्छी तरह मिला देनी चाहिए।