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शनिवार, अप्रैल 20, 2024
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पीला जंग (पीला रतुआ) रोधक गेहूं की उन्नत किस्मों के बीज सब्सिडी पर लेने के लिए आवेदन करें

पीला रतुआ रोधक गेहूं की उन्नत किस्मों के बीज सब्सिडी

खरीफ की काटाई तथा रबी फसल की बुआई शुरू हो गया है | रबी फसल में सबसे महत्वपूर्ण फसल गेंहू कि है | इसकी खेती धान के बाद दुसरे नंबर पर है | उत्तर भारत का महत्वपूर्ण फसल है | गेहूं की अधिक उत्पादन के लिए किसानों को गेहूं के विकसित एवं उन्नत किस्मों के बीज का अच्छी तरह से चयन करना जरुरी है इसके साथ ही बीज कम कीमत पर उपलब्ध हो सके जिससे लागत में कमी आ सके |

ठंड के मौसम में गेहूं में फंगस, पीला रतुआ रोग (जिसे गेहूं के धारीदार जंग के रूप में भी जाना जाता है ) लगने की संभावना रहता है | इस रोग से गेहूं के उत्पादन में 70 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई है | इसी के कारण हरियाणा सरकार प्रदेश के किसानों के लिए वर्ष 2019 – 20 के लिए सब्सिडी पर पीले जंग प्रतिरोधक बीज उपलब्ध करा रही है | इसकी पूरी जानकारी किसान समाधान लेकर आया है |

पीला जंग/ करनाल-बंट रोधक गेहूं की उन्नत किस्म

WB-2, HD2967,  HI-808, HD-29, HD-30, PBW-502, HP-1731, RAJ-155, DWH-5023, HD-4672, WL-1562, WH-1097, WH-1100, KRL-283 आदि किस्में लगाने से पीला रतुआ रोग प्रतिरोधक है |

क्या है गेहूं का पीला रतुआ रोग

गेहूं का पीला रतुआ, जिसे गेहूं का धारीदार रतुआ रोग भी कहते हैं, ‘पुसीनिया’ नामक फफूंद के कारण होता है। यह फफूंद अक्सर ठंडे क्षेत्रों, जैसे- उत्तर-पश्चिमी मैदानी और उत्तर के पहाड़ी इलाकों में उगाए जाने वाले गेहूं की प्रजातियों में पाया जाता है। इस संक्रमण के कारण गेहूं की बालियों में दानों की संख्या और उनका वजन दोनों कम हो जाते हैं। इससे गेहूं की पैदावार में 70 प्रतिशत तक गिरावट हो सकती है।

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योजना का नाम क्या है ?

यह योजना हरियाणा के किसानों के लिए है जिसका नाम राष्ट्रीय खाध सुरक्षा मिशन – गेहूं के तहत किसानों को सब्सिडी पर गेहूं कि बीज उपलब्ध कराया जा रहा है |

किसान गेहूं के कितने बीज ले सकेंगे ?

इस योजना के तहत राज्य के किसानों को अधिकतम 1 हेक्टेयर (2.5 एकड़) भूमि के लिए बीज उपलब्ध कराया जायेगा | इसका मतलब यह हुआ कि एक एकड़ से कम भूमि वाले सभी किसानों को दिया जायेगा |

सब्सिडी कितना है ?

बीज के लिए किसानों को 3600 रुपया प्रति एकड़ सब्सिडी के रूप में बैंक खाता में दिया जायेगा | अधिकतम 9,000 रुपया एक हेक्टेयर(2.5 एकड़) के लिए दिया जायेगा |

राज्य के अनुसूचित जाति, महिला तथा लघु – सीमांत किसानों को प्राथमिकता दिया जायेगा | 20 प्रतिशत लाभ अनुसूचित जाति , 30 प्रतिशत महिला किसान, 33 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसनों के लिए उपलब्ध है |

आवेदन कब करना है ?

आवेदन प्रारम्भ हो गया है | आवेदन का डेट 15/10/2019 से 25/12/2019 तक है | इच्छुक किसान योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए बीज खरीदने के बाद आवेदन करे |

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योजना के लिए नियम और शर्ते क्या है ?

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए हरियाणा राज्य का किसान होना चाहिए | इसके साथ ही यह सभी मापदंड लागु होगा |

  1. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होना चाहिए |
  2. फसल अवशेष जलाने का दोषी न हो |
  3. मृदा स्वास्थ कार्ड धारक होना चाहिए |
  4. सूक्षम सिंचाई तकनीक अपनाने वाले को वरीयता दी जायेगी |

आवेदन के लिए क्या दस्तावेज चाहिए

किसान आवेदन के समय निम्नलिखित दस्तावेज साथ रखें

  1. आधार कार्ड ,वोटर कार्ड, पैन कार्ड
  2. बैंक डिटेल
  3. मोबाईल नंबर

गेहूं के बीज पर सब्सिडी कैसे लें 

किसान हरियाणा बीज विकास निगम के विक्रय केंद्र से बीज खरीदेगा व अन्य प्रयोग होने वाली कृषि सामग्री (बीज के अतरिक्त) भूमि सुधार विकास निगम / हरियाणा बीज विकास निगम / सरकारी / अर्ध सरकारी समिति या अधिकृत विक्रेता से खरीद कर रसीद सम्बंधित कृषि विकास अधिकारी के पास भेजेगा तथा कृषि विकास अधिकारी सत्यापन करके उचित माध्यम द्वारा उप कृषि के कार्यलय में भेजेगा | इसके पश्चात् उप कृषि निदेशक के कार्यालय द्वारा अनुदान राशि किसान के बैंक खाते में भेज दी जाएगी |

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