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शुक्रवार, अप्रैल 26, 2024
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गेहूं में लगने वाले इस रोग के नियंत्रण के लिए सरकार दे रही है 50 प्रतिशत सब्सिडी पर दवाई

गेहूं में रोग नियंत्रण दवाई सब्सिडी

गेहूं की फसल में लगने वाले रोग तो बहुत हैं परन्तु इस समय ठन्डे क्षेत्रों में लगने वाला एक मुख्य रोग पीला रतुआ है | यह रोग पुसिनिया नामक फफूंद के कारण होता है | यह फफूंद अक्सर ठंडे क्षेत्रों जैसे– उत्तर–पश्क्षिम मैदानी और उत्तर के पहाड़ी इलाकों में उगाए जाने वाले गेहूं की प्रजातियों में पाया जाता है | इस संक्रमण के कारण गेहूं की बालियों में दानों की संख्या और उनका वजन दोनों कम हो जाते हैं तथा पैदावार में 70 प्रतिशत तक गिरावट हो सकती है |

हरियाणा राज्य में पीला रतुआ रोग गेंहूँ पर देखा जा रहा है | इसकी रोकथाम के लिए हरियाणा कृषि विभाग ने जाँच शुरू कर दी है | इस रोग की रोकथाम के लिए हरियाणा कृषि विभाग राज्य के किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी पर कीटनाशक दे रही है |

निरंतर निगरानी के लिए यह एजेंसियां किसानों से सम्पर्क में

कृषि मंत्री ने किसानों, विस्तार एजेंसियों, अधिकारीयों और राज्य कृषि विभागों के स्टाफ, राज्य कृषि विश्वविध्यालय और कृषि विज्ञान केन्द्रों को निर्देश दिए हैं कि वे नियमित रूप से खेतों में जाकर गेहूं में पीले रतुआ की जाँच कर रही है |

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नियंत्रण के लिए दवाई का प्रयोग कैसे करें ?

हरियाणा राज्य सरकार के तरफ से किसानों के लिए दवाई के बारे में एक सलाह जारी की गई है | कृषि विभाग के अनुसार 200 मिली लीटर प्रोपेक्रोनैजोल 25 प्रतिशत ईसी दवाई को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से प्रभावित फसल व आस–पास के क्षेत्र में छिडकाव करें और यदि मौसम रोग फैलाने के अनुकूल हो तो ऐसे छिडकाव को 10–15 दिन के अंतराल के बाद दोहराएं |

किसान कहाँ से लें यह दवाई

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर दवाई उपलब्ध करवाने का प्रबंध किया गया है, जिसकी अधिकतम सीमा 500 रूपये प्रति हेक्टेयर है | अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान संबंधित संस्थानों जैसे हैफेड, हरियाणा भूमि सुधार विकास निगम, हरियाणा कृषि उधोग निगम और हरियाणा बीज विकास निगम से पूरी कीमत में दवाई खरीद कर उसका बिल व बैंक खाते का विवरण अपने क्षेत्र कृषि एवं कल्याण विभाग कार्यालय में प्रस्तुत करें ताकि अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली जा सके |

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गेहूं की इन किसानों में लग सकता है पीला रतुआ रोग

हरियाणा कृषि विभाग के अनुसार पीला रतुआ के संक्रमण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 0 – 5 पौधों पर एक गोल दायरे में होता है और यह खेत में आगे फैलता है | गेहूं की पीबीडब्लू 343, पीबीडब्लू 373, डब्ल्यूएच 147, पीबीडब्लू 550, एचडी 2967, डीबीडब्ल्यू 88, एचडी 3059, डब्ल्यूएच 1021 और सी 306 जैसी गेहूं की किस्मों में पीले रतुआ का प्रकोप होने की संभावना है |

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