देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं। ऐसे में किसानों को खेती किसानी में क्या–क्या समस्या आ रही है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है। इसको दूर करने के लिए सरकार अब सीधे किसानों से सुझाव लेने लगी है। इस कड़ी में बिहार के कृषि मंत्री श्री कुमार सर्वजीत ने बामेती पटना से सीधे किसानों से बात की। कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने यह बात सीधे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के प्रत्येक जिलों के किसानों से की।
इस कार्यक्रम में वीडियों कांफ्रेंसिंग एवं वेबलिंग से आत्मा योजना के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में किसान जुड़े। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से कृषि विभाग के फेसबुक लाईव, ट्विटर तथा कृषि मंत्री के फेसबुक एवं ट्विटर पर भी किया। इस कार्यक्रम में सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल के साथ–साथ कृषि निदेशक डॉ. आलोक रंजन घोष, उद्यान निदेशक श्री अभिषेक कुमार सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
किसानों ने उन्नत किस्म के बीज को लेकर किया यह सवाल
इस संवाद कार्यक्रम में मुख्य रूप से किसानों ने अपने सुझाव तथा समस्याओं से माननीय कृषि, मंत्री को अवगत कराया। पटना के किसान ने सुझाव दिया कि विभाग से उपलब्ध कराए जा रहे बीज प्रभेदों का वितरण किसानों के साथ मिलकर प्रखंड स्तर पर कराया जाये, ताकि किसानों के माध्यम से गुणवत्ता की परख एवं बीज की उपयोगिता दुसरे किसानों तक पहुँचाई जा सके। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि यह सुझाव अच्छा है, चतुर्थ कृषि रोड मेप में बीज उत्पादन प्राथमिकता के आधार पर ही किया जा रहा है। किसानों के खेतों में इस का प्रत्यक्षण किया जाएगा।
मौसम के पूर्वानुमान को लेकर दिया सुझाव
पटना के ही एक किसान ने मौसम की सटीक जानकारी हेतु पूर्वानुमान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इस पर सचिव कृषि ने बताया कि मौसम विज्ञान केंद्र, पटना द्वारा पंचायत बार चेतावनी जारी की जाती है। इसे अधिकांश किसानों तक पहुँचाने की व्यवस्था विभाग द्वारा की जा रही है।
दलहन तिलहन एवं मक्का के लिए शुरू की गई हैं नई योजनाएँ
सारण के किसान ने कहा कि दलहन एवं तेलहन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है तथा नई पीढ़ी को खेती से जोड़ने के लिए फसल उत्पादन के उपरान्त प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कृषि मंत्री ने बताया कि दलहन, तेलहन तथा मक्का पर विशेष योजनाएँ इसी रबी मौसम से चलाई जा रही है, जिसमें किसानों को राज्य के वैसे जिलों, जहाँ मक्का का आच्छादन क्षेत्र कम है, वहां फसल विविधिकरण योजना के तहत संकर मक्का का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य में बड़े पैमाने पर इथेनाल परियोजनाएं स्वीकृत की जा रही है। इससे मक्का उत्पादक किसानों को लाभ मिलेगा और नई पीढ़ी को खेती से जोड़ा जा सकेगा।
किसानों ने रखी बैंक ऋण संबंधी समस्या
मुज्जफरपुर के किसानों ने बैंकों द्वारा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने में उदासीनता के बारे में बताया। इस पर सचिव, कृषि ने बताया की किसान क्रेडिट कार्ड के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। बांका जिला के मशरूम उत्पादक एक महिला किसान ने व्यवसायिक मशरूम उत्पादन में बैंकों द्वारा असहयोग के बारे में माननीय कृषि मंत्री को बताया। उन्होंने बताया कि उनके पास जमीन नहीं है, इस कारण बैंक उन्हें ऋण नहीं दे रहा है। जिसपर सचिव, कृषि ने सहायक निदेशक, उद्यान, बांका को निर्देश दिया कि उक्त महिला किसान को बैंक से ऋण दिलाने में विभाग के स्तर से सहयोग करें।
अन्य किसानों ने साझा की यह समस्याएँ
पूर्णिया के एक किसान ने बताया कि वह नारंगी की खेती कर रहे हैं। उनके द्वारा नारंगी के 100 पेड़ लगाये गये हैं, जिसमें प्रति पेड़ से दिसम्बर माह में 40-50 किलो नारंगी का उत्पादन होता है। सचिव कृषि ने पूछा कि क्या उनके पास अन्य किसानों को देने के लिए पौध सामग्री उपलब्ध है? किसान ने उनके खेत की घेराबंदी हेतु अनुरोध किया गया। जिसपर कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घेराबंदी करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाये।