किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में शुक्रवार 15 मार्च के दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने दो महत्वपूर्ण, कृषक उत्पादक संगठन FPO व किसान अनुकूल ऐप लांच किए। इनमें से एक है राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) मोबाइल एप जिसे ओपन फॉर डिजिटल कॉमर्स के साथ जोड़ा गया है वहीं दूसरा है एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल ऐप।
ओपन फॉर डिजिटल कॉमर्स ONDC के साथ ई-नाम मोबाइल ऐप के जुड़ जाने से अब इस पर पंजीकृत किसान अपनी उपज ओएनडीसी पर उपलब्ध खरीददारों को अपनी उपज बेच सकेंगे। जिससे किसानों को अब ई-नाम एप पर अधिक खरीददार मिलेंगे और किसान उन्हें आसानी से अपने भाव पर उपज बेच सकेंगे।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि आज एक नया अध्याय जोड़ा जा रहा है। E–NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से, यह स्थापित किया जा रहा है कि विक्रेताओं और खरीदारों को डिजिटल लाभ मिले अब ONDC (डिजिटल के लिए ओपन नेटवर्क) के माध्यम से यह निर्णय लिया गया है कि एफपीओ (फार्मर प्रड्यूसर ओर्गेनाइजेशन ) के साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों की उपज लोगों तक सीधे होम डिलीवर हो।
एफपीओ इंस्पेक्शन मोबाइल एप क्या है?
यह एप कृषक उत्पादक संगठन FPO के लिए शुरू की गई है। इस एप की मदद से 10 हजार एफपीओ के गठन व संवर्धन की योजना के कुशल कार्यान्वयन की सुविधा मिलेगी। इस एप को एफ़पीओ की निगरानी व रिकॉर्ड रखने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इस ऐप की प्रमुख विशेषताओं में से एक, निरीक्षण की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जियो निर्देशांक के साथ एफपीओ का निरीक्षण करने वाले व्यक्ति की छवि कैप्चरिंग है। इस ऐप में, सीबीबीओ, एफपीओ से संबंधित संपूर्ण निगरानी व निरीक्षण गतिविधियां की जा सकती हैं, जिससे यह सुधार व संवर्धन में मददगार है।
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) क्या है?
केंद्र सरकार द्वारा ई-नाम योजना की शुरुआत 14 अप्रैल 2016 को की गई थी। इस पोर्टल पर अभी तक 23 राज्यों व 4 केंद्र शासित प्रदेशों के 1389 मंडियाँ ऑनलाइन जुड़ी हुई हैं। किसान ई-नाम पोर्टल व मोबाइल एप पर अपना पंजीकरण कराकर उपज को ऑनलाइन बेच सकते हैं।
ई-नाम पोर्टल पर अभी तक 1.77 करोड़ से ज्यादा किसान और 2.55 लाख से ज्यादा व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं। 3,600 से ज्यादा एफपीओ भी ई-नाम प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं। इसके अलावा, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा ई-नाम के लिए 1.71 लाख से अधिक एकीकृत लाइसेंस जारी किए गए हैं। फरवरी 2024 तक इस प्लेटफॉर्म पर 3.32 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार किया गया है।