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शनिवार, अप्रैल 27, 2024
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किसानों को 7 सितम्बर तक दिया जाएगा बारिश एवं बाढ़ से हुए फसल नुकसान का मुआवजा

फसल नुकसान का मुआवजा

इस वर्ष देश में अभी तक मानसूनी वर्षा का वितरण असामान्य रहा है, जहां कई राज्यों में बहुत अधिक बारिश तो कई राज्यों में कम बारिश से सूखे के चलते किसानों की खरीफ फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों को हुए इस नुक़सान की भरपाई सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत की जाएगी। इस कड़ी में हरियाणा सरकार ने किसानों को हुए इस नुक़सान की भरपाई सितम्बर महीने में करने का निर्णय लिया है।

इस कड़ी में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जिन किसानों की फसलों को बाढ़ एवं ज्यादा बारिश से नुकसान हुआ है, उसका आंकलन करके 7 सितम्बर 2023 तक किसानों के बैंक खातों में क्षतिपूर्ति की धनराशि भेज दी जाएगी। यह जानकारी उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान के दौरान दी।

किसान 18 अगस्त तक दें सकते हैं फसल नुकसान की जानकारी

उपमुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बताया कि इससे पहले भी ज्यादा बारिश से फसलों को काफी नुक़सान हुआ है परंतु इस वर्ष सरकार ने राज्य में पहली बार बाढ़ घोषित की है ताकि प्रभावितों के नुकसान की सही भरपाई की जा सके। उन्होंने बताया कि हाल ही में आई बाढ़ के दौरान करीब 1475 गांवों में पानी जमा हुआ है वहीं राज्य में करीब 4 लाख 8 हज़ार एकड़ में फसलों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है। 

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उन्होंने किसानों से अपील की कि अगर किसी किसान ने अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट अभी तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड नहीं की है तो 18 अगस्त तक पोर्टल खुला है तब तक अवश्य अपलोड करवा दें। इसके बाद नुकसान की सभी रिपोर्ट्स मिलने के बाद आंकलन किया जाएगा और 7 सितम्बर तक प्रभावित किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति की राशि को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

किसानों को जल्द मुआवजा देने के लिए सरकार ने लिये बड़े फैसले

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने किसान हित में तीन नए निर्णय लिए हैं, इनमें पहला ,पटवारियों की कमी को पूरा करने के लिए (ताकि फसलों के नुकसान का आंकलन समय पर हो) क्षतिपूर्ति सहायक लगाए जा रहे हैं।  दूसरा, ज्यादा बारिश अथवा गैरबाढ़ वाले एरिया में गिरदावरों की सहायता करने के लिए आवश्यकता अनुसार गिरदावरसहायक लगाए जाएंगे।

वहीं अहम निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यमुना नदी में बाढ़ या ज्यादा बारिश के दौरान पानी का बहाव तेज होने के कारण यमुना के साथ लगते यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत तथा पलवल, फरीदाबाद जिले में यमुना के आस पास के खेतों की जमीन का कटाव हो जाता है जिसके कारण किसानों की फसलों का नुकसान तो होता ही है, साथ में उनके खेतों में भारी मात्रा में गाद जमा हो जाती है।

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ऐसे प्रभावित किसानों के हित में राज्य सरकार नई पॉलिसी बनाने जा रही है जिसके तहत किसान के खेत में एकत्रित हुई गाद की नीलामी की जाएगी जिसमें नीलामी से मिलने वाली 10 लाख तक की धनराशि में से एक तिहाई हिस्सा किसान का होगा और दोतिहाई हिस्सा सरकार के खाते में चला जाएगा। इस पॉलिसी से किसान और सरकार, दोनों को फ़ायदा होगा। उन्होंने बताया कि ऐसी पॉलिसी देश में सबसे पहले हरियाणा में बनने जा रही है।

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