back to top
28.6 C
Bhopal
गुरूवार, दिसम्बर 5, 2024
होमकिसान समाचारअधिक मुनाफे के लिए किसान अभी करें इन कम समय में...

अधिक मुनाफे के लिए किसान अभी करें इन कम समय में तैयार होने वाली मटर की उन्नत किस्मों की खेती

देश के कई राज्यों में मटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। मटर का उपयोग सब्ज़ी के साथसाथ दलहन के रूप में भी किया जाता है। अगेती मटर की खेती कम समय में अच्छा मुनाफा देती है जिसके चलते इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। मटर एक दलहनी फसल है जिसकी खेती देश में अगेती और पिछेती किस्मों के आधार पर की जाती है। अगेती मटर की किस्म की बुआई के लिए सितम्बर माह के अंत से अक्टूबर के प्रथम पखवाड़े तक की जाती है। वहीं पिछेती मटर की बुआई  नवम्बर माह के अंत तक की जा सकती है।

मटर की खेती के लिए दोमट और हल्की दोमट मृदा दोनों ही उपयुक्त होती है। किसान मटर की उन्नत प्रजातिओं की बुआई सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर के मध्य तक कर सकते हैं। मटर की इन किस्मों की सबसे खास बात यह है कि ये सभी 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है। जिससे खेत जल्दी खाली हो जाता है और किसान दूसरी फसलों की बुआई इसके बाद कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:  ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द की फसल को कीट और रोगों से बचाने के लिए किसान करें यह काम

अगेती मटर की उन्नत किस्में कौन सी है?

देश के कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा भारत की अलगअलग जलवायु के अनुसार अलगअलग क़िस्में विकसित की है। यह किस्में अधिक पैदावार के साथ ही रोग रोधी भी होती हैं जिससे फसल की लागत में भी कम आती है। अगेती मटर की उपयुक्त क़िस्में आजाद मटर, काशी नंदिनी, काशी मुक्ति, काशी उदय, काशी अगेती, पूसा प्रगति, पूसा श्री, पंत मटर-3, अर्किल आदि शामिल है। किसान अपने क्षेत्र के अनुसार उपलब्ध मटर की इन किस्मों में से किसी का चयन कर बुआई कर सकते हैं।

मटर की बुआई के लिए क्या करें?

बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 80 से लेकर 100 किलोग्राम बीज की ज़रूरत पड़ती है। मटर को बीजजनित रोगों से बचाव के लिए मैंकोजेब 3 ग्राम या थीरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करना चाहिए। अगेती प्रजातिओं के लिए पंक्ति से पंक्ति एवं पौधे से पौधे की दूरी 30*6-8 सेंटीमीटर पर्याप्त है। खेत की तैयारी के समय प्रति हेक्टेयर 20-25 टन सड़ी गोबर की खाद के साथ 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फ़ॉस्फ़ोरस, 50 किलोग्राम पोटाश का उपयोग करना चाहिए।

यह भी पढ़ें:  मखाना उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार दे रही है 75 प्रतिशत अनुदान
download app button
google news follow
whatsapp channel follow

Must Read

2 टिप्पणी

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News