खेती में कृषि यंत्रों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही है ताकि किसानों को इन कृषि यंत्रों की खरीद के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस कड़ी में बिहार सरकार ने कृषि यंत्रीकरण योजना में कुछ परिवर्तन किए हैं ताकि हर तबके के किसान इस योजना का लाभ ले सकें। बिहार सरकार ने इस वर्ष राज्य में कृषि यंत्रों एवं उपकरणों पर अनुदान के लिए 119 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी है।
इस वर्ष राज्य सरकार ने योजना में 21 नए प्रकार के कृषि यंत्रों को शामिल किया है, जिससे इनकी संख्या अब बढ़कर 108 हो गई है। बिहार के किसान अब इन 108 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ ले सकेंगे। इस विषय में बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि राज्य की कृषि एवं किसानों का विकास सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा आधुनिक तरीके से तथा जलवायु के अनुकूल खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कृषि यंत्रों पर मिलेगा 80 प्रतिशत तक का अनुदान (Subsidy)
कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के छोटे–छोटे गरीब पिछड़े, अति पिछड़े एवं दलित किसानों को खेती में सहयोग के लिए उनकी जरूरत के छोटे–छोटे कृषि यंत्रों जैसे हसुआ, खुरपी, कुदाल पर भी 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। साथ ही राज्य में चाय की खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से चाय की खेती में उपयोग किये जाने वाले यंत्रों/उपकरणों पर भी अनुदान का प्रावधान किया गया है। इसके लिए सरकार ने इस वर्ष 21 नये कृषि यंत्रों को योजना में जोड़ा है।
बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के किसानों की माली हालात अच्छी नहीं है। इनकी आर्थिक स्थिति कमोवेश अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों के समान ही है। इसलिए कृषि यंत्रीकरण योजनान्तर्गत अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों को भी अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के किसानों के समान ही अनुदान का प्रावधान किया गया है। इससे राज्य के दलित, महा दलित किसानों के साथ–साथ अत्यंत पिछड़ी जाति के किसान ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो पाएंगे।
छोटे कृषि यंत्रों के लिए नहीं देना होगा एलपीसी
राज्य के किसानों को कृषि यंत्रों का लाभ लेने के लिए एल.पी सी. बनाने में होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार ने अब 20,000 रूपये तक के अनुदान वाले कृषि यंत्रों पर इसकी अनिवार्यता समाप्त कर दी है। अब 20,000 रुपए तक के अनुदान वाले कृषि यंत्रों के लिए किसानों को तीन साल पुराने रसीद के आधार पर ही योजना का लाभ दिया जाएगा। इससे राज्य के वैसे छोटे–छोटे गरीब किसान जो एल.पी.सी. बनाने में सक्षम नहीं हो पाते है उन्हें भी योजना का लाभ आसानी से मिलेगा।
वहीं कृषि यंत्रीकरण योजना में लाभार्थियों के चयन में पारदर्शिता लाने तथा बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने के उद्देश्य से अब ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से लाभार्थी किसानों का चयन किया जाएगा ताकि किसानों का विचौलियों द्वारा शोषण को रोका जा सके।
मुझे अपने कार्य और दूसरों को कार्य के लिए भी यह कृषि यंत्र की आवश्यकता है इसे अपना काम भी सरल होगा और दूसरे का काम भी हम कर सकते हैं
सर अब चुनाव के बाद आवेदन होंगे तब जानकारी दी जायेगी तब आवेदन करें।