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गुरूवार, मई 2, 2024
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सरसों की अधिक पैदावार के लिए किसानों को दी गई जानकारी, मिलेगी 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज

सरसों की खेती के लिए किसानों को दिया गया प्रशिक्षण

देश में तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है। योजनाओं के तहत ना केवल किसानों को अनुदान पर उन्नत क़िस्मों के बीज उपलब्ध कराये जाते हैं बल्कि किसानों को इसकी खेती करने के लिए तकनीकी जानकारी भी दी जाती है। इस कड़ी में राजस्थान के भीलवाड़ा के आलमास किसानों को सरसों के बीज दिये गये साथ ही उसकी खेती के लिए किसानों को तकनीकी जानकारी भी प्रदान की गई।

कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से लगाई गई इस सरसों की फसल से किसानों को अवगत कराने के लिये कृषि विज्ञान केंद्र, भीलवाड़ा द्वारा माण्डल पंचायत समिति के चयनित गाँव आलमास में सरसों फसल पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों को सरसों की किस्म RH-725 की खेती के बारे में किसानों को जानकारी दी गई।

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किसानों दिये गये सरसों की RH-725 किस्म के बीज

कृषि विज्ञान केंद्र, भीलवाड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सी.एम. यादव ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन योजना के अंर्तगत किसानों को सरसों की उन्नत किस्म आरएच 725 का बीज उपलब्ध करवाया जाकर उन्नत कृषि तकनीकी द्वारा सरसों के प्रदर्शन लगाये गए हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्र के सहयोग से इस वर्ष आलमास के किसानों को 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर सरसों की उपज मिलने की संभावना है जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 4 से 5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर अधिक है।

अधिक पैदावार के लिए किसानों को दी गई सहायता

केंद्र के प्रोफेसर शस्य विज्ञान डॉ. के.सी. नागर, ने बताया कि किसानों को सरसों की उन्नत किस्म आरएच 725 का बीज, बीजोपचार हेतु ट्राईकोडर्मा, एजोटोबैक्टर, पी.एस.बी. कल्चर, थाईमिथोक्साम, खरपतवारनाशी, तेल की मात्रा एवं गुणवत्ता के लिए बेन्टोनाइट सल्फर, एफिड नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोरप्रिड किसानों को समय पर उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही समय-समय पर केंद्र द्वारा इसका निरीक्षण किया गया।

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डॉ. नागर ने आलमास प्रक्षेत्र दिवस में किसानों से खरपतवार मुक्त सरसों उत्पादन करने की अपील करते हुए एफिड नियन्त्रण की तकनीकी जानकारी दी। तकनीकी सहायक अनिता यादव ने बताया कि चयनित गाँव में सरसों उत्पादन से किसानों में अच्छा रुझान देखने को मिला है जिसका मुख्य कारण केन्द्र द्वारा किसानों को समय पर नवीनतम तकनीकी उपलब्ध करवाना है। प्रक्षेत्र दिवस में 103 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया।

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